दोस्त के पापा ने चोदा

मेरी ज़िंदगी की पहली चुदाई मेरे दोस्त के पापा ने की थी. और उस चुदाई के बाद में गांद मरवाने का शौकीन बन गया था. मेरा नाम है अरबाब और में 19 साल का हूँ.

ये स्टोरी आज से कुछ साल पहले की है. में एक चब्बी सा लड़का था मेरे मंबूब्स और गांद निकली हुई थी. मेरी गोल मटोल गांद थी और अक्सर टाइट काप्राय पहनता था तो गांद का शेप बिल्कुल सॉफ नज़र आता था. मेरा 6 इंच का लंड था और में दिन में 2-3 बार मूठ मरता था. उस टाइम पॉर्न नही देखता था बस मेरे पास एक मॅगज़ीन होती थी वो देख के मूठ मरता था.

अब स्टोरी की तरफ आता हूँ. मेरा एक दोस्त था उसके पापा हमेशा मुल्क से बाहर होते थे. मेरी कभी उसके पापा से मुलाक़ात नही हुई थी. हुआ कुछ यूँ के मेरे दोस्त की बर्तडे पार्टी थी.

में और बाकी दोस्त उसकी पार्टी में गये थे और में बिल्कुल टाइट से काप्राय पहंके गया था जिसमे मेरा जिस्म उभर के अरहा था. अब हम उसके घर पोंचे तो तब मेरी मुलाक़ात उसके पापा से हुई. 6 फ्ट का आदमी, सफैइड मूचान थी और पायट निकला हुआ था. चेस्ट के बाल शर्ट से बाहर अरहे थे.

मुझे तो देखते ही दर लग रहा था ये कों है. फिर उन्होने बताया के उनका नाम राजू है और वो मेरे दोस्त के पापा हैं. इतने सालों की दोस्ती में मेरी पहली मुलाक़ात हुई थी उनके साथ.

अब हमने दोस्त की बर्तडे सेलेब्रेट की और एंजाय किया. मेरे बाक़ी दोस्त अंदर रूम में बेते मोविए देख रहे थे. मुझे कॉल अराही थी घर से तो इस लिए में रूम से बाहर गार्डेन में बेत के बात की. बात करने के बाद में वहीं थोरी देर बेता तो देखा अंकल राजू मेरे पास चलते अरहे हैं.

अंकल राजू ने मुझसे बात करना शुरू करदी और परह वगेरा की बातें कर रहे थे.हमने 15 मिन्स बात की फिर में वापस रूम में जाने लगा. हमने मोविए देखी और फिर वहीं दोस्त के घर ही सो गये. सुबह को हमने अपने बॅग्स जिसमे काप्राय लेके आए थे वो मैने खोला तो अंदर कुछ पैसे परे थे.

पैसों के साथ एक लेटर था जिसमे लिखा था “तुम मुझे आचे लगे ये तुम्हारे लिए गिफ्ट फ्रॉम राजू” और अंकल राजू ने अपना नंबर भी लिखा हुआ था और मुझे घर जाके उनको म्स्ग करने का लिखा हुआ था. मैने ये बात किसी को ना बताई मुझे लगा बाक़ी दोस्तों को शायद बुरा ना लगे के अंकल सिर्फ़ मुझे पैसे दिए और बाक़िओं को नही.

में घर आया और अंकल को म्स्ग किया उनके नंबर पे थॅंक्स. हमने थोरी टेक्षटिंग वगेरा की और अंकल ने बताया उनको में बहोट अछा लगा सब दोस्तों में वगेरा वगेरा. फिर अंकल ने म्स्ग किया-

राजू: मेरा आइक्स्क्स्क्स स्ट्रीट में एक फ्लॅट है वहाँ हम मिल सकते थे वो खाली होता है.

मे: अंकल में कुछ समझा नही… आपको मिलना है तो में घर आ जाता हूँ.

राजू: बेटा एक चीज़ पूछूँ?

मे: एस?

राजू: अरे योउ गे?

मे: गे? ये क्या होता है?

राजू: ओह सॉरी सॉरी मुझसे ग़लती हो गयी मुझे लगा तुम गे हो इसलिए मैने तुम्हे अपना नंबर दिया… प्लीज़ इस बात को भूल जाओ और मेरी फॅमिली को ना बताना.

खैर उसके बाद मैने उनसे पूछने की ज़रूरत ना समझी. लेकिन ये चीज़ मुझे काफ़ी दिन तक खा रही थी. अंकल और मेरी टेक्षटिंग बंद हो गयी थी.

अब कुछ महीने गुज़र गये थे और में भी यह बात भूल गया था. अंकल भी वापस चले गये थे मुल्क से बाहर. उन दीनो मेरे घर वालों ने मुझे स्मर्टफ़ोने लेके दिया. मेरे पिछले फोन में तो सिर्फ़ कॉल और म्स्ग ही होते थे. अब जब नया फोन मिला तो इंटरनेट के ज़रिए मुझे पॉर्न देखने का मोक़ा मिला.

एक दिन में पॉर्न देख रहा था वहाँ मेरी नज़र पारी तो केटेगरीस में गे लिखा था. और मेरे दिमघ में अंकल राजू वाला पूरा सीन वापस आया. मैने गे पॉर्न क्लिक किया तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी. पहली बार 2 मर्दों को गांद मरवाते देख रहा था.

मुझे पहले तो अजीब लगा. लेकिन फिर वो अंकल वाली बात और खाली फ्लॅट वाली बात सोचने लगा. दिमघ में अजीब अजीब सवाल अरहे थे. आहिस्ता आहिस्ता कुछ दीनो तक मैने गे पॉर्न देखना शुरू कार्डिया. में अंकल से पूछना चाहता था के वो ये मेरे साथ करना चाहते हैं. लेकिन मुझे ये था के अगर वो हन बोलेंगे तो क्या मुझे ये करना होगा.

पहले तो मैने सोचा ये कभी नही करूँगा लेकिन आहिस्ता आहिस्ता पॉर्न देखते देखते मेरे अंदर भी ख़यालात आने लगे के अगर मेरी गांद कोई मारे को केसा फील होगा. एक दिन हिमत करके मैने व्हातसपप पे अंकल को म्स्ग किया. अंकल और मैने थोरी देर चाटिंग की.

मे: अंकल आप वापस कब आओगे?

राजू: बेटा नेक्स्ट मंत अवँगा… क्यूँ? कुछ च्चाईए तो लेके अओ?

मे: नही नही अंकल थॅंक योउ… बस इस लिए पूच रहा था के आपका फ्लॅट खाली है तो मिलें हम.

राजू: ऑश.. अछा… मुझे लगा तुम वो नही करना चाहते.

मे: असल में अंकल ई आम नोट शुवर लेकिन ई वॉंट तो ट्राइ तीस.

राजू: चलो इम मोरे तन हॅपी तो बे योउ फर्स्ट.

हमने उसके बाद काफ़ी बातें की. अंकल मुझसे मेरी फेवोवरिट गे पॉर्न वीडियो माँगते थे और में बेझ देता था. आहिस्ता आहिस्ता सेक्षटिंग तक बात गयी. फिर हमने एक दोसरे को न्यूड पिक्स भेजना शुरू करदी. अफ अंकल का लंड 8.5 इंच का था. फिर हम वीडियो चाटिंग करने लग गये और वीडियो कॉल पे मूठ मरते थे.

ऐसे एक महीने गुज़र गया और अंकल के वापस आने का टाइम आ गया. अंकल ने मुझे बता दिया था वो किस दिन अरहे हैं. जब वो एरपोर्ट पोंचे तो वहाँ से टॅक्सी लेके सीधा फ्लॅट चले गये. मुझे कॉल करके फ्लॅट का अड्रेस बताया और बुला लिया. में वहाँ गया. फ्लॅट बिल्कुल एक रंडी खाने की तरह बनाया हुआ था. शराब का बार भी था और डिस्को लाइट्स वगेरा और चुदाई के लिए बेड्स.

अंकल: तुम 2 दिन मेरे साथ यहीं गुज़रो… घर पे कोई बहाना करदो.

मे: अंकल ये पासिबल नही होगा.

अंकल: प्लीज़ कार्लो ना देखो मैने घर पे ये बोला है के 2 दिन बाद आओँगा और में तुम्हे एंजाय कारवओंगा.

मे: ओक अंकल ट्राइ करता हूँ.

मैने घर पे बात की और बरी मुश्किल से इजाज़त मिल गयी अपने एक दोस्त के घर रुकने की. मैने दोस्त को कॉल करके बोलडिया के में कहीं काम से जा रहा हूँ और घर वालों को ये बोला है के तुम्हारे पास रुक रहा हूँ. अंकल ने खाना ऑर्डर किया और हमने खाना खाया. अंकल और मैने थोरी देर टीवी देखा. में शरम से बेता हुआ था के कुछ स्माज नही आ रहा था. अंकल मुझे रिलॅक्स करना चाह रहे थे.

फिर अंकल मेरे करीब आके बेत गये. मेरी थाइ पे हाथ रब करने लगे तो मेरा लंड टाइट हो गया. अंकल ने मेरा लंड पाकर लिया और उपर उपर से रब करने लगा. मेरी शर्ट में हाथ डालके मेरे निपल्स दबाने लगे. अफ क्या मज़ा अरहा था. अंकल ने मुझे खींच के अपनी गौड़ में बेता दिया.

अंकल: किस करूँ?

मे: ह्म

अंकल मेरे करीब हुए और होन्ट होंतों पे रख दिया. अफ मेरी पहली किस. और इतना मज़ा आया वो मेरे होन्ट जानवर की तरह चूस रहे थे. अंकल पीछे से मेरी गांद दबा रहे थे और थापर मार रहे थे. मेरी शर्ट निकल दी और मेरे निपल्स पे ज़बान फेरने लगे. मुझे अंकल का हार्ड लंड फील हो रहा था गांद पे.

अंकल ने मुझे उठाया और बेडरूम में ले गये. वहाँ मेरी ट्राउज़र भी निकालडी. और अब में शरम से डूब रहा था में अंकल सामने बिल्कुल नंगा लेता हुआ था. फिर अंकल ने अपने काप्राय उतरे.

उनका लंड जेसे अंडरवेर से निकल अफ में तो एग्ज़ाइटेड हो गया था. अंकल मुझे करीब आने का इशारा दिया और चूसने का बोला. मैने पहले लंड का टोपा छाता. उनका प्रेकुं काफ़ी टेस्टी था.

फिर मैने मूह खोलके लंड चूसना शुरू कार्डिया. बहोट लंबा लंड था मूह में फिट ही नही हो रहा था. मैने 20-25 मिन्स लंड चूसा और मेरी जॉ में दर्द होने लग गया. हमने फिर सकिंग रोकी और अंकल ने मुझे डोग्ग्स्त्यले पोज़िशन में सेट किया. अंकल अपने बाग से लूबे की बॉटल लाए और मेरी गांद के होल पे लगा दिया और अपने लंड पे भी.

मे: अंकल ये क्या लगा रहे हो बहोट ठंडा ठंडा है..

अंकल: बेटा ये लूबे है इससे आराम से जाएगा और दर्द कम होगा.

मे: दर्द होगा क्या?

अंकल: हन तोरा सा होगा लेकिन तुम बर्दाश्त करना ठीक है.

फिर अंकल ने सही से लूबे लगाया फिर अपना लंड मेरे होल पे सेट किया. अंकल ने तोरा ज़ोर दिया और लंड फिसल गया. काफ़ी फिसल रहा था, आख़िर अंकल का टोपा अंदर घुसा और मुझे ज़ोर दर दर्द हुआ. में चीख परा. अंकल ने मेरी वेस्ट टाइट्ली पाकर ली और मुझे हिलने नही दिया.

मे: उफ़फ्फ़.. आआए… अंकल.. प्लीज़ निकालो… मुझे बहोट दर्द हो रहा है…

अंकल: बस बेटा यही दर्द था अब और नही होगा बस बर्दाश्त करो फिर मज़ा ही मज़ा.

अंकल ने वेस्ट किया जब तक मेरा दर्द कम हुआ. फिर अंकल ने आहिस्ता आहिस्ता लंड अंदर करना शुरू किया. मुझे जब दर्द होता वो रेस्ट देते थे और आहिस्ता आहिस्ता करके लंड घुसते गये.

काफ़ी देर बाद फाइनली उनका पूरा लंड मेरी गांद में घुस गया और मेरी गांद अब खुल गयी थी. अंकल ने लंड निकाला और मेरे होल में लूबे डाला. फिर वापस लंड सेट किया और एक ही झटके में पूरा घुसा दिया. मेरी फिर से चीखाईं निकल गयी. मेरे अनसौन निकल गये और में बेड पे गिर गया. लेकिन अंकल तो अभी शुरू हुए थे. अंकल ने उछाल उछाल के छोड़ना शुरू कार्डिया.

शुरू के 15-20 मिन्स चुदाई के कुछ समाज नही अरहा था मुझे इतना ज़्यादा दर्द हो रहा था. लेकिन फिर अंकल ने पोज़िशन चेंज की और मेरी टाँगें उठा दी. अंकल ने स्पीड से झटके मारना शुरू कार्डिया. अब दर्द कम हो गया था और आहिस्ता आहिस्ता मज़ा अरहा था जेसे लंड अंदर जा रहा था.

काफ़ी देर की चुदाई के बाद असल मज़ा आने लगा. मेरा लंड भी टाइट हो गया और जिस्म कांपना शुरू हॉगया. अंकल भी स्माज गये के में फारिघ् होने वाला हूँ और अंकल ने स्पीड से चुदाई शुरू करदी. अफ क्या मज़ा आया…

10 मिन्स तक ऐसा लगा के जिस्म में करेंट दौर रहा हो. फिर मेरे लंड से कम शूट होने लगा और उरता चेस्ट पे गिर गया. अंकल भी फारिघ् होने वेल थे और मुझे किस करने लगे और स्पीड से झटके मरने लगे. 5 मिन्स बाद मुझे गांद में उनका गरम गरम पानी फील हुआ. मेरी गांद इतनी खुल गयी थी के जेसे अंकल ने लंड निकाला पूरा उनका कम बहने लगा.

अंकल: मज़ा आया?

मे: ह्म लेकिन पहले दर्द बहोट हुआ.

अंकल: पहले होता है मेरी जान अब नही होगा.

मे: आप फिरसे करोगे? हन 2 दिन तुम्हारे पूरे मज़े लूँगा.

अंकल: बोलो तो और लोगों को भी बुलाओं और मज़ा देंगे तुम्हे?

मे: नही अंकल बस आप और में.

अंकल बाद हमने तोरा रेस्ट किया फिर अंकल ने छोड़ा. फिर थोरी देर रेस्ट करके फिरसे छोड़ा. ऐसा रात के 12 तक मेरी 4-5 बार गांद मार चुके थे. मुझसे तो चला भी नही जा रहा था.

अगले दिन मुझसे पूछे बगैर अंकल ने अपने 3 दोस्त बुला लिया. फिर क्या मुझे उनके लंड चूसने परे और गांद में लेने परे. मैने 2 दिन में इतनी बार चुडवाया के मेरी गांद पूरी खुल गयी थी. अंकल की कम हर वक़्त मेरी गांद में भारी हुई होती थी.

2 दिन बाद में भी घर गया और अंकल भी अपने गये. अंकल 2 महीने तक रुके थे और वो 2 महीने मैने बहोट चुडवाया. अंकल ने अपने फ्लॅट की चाबी भी मुझे डेडी जहाँ उनके दोस्तों के साथ मिलता था या किसी ऑनलाइन फ्रेंड को वहाँ ले जाता और सेक्स करता था. मैने बहोट चुडवाया और तब से अभी तक बहोट गांद मरवाई है मैने.