कहानी कानपुर की भाभी के साथ रोमॅन्स की

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम सलीम है. मेरी उमर 21 वर्ष है. मैं आपके सामने एक बहुत अची स्टोरी लेकर आया हू. ये स्टोरी मेरी पूजा भाभी की है जो कानपुर में रहती है. मेरी खुद की एक दुकान है. पूजा भाभी की कॉसमेटिक्स की दुकान है. पूजा भाभी के दो बच्चे है, और पूजा भाभी की उमर 32 साल है. हाइट 5 फीट 6 इंच, और उनकी ब्रेस्ट का साइज़ 34″ है. उनकी 38″ इंच की गांद है. पूजा भाभी से मेरा हस्सी मज़ाक खूब चलता था.

एक दिन पूजा भाभी मुझे फोन करके बोली: अर्रे सलीम, मेरे घर आना तोड़ा काम है. ज़रा जल्दी आ जाना.

मैं कॉल कट करते ही दुकान बंद करके निकल पड़ा. जब मैं गया, तो उनके घर में प्लमबर कुछ काम कर रहा था. फिर मैने उनसे पूछा-

मैं: जी भाभी, मुझे क्यूँ बुलाया?

उन्होने कहा: मुझे अकेले में दर्र लग रहा था इसलिए तुम्हे बुलाया. ऐसे अंजान आदमी के साथ घर में अकेली नही रह सकती मैं.

मैने कहा: ठीक है भाभी.

फिर भाभी छाई बनाने चली गयी.

प्लमबर ने मुझसे बोला: कुछ समान लाना है, मैं लेकर आ रहा हू. भाभी से पैसे दिला दीजिए.

फिर मैं किचन में पूजा भाभी पास गया और बोला: भाभी प्लमबर ₹200 माँग रहा है, समान लाना है.

भाभी: तुम दे दो, फिर मैं देती हू तुम्हे.

फिर मैने प्लमबर को ₹200 देकर गाते बंद कर लिया, और सीधे किचन में चला गया. भाभी छाई बना रही थी. मैं भाभी के पास खड़ा हो कर बोला-

मैं: भाभी भैया कितने टाइम में आते है घर?

वो बोली: दो-टीन महीने में एक बार आते है.

मैं: ओक.

भाभी: तुमने ये क्यूँ पूछा?

तो मैने भाभी से बोला: आप जैसी इतनी खूबसूरत औरत को कों छ्चोढ़ कर जेया सकता है.

भाभी मुस्कुराने लगी और बोली: मैं वाकाई में बहुत खूबसूरत हू?

मैने कहा: भाभी आपको देख कर कोई ये नही कहेगा की आप दो बच्चो की मा है.

भाभी बोली: अछा? चलो कमरे में छाई पीते है.

मैने भाभी से मज़ाक में कहा: कमरे में तो केवल प्यार होता है.

तो भाभी हासणे लगी: तुम बहुत शरारती हो रहे हो सलीम.

मैने कहा: आपका देवर ही तो हू.

भाभी: हा वो तो है.

फिर हम छाई पीने लगे, और प्लमबर आ गया. मैने गाते खोला, और वो काम करने लगा अपना. फिर थोड़ी देर के बाद प्लमबर काम करके भाभी से बोला-

प्लमबर: मैं जेया रहा हू.

भाभी ने पूचछा: आपके पैसे कितने हुए?

वो बोला: ₹300 और दे दीजिए.

फिर भाभी ने ₹300 प्लमबर को दिए. उसके बाद वो आई और बोली-

भाभी: तुम बैठो मैं थोड़े बर्तन धो कर आती हू.

मैं 5-6 मिनिट कमरे में बैठा रहा. फिर मैं किचन गया चुप-छाप, और भाभी की गांद देखने लगा. भाभी को ध्यान नही था की मैं पीछे था. थोड़ी देर के बाद भाभी की नज़र पड़ी और वो बोली-

भाभी: सलीम क्या देख रहे हो?

तो मेरी नज़र भाभी की गांद पर थी. भाभी समझ गयी और कहा-

भाभी: तुम बाहर बैठो.

मैं: यहा रह कर बात करते है.

भाभी: अछा ठीक है. तुम्हारी दुकान कैसी चल रही है?

मैं: अची चल रही है.

भाभी: अब तुम शादी कर लो.

मैं धीरे से उनके करीब पहुँच गया. फिर जब वो तोड़ा सा पीछे हुई, तो मेरा लंड उनकी गांद को टकरा गया. भाभी ने एक-दूं से पीछे मूड कर देखा. मेरा लंड एक-दूं खड़ा था. फिर भाभी ने हल्की सी स्माइल दी. मुझे तोड़ा दर्र लगा. फिर मैने सोचा भाभी ने स्माइल तो दी है.

मैने हिम्मत करके अपना लंड भाभी की गांद पर रगड़ा, तो भाभी कुछ नही बोली. फिर मैने लंड पुश करना शुरू किया.

भाभी हस्स के बोली: ये क्या कर रहे हो?

मैने कहा: भाभी जी ये आपकी गुफा ढूँढ रहा है.

भाभी: अछा तो तुम मेरी गुफा ढूँढ रहे हो?

फिर मैने अपने दोनो हाथ भाभी की 32 इंच की चुचियों पर रखे, और उन्हे दबाने लगा. 15 मिनिट दबाने के बाद भाभी बोली-

भाभी: सलीम चलो कमरे में.

फिर मैने कमरे में पहुँचते ही भाभी की सारी का पल्लू हटा दिया. फिर भाभी की चुचियों को दबाने लगा, और धीरे-धीरे करके भाभी का ब्लाउस खोल दिया. मैने पीछे हाथ डाल कर भाभी की ब्रा खोल दी. गोल-मटोल चुचियाँ देख कर मैं पागल सा हो गया. फिर मैं निपल को अपने मूह में भर के चूसने लगा. भाभी के मूह से आवाज़ निकालने लगी और चुचियाँ टाइट होने लगी.

फिर मैने भाभी की सारी पूरी खोल कर अलग की. अब भाभी पेटिकोट में थी. मैने उसको भी उतार दिया, और पनटी भी निकाल दी.

भाभी: अपने कपड़े भी उतरो.

फिर मैं नंगा हो गया सिर्फ़ अंडरवेर रह गया. भाभी की छूट में एक भी बाल नही था. मैने भाभी का हाथ मेरे अंडरवेर पर रखा, और लंड फील कराया.

भाभी: सलीम अपना अंडरवेर उतरो.

मैने कहा: भाभी आप खुद ही उतार लो.

अंडरवेर उतारते ही भाभी की नज़र मेरे लंड पर पड़ी.

वो बोली: हे राम, कितना बड़ा है.

9 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड देख कर भाभी को शॉक लगा.

वो बोली: सलीम ये तो बहुत बड़ा है.

तो मैने कहा: अब ये लंड आपकी छूट में जाएगा.

इस्पे भाभी तोड़ा सा दर्र गयी और बोली: इससे तो बहुत दर्द होगा सलीम.

मैने कहा: भाभी पहले इस लंड को छूट में डालने तो दो.

भाभी बोली: रूको मैं आती हू.

फिर भाभी तोड़ा सा तेल लेकर आई.

मैने बोला: भाभी इसे अपने मूह में चूसो तोड़ा.

फिर भाभी मेरे लंड को तोड़ा सा मूह के अंदर लेकर चूसने लगी. थोड़ी देर के बाद मैने शॉट मारा, और मेरा लंड भाभी की हलाक तक पहुँच गया. इससे भाभी को उल्टी आने जैसा फील होने लगा.

वो मुझे बोली: अब बस.

फिर उन्होने कपड़े से मेरा लंड पोंचा और उसमे तोड़ा सा तेल लगाया.

वो बोली: सलीम आराम से डालना.

इसके आयेज क्या हुआ, और मैने भाभी को कैसे छोड़ा, ये आपको कहानी के अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगा. उमीद है आपको यहा तक की कहानी अची लगी होगी. अगर आपको कहानी पसंद आई हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए आप सब का बहुत धन्यवाद दोस्तों.