भाभी और उसके यार का चुदाई दंगल

ही दोस्तों, मैं हू अनुज. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप के सामने आया हू. उमीद है, की आप सब को मेरी पिछली कहानी अची लगी होगी. अगर आपने मेरी पिछली कहानी नही पढ़ी है, तो प्लीज़ पहले जाके वो पढ़ ले.

पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की मैने अपनी भाभी पिया को किसी आदमी के साथ देखा. जब की हमारे अकॉरडिंग वो अपने माइके में थी. वो राजीव नाम का आदमी भाभी का पुराना बाय्फ्रेंड था, और उनका एक बच्चा भी था. ये सब मुझे उनका पीछे करके पता चला.

फिर वो एक होटेल में गये, और दोनो एक-दूसरे को हग करने लगे. वो दोनो किस करने लगे, और किस करते हुए राजीव मेरी भाभी की पीट सहलाने लग गया. अब आयेज-

दोनो की किस काफ़ी इनटेन्स थी. ऐसा लग रहा था, जैसे दोनो बरसो से प्यासे थे. पीठ सहलाते हुए राजीव अपना हाथ भाभी की गांद पर ले गया, और उनकी सेक्सी गांद सहलाने लगा. ये सब देख कर मेरा भी खड़ा हो रहा था.

जैसे ही राजीव ने भाभी की गांद पर हाथ लगाया, तो उनकी किस और वाइल्ड हो गयी. वो ज़ोर-ज़ोर से भाभी के चूतड़ दबाने लगा. उसके ऐसा करने से मेरे मूह में पानी आने लगा. दिल कर रहा था काश राजीव की जगह मैं होता, तो उनके चूतड़ काट खाता.

फिर उन्होने किस तोड़ी, और भाभी ने अपना शर्ट उतार दिया. अब भाभी सिर्फ़ लेगैंग्स और ब्रा में थी. ब्रा में भाभी के मस्त बूब्स पर्फेक्ट लग रहे थे. इतनी मस्त लग रही थी, वो की बोल्लयऊूद हेरोयिन्स को भी पीछे छ्चोढ़ दे.

राजीव फिरसे भाभी को चिपक गया, और उनकी गर्दन चूमने लगा. फिर वो भाभी की गरमा-गरम क्लीवेज को चूम-चाट कर उसका मज़ा लेने लगा. भाभी भी पूरा मज़ा ले रही थी, और उसको अपनी आगोश में लेके उसके मूह को अपनी ब्रेस्ट में दबा रही थी.

फिर राजीव अपने हाथ भाभी की पीठ पर ले गया, और पीठ को भींचने लगा. इससे भाभी की आहह निकल गयी. उसके बाद उसने भाभी की ब्रा खोल दी, और उसको भाभी के खूबसूरत रस्स के प्यालो से अलग कर दिया. अब भाभी के बूब्स नंगे उसके सामने लटक रहे थे.

बूब्स सॉफ्ट थे, लेकिन खड़े हुए थे. उनके उपर पिंक निपल्स बिल्कुल ऐसे लग रहे थे, जैसे वेनिला आइस-क्रीम पर स्ट्रॉबेरी रखी हो. उनके बूब्स देख कर मेरे तो मूह में पानी आ गया. फिर राजीव आयेज बढ़ा, और उसने अपने होंठ भाभी के खूबसूरत फूलों पर लगाने शुरू कर दिए.

वो एक-एक करके भाभी के निपल्स चूस रहा था. उसको ऐसा करते देख मुझे मज़ा आ रहा था. पता नही मुझे चूसने को मिल जाते तो कितना मज़ा आता. जब वो भाभी के बूब को चूस्टा हुआ दबाता था, तो उनके बूब्स पर लाल निशान बन जाता था, इतनी गोरी थी भाभी.

फिर उसने ज़ोर-ज़ोर से बूब्स चूसने शुरू किए. और इतने चूज़, की बूब्स बहुत लाल हो गये. उसके बाद उसने भाभी को अपनी बाहों में भर कर उठाया, और बेड पर लिटा लिया. फिर वो भाभी का पेट चूसने लगा. भाभी का मखमली बदन ऐसा था, की उसको पूरा चूज़ बगैर बंदा रह ही ना पाए.

फिर नाभि चूस्टे हुए उसने भाभी की लेगैंग्स उतरी. अब मेरी सेक्सी भाभी सिर्फ़ रेड पनटी में थी. इतनी सेक्सी लेग्स थी, की क्या बतौ. और दूध जैसी गोरी थी. उसने भाभी की लेग्स को चूमना शुरू किया, और जांघों पर जाके चूसने लगा.

फिर वो पनटी के उपर से भाभी की छूट को चूमने लगा. भाभी मदहोश थी, और मछली की तरह तड़प रही थी. फिर राजीव ने पनटी को कमर से पकड़ा, और नीचे कर दिया. अब मेरी भाभी की छूट, जिसको कोई भी छोड़ने के लिए अपनी जान भी देदे, मेरे सामने थी.

बिल्कुल क्लीन-शेव्ड छूट थी भाभी की. लगता है यार दे मिलने से पहले शेव करके आई थी. फिर राजीव ने अपनी जीभ भाभी की छूट पर फेरनी शुरू की. इससे भाभी और उत्तेजित हो गयी, और उन्होने बेड की चादर को अपनी मुट्ठी में जकड़ना शुरू कर दिया.

अब वो भाभी की छूट में जीभ डाल-डाल कर उनकी छूट को चूस रहा था. चूस वो रहा था, और इधर मेरे मूह में पानी आ रहा था. तभी भाभी बोली-

भाभी: आ राजीव, छोड़ ना अब प्लीज़, क्यूँ तडपा रही हो. मैं पहले से बहुत तरस रही हू तुम्हारे इस लंड के लिए.

राजीव: क्या करू जान. मेरी जान इतनी खूबसूरत है, की उसको चूसने से मॅन ही नही भरता.

भाभी: लेकिन मेरी छूट तुम्हारा लंड माँग रही है अब. एक बार इसको ठंडा कर दो. उसके बाद चाहे जितना मर्ज़ी चूस्टे रहना.

राजीव: जो हुकुम मेरे आका.

फिर राजीव ने अपने कपड़े उतारे, और नंगा हो गया. उसका लंड पूरा तन्ना हुआ था. भाभी उसका लंड देख कर खुश हो गयी, और अपनी टांगे खोल कर उसके स्वागत के लिए तैयार हो गयी.

राजीव लंड हिलाते हुए भाभी की जांघों के बीच आया, और उनकी छूट पर अपना लंड रगड़ने लगा. भाभी आहह आ कर रही थी. फिर उसने छूट के मूह पर लंड टीकाया, और उसको अंदर पुश करता गया. भाभी ने ज़ोर की आ भारी, और पूरा लंड अंदर चला गया.

लंड अंदर जाते ही मुझे भाभी के चेहरे पर सुकून भरा एहसास दिखा. फिर राजीव लंड अंदर-बाहर करने लगा, और भाभी आहें भारती हुई चूड़ने लगी. क्या मस्त सीन था. भाभी मस्त तरीके से छूट रही थी. जब भी उनकी छूट में लंड जाता, मेरे लंड में से एक सनसनाहट सी निकल जाती.

मुझे भी उस खूबसूरत छूट को छोड़ना था. लेकिन अभी तो राजीव छोड़ रहा था. राजीव छूट छोड़ने के साथ भाभी के होंठ और बूब्स भी चूस रहा था. भाभी के गाल, गर्दन, बूब्स सब लाल हो चुके थे राजीव के चूसने से.

अब राजीव उनकी छूट में ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा. भाभी ने उसको अपनी आगोश में भर लिया. दोनो चुदाई की गर्मी से पसीने में भीग गये थे. छाप-छाप की मस्त आवाज़े आ रही थी. तभी राजीव का निकालने वाला था. उसने अपना लंड भाभी की छूट से बाहर निकाला, और हाथ से हिलने लगा.

फिर माल की पिचकारी भाभी के पेट पर निकल गयी, और भाभी उसके माल को हाथ से लेके चाटने लगी.

इसके आयेज क्या हुआ, उसके लिए आपको कहानी के अगले पार्ट की वेट करनी पड़ेगी. अगर कहानी का मज़ा आया हो, तो कॉमेंट करके ज़रूर बताए.