दुख सुनते हुए देवर ने भाभी को चोदा

ही दोस्तों, मेरा नाम विवेक है, और मैं मुंबई का रहने वाला हू. मेरी उमर 27 साल है, और मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हू. हाइट मेरी 5’11” है, और लंड मेरा 7 इंच का है. मैं किसी भी चुदाई की भूखी औरत को संतुष्ट कर सकता हू. अगर आपको विश्वास नही है, तो आके मुझसे चुड कर देख लीजिए. अब मैं अपनी कहानी पर आता हू.

मेरी फॅमिली में मैं, मेरे मम्मी-पापा, मेरा भाई, और मेरी भाभी रहते है. मेरे भाई की शादी 2 साल पहले हुई थी. भाभी का नाम प्रिया है, और वो बहुत खूबसूरत है. इन दोनो की अरेंज मॅरेज है. ये कहानी मेरी और प्रिया भाभी की चुदाई की है. तो चलिए मैं बताता हू की सब कैसे हुआ.

शादी से पहले भाई एक लड़की से प्यार करते थे. उस लड़की को अपना कॅरियर बनाना था, इसलिए उसने भाई को शादी के लिए माना कर दिया. क्यूंकी शादी की आगे निकलती जेया रही थी, तो घर वालो ने भाई को किसी और लड़की से शादी के लिए कन्विन्स कर लिया.

फिर प्रिया भाभी का रिश्ता मिला, तो हम सब उन्हे देखने गये. उनकी फॅमिली को भाई पसंद आ गये, और भाई ने भी शादी के लिए हा बोल दी. फिर बड़ी धूम-धाम से दोनो की शादी हुई. कुछ दिन ऐसे ही बीट गये. भाभी और मेरी अची बॉनडिंग हो गयी थी. हम दोनो में खूब मज़ाक चलता था.

सब ठीक चल रहा था, लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिससे सब बदल गया. मुझे कभी-कभी सिगरेट पीने की आदत थी, तो मैं च्चत पर जाके सिगरेट पी लेता था. एक दिन ऐसे ही मैं सिगरेट पीने च्चत पर गया. वाहा जाके देखा, तो भाभी च्चत की सीडीयों पर बैठी रो रही थी.

भाभी ने पाजामा और त-शर्ट पहनी हुई थी. त-शर्ट के नीचे शायद उन्होने ब्रा नही पहनी थी, इसलिए उनके निपल्स उभरे हुए नज़र आ रहे थे. वैसे तो मैने भाभी को कभी ग़लत नज़र से नही देखा था. लेकिन इस तरह की चीज़ों पर नज़र पद ही जाती है.

मैं सोचने लगा की भाभी रो क्यूँ रही थी. फिर मैने उनको आवाज़ दी-

मैं: भाभी, आप रो क्यूँ रहे हो?

भाभी मेरी आवाज़ सुन कर जल्दी से खड़ी हुई, और अपने आँसू पोंछने लगी. फिर वो बोली-

भाभी: कुछ नही विवेक, बस ऐसे ही.

मैं: भाभी ऐसे कों रोता है. कोई ना कोई रीज़न तो होगा.

फिर वो फटत पड़ी, और कहने लगी: विवेक तुम्हारे भैया मुझसे प्यार नही करते है. वो किसी दूसरी लड़की से बात करते है. शादी वाले दिन उन्होने मुझे बताया था की वो किसी लड़की को प्यार करते थे, जिसने शादी के लिए माना किया तो उन्होने शादी के लिए हा कही.

भाभी: उन्होने मुझसे टाइम माँगा था उसको भूलने के लिए. मैने भी उनको बोला था की उनको जितना टाइम चाहिए वो ले, और फिर हम अपनी मॅरीड लाइफ की शुरुआत करेंगे. लेकिन वो लड़की वापस उनकी लाइफ में आ गयी है. वो उससे मिलते है, बातें करते है, घूमने जाते है. मेरी तो लाइफ बर्बाद हो गयी.

ये बोल कर भाभी फिरसे रोने लग पड़ी. फिर मैने उन्हे गले लगाया, और हॉंसला देने लगा. जैसे ही मैने उनको गले से लगाया, उनके बूब्स मेरी चेस्ट से डाबब गये. ऐसा होते ही मेरे जिसमे में एक करेंट सा लगा. उनके बूब्स हार्ड थे, और मेरे दिमाग़ में गंदे ख़याल आने लगे.

उनके जिस्म की फीलिंग से मेरा लंड खड़ा हो गया. फिर मैने उनके आँसू पोंछे. उनका फेस बहुत खूबसूरत लग रहा था. उनको ऐसे देखते ही मेरा दिल किया क्यूँ ना मैं भाभी को वो प्यार डेडू, जो भैया ने नही दिया. ये सोच कर मैने अपने होंठ भाभी के होंठो से जोड़ दिए, और उनके होंठ चूसने लगा.

अचानक मेरे ऐसा करने से भाभी कुछ समझ नही पाई, और उन्होने मुझे धक्का देके डोर कर दिया. फिर वो बोली-

भाभी: ये क्या बदतमीज़ी है विवेक?

मैं: भाभी ये बदतमीज़ी नही है. ये आपका बदला है.

भाभी: क्या मतलब?

मैं: अगर भैया बाहर किसी से प्यार करके अपनी ज़रूरत पूरी कर सकते है, तो आप क्यूँ नही. आपको भी तो सारी खुशियाँ मिलनी चाहिए. आप इन खुशियों की हकदार हो.

भाभी: लेकिन मैं तुम्हारे साथ ऐसा कैसे कर सकती हू?

मैं: भाभी बाहर किसी के साथ करने से अछा घर पर ही कर लो. इससे आपको दुख भी नही होगा, और किसी को पता भी नही चलेगा.

अभी भाभी सोच ही रही थी, की मैने उनको बाहों में भर लिया, और फिरसे किस करने लगा. कुछ सेकेंड्स तक भाभी ने मेरा साथ नही दिया, लेकिन फिर देने लगी. अब मैं किस के साथ-साथ उनके चूतड़ भी दबाने लगा. इससे भाभी गरम हो गयी, और उनकी किस वाइल्ड हो गयी.

फिर मैने भाभी को उठाया, और नीचे अपने रूम में ले गया. वाहा जाके मैने उनको बेड पर लिटाया, और उनके उपर टूट पड़ा. मैने जल्दी से अपने और भाभी के सारे कपड़े उतार दिए, और हम दोनो नंगे हो गये. भाभी का खूबसूरत बदन देख कर मेरी आँखें चमक उठी, और मेरा लंड देख कर भाभी खुश हो गयी.

फिर मैने उनके बूब्स चूज़, और बूब्स के बाद उनकी छूट छाती. भाभी पूरी गरम हो चुकी थी, और मुझे छोड़ने के लिए बोल रही थी. फिर मैने अपना लंड उनकी छूट पर रगड़ा, और ज़ोर का धक्का मारा. पहले धक्के में मेरे लंड का टोपा उनकी छूट में चला गया.

भाभी कुवारि थी, और आज उनकी सील टूटी थी. छूट बहुत टाइट थी, जिससे मेरे लंड में भी पाईं होने लगी. फिर मैं धक्के मारता गया, और पूरा लंड उनकी छूट में चला गया. भाभी की आँखों में आँसू थे, लेकिन उन्होने मुझे एक बार भी नही रोका.

कुछ देर में मेरा लंड उनकी छूट में बिल्कुल सेट हो गया, और उनका दर्द मज़े में बदल गया. फिर मैने ज़ोर-ज़ोर के धक्के मार कर तबाद-तोड़ उनकी चुदाई की. आधा घंटा मैने जाम के भाभी को छोड़ा. फिर मैने अपना लंड छूट से निकाल कर उनके मूह में डाल दिया.

वो मेरा लंड चूसने लगी, और मेरा सारा पानी पी गयी. उस रात के बाद हमारा रिश्ता ऐसे ही चलता रहा. कुछ महीनो बाद भैया ने भाभी से डाइवोर्स माँग लिया. उन दोनो का डाइवोर्स हो गया और मैने भाभी से शादी कर ली. अब हम सब सुखी लाइफ जी रहे है.

थे एंड.