हेलो दोस्तों, मैं कारण आ गया अधूरी कहानी को पूरा करने. तो आपने अभी तक जाना की ड्र साहब जान गये थे की चिकू उनको देख रहा था, मगर कुछ नही बोल रहे थे. अब चिकू गांद में खुजली हो रही है बोल कर उनको अपनी गांद भी दिखता है. मगर ड्र कुछ नही बोलते है, और अगले दिन उसका एक टेस्ट करते है टेसटर और उंगली डाल कर. फिर वो उसको घर चले जाने को बोलते है. अब आयेज की कहानी चिकू की ज़ुबानी-
तो मैं आ गया और ड्र साहब कुछ खुल के क्यूँ नही बोल रहे थे, ये सब सोचता रहा. रात को ड्र साहब आए और हम खाना खाने लगे. बर्तन सॉफ करके मैं लाइट ऑफ किया, मगर आज मैं उनके कमरे के पास नही जौंगा ये सोचा. इसीलिए मैं अपने कमरे में सोने आ गया.
मैं कमरे में आ कर सोच रहा था, की वो मेरी गांद में उंगली किए. तब ड्र साहब के कमरे से ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ लेने के आवाज़ आई. तो मैं देखने चला गया. मैने देखा की ड्र साहब अपनी बीवी से वीडियो कॉल में देख कर मूठ मार रहे थे, और आज तो वो कुछ ज़्यादा ही जोश में थे. वो पुर ज़ोर-ज़ोर से मूठ मार रहे थे.
मैं तो उनको देख कर आज मूठ मारने लगा, क्यूंकी आज जो वो उंगली डाले, उससे मैं काफ़ी ज़्यादा मूड में था. मैं जब मूठ मार रहा था, तब मुझे ड्र साहब देख लिए. मेरी और उनकी आँख लड़ गयी. वो और मैं दोनो ही मूठ मार रहे थे.
लेकिन आज वो मुझे कुछ पूछे नही. वो रुके नही बल्कि और ज़ोर से मूठ मारने लगे.
जब मेरा पानी निकल गया, तो मैं तुरंत ही कमरे में आ गया. मैने सोचा की आज वो मुझे कुछ पूछे कैसे नही. ये सोच कर ही मुझे नींद नही आई, तो मैं किचन में पानी पीने चला गया. तभी वो भी आ गये.
ड्र: क्या कर रहे हो?
मे: पानी लेने आया था.
ड्र: अछा.
मे (डरते हुए): सॉरी आपको देख कर मैं भी वो करने लगा.
ड्र: क्या करने लगे?
मे: मूठ मारने लगा.
ड्र: अर्रे वो तो नॉर्मल है, और मैं समझता हू. मैं रह नही पा रहा हू, तो तुम कैसे रहोगे बिना किए. तो टेन्षन मत लो.
मे (रिलॅक्स हो कर): थॅंक योउ.
ड्र: और सुनो कल तुम्हारा लास्ट टेस्ट करना होगा गांद का, तो रेडी हो ना?
मे: हा बिल्कुल, मगर कुछ सीरीयस मामला है क्या?
ड्र: कल पता चल जाएगा.
मैं आ गया रूम में रिलॅक्स हो कर, और तोड़ा जोश में था की कल मैं उनको फ़सौंगा कैसे भी करके. ये सोचते मेरी नींद लग गयी, और मैं सो गया. अगले दिन मैं उठा, और नाश्ता रेडी किया. मगर आज ड्र साहब आ नही रहे थे.
जब मैं उनके कमरे में गया, तो वो तो सोए थे. मैं उठाया उनको और जब क्लिनिक जाने का पूछा तो वो बोले की आज कोई अपायंटमेंट नही है, तो आज नही जाना है. मैने मेरे टेस्ट का पूछा तो वो बोले की मेरे रूम कर लेंगे टेस्ट. मैं खुश हो कर आ गया.
ड्र साहब रेडी हो कर एक शॉर्ट्स पहन कर आए. मैं तो उनके मज़बूत बदन को देख कर ही खाना भूल गया. फिर वो खाना खाए और बोले-
ड्र साहब: रेडी हो कर आ जाओ.
मैं भी रेडी हो कर थोड़ी देर में चला गया.
मे: मैं आ गया ड्र साहब.
ड्र: आ जाओ और बेड पे लेट जाओ, पंत निकाल कर.
मे: ओक.
ड्र: अब मैं कल के मुक़ाबले थोड़ी बड़ी चीज़ डालूँगा. तुम बोलना की कुछ महसूस हो रहा है की नही.
मे: ओक.
ड्र (एक रोड डाल कर गांद में): कुछ फील हुआ क्या?
मे: आ, तोड़ा रफ लग रहा है.
ड्र: ओक, मैं थोड़ी गेल लगा कर डालता हू. अब बोलो.
मे: हा, तोड़ा अछा लग रहा है.
ड्र (रोड को अंदर-बाहर करते हुए): अब कैसा लग रहा है?
मे: बहुत अछा लग रहा है.
अब थोड़ी देर बाद वो उससे भी कुछ मोटा डालने लगे मेरे उपर आ कर. मोटा था इसलिए तोड़ा पाईं हुआ. मगर बहुत अछा लग रहा था. मगर में नही देख पा रहा था.
मे: अब क्या डाले आप, जो मेरी गांद में पाईं हो रहा है?
ड्र: मोटा इंजेक्षन डाला है, हिलो मत.
मे: मगर इंजेक्षन को अंदर बाहर कों करता है?
ड्र: ये इंजेक्षन ऐसे ही काम करता है, बहुत स्पेशल है.
मे: मगर पाईं हो रहा है. आप हटाओ इंजेक्षन को.
ड्र: वैसे ही लेते रहो चुप करके.
मगर मैं अपना मूह घुमा कर देखने लगा तो मैं चौंक गया, की मेरी गांद में कोई इंजेक्षन नही बल्कि उनका 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड था. मैं बहुत खुश हो गया मगर बेचारा हो कर पूछा-
मे: ये क्या कर रहे हो आप?
ड्र: चुप भोंसड़ी के, आवाज़ नही, तुम्हे क्या लगा मुझे कुछ पता नही तुम्हारी हरकत? तुम मेरे क्लिनिक आ कर अपनी चुड़क्कड़ गांद दिखाओगे, और मैं नही जान पौँगा की खुजली क्यूँ हो रहा है? मेरा मूठ मारना देखना वो अलग.
मे: मैं कुछ समझ नही पा रहा हू.
ड्र: रंडी साली, मैं सब समझता हू. तुम चाहते थे की मैं पहले अओ तुम्हारे पास. लो मैं आ गया, अब बाकचोड़ी बंद कर.
मे: अछा तो आपको पता चल गया.
ड्र: हा बे गान्डू, तुम मुझे देख रहे थे. अगर पूच लेते तो में कब का तुम्हारी गांद की खुजली मिटा देता.
मे: आप तो देख कर भी अंधे जैसे रहे थे.
ड्र: मैं कैसे कर लेता पहले? अगर तुम बवाल मचाते तो?
मे: चलो अब छ्चोढो वो सब. अब मेरी खुजली मिटाओ आपके इस मोटे इंजेक्षन से.
ड्र: हा बे, आज तो इंजेक्षन का सारा पानी तुम्हारी गांद में छ्चोढ़ कर खुजली मिथौँगा, और रोज़ गांद मारूँगा. वाउ, तुम्हारी गांद पूरी छूट जैसी फील दे रही है बे भोंसड़ी के. आज तो तेरी गांद का भोंसड़ा बना दूँगा.
मे (गांद में अब मज़ा आने लगा): श फक मे ड्र, रंडी हू मैं, और मुझे छोड़ो.
ड्र: हा-हा तू रंडी है. तुझे आज छोड़-छोड़ के मेरे लंड का तड़प मिथौँगा.
उनकी पूरी मस्क्युलर बॉडी मेरे उपर थी, और वो जानवर की तरह मुझे छोड़ रहे थे. करीब 40 मिनिट छोड़ने के बाद उनका झड़ने वाला था. तभी मैने उनके लंड को अपने मूह में ले लिया, और उनका सारी पानी पी गया.
ड्र: तो बेटा खुजली मिटी क्या तुम्हारी?
मे: हा मगर मॅन तो और कर रहा है.
ड्र: तो चलो और करता हू.
ऐसे ही दिन भर हमारी चुदाई चलती रही. खाना भी बाहर से ऑर्डर कर दिया और हम खाते थे और चुदाई करते थे. बस उसी दिन से हमारी चुदाई चलती रही. उसके एक महीने बाद मम्मी पापा आए मगर इस एक महीने में होर रोज़ उनका मोटा इंजेक्षन जैसा लंड मैं गांद में लेता रहा.
वो अब आंटी से वीडियो कॉल कम करते थे, और मेरे से चुदाई ज़्यादा. मम्मी पापा आने के बाद भी मैं आधी रात को उनके कमरे में चला जाता था, और चुदाई करके आ जाता था. जब आंटी आती थी, तब ही अकेला सोता था, और आंटी के जाने के बाद फिरसे चुदाई.
उनके लंड की वजह से मेरी गांद और भी बड़ी हो गयी. कभी-कभी तो उनके क्लिनिक में भी हमारी चुदाई चलती थी, और जब मम्मी पापा भैया के पास रहने जाते, तो तब ड्र साहब छुट्टी लेकर रहते, और पूरा दिन छोड़ते थे मुझे.
ऐसे ही एक साल हो गया, और फिर उनका ट्रान्स्फर उनके शहर फिरसे हो गया. अब भी वो जब आते है हॉस्पिटल, तो हमारे घर रुकते है, और हमारी चुदाई होती है.
तो दोस्तों ये थी चिकू की कहानी. उम्मेड है की आपको कहानी अची लगी होगी. अपने कॉमेंट्स आप महरकरण64@गमाल.कॉम पर भेजे. धन्यवाद.