दोस्त के बाप से गांद चुडवाई लड़के ने

हेलो दोस्तों मैं कारण फिरसे आ गया हू आपके सामने एक और सेक्सी कहानी लेकर. ये कहानी मेरे एक प्रशंसक की है. उसका नाम रोहन है, जिसके बोलने पर मैं ये कहानी पेश करने जेया रहा हू. तो चलिए कहानी शुरू करते है रोहन की आवाज़ में.

मैं रोहन देल्ही का रहने वाला हू. मेरी उमर 22 साल है. मैं दिखने में चब्बी हू. मेरी गांद और छाती लड़कियों जैसी है. मेरे चलने की लचक की वजह से हर कोई मुझे लड़की ही समझता है.

अभी तक मुझे दाढ़ी मूच नही आई है, इसलिए मुझे मेरे दोस्त लोग रोहन के बदले रोहिणी बुलाते है. मुझे अछा भी लगता है, क्यूंकी मैं अंदर से खुद को लड़की ही महसूस करता हू. मेरे घर वालो को मेरा लड़की जैसा रहना पसंद नही है. इसलिए मैं अपने घर में खुल के नही रह पाता हू. मगर बाहर मैं खुल कर रह पाता हू.

सेक्स की बात करे तो मैने 19 साल के उमर में ही गांद छुड़वाना शुरू कर दिया हू. मुझे थोड़ी बड़ी उमर के मर्द पसंद आते है. लेकिन मैं डरता हू किसी बड़ी उमर के मर्द को बोलने में. इसलिए आज तक सिर्फ़ मेरी उमर के लड़कों के साथ ही सेक्स किया हू. वो भी जब मैं बाहर घूमने जाता हू तब.

क्यूंकी यहा पर मेरी फॅमिली की बहुत रेस्पेक्ट है, और मैं नही चाहता की मेरी वजह से मेरी फॅमिली को कोई नुकसान हो.

ये बात है डिसेंबर 2023 की. मेरा एक बेस्ट फ्रेंड है जिसका नाम अनिल है. अनिल और मैं दोनो ही बचपन से दोस्त है, इसलिए हम दोनो का दोनो के घर में आना-जाना लगा रहता है.

अनिल के पापा मुझे बचपन से ही ख़ास प्यार करते थे. कभी-कभी मुझे तो गोदी में बिता कर रखते थे. मैं पहले तो ज़्यादा समझ नही पाता था, लेकिन जब तोड़ा जानने लगा, तब मुझे पता चल गया की वो मेरा मज़ा ले रहे थे.

सुरेश अंकल ( अनिल के पापा) की आगे 46 है, और वो आर्मी में थे. इसलिए उनकी बॉडी बहुत ही ज़्यादा स्ट्रॉंग और मस्क्युलर थी. सीना चौड़ा, सिक्स पॅक एबेस, और डोले बिल्कुल सेक्सी थे. इसलिए जब वो मुझे छूटे थे, तब मैं भी उनकी बाहों में खो जाता था. लेकिन मेरे दोस्त के पापा थे, इसलिए मैं कभी उनपे कुछ ट्राइ नही करता था. और वो भी सिर्फ़ मुझे छूटे थे, और रुक जाते थे.

तो डिसेंबर में अनिल का मुझे कॉल आया, और मुझे वो बोला की उसकी नानी हॉस्पिटल में भारती थी शुगर बढ़ने की वजह से. तो अनिल और उसकी मम्मी को नानी से मिलने जाना था. मगर अगले दिन उसके पापा आ रहे थे, और उनके डॉगी का ख़याल रखने वाला आज कोई नही था.

तो उसने मुझे उसके घर रात को रुकने के लिए बोला. मैं भी हा बोल के उसके घर चला गया. मेरे जाने के बाद वो चले गये, और पुर घर में मैं अकेला था. मैं रात को डॉगी को खाना दे दिया, और मैं खाना खा कर नहाने चला गया. नहा कर जब मैं बाहर आया तो देखा की आंटी की निघट्य पड़ी थी बाल्कनी पे. शायद वो अंदर लाना भूल गयी होंगी.

तो मैं निघट्य ले आया, और मुझे पहनने को दिल करा. मैं तो अंदर से लड़की ही था, और आज मुझे बाहर से भी लड़की बनने का मौका मिल रहा था. तो आज मैने लड़की बनने का फैंसला किया.

मैं निघट्य पहन लिया. मेरा और आंटी का फिगर सेम ही था, तो मुझे आराम से हो गयी निघट्य. उसके बाद मैं लिपस्टिक लगाया, तोड़ा सा मेकप भी किया, और सोने चला गया. मैं सोया ही था की मुझे किसी के दरवाज़ा खोलने की आवाज़ आई. मैं तो पूरा दर्र गया की इतनी रात को कों आया था. फिर मुझे किसी के गीत गाने की आवाज़ आई.

मैं निघट्य में आंटी के कमरे में था, और कोई कमरे के पास ही आ रहा था. मैं पूरा दर्र गया था की कों आया था. तभी वो आदमी आ गया कमरे में. उसी वक़्त घर की बिजली चली गयी, और पूरा अंधेरा छा गया. मैने देखा की वो आदमी कमरे में आ कर अपनी शर्ट उतार रहा था. वो आदमी और कोई नही, बल्कि सुरेश अंकल थे.

सुरेश अंकल आज कैसे आ गये? अगर वो मुझे इस हालत में देख लिए, तो मेरी तो लाइफ बर्बाद हो जाएगी. ये सोच के मैं तो पसीने से भीग गया था. तभी मैने देखा, सुरेश अंकल पुर नंगा हो गये थे. उनकी बॉडी ज़्यादा नही दिख रही थी, मगर उनकी मर्दानगी वाली स्मेल मैं महसूस कर पा रहा था.

अंकल आ कर मेरे बगल में ही लेते थे. वो नशे में आए थे, इसलिए मुझे वो अपनी बीवी समझने लगे. मेरी निघट्य में वो अपना हाथ डाल कर मेरे बूब्स दबाने लगे, और उनका मोटा 9 इंच वाला लंड मेरी गांद में डाइरेक्ट्ली डालने लगे.

मेरी गांद खुल गयी थी, इसलिए वो उसे छूट समझ कर छोड़ना चालू कर दिए. नशे में थे, लेकिन मस्त बूब्स दबा-दबा कर छोड़ते रहे थे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन मैं चिल्ला भी नही पा रहा था, और करीब एक घंटा छोड़ने के बाद वो मेरी गांद में ही झाड़ गये और सो गये.

मैं उठ कर जल्दी से वाहा से निकल कर अनिल के कमरे में आ गया. फिर मैने अपनी पंत-त-शर्ट पहन ली. मैं पूरी रात उनके लंड और छोड़ने का सोच कर ही सो गया. सुबह जब उठा तो मैं अंकल को देखने के लिए गया, तो देखा की अंकल पुर नंगा थे, और उनका लंड अभी भी खड़ा था.

मुझसे उनका बड़ा लंड देख कर रहा नही गया, और वो नींद में थे ये समझ कर मैं उनके लंड के पास गया. फिर अपनी जीभ बाहर निकाल कर मैं लंड चाटने लगा, और चूसने लगा. वो नींद में ही सिसकारियाँ लेने लगे, और मेरा सर पकड़ कर उपर-नीचे करने लगे.

करीब 20 मिनिट चूसने के बाद उनका पानी निकालने लगा. जब मैं पी रहा था उनका पानी, तो उनकी आँखें खुल गयी. वो देख कर चौंक गये, और बोले-

अंकल: रोहन तुम यहा, और ये क्या!

मे: सॉरी अंकल प्लीज़.

अंकल: आंटी कहा है?

मे: वो तो अनिल के साथ नानी से मिलने गयी है.

अंकल: क्या, तो कल रात को आंटी नही थी क्या?

मे: हा, आंटी नही थी.

अंकल: तो वो कल रात को क्या तुम मेरे साथ थे, और मैं आंटी समझ कर तुम्हे छोड़ रहा था क्या?

मे: हा, मगर मुझे बहुत मज़ा आया आपसे छुड़वा के. प्लीज़ ये बात किसी को मत बोलिएगा.

अंकल (कुछ सोचे फिर): एक शर्त पे.

मे: क्या बोलिए?

अंकल: फिरसे छोड़ने दोगे क्या? तुम्हारी गांद तो बिल्कुल छूट की तरह ही थी, तो पता ही नही चला.

मे (खुश हो कर): ज़रूर.

ये बोल कर मैं चढ़ गया उनके उपर, और उनका लंड चूसने लगा. वो मेरे बूब्स मसालने लगे. फिर उनका लंड मेरी गांद में रख कर छोड़ने लगे पोज़िशन चेंज करके, और बातरूम में भी छोड़ने लगे. करीब 1 घंटा छोड़ने के बाद उनका पानी निकला. मैं फिरसे पानी पी गया.

मैं जब बाहर आ कर कपड़े पहन कर नाश्ता बनाने लगा, तब फिरसे वो आए, और मुझे किचन में भी लंड डाल कर छोड़ने लगे.

मे: अया, बस बस कितना छोड़ोगे? थके नही हो क्या?

अंकल: पुर 6 महीने के बाद आया हू. 6 दिन तक लगातार छोड़ूँगा तुम्हे.

फिर किचन में भी वो मुझे छोड़े. ऐसे ही पुर दिन में और टीन बार छोड़ा मुझे. अनिल और उसकी मम्मी टीन दिन बाद घर आए, और मैं टीन दिन तक वाहा रुका, और लगातार टीन दिन तक वो मुझे हर वक़्त छोड़ते रहे. हम दोनो पुर नंगे ही रहे, और चुदाई का मज़ा लेते रहे.

फिर अनिल आने के बाद वो जीतने दिन रहे, उसमे हम मौका देख कर होटेल जेया कर चुदाई करते रहे. और ऐसे ही मेरा बड़ी उमर बेल मर्द से चुदाई करना स्टार्ट हो गया. अब मैं अपनी सिटी में भी चुदाई करता हू बिना दर्रे.

तो दोस्तों ये थी रोहन की कहानी रोहन की ज़ुबानी. अगर आपको अची लगी तो महरकरण64@गमाल.कॉम पर अपने कॉमेंट भेजे. धन्यवाद…