सुहाना: मैने भाभी जी को बस असलम के बारे में बताया था, की वो मेरी प्यास नही बुझा पाता. तो उन्होने मुझे तुम्हारे बारे में बताया.
प्रिया: कैसी रही तुम्हारी रात सुहाना. और ये कों कुटिया बनी लंड चूस रही है?
सुहाना: श, ये मेरी फ्रेंड है मंदाकिनी. इसे हम मिन्नी बोलते है, और इसके पति का भी यही हाल है जो मेरे असलम का है. इसलिए मैने इसे भी बुला लिया था. और हमारी रात का अंदाज़ा तो आप हमारी चाल देख के लगा सकती हो भाभी जी.
प्रिया: हा देखी मैने तुम्हारी चाल, जो और भी ज़्यादा मटकने लगी है.
और वो दोनो ही हासणे लगी, और बैठ कर देखने लगी. मिन्नी अभी भी लंड चूस ही रही थी. इतने में सुहाना आयेज बढ़ कर प्रिया को किस करने लगी. उन दोनो के होंठ चिपक गये थे, और वो एक-दूसरे के चुचो को दबाने लगे थे, और सुहाना ने प्रिया का टॉप उतरा, और फिर उसकी ब्रा भी खोल दी.
प्रिया के चुचे सुहाना के चुचो के सामने बस 2 नींबू जैसे दिखाई दे रहे थे, और सुहाना उसके चुचो को चूसने लगी. प्रिया की आँखें मेरे उपर ही थी.
मैने भी प्रिया को देखते हुए ही मिन्नी के मूह से लंड निकाला, और मिन्नी को घोड़ी बना कर उसके दोनो हाथ पीछे करके पकड़ लिए. फिर एक ज़ोरदार झटके में ही लंड मिन्नी की छूट में घुसा दिया, और मिन्नी की चीख निकल गयी.
मिन्नी: ऑश मा छोड़ दी यश, आराम से प्लीज़, धीरे करो. आह मा, मेरी छूट फाड़ दी.
प्रिया ये देख के मुस्कुरा रही थी, और मैं भी उसको देखते हुए ही ज़ोर-ज़ोर से झटके लगा रहा था.
प्रिया ने भी अपने होंठ दांतो से दबा लिए, और मैने स्पीड से झटके लगाना चालू ही रखा था. सुहाना ने अब तक प्रिया को नंगा कर दिया था,
और वो दोनो एक-दूसरे के जिस्म से प्यार कर रहे थे. मिन्नी भी नॉर्मल हो गयी, और वो भी आयेज-पीछे हो कर लंड की ताल से ताल मिला रही थी.
मिन्नी: आह यश, मेरी जान, छोड़ो और ज़ोर से. आ छोड़ दो. ज़ोर से छोड़ो. अब कैसे मुझे कोई और छोड़ पाएगा यश, इस लंड ने तो मेरी छूट फाड़ दी.
और मिन्नी ऐसे बोलते हुए ही अकड़ गयी, और उसका छूट रस्स बहने लगा. मैने भी लंड बाहर निकाला, और उसकी छूट चाटने लगा. उसकी छूट का सारा जूस मैने चाट लिया, और उसकी गांद को चाट के गीला करने लगा. मेरी जीभ उसकी गांद के च्छेद पे घूम रही थी.
मिन्नी को जैसे ही लगा की अब मैं उसकी गांद मारने वाला था, तो वो घबरा गयी. मैं अब उसकी गांद में 2 उंगलियाँ डाल कर अंदर-बाहर करने लगा. लेकिन मिन्नी की गांद बहुत टाइट थी. उंगलियाँ भी मुश्किल से अंदर-बाहर हो रही थी. तो मैं बहुत सारा थूक उसकी गांद में भरने लगा.
ये देख कर प्रिया मेरे पास आई, और मेरे लंड पे उसने बहुत सारा आयिल लगाया, और लंड पकड़ के उसने मिन्नी की गांद पे टीका दिया. मिन्नी ने भी आँखें बंद कर ली, और बेडशीट को कस्स के पकड़ लिया. प्रिया उसके मूह के पास गयी, और उसको सहलाते हुए उसके चुचो को मसालने लगी.
मैने भी एक झटका लगाया, तो लंड का टोपा गांद में घुस गया. मिन्नी की गांद बहुत टाइट थी. लंड के टोपे पर उसकी गांद पकड़ बहुत टाइट थी, और मिन्नी की आँख में आँसू आ गये थे. अब सुहाना भी मिन्नी के पास आ गयी, और वो भी उसके बदन को सहलाने लगी.
फिर मैने लंड को बाहर निकाला, और फिरसे गांद पे टीका कर एक और ज़ोर का झटका मारा. इस बार मेरा आधा लंड गांद में घुस गया, और मिन्नी की चीख निकल गयी.
मिन्नी: आ मेरी मा, मत करो यश आह. मेरी गांद से निकालो बाहर यश, जाओ अपनी बेहन छोड़ो. मुझे छ्चोढ़ दो आह. यश प्लीज़ निकालो इसे बाहर.
लेकिन मैं रुकना नही चाहता था, तो मैने लंड को तोड़ा बाहर खींचा, और फिरसे एक ज़ोर का झटका मारा. इस बार लंड उसकी गांद की गहराइयों में उतार गया, और मिन्नी के चिल्लाने से कमरा गूंजने लगा.
मिन्नी: निकाल बेहन के लंड इसे बाहर. अपनी मा छोड़ जेया कर सेयेल हरामी. मेरी गांद फाड़ दी आ मेरी मा. मेरी गांद फटत गयी भोंसड़ी के, निकाल इस मूसल को बाहर बहनचोड़ कुत्ते. श मेरी गांद जल रही है श. ये गरम मूसल आ मा कितना गरम लग रहा है. दर्द हो रहा है यश, निकालो इसे बाहर प्लीज़. मेरी मा चुड गयी. नही चूड़ना मुझे इस लंड से. मुझे माफ़ कर दो, जाने दो मुझे यश.
ये सब सुन के प्रिया और सुहाना के चेहरे पे हस्सी थी, और वो मिन्नी को शांत करने की कोशिश करने लगी थी. मैं भी अभी रुका हुआ था, और उसके शांत हो जाने की वेट करने लगा. अब जब वो शांत हुई, तो मैने भी कमर को हिलना शुरू किया और लंड अंदर-बाहर होने लगा. कुछ देर में वो शांत हुई और अब मैने भी अपनी स्पीड बधाई, और मिन्नी भी अब माधमस्त घोड़ी की तरह हो गयी थी.
उसकी गांद पे पड़ते हर झटके से ठप ठप की आवाज़ आ रही थी. सुहाना ने भी अब उसकी गांद को पकड़ के ज़्यादा से ज़्यादा खोल के रखा था, और लंड उसकी गांद में जड़ तक घुस जाता था.
अब मैं भी ज़ोरदार झटकों से गांद मारने लगा था, और मिन्नी भी मेरा पूरा साथ देने लगी थी. सुहाना और प्रिया फिरसे एक-दूसरे के बदन से प्यार से खेलने लगे, और एक-दूसरे की छूट चाटने लगी थी.
अब मैं और मिन्नी अकेले थे, और मैं बेड पे लेट गया, और मिन्नी मेरे उपर आ गयी. वो अपनी गांद को लंड पे टीका कर बैठने लगी, और मैने उसकी गांद को हाथ से पकड़ा, और नीचे से झटके देने लगा. अब वो भी मस्ती से गांद मरवा रही थी.
मिन्नी: ऑश यश, मेरी जान थॅंक योउ मेरी गांद मारने के लिए. आह मेरी मा, हाए कितना मस्त लंड है. तुमने मुझे पूरा कर दिया है मेरी गांद मार के यश.
यश: मज़े लो मेरी भाभी जान. साली रांड़ भाभी. अब जाके अंकित का लंड लेना, मज़ा आ जाएगा अंकित को.
मिन्नी: आह ऑश आज तो मज़ा आ ही जाएगा. ओह फक, ये मोटा लंड लेने के बाद कुछ भी मेरे काम नही आएगा यश.
यश: तो लंड लो ना मेरी रांड़ साली श. भाभी जान तेरी गांद भी तो मेरे लंड को निचोढ़ रही है. साली छिनाल तेरी गांद, क्यूँ नही मारी किसी ने?
मिन्नी: आह मेरे मालिक लंड में दूं भी तो होना चाहिए ना. सेयेल नमार्द छूट भी नही छोड़ पाते. श यश, ह्म सेयेल मेरी गांद क्या मारेंगे.
अब मेरा लंड भी अब फूलने लगा, और मेरा भी झड़ने के लिए तैयार था. तो मैने मिन्नी को अलग किया, और उसकी छूट में लंड डाल के हिलने लगा. कुछ ही देर में उसकी छूट ने भी दूं तोड़ दिया. वो भी झड़ने लगी थी. मैने अभी भी झटके लगाना चालू ही रखा था, और अब मेरा भी बस छ्छूटने ही वाला था.
फिर मैने प्रिया के बाल पकड़े और उसके मूह में लंड डाल दिया. मैने सारा माल प्रिया के मूह में भर दिया. प्रिया भी सारा का सारा लंड रस्स पी गयी, और चूस-चूस के लंड को सॉफ कर दिया.
फिर मैं भी मिन्नी के साथ ही बेड पे लेट गया, और प्रिया बस लंड चूस्टी ही जेया रही थी. सुहाना मिन्नी की गांद पे लगाने के लिए आइस ले आई थी, और उसकी गांद पे लगा दी.