जेठ जी के लंड के नीचे आई

हेलो दोस्तो में स्वरना. आप सब ने आज तक मेरी सारी सेक्स स्टोरीस को बहोट प्यार दिया है बहोट अप्रीशियेट किया है.

में जानती हू यह स्टोरी ज़्यादा लंबी चल रही है लेकिन आप आगे पढ़ते रहिए की कितना उत्तेजित मज़ा आने वाला है.

इश्स स्टोरी का 18त पार्ट तो आप सभी ने पढ़ कर मज़े लिए ही होंगे और अगर नही लिए तो प्लीज़ पढ़ लीजिए ताकि आप यह पार्ट का ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा ले पाए.

तो अब ज़्यादा यहा वाहा की बाते नही करते हुए डाइरेक्ट्ली स्टोरी पे आते है. अब आगे…

में भौत बुरी तरह तक चुकी थी क्यूकी वापस नशे और हॅंगओवर ने मुझे घेर लिया था. पता ही नही चला कब में नींद के आगोश मे चली गयी.

जेत्जी ने मेरे नंगे जिस्म पर कपड़े किस तरह पहनाए यह भी पता नही चल पाया. उन्होने मुझे कपड़े पहनाए और चदडार से आक्ची तरह लपेट कर सुला दिया था.

यह अक्चा हुआ था की उन्होने मुझे कपड़े पहना दिए थे. वरना अपनी इश्स हालत की सफाई अज़हर और मुस्कान भाभी से करना मुस्किल हो जाता. मेरे पूरे जिस्म पर दाटो के निशान की दिलकश नाकशी का भी कोई जवाब नही था.

जब तक अज़हर और मुस्कान भाभिजान वापस नही आ गये में फ़रदीन भाईजान की गोद मे ही सिर रख कर सोती रही. और भाईजान मेरे बालो मे अपनी उंगलिया फेरते रहे. बीच बीच मे वो मेरे गालो पर या मेरे होतो पर अपने गरम होत रख देते थे और चूमने लगते थे.

अज़हर और मुस्कान भाभिजान रात के 11 बजे तक वापस लौटे. और साथ ही वो होटेल से खाना पॅक करवा कर ही आए थे.

मेरी हालत देख कर अज़हर और भाभिजान एकद्ूम गभहरा गये और उन्होने नेबर मे से ही एक डॉक्टर को बुला लिया मेरी चेकप करने के लिए.

जब डॉक्टर ने सब चेकप किया तो कहा की मुझे भौत ज़्यादा शराब पीने की वजह से डीहाइड्रेशन हो गया है. और जूस और सब पीने को कहा और वो चले गये.

अगले दिन सूभ मेरी तबीयत एकद्ूम ठीक हो गयी थी. नेक्स्ट दिन अज़हर का बर्तडे था तो शाम को बाहर खाने का प्रोग्राम हुआ था.

एक बड़े होटेल मे हुँने सीट पहले से ही बुकिंग करवा ली थी. वाहा जेया कर सब से पहले हम सब ने ड्रिंक्स ली और बाद मे खाना खाया.

घर वापस लौट ने वक़्त अज़हर ने मार्केट से एक ब्लू फिल्म की द्वड खरीद ली थी. घर पॉच कर हम चारो हुमारे बेडरूम मे एख़ता हुए और सब फिर से ड्रिंक्स लेने लगे.

मुझे उन्न सब ने माना भी किया की पिछले दिन मेरी तबीयत शराब पीने से खराब हो गयी थी. और कुछ देर पहले होटेल मे मैने ड्रिंक पी ही थी पर में कहा किसी की मान ने वाली थी.

मैने भी ज़िद करके उन्न सब के साथ ड्रिंक्स ले ली थी. फिर हम ने म्यूज़िक चला कर कुछ टाइम तक एक दूसरे की बीवियो के साथ डॅन्स भी किया था.

में जेत्जी की बाहो मे नशे की हालत मे थिरक रही थी और मुस्कान भाभी को अज़हर ने अपनी बाहो मे भर रखा था. फिर अज़हर ने रूम की तुबेलीघत ऑफ कर दी और सिर्फ़ एक छोटा नाइट लॅंप ओं कर दी.

हम चारो बेड पे बैठ गये तब अज़हर ने टीवी पे द्वड ओं कर दिया और ब्लू फिल्म शुरू कर दी. एक कॉर्नर पर अज़हर बैठे थे और दूसरे कॉर्नर पर फ़रदीन भाईजान.

बीच मे में और मुस्कान भाभिजान बैठी थी. दोनो मर्द ने नशे मे मस्त अपनी अपनी बीवियो को अपनी बाहो मे रखा था और इसी हालत मे हम वो ब्लू फिल्म देखने लगे थे.

फिल्म जैसे जैसे आगे बढ़ती जेया रही थी वही रूम का माहूल भी गरम होता गया था. दोनो मर्द बिना किसी शरम के अपनी अपनी बीवियो के गुप्तांगो को मसालने लगे थे.

अज़हर मेरे बूब्स को मसल रहे थे और फ़रदीन भाईजान भाभी के. तभी अज़हर ने मुझे उठा कर अपनी टाँगो के बीच बैठा लिया और मेरी पेत उनके सीने चिपक गयी थी.

वो अपने दोनो हाथ मेरे गाउन के अंदर दल कर मेरे बूब्स को मसल रहे थे.

मैने देखा मुस्कान भाभिजान फ़रदीन भाईजान को चूम रही थी. और भाईजान के हाथ भी मुस्कान भाभी के गाउन के अंदर थे. मुझे उन्न दोनो को इश्स हालत मे देख कर पता नही क्यूँ कुछ जलन होने लगी थी.

अब हम दोनो के गाउन कमर तक उठ चुके थे और नंगी झांगे सबके सामने थी. अज़हर ने अपने एक हाथ को नीचे से मेरे गाउन मे घुसा कर मेरी चूत को सहलाने लगे. और में अपनी पेत पर उनके लंड की ठोकर को महसूस कर रही थी.

फ़रदीन भाईजान ने भी भाभिजान के गाउन को शोल्डर्स पर से उतार दिया था. और एक चुचि को बाहर निकल कर उसको चूसने लगे थे.

उनके यह करते देख कर अज़हर ने भी मेरी एक चुचि को गाउन से बाहर निकल ने की कोशिश की. मगर मेरे इश्स गाउन का गला कुछ छोटा था इसलिए उसमे से मेरे बूब्स बाहर नही निकल पा रहे थे.

अज़हर ने काफ़ी कोशिश की मगर सफल ना होते देख कर गुस्से मे उन्होने एक ही झटके मे मेरे गाउन को मेरे जिस्म से हटा दिया.

अब में सिर्फ़ हाइ हील्स के संडलेस पहने सबके सामने बिल्कुल नंगी हो गयी. क्यूंकी प्रोग्राम के अनुसार हम दोनो औरतो ने गाउन के अंदर कुछ भी नही पहें रखा था.

में शरम के मारे अपने हाथो से अपनी चुचियो को छिपाने लगी और अपनी टाँगो को एक दूसरे से सकती से दबा लिया जिससे मेरी छूट के दर्शन भी ना हो और अज़हर से फुसफुसते हुए कान मे बोलने लगी

साहिबा:- क्या करते हो आप शरम तो करो कुछ बगल मे भाईजान और भाभिजान है. और अपने उनके सामने मुझे पूरी नंगी कर दिया…. च्ीईीईई क्या सोचेंगे जेत्जी???

अज़हर:- तो इसमे क्या हुआ??

मुस्कान भाभिजान भी तो लगभग नंगी हो ही चुकी है ना तुम देख लो उनकी तरफ.

मैने उनकी तरफ घूम कर देखा तो पाया की अज़हर सही कह रहे थे. फ़रदीन भाईजान ने भाभी के गाउन को चत्तियो से भी उपेर उठा रखा था. और वो भाभिजान की चुचियो जो मसले जेया रहे थे.

वो भाभिजान के एक निपल को अपने दाटो से काटते हुए दूसरे चुचि को अपनी मुति मे भर कर मसल रहे थे ज़ोर ज़ोर से.

मुस्कान भाभिजान ने भाईजान के प्यज़ामे को खोल कर उनके लंड को अपने हाथो मे लेकर सहलाना शुरू कर दिया था.

दूसरी तरफ अज़हर मेरी टाँगो को खोल कर अपने होत मेरी छूट के उपेर घूमने लगे. और ढेरे ढेरे उपेर बढ़ते हुए मेरे दोनो निपल्स को कुछ देर तक चूसा और फिर मेरे होतो को भी चूमने लगे.

मैने भाभी की तरफ घूम कर देखा तो दिखा की मुस्कान भाभिजान की चुचिया भी मेरी तरह काफ़ी बड़ी बड़ी थी.

लगता है दोनो भाइयो ने दूध की बॉटल को चेक कर के ही निकाह के लिए पसंद किया हो.

मुस्कान भाभिजान के निपल्स भी काफ़ी लंबे और मोटे थे पर मेरे तो उनसे कुछ छोटे थे. हम चारो एक दूसरे को निहार रहे थे.

टीवी की स्क्रीन पे ब्लू मोविए मे क्या चल रहा था ह्यूम किसी को पता ही नही था. सामने लिव ब्लू फिल्म इतनी गरम थी की टीवी पर देखने की किसी को फ़ुर्सत ही नही थी.

यह कहानी अभी यहा आधी रोक रही हू पर यह भौत लंबी कहानी है. तो आशा करती हू आप सब इश्स के सभी पार्ट्स पढ़ेंगे.