सेक्सी भाभी को चुदाई का सुख दिया

हेलो दोस्तों मेरा नाम है ध्रुव. वैसे तो ये मेरी पहली स्टोरी है. सो गाइस ये स्टोरी एंड तक पढ़ना. चलिए तो स्टोरी स्टार्ट करते है.

पहले मैं मेरे घर के बारे में बताता हू. मेरे घर में चार लोग रहते है, मैं, मेरी मम्मी, पापा, और मेरा बड़ा भाई. मेरे मम्मी-पापा गाओं में रहते है, और मैं और मेरा भाई शहर में रहते है.

मैं अभी इंजिनियरिंग के सेकेंड एअर में हू, और मेरा बड़ा भाई डॉक्टर है. मैं 20 साल का हू. मेरे बड़े भाई का नाम रोनक है. कुछ महीनो के पहले मेरे बड़ा भाई रोनक की शादी हुई थी. मेरी भाभी का नाम किंजल है, और वो बहुत सुंदर और बहुत हॉट लग रही थी. मैने जब मेरी भाभी को देखा तब मेरी नज़रे उनसे हॅट नही रही थी.

एक दिन की बात है, जब मेरे कॉलेज की च्छुतटी थी. तब मैं घर पर लॅपटॉप लेकर बैठा था. मेरी भाभी पोछा लगा रही थी, और उन्होने लूस ड्रेस पहनी हुई थी. जब वो पूछा लगाने के लिए झुकी, तो उनके बूब्स और ब्रा पूरी तरह से दिख रहे थे. मेरा ध्यान मेरे प्रॉजेक्ट से हॅट कर भाभी पर चला गया था. उन्होने ब्राउन कलर की ब्रा पहनी हुई थी. उनके निपल्स सॉफ-सॉफ दिख रहे थे.

मुझे भाभी को देख कर मूठ मारने की इक्चा हो रही थी, तो मैं जेया कर बातरूम में भाभी के नाम की मूठ मार रहा था. मुझे लगा की भाभी मुझे सुन ली, इसलिए मैं जल्दी-जल्दी मूठ मार के निकल गया. मैं जैसे ही बाहर निकला बातरूम से, मेरा पैर फिसला, और भाभी ने मुझे पकड़ लिया.

मेरा वेट ज़्यादा होने के कारण भाभी मुझे पकड़ नही पाई, और मैं उन पर गिर गया. मेरा हाथ जाके उनके बूब्स पर डब गया. वही भाभी ने आअहह की आवाज़ निकली. तभी मैं भाभी के उपर से उठ गया. मैं पूरी तरह से मदहोश हो गया था.

मैने खाना खाने के बाद दूसरे रूम में जेया कर भाभी के नाम की दूसरी बार मूठ मारी. उस दिन मैने पहली बार दिन में दो बार मूठ मारी थी. तभी भाभी ने मुझे मूठ मारते हुए देख लिया.

भाभी: क्या कर रहे है देवर जी, अभी आपकी उमर भी कहा हुई है.

जब मैने भाभी की आवाज़ सुनी, तब मैं हड़बड़ाहट में अपना लंड पंत में घुसा कर चुप-छाप बैठ गये.

मे: कुछ नही भाभी.

मेरा सारा निकाला हुआ माल (स्पर्म) मेरी पंत के उपर दिखाई दे रहा था. मुझे दर्र था की भाभी वो देख ना ले.

भाभी: तुम झूठ मत बोलो. मैने तुम्हे देखा है.

मे: कुछ नही भाभी, आपने क्या देखा?

भाभी 100% शुवर थी की मैं मूठ मार रहा था. तभी वो गुस्सा हो कर चली गयी. भाभी को झूठ बोलने वाले पसंद नही थे. रात को जब भाई हॉस्पिटल से वापस आए.

भाभी (मॅन में): मैं रोनक को सब बता डू देवर जी के बारे में?

रात हुई. भाई को हॉस्पिटल से फोन आया की एक ही एमर्जेन्सी केस आया है, तो भाई हॉस्पिटल चले गये. लेकिन वो भाभी को छोड़ रहे थे, और उनको चुदाई अधूरी छ्चोढ़ कर जाना पड़ा.

भाभी (मॅन में): ये साला लगता नही मुझे सॅटिस्फाइड कर पाएगा.

सुबह हुई. भाई का फोन आया-

भाई: हेलो ध्रुव, मैं टीन दीनो के लिए हॉस्पिटल के कुछ काम से बाहर जेया रहा हू. अपनी भाभी को बता देना.

मे: ठीक है भाई, अपना ध्यान रखना.

भाभी सुबह उठी. वो नाइट ड्रेस में थी और क्या हॉट लग रही थी. मेरा लंड उनको देख कर खड़ा हो गया. भाभी ने मेरा लंड देख लिया था.

भाभी (मॅन में): देवर जी का लंड तो कितना बड़ा है. रोनक के लंड से भी बड़ा है.

आज सनडे था. मैं दूसरे रूम में बैठ अपना प्रॉजेक्ट कंप्लीट कर रहा था. तभी मेरी नज़र तिजोरी में रखी हुई भाभी की ब्रा और पनटी पर गयी. मैं ब्रा और पनटी को लेकर अपना लंड मसालने लगा. तब भाभी रूम के बाहर से मुझे देख रही थी.

भाभी (मॅन में): लगता है देवर जी सेक्स करना चाह रहे है.

और भाभी रूम के अंदर एंटर हुई. मैं उनको देख कर शॉक हो गया. मैने क्या देखा भाभी ब्रा और पनटी में थी. मैने भाभी को ऐसे कभी नही देखा था. भाभी ने पिंक कलर की पनटी पहनी हुई थी, और ब्रा ब्लू कलर की देसी टाइप की थी. भाभी को देख कर मेरा लंड टाइट हो गया.

मेरा लंड पंत के बाहर आने की कोशिश कर रहा था. भाभी को ऐसे देख कर मैं खुद को रोक नही पा रहा था. भाभी भी करीब आ रही थी, और मैं भी करीब जेया रहा था.

मे (मॅन में): लगता है अब मैं वर्जिन नही रहूँगा. आख़िर-कार भाभी को छोड़ने का मौका मुझे मिल ही गया.

भाभी और मैं एक-दूसरे को पकड़ कर पलंग पर बैठ गये. अब मेरी उत्सुकता का अंत हुआ. भाभी ने उनके नरम हाथो से मेरा चेहरा सहलाया. अब मेरी पंत फटने को आई थी. भाभी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, और फिरसे उन्होने अपने नरम हाथो से मेरा पूरा बदन सहलाया. फिर भाभी ने मेरी चड्डी निकली, और भाभी शॉक होती हुई बोली-

भाभी (मॅन में): अर्रे बाप रे, देवर जी का लंड बहुत बड़ा है. (मुस्कुराते हुए) आख़िर-कार ये लंड मेरी छूट में ही जाएगा ना.

भाभी मेरे लंड को मसालने लगी. मेरी खुशी चरम सीमा पर पहुँच चुकी थी. मैने ना आओ देखा ना ताओ, मैने उनकी ब्रा निकाल कर फेंक दी, और उनके बूब्स दबाने लगा. फिर मैं उनके निपल्स से दूध चूसने लगा.

भाभी: सस्स्सस्स ऑश रीईए म्‍म्म्मम. आउच आअहह मेरे निपल्स आह.

मे: भाभी आज तो मैं आपका सारा दूध निकाल दूँगा.

भाभी: आह सस्स हाअ देवेर जी.

मैने उनके पनटी मैं हाथ डाल दिया, और उनके जंगल में दंगल करने लगा. एक साइड भाभी मेरा लंड मसल रही थी, और मैं उनके जंगल में मंगल कर रहा.

मे: भाभी मेरा लंड मूह में लो.

भाभी: हा देवर जी.

जैसे ही भाभी ने मेरा लंड मूह में लिया, तुरंत ही मैने उनका मूह लंड के उपर दबा दिया.

भाभी (लंड से मूह हटते हुए): आआहह क्या कर रहे हो देवर जी? साँसे नही ले पा रही थी मैं. ज़रा आराम से.

मे: वो क्या है भाभी, मैं तोड़ा जोश में आ गया था. सॉरी भाभी, कॅरी ओं.

फिरसे भाभी ने मेरा लंड मूह में ले लिया. मेरे दोनो हाथो में से एक हाथ भाभी की छूट पर, और एक हाथ भाभी के बूब्स पर था.

भाभी: सास्स ओह ऑश सस्स.

मे: आहह आह आह.

भाभी (मॅन में): आज मज़ा आएगा. मैं देवर जी के लंड से सॅटिस्फाइ हो जौंगी.

मैं उनकी छूट में उंगली डाल कर फिंगरिंग करने लगा था. भाभी पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी, और मैं भी. ऐसे ही 10 मिनिट तक चला. भाभी का मूह मेरे लंड और मेरा हाथ उनकी चूत में. फिर मैने भाभी को अपने लंड से हटाया, और भाभी को बेड पर लिटा दिया, और उनकी पनटी निकाल दी. उसके बाद अपना लंड उनकी चूत की तरफ बढ़ाया ही था, की उतने में भाभी बोली-

भाभी: क्यूँ देवर जी मैने आपका लंड चूसा तो आप मेरी छूट नही चूसोगे क्या?

मे: हा भाभी, क्यूँ नही. नेकी और पूच-पूच.

फिर मैने भाभी की छूट चाटना शुरू किया. भाभी सिसकारियाँ लेती हुई बोली-

भाभी: सस्स आह ऑश आह देवर जी, आह मज़ा आ रहा है.

मैने भाभी छूट पूरी तरह से सॉफ कर डाली. ऐसा ही 5-10 मिनिट तक चला. फिर मैने भाभी को पलंग पर बिताया. मेरा ये तो पहली बार था. मैं तोड़ा नर्वस था, की भाभी की नरम छूट में मेरा लंड जाएगा या नही. अगर चला गया तो मेरा स्पर्म जल्दी से गिर तो नही जाएगा. ऐसे ही डरते-डरते मैने भाभी की गरम छूट में अपना लंड घुसा दिया.

मे: भाभी ये लंड आपकी छूट के अंदर क्यूँ नही जेया रहा?

भाभी (मुस्कुराते हुए): अर्रे पागल, चूत पर थूक तो लगा. पहले छूट को गीली करते है, और फिर उसके अंदर लंड डालता है बुद्धू. अर्रे मैं भी कहा कह रही हू, इसका तो पहली बार है.

फिर भाभी ने उनके मूह में से थूक निकल कर उनकी छूट पर लगाई. उसके बाद नैने आराम से उनकी छूट में लंड घुसा दिया. भाभी सिसकारियाँ लेते हुए बोली-

भाभी: ससस्स आहह देवर जी. धीरे-धीरे देवर जी.

फिर मैं भाभी की छूट छोड़ने लगता हू. भाभी भी मज़े से सिसकारियाँ ले रही होती है.

भाभी: आआहह देवर जी फक.

फिर मैं भाभी को 10 मिनिट तक वैसे ही छोड़ता हू, और फिर मैं भाभी को घोड़ी बना देता हू. मैं पीछे से छूट में लंड डाल कर छोड़ना शुरू कर देता हू

भाभी: आहह ऊओह धीरे देवर जी आ.

मैं ज़ोर-ज़ोर से भाभी की चुदाई करने लगता हू, जिस वजह से छाप-छाप की आवाज़ आने लगती है. मैं 10 मिनिट तक भाभी की तबाद-तोड़ चुदाई करता हू. इस बीच भाभी तो बेचारी 2 बार झाड़ चुकी होती है. फिर मेरा भी निकालने वाला होता है. तो मैं अपना लंड छूट से निकल कर भाभी की नंगी पीठ पे अपना माल (स्पर्म) निकाल देता हू. उसके बाद मैं भाभी के उपर लेट जाता हू.

मे: भाभी आपको छोड़ के तो मज़ा आ जाता है. कमाल है आप.

भाभी मेरी तरफ देख के मुस्कुराने लगती है.

भाभी: आपका लंड भी बहुत स्ट्रॉंग है. ई आम वेरी सॅटिस्फाइड.

फिर हम दोनो 10-15 मिनिट्स सो जाते है. अगली स्टोरी में जानिए, कैसे मैने भाभी के मज़े लिए. अगर आपको स्टोरी अची लगी हो, तो ज़रूर फीडबॅक करे, और कोई भी लड़की, भाभी, या आंटी मुझसे सेक्षुयल बातें करना चाहती हो, तो कॉंटॅक्ट करे.