प्यार का तोड़ा-तोड़ा एहसास हुआ

हेलो दोस्तों, मैं कारण फिरसे आ गया आपके लिए एक नयी कहानी लेकर. मैं आशा करता हू की हर बार के तरह इस बार भी आप मेरी कहानी को खूब प्यार देंगे. ये कहानी है अंश और सुमीत की. तो चलिए कहानी शुरू करते है.

अंश और सुमीत दोनो ही बचपन से दोस्त है. आक्च्युयली सुमीत 2 साल बड़ा है अंश से. लेकिन उन दोनो के पेरेंट्स दोस्त है, इसलिए सुमीत भी दोस्त है अंश का. अंश सुमीत को कभी भी भैया नही बुलाता है, मगर सुमीत अंश के सामने भैया जैसे हमेशा खड़ा रहता है.

जब ये दोनो बड़े होने लगे, तब उनकी अपनी चाय्स अलग होने लगी. सुमीत को खेल में इंटेरेस्ट बढ़ने लगा. वो स्पोर्ट्स में ध्यान देने लगा, जब की अंश का खाना बनाने और घर के कामो में शौंक बढ़ा.

सुमीत के अंदर मर्दानगी जैसी बॉडी दिखनी शुरू हुई, मगर अंश बिल्कुल लड़की जैसे दिखने लगा. जैसे उसके बूब्स दिखे थोड़े और उसकी गांद उभर कर निकली, और उसकी चाल भी लड़की जैसी होने लगी.

अंश के लड़की जैसे शरीर और लड़की जैसी हरकतें और काम-धाम सब देख कर उसको सब चिढ़ते थे. मगर वाहा पर सुमीत आ कर सब की बोलती बंद कर देता था. सुमीत सब के सामने तो नही, मगर जब अकेला होता था तब अंश को चिढ़ता था. जैसे की उसकी गांद पर थप्पड़ मार देना, अंश की पतला कमर को चींटी काट देना ऐसा. मगर अंश को ये अछा लगता था, तो वो गुस्सा नही होता था.

ऐसे ही चल रहा था दोनो का, और इसमे अंश को 19 साल और सुमीत को 21 साल हो गये थे. सुमीत तब इंजिनियरिंग करने दूसरी सिटी चला गया था, और अंश भी उसी कॉलेज में इंजिनियरिंग जाय्न हुआ. पिछले 2 साल से सुमीत सिर्फ़ 4 बार ही घर आया था, और उसमे सिर्फ़ एक बार ही एक दिन के लिए ये दोनो घूमने गये थे.

पहले तो सुमीत डेली फोन पर बात करता था, मगर 3 महीने बाद वो बात करना बंद कर दिया था. इसलिए अंश तोड़ा नर्वस था की अब उन दोनो की दोस्ती कैसे रहेगी. क्यूंकी अब दोनो ही बड़े हो गये थे.

सुमीत फ्लॅट में अकेला रहता था. इसलिए अंश भी उसके साथ रहने के लिए उनके घर में बोला. सुमीत भी हा कर दिया. फिर अंश जब गया, तो उसके साथ दोनो के पेरेंट्स भी गये सुमीत से मिलने, और थोड़े दिन रुक कर आने के लिए.

अंश गया, और उसका अड्मिशन हो गया आराम से. फिर कुछ दिन तक सब घूमे और एंजाय किए. फिर इन दोनो को बोल कर इनके पेरेंट्स आ गये. अब सिर्फ़ ये दोनो ही थे फ्लॅट पे. दोस्तों अब आएगा इनकी कहानी का असली रंग. तो चलिए मैं बताता हू आयेज की कहानी.

सुमीत का 3र्ड एअर चल रहा था जब की अंश का फर्स्ट एअर था. उन दोनो की अलग बिल्डिंग में क्लास होती थी. सिर्फ़ कॅंटीन में ही दोनो मिलते थे. जब फ्लॅट पे आते थे, तब देर रात को सुमीत आता था. तो कभी-कभी सुबह सिर्फ़ खाने के टाइम में ही दोनो थोड़ी बहुत बात किया करते थे. सुमीत अब पहले के जैसे अंश से मस्ती नही करता था.

ऐसे ही 15 दिन हो गये थे. सनडे था तो अंश चला गया था मार्केट से समान लाने. रात को जब वो घर आया तो देखा की घर में पार्टी चल रही थी. सुमीत के बहुत सारे फ्रेंड्स आए थे, और दारू पी रहे थे, और खाना खा रहे थे. सुमीत ने अंश को सबसे मिलवाया. तब टीन दोस्तों ने बोला श तो ये है अंश, जिसको….

तब सुमीत ने उसको चुप करवा लिया. अंश ने भी इतना ध्यान नही दिया. सब एंजाय किए और चले गये. सुमीत भी बहुत पी लिया था, तो वो सो गया. अंश सब सॉफ किया और आधी रात हो गयी उसको सोने में.

सुमीत जब सुबह उठा तो देखा की घर पूरा सॉफ था, और अंश नाश्ता बना कर चला गया था कॉलेज. सुमीत को तोड़ा दुख हुआ की उसकी पार्टी की वजह से अंश को मेहनत करनी पड़ी. जब अंश कॉलेज आ कर रात के लिए खाना बना रहा था, तब सुमीत पहले बार जल्दी आया घर, और किचन में अंश से मिलने चला गया.

अंश: मेरे यहा आने के बाद पहली बार तुम जल्दी आए हो.

सुमीत: आक्च्युयली तुम्हे थॅंक्स बोलना था.

अंश: किस लिए?

सुमीत: कल तुम सॉफ कर दिए पार्टी का, इसलिए.

अंश: हम साथ रहते है, और तुम्हारे फ्रेंड्स मतलब मेरे भी फ्रेंड्स.

सुमीत तोड़ा खुश हुआ, और दोनो ही मिल कर खाना बनाने लगे.

अंश ने उसको बोल दिया: इस बार फिरसे उन फ्रेंड्स को बुलाओ, मैं सब तैयारी कर दूँगा.

सुमीत ने शनिवार को फिरसे बुलाया अपने दोस्तों को, और इस बार अंश सब तैयारी करके रखा था. जब सब को चढ़ि हुई थी, तब सुमीत के दोस्त सुरेश ने बोला अंश को-

सुरेश: यार अंश, तुम बिल्कुल लड़की तरह ही पूरा घर सज़ा दिए. वरना सुमीत तो कुछ नही करता था.

अंश: मेरा शौक है घर सजना.

सुरेश: तुम तो दिख भी रहे हो लड़की तरह. तुम सच में लड़के हो ना, या लड़के कू तरह सिर्फ़ ड्रेस पहने हो?

तभी सुमीत को गुस्सा आ गया और उसने सुरेश को एक थप्पड़ लगा दिया. दोनो में झगड़ा हो गया, और सब रोकने चले आए. पार्टी यहा पे ख़तम हो गयी. सब के जाने के बाद अंश ने सुमीत को बोला-

अंश: उसको थप्पड़ क्यूँ मारे?

सुमीत: देखा ना कैसा बोल रहा था वो?

अंश: पहले भी मेरे साथ हो चुका है और वो मज़ाक कर रहा था. तुम इतने सीरीयस तो नही हुआ करते थे.

सुमीत: तुम कुछ नही समझ रहे हो. तुम्हे पता है मैं क्यूँ तुमसे बात नही कर रहा था?

अंश: क्यूँ बोलो?

सुमीत: क्यूंकी सब ऐसे ही मुझे चिढ़ने लगे की ये लड़की है क्या इसके साथ इतना बात कर रहे हो. इसलिए मैं बात करना बंद कर दिया.

अंश: उन्होने कुछ बोला, इसलिए तुम मेरे से बात करना क्यूँ बंद किए? इतने साल की दोस्ती इतनी कमज़ोर थी क्या?

ये बोल कर अंश अपना कमरा बंद कर दिया जेया कर. सुमीत दरवाज़ा खटखटाया, मगर अंश नही खोला. अंश जब सुबह उठा तो देखा की सुमीत उसके कमरे के बाहर ही सो गया था, तो अंश धीरे से ही कॉलेज चला गया. सुमीत जब उठा तो देखा की कोई नही था. वो समझ गया की उसने बड़ी ग़लती कर दी थी. अब उसे वो ग़लती सुधारनी होगी.

जब अंश घर आया तो देखा की सुमीत ने पूरा सॉफ करके घर को और अछा खाना बना के टेबल पर सज़ा दिया था. वो अंश के पास चला गया.

सुमीत: सॉरी यार, मुझे माफ़ कर दो.

अंश: मुझे नही सुरेश से माफी माँगो.

तब सुमीत सुरेश को कॉल करके माफी माँगता है, और फिरसे सब दोस्तों को खाने पे बुलाता है. फिर सब झगड़े को भूल कर पहले की तरह मस्ती करते है.

तो आयेज कैसे उनके बीच प्यार का एहसास होता है ये आप जाँएंगे अगले पार्ट में. मैं उमीद करता हू की आपको ये कहानी बहुत अची लगेगी. तो कहानी कैसी लगी मेरी ई’द महरकरण64@गमाल.कॉम पर अपना कॉमेंट भेजे ज़रूर. धन्यवाद.