छोटे भाई की बीवी बनी बड़े भाई की रंडी

हेलो दोस्तो में स्वरना. आप सब ने आज तक मेरी सारी सेक्स स्टोरीस को बहोट प्यार दिया है बहोट अप्रीशियेट किया है. में जानती हू यह स्टोरी ज़्यादा लंबी चल रही है. लेकिन आप आगे पढ़ते रहिए की कितना उत्तेजित मज़ा आने वाला है.

इश्स स्टोरी का 17त पार्ट तो आप सभी ने पढ़ कर मज़े लिए ही होंगे. और अगर नही लिए तो प्लीज़ पढ़ लीजिए ताकि आप यह पार्ट का ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा ले पाए. तो अब ज़्यादा यहा वाहा की बाते नही करते हुए डाइरेक्ट्ली स्टोरी पे आते है. अब आयेज..

फ़रदीन:- तो तुम्हे किसीकि भी परवाह किए बिना कब का पटक कर पेल चुका होता.

साहिबा:- धाात…. इश्स तरह कभी अपने छोटे भाई की बीवी से बात करते है??? शरम नही आती क्या आपको????

मैने उनकी कान पे काटे हुए कहा.

फ़रदीन:- शरम?? अक्चा??? छोड़ने मे कोई शरम नही है पर शरम बात करने मे हे है ना….

इतना कह कर वो अपने हाथो का सहारा लेकर मेरे जिस्म से उठे. और साथ साथ उनका लंड भी मेरी छूट को रगड़ता हुआ बाहर की तरफ निकला. फिर वापस पूरे ज़ोर से मेरी छूट मे अंदर तक घुसा गया.

साहिबा:- आहाहहः माआअ श्श्श् आहाहहः दर्द कर रहा है अहहहहः आपका सॅकी भौत हे बड़ा है… उूुउउहमम्म मेरी पूरी छूट च्िल्ल है श्श्स्शह आऐईईए पता नही.. मुस्कान भाभी इतने मोटे लंड को चोर कर मेरे अज़हर मे क्या ढूँढ रही है?? अहाहहाहहा.

मैने भी उनके आगे पीछे होने की ताल से अपनी ताल भी मिलाए. हर धक्के के साथ उनका लंड मेरी छूट मे अंदर तक घुस जाता और उनकी कोमल झाते मेरी सॉफ्ट स्किन पर रग़ाद खा जाती. वो ज़ोर ज़ोर से मूज़े ठोकने लगे और उनके हर धक्के से पूरा बेड हिलने लगता.

काफ़ी देर तक वो उपेर से धक्के मरते रहे. और मैने नीचे से अपनी टांगे उठा कर उनकी कमर पर लपेट ली थी और उनके बालो से भरे सीने मे अपने ताने हुए निपल्स रग़ाद रही थी. इश्स रग़ाद से एक करेंट सी पूरे जिस्म मे दौड़ रही थी.

मैने अपने हाथो से उनके सिर को पकड़ कर अपने होत उंले होतो पर लगा कर अपनी जीब उनके मूह मे घुसा दी. और उनके लंड को छूट मे लेने के लिए अपनी कमर को उठा रही थी. उनके जोरदार धक्के मूज़े पागल बना रहे थे.

उन्होने अपना चेहरा उपेर किया तो में उनके होतो की टच के लिए तड़प कर उनकी गर्दन से लटक गयी. फ़रदीन भाईजान के सरीर मे दूं काफ़ी था जो मेरे जिस्म का बोझ उठा रखा था. में तो अपने हाथो और पैरो के बाल पर उनके जिस्म पर झूल रही थी. और इसी तरह मूज़े उठाए हुए वो लगातार छोड़े जेया रहे थे और में ज़ोर की सिसकारिया निकले जेया रही थी.

उनके धक्को से तो में निढाल हो गयी थी. वो लगातार इसी तरह 25 मिनिट्स तक ठोकते रहे और इश्स बीच में दो बार झाड़ चुकी थी. लेकिन उनकी रफ़्तार मे कोई कमी नही आई थी. उनके सीने पर पसीना ज़रूर चमकने लगा था. जिसे मैने अपनी जीब निकल कर चाट लिया और वो मेरी इश्स हरकत से और जोश मे आ गये.

25 मिनिट्स बाद उन्होने मेरी छूट से अपने लंड को खिच कर बाहर निकाला. और मूज़े उन्होने किसी डॉल की तरह एक झटके मे उठाकर हाथो और पैरो के बाल घोड़ी बना दिया. जिस वजह से मेरी टपकती हुई छूट अब बिल्कुल उनके सामने थी.

साहिबा:- अहहहः श्स्शह आएआएआ अहहहहा छोड़े अहहः और छोड़ो मूज़े शःसस… आज मूज़े जितना जी मे आए आहाः उतना मसल दो उउुफुफुफ अहहा मेरी सारी गर्मी शांत कर दो अहहहः..

में सेक्स की भूकी किसी चुड़क्कड़ वैश्या की तरह छटपटा रही थी उनके लंड के लिए.

फ़रदीन:- एक मिनिट रुक जाओ.

यह कहकर उन्होने मेरा गाउन उठाया और मेरी छूट को आक्ची तरह से सॉफ करने लगे. यह करना ज़रूरी भी हो गया था क्यूकी मेरी छूट मे इतना रास निकाला था की पूरी छूट चिकनी हो गयी थी. जिस वजह से उनके इतने मोटे लंड के रगड़ने का अब मूज़े एहसास भी नही हो रहा था.

जब तक लंड के रगड़ने का दर्द नही महसूस होता तब तक मज़ा उतना नही आ पता है. इसलिए में भी उनके इश्स काम से भौत खुश हो गयी थी.

मैने अपनी टाँगो को फैला कर अपनी छूट के अंदर तक का सारा पानी सुख लेने मे हेल्प करी. मेरी छूट को आक्ची तरह सॉफ करने के बाद उन्होने अपने लंड पर लगे मेरे रास को भी मेरे गाउन से सॉफ किया.

मैने बेड का कॉर्नर पकड़ रखा था और कमर उनली तरफ कर रखी थी. उन्होने वापस अपने लंड को मेरी छूट के होतो पर लगाया और एक ज़ोर का धक्का दिया. तो मेरे मूह से ज़ोर की सिसकारी निकली और मैने उनके लंड को अपनी दुखती हुई छूट मे रगड़ते हुए अंदर जाते महसूस किया.

वो दुबारा ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगे. उनके धक्को से मेरे बड़े बड़े बूब्स किसी पेड़ पर लटके आम की तरह झूल रहे थे. मेरे गले पर पहना हुआ भारी नेकलेस उनके धक्को से उछाल उछाल कर मेरी चुचियो को और मेरी तूती को तकर मार रहे थे. मैने उनके लॉकेट को अपने दाटो से दबा लिया जिससे की वो झूले नही.

फ़रदीन भाईजान ने मेरी इश्स हरकत को देख कर मेरे नेकलेस को अपने हाथो मे लेकर अपनी तरफ खिछा. अब ऐसा लग रहा था मानो वो किसी घोड़ी की सवारी कर रहे हो और नेकलेस उनके हाथो मे दबी उसकी लगाम हो. वो इश्स तरह मेरी लगाम पकड़े मूज़े पीछे से ठोकते जेया रहे थे.

साहिबा:- फ़रदीन अहहहहः उफुफूफुफ मेरा वापस पानी निकल ने आया है श्श्श् अहाहहा… आप भी मेरा साथ दो अहहहः प्लीज़ अहहहः…

मैने भाईजान के साथ झड़ने की गुज़ारिश की थी.

फ़रदीन भाईजान ने मेरी पेत पर झुक कर मेरे झूलते हुए दोनो चुचियो को अपनी मुति मे पकड़ लिया. और पीछे से अपनी कमर को आगे पीछे तेलते हुए मूज़े ज़ोर ज़ोर के धक्के मरने लगे. मैने भी अपने सिर को झटका दे कर अपने चेहरे पर बिखरी ज़ुलफो को पीछे किया. तो मेरे दोनो बूब्स को मसालते हुए जेत्जी के हाथो को देखा तो उनके हाथ मेरे निपल्स को अपनी चुटकियो मे भर कर मसल रहे थे.

साहिबा:- अहहहहा फ़रदीन श्हस्शह आअएआ अहहहाहा……

हुमारे बीच अब कोई रिश्ते का तकालूफ नही बचा था. में अपने जेत्जी को उनके नाम से पुकार रही थी और बोल रही थी-

साहिबा:- आहाहहा फ़रदीन में श्स्शशह झाड़ रही हू अहहहाहा आप भी आ जाओ उूफुफूफुफ अहहः… आप भी अपनी धार चोर कर अहाहहाः मूज़े भर दो श्श्श् अहहः अहहः…

मैने महसूस किया की उनका लंड भी झटके लेने लगा था तब उन्होने मेरी गर्दन के पास अपना चेहरा रख दिया. उनकी गरम गरम सासे मेरी गर्दन पर महसूस हो रही थी. उन्होने मेरे कान मे फुसफुसते हुए कहा

फ़रदीन:- आआहाहा साहिबा मेरा उूउउफफफ्फ़ निकल रहा है आआआहः… आज तुम्हारी कोख तुम्हारे जेठ के लंड रास से आआहहा भर जाएगी.

साहिबा:- भर जाने दो सस्शसश् मेरे जाअँ आआहहा सस्शश् आअएआएआ… डाल दो मेरे पेट मे उूउउफ़फ्फ़ अपना बाकचा आआहहहाआ.. में आपको अपनी कोख से बाकचा दूँगी उूऊईएशुहूह..

मैने इतना कहा और हम दोनो के जिस्म से एकसाथ अमृत की धार बह निकली. यूयेसेस वक़्त उनकी उंगलियो ने मेरी निपल्स को भौत बुरी तरह निचोड़ दिया था और मेरे डाट नेकलेस मे डब गये थे और हम दोनो बेड पर गिर पड़े. अभी भी वो मेरे उपेर हे पड़े हुए थे और हुमारे जिस्म पसीने से भीग चुके थे. तब में बोली-

साहिबा:- आअएआ श्स्शसश् फ़रदीन सस्स्सश आज अपने मूज़े सॅकी मे ठंडा कर दिया आहाहहा… मूज़े वो मज़ा दिया उूउुसुश जिसके लिए में काफ़ी दीनो से तड़प रही थी आअएआएआ श्श्सस…

मेरा चेहरा पिल्लो मे दबा हुआ था और में बोलती जेया रही थी. वो भी भौत खुश हो गये थे और मेरी नंगी पेत को चूमने लगे और बीच बीच मे मेरी पेत पर काट भी रहे थे.

में भौत बुरी तरह तक चुकी थी क्यूकी वापस नशे और हॅंगओवर ने मूज़े घेर लिया था. पता हे नही चला कब में नींद के आगोश मे चली गयी.

यह कहानी अभी यहा आधी रोक रही हू पर यह भौत लंबी कहानी है तो आशा करती हू आप सब इश्स के सभी पार्ट्स पढ़ेंगे.