देवर को मिली उसकी नयी भाभी की गरम चुत

ही दोस्तों मेरा नाम अनिल है. मैं उप का रहने वाला हु. मेरी आगे २५ है और मेरे लुंड का साइज ७ इंच है. हाइट मेरी ५’११” है और रंग मेरा ज़्यादा गोरा नहीं है.

मैं अभी तक काफी साड़ी लड़कियों के साथ रिलेशनशिप में रहा हु. लेकिन मुझे शादी में कोई ख़ास इंटरेस्ट नहीं है. अपना काम तो बस छूट मारना और एन्जॉय करना है.

मेरा रिलेशनशिप कुछ दिन ही टिकता है. जब मैं लड़की के साथ अचे से मज़े ले लेता हु उसके बाद जल्दी ही उसके साथ ब्रेकअप कर लेता हु.

मेरी फॅमिली में मैं मम्मी पापा बड़ा भाई और मेरी भाभी है. ये कहानी मेरे और मेरी भाभी के बीच बने नाजायज़ रिश्तो के बारे में है. तो चलिए आपको बताता हु की सब कैसे हुआ.

मेरे बड़े भाई का नाम निशांत है. वो मुझसे ३ साल बड़ा है. अभी पिछले साल ही उसकी शादी हुई है. मेरी भाभी का नाम अक्षिता है. भाभी की हाइट ५’६″ है और उसका साइज ३५″ ३०″ ३८″ है. भाभी का रंग गोरा है और वो एक-दम छोड़ने वाला मटेरियल है.

अब थोड़ा पीछे चलते है. ३ साल पहले जब मैं कॉलेज में था तो अक्षिता मेरी जूनियर थी. कॉलेज के सारे लड़के उस पर लाइन मारते थे. जब अक्षिता जीन्स पहनती थी तो उसकी गांड को देख कर मैं मचल जाता था.

फिर मैंने अक्षिता पर तरय करना शुरू किया. मेरे चार्म की वजह से वो मुझसे पत् गयी. फिर एक दिन मैं मूवी दिखने के बहाने उसको अपने साथ ले गया. रास्ते में मैंने उसको खेतो में ले जा कर चोद दिया.

अक्षिता उस वक़्त वर्जिन थी तो उसकी सील मैंने ही तोड़ी थी. फिर पता नहीं कैसे उसको मेरी असलियत का पता चल गया और उसने मेरे साथ ब्रेकअप कर लिया. वैसे मैं भी उसको छोड़ने ही वाला था. लेकिन उससे पहले मैं उसको दोबारा छोड़ना चाहता था.

जब भैया की शादी के लिए सब अक्षिता को देखने गए थे तब मैं शहर से बाहर था. मैंने घर वालो को ये भी नहीं बोलै की उसकी एक फोटो भेज दो. मैंने उसको सीधा शादी के मंडप में देखा था. उस वक़्त मैं बहुत हैरान हुआ था. अक्षिता के फेस एक्सप्रेशन से पता चल रहा था की उसको भी मेरा नहीं पता था.

फिर शादी हो गयी. लेकिन हम दोनों में से किसी ने भी ये नहीं शो किया की हम एक-दुसरे को जानते थे.

अक्षिता दुल्हन के जोड़े में बहुत खूबसूरत लग रही थी. दिल तो कर रहा था की कॉलेज की कसार निकाल दू और उसको एक बार चोद लू. फिर मैंने सोचा की अब वो मेरी भाभी थी और मुझे उसके बारे में ऐसा नहीं सोचना चाहिए था.

लेकिन मुझे नहीं पता था की वो खुद चल कर मेरे पास आएगी. कुछ दिन बीत गए. हम दोनों घर में नोर्मल्ली बाते करते थे. मेरी नज़र उसकी सेक्सी गांड और बूब्स पर पड़ती थी लेकिन भाभी होने की वजह से मैं उसके बारे में ऐसा नहीं सोचता था.

लेकिन फिर अचानक अक्षिता का बेहेवियर मेरे साथ बदलने लगा. वो मेरे साथ डबल मीनिंग बाते करने लगी और आते जाते मुझे छूने लग गयी. जब भी मैं किचन में जाता था तो मेरे साथ अपनी बॉडी ज़रूर टच करवाती थी. अब मुझे समझ नहीं आ रहा था की वो ऐसा क्यों कर रही थी.

एक दिन मैं किचन में खड़ा था. फिर वो जान-बूझ कर मेरे आगे आके चिपक गयी. जब मेरा लुंड उसकी गांड पर लगा तो वो उसी वक़्त खड़ा हो गया. फिर एक दिन मुझे इस सब का कारण पता चला.

रात १२ बजे का टाइम था और मैं सो रहा था. अचानक मुझे अपने कमरे में कुछ आहात महसूस हुई. मैंने टेबल लैंप ों किया और अचानक से डर गया. अक्षिता मेरे सामने मेरे बीएड के पास कड़ी थी. मैंने उससे पुछा-

मैं: भाभी आप यहाँ?

अक्षिता: तुम्हारे लिए मैं भाभी नहीं हु सिर्फ अक्षिता हु. भूल गए तुम मेरी सील तुमने ही तोड़ी थी.

मैं ये सुन कर थोड़ा सोच में पड़ गया. मैं समझ नहीं पा रहा था की वो ये बात उस वक़्त क्यों कर रही थी. फिर मैंने कहा-

मैं: वो बाते पुराणी है भाभी. अब तो आप मेरी भाभी है.

अक्षिता: अगर कुछ वक़्त के लिए हम फिरसे बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड बन जाये तो तुम्हे कोई प्रॉब्लम नहीं है.

मैं: लेकिन…

अक्षिता बात काट-ते हुए बोली-

अक्षिता: लेकिन क्या क्यों छोड़ो. बस हां या ना बोलो.

उसने टी-शर्ट और लेग्गिंग्स पहनी हुई थी. वो इतनी सेक्सी लग रही थी की मैं मन नहीं कर सकता था. तो मैंने उसको यस बोल दिया.

यस बोलते ही वो मुझ पर कूद पड़ी. हम दोनों पागलो की तरह किश करने लगे. उसके जिस्म की गर्मी कमाल की थी. फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसकी क्लीवेज पर किश करने लग गया.

मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके खूबसूरत बूब्स को चूसने लगा. जो इच्छा थी मेरी उसके बूब्स फिरसे चूसने की वो आज पूरी हो रही थी. बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसको नीचे किया और उसकी बॉडी चूमते हुए उसकी छूट तक चला गया.

मैंने उसकी लेग्गिंग्स उतारी और उसकी जांघो को चूमने लग गया. फिर मैंने उसकी पंतय उतार दी. उसकी छूट आज भी ऐसी थी जैसे किसी कुवारी लड़की की छूट हो. मैं छूट देखते ही समझ गया था की भैया उसको चोद नहीं रहे थे.

लेकिन मुझे क्या लेना था. मुझे एक सेक्सी लड़की की छूट मिल रही थी वो मेरे लिए बहुत था. फिर मैंने अपने कपडे उतारे और उसकी छूट पर लुंड रगड़ने लग गया. वो लुंड लेने के लिए इतनी पागल हो रही थी की उसने अपने हाथ से लुंड छूट पर सेट किया.

फिर मैंने ज़ोर का धक्का मारा और उसकी ज़ोर की आठ निकल गयी. मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से बंद कर लिया और धक्के मारता रहा. उसकी गरम कस्सी हुई छूट मुझे बहुत मज़ा दे रही थी.

मैं उसके बूब्स भी चूस रहा था. उसके निप्पल्स मैंने लाल कर दिए थे चूस-चूस कर. वो मुझे और ज़ोर से छोड़ने के लिए बोल रही थी. मेरा दिल कर रहा था की मैं उसको खा जाऊ.

फिर मैंने उसको घोड़ी बना लिया. उसकी छूट एक बार पानी छोड़ चुकी थी. मैंने अपना लुंड पीछे से उसकी छूट पर सेट किया और धक्के देने लगा. उसकी गांड बहुत सॉफ्ट थी. इतना मज़ा आ रहा था की क्या बताऊ.

रूम में थप-थप की आवाज़े आ रही थी. मैं उसकी पीठ पर किश कर रहा था और उसके बूब्स दबा रहा था. फिर मेरा होने वाला था. मैंने जल्दी से उसको घुमाया और अपना लुंड उसके मुँह में दाल दिया.

फिर मैंने उसके बाल पकडे और ज़ोर-ज़ोर से उसके मुँह में धक्के देने लगा. उसकी सांस जब रूकती थी तब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैं किसी रंडी की तरह उसका मुँह चोद रहा था. फिर मैंने अपना पूरा माल उसके मुँह में निकाल दिया.

उसने मेरा पूरा पानी पी लिया और मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. फिर उसने अपने कपडे पहने और बिना कुछ बोले चली गयी.

उस दिन के बाद से वो जब जी चाहे मेरे पास आती है और मुझसे चुद कर चली जाती है. अब बाहर की लड़कियों के अलावा मुझे घर पर भी एक कमाल की लड़की छोड़ने के लिए मिल गयी है.

दोस्तों कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो तो लिखे और मेल [email protected] जरूर करना सेक्सी भाभी और जवान लड़कियों का मेल का इंतजार रहेंगे.