जीजा ने विधवा साली के अकेलेपन का उठाया फ़ायदा

ही दोस्तों मेरा नाम है कुलवंत सिंह. मैं पंजाब का रहने वाला हु. मेरी उम्र ३५ साल है और मैं शादी-शुदा हु. हाइट मेरी ५’११” है और लुंड मेरा ७ इंच का है.

मैं गयम जाता हु तो काफी फिट भी हु. मेरी बीवी का नाम राजविंदर कौर है. मेरे २ बच्चे भी है एक लड़का और एक लड़की. आज जो कहानी मैं आपको सुनाने जा रहा हु वो मेरे और मेरी साली के बीच हुए सेक्स की है. तो चलिए शुरू करते है कहानी को.

मेरी साली मुझसे एक साल छोटी है. जब मेरी शादी राजविंदर के साथ हुई तो मेरी साली की शादी पहले से हो चुकी थी. उसका नाम कोमलप्रीत कौर है.कोमल बड़ी ही सेक्सी और हटती-कटती औरत है. उसका फिगर ३८″३०″ ४०″ है. अब आप ही सोच लीजिये की क्या कमाल के बूब्स है उसके और क्या कमाल की गांड है. कोमल का एक बीटा भी है.

ये बात पिछले साल की है. पिछले साल एक कार एक्सीडेंट में कोमल के हस्बैंड की डेथ हो गयी थी. सब बहुत दुखी थे. अब उसका कोई सहारा नहीं था तो मैं और राजविंदर उसको अपने घर ले आये.अब वो अकेली थी और इतनी सेक्सी औरत को अकेली देख कर हर मर्द का मैं मचलता है. मुझे शुरू से ही कोमल बहुत सेक्सी लगती थी. मुझे उसके पति की किस्मत से जलन होती थी की उसको इतनी मस्त बीवी मिली थी.

अब मुझे ये एक मौके जैसा लग रहा था. कुछ दिन बीत गए. इन दिनों में मैंने जब भी राजविंदर को छोड़ा तो कोमल के बारे में ही सोच कर छोड़ा.एक दिन मैं कोमल के रूम के सामने से गुज़र रहा था. उसके रूम का दरवाज़ा थोड़ा खुला था तो मैं वही खड़ा हो गया. वो बाथरूम में थी और नाहा रही थी. मैं उसको ऐसी हालत में देखना चाहता था.

फिर वो बाहर आयी और मेरी आँखें फटती की फटती रह गयी. वो बिना कपड़ो के बाहर आयी थी. उसको पूरी नंगी देखना किसी जैकपोट से काम नहीं था. मेरा तो दिल कर रहा था की मैं उसको उसी वक़्त पकड़ लू. लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता था.

उस दिन से मैंने कोमल पे सुबह शाम ध्यान रखना शुरू कर दिया. मैं उसका वीक पॉइंट ढूंढना चाहता था. फिर एक दिन हम सब ड्राइंग रूम में बैठे थे और बाते कर रहे थे.

बातो के दौरान मैं राजविंदर से चढ़-चाड़्ह करने लगा. ये देख कर कोमल थोड़ा उदास हो गयी. फिर सब अपने रूम में चले गए. थोड़ी देर बाद मैं कोमल के रूम के बाहर आके खड़ा हो गया.

उसके रूम से आवाज़े आ रही थी. वो अपने पति की फोटो से बात कर रही थी. फिर थोड़ी देर बाद वो अपने पति का नाम लेते हुए फिंगरिंग करने लगी. अब मैं समझ गया था की मुझे ऐसे ही मौके पर कोमल को पकड़ना होगा.

कुछ दिन बाद राजविंदर को कही जाना था. मैं बहुत खुश था. उसके जाने के बाद मैं कोमल को रोमांटिक मूवी दिखने लगा. वो मूवी देख कर उदास हो गयी और अपने रूम में चली गयी.

कुछ देर बाद उसके रूम से आवाज़े आने लगी. तभी मैंने उसके रूम का दरवाज़ा नॉक किया. उसने हड़बड़ाहट में दरवाज़ा खोला. उसने पजामी सूट पहना हुआ था और उसकी साँसे तेज़ चल रही थी. बाहर आके उसने पुछा-

कोमल: जी जीजू कुछ चाहिए आपको.

मैंने कुछ नहीं बोलै और सीधा अपने होंठ उसके होंठो से चिपका दिए. वो हैरान हो गयी और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगे. लेकिन मैं कहा उसको छोड़ने वाला था.

मैं उसको किश करता रहा और उसकी गांड दबाता रहा. ५ मिनट मुझे उसको कण्ट्रोल करना पड़ा. फिर वो अपने आप ही मेरा साथ देने लगी. मैं जानता था की वो गरम होक मेरा साथ ज़रूर देगी.

फिर मैंने उसको बीएड पर लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया. मैं उसकी गर्दन पर किश करने लगा और साथ ही मैंने उसके पाजामे का नाडा खोल दिया. फिर मैं नीचे गया और उसकी पंतय उतार दी.

मैं जल्दी से छूट और लुंड का मिलान करवाना चाहता था ताकि वो कही मन न करने लग जाये. फिर मैंने उसकी छूट में जीभ डालनी शुरू की. इससे वो मस्त आहें भरने लग गयी.

उसके बाद मैंने अपने कपडे उतार दिए और अपना लुंड उसकी छूट पर सेट किया. वो आह अहह करने लगी और मैंने अपना लुंड अंदर की तरफ undefined किया. कोमल की आहें तेज़ होने लगी और उसने मेरी बाजुओं को कस कर पकड़ लिया.

मैंने अपना पूरा लुंड उसकी छूट में उतार दिया. उसकी आँखें बंद थी और उसके चेहरे पर दर्द दिख रहा था. फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठो से मिलाये और लुंड अंदर-बाहर करने लगा.

कुछ देर के दर्द के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी. उसकी छूट बहुत गरम थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. हम दोनों बड़े मज़े से सेक्स कर रहे थे.

धीरे-धीरे हम दोनों वाइल्ड हो गए और एक-दुसरे के जिस्म को काटने लग गए. फिर वो बोली-

कोमल: छोड़ मुझे आठ.. और ज़ोर से छोड़ो. इतने दिन से मेरी ये छूट लुंड के लिए तड़प रही है.

मैंने भी उसको ज़ोर लगा कर छोड़ना शुरू कर दिया. फिर उसका शरीर कांपने लगा और उसकी छूट ने पानी छोड़ दिया. लेकिन मेरा अभी हुआ नहीं था. फिर मैंने लुंड उसकी छूट से निकला और उसके मुँह में दाल दिया.

वो किसी रंडी की तरह मेरा लुंड चूसने लग गयी. मैंने उसके बाल पकड़ लिए और ज़ोर-ज़ोर से उसका मुँह छोड़ने लगा. मेरी अपनी बीवी ने भी कभी मेरा लुंड नहीं चूसा था.

फिर मेरी नज़र उसकी गांड पर पड़ी. मैंने गांड कभी नहीं मारी थी. फिर मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा. जब वो घोड़ी बानी तो उसकी गांड देख कर मेरा दिल खुश हो गया.

उसकी गांड बहुत बड़ी थी. फिर मैंने गांड के छेद पर थूका और उस पर अपना लुंड सेट किया. उसने एक बार भी मुझे मन नहीं किया. उसकी गांड सील-पैक्ड थी. फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और लुंड का टोपा अंदर चला गया.

उसकी दर्द से चीख निकल गयी लेकिन मैंने उसकी गांड को कस के पकड़ लिया. फिर मैं ज़ोर लगता गया और लुंड धीरे-धीरे पूरा अंदर चला गया.

थोड़ी देर में उसकी गांड खुल गयी. थोड़ा खून ज़रूर निकला लेकिन दर्द काम हो गया. फिर मैंने थप्पड़ मार-मार कर उसकी गांड छोड़ी. बहुत मज़ा आ रहा था.

१५ मिनट उसकी गांड छोड़ने के बाद मैंने अपना पानी उसकी गांड में ही निकाल दिया. उस दिन से मेरी साली मेरी पक्की रंडी बन गयी. अब मैं जब चाहे उसको छोड़ने लगा.

मेरी तो ऐश ही ऐश है. अब आपको कहानी कैसी लगी ये मुझे ज़रूर बताना.
[email protected]