ही, मेरा नाम महक (ओरिजिनल नाम मोहित है, क्यूंकी बाइ बर्त मैं एक लड़का हू) है, और मैं एक गे क्रोस्स्द्रेससेर हू. मेरी आगे 32 यियर्ज़ है. हाइट 5’7″ आंड रंग गोरा है. मैं पुंजब इंडिया का रहने वाला हू, और काफ़ी टाइम से फ्रॅन्स में रह रहा हू.
मैं बचपन से ही लॅडीस की तरह सोचता था. मेरा मॅन हमेशा लड़कियों की तरह रहने को, कपड़े पहनने को, मेकप करने को रहता था. बुत मैं एक रूरल फॅमिली से हू, सो वाहा ऐसी सोच रखना एक जुर्म होता है. सो मैं अपनी फीलिंग्स को अंदर ही अंदर च्छूपा के रखता.
लेकिन फिर भी मैं चोरी-चोरी अपनी मा के कपड़े पहनता. उनका मेकप लगा के शीशे में देखता. उनकी पनटी और ब्रा पहनता. मुझे बहुत अछा फील होता. दिल करता की एक-दूं से लड़की बन जौ. लेकिन इंडिया में रह के इसके आयेज नही बढ़ सका. फिर किस्मत खुली और 22 यियर्ज़ की आगे में मैं स्टडी करने पॅरिस [फ्रॅन्स] आ गया. ये मेरी ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत तुर्न था.
मैं आज़ाद हो गया, और खूब सारे लॅडीस कपड़े लिए, अंडरगार्मेंट्स लिए, मेकप लिया. रोज़ रात को घर आके मैं एक लड़की की ज़िंदगी जीटा. लड़की की ड्रेस में मैं अपने आप को देखता रहता. अब तक मैं अकेला रहता था, सो मुझे अकेला-पन्न फील होने लगा. सेक्स करने की आग मेरे अंदर आउट ऑफ कंट्रोल हो गयी. लेकिन कोई मिल नही रहा था मेरे टाइप का.
रोज़ रात को गांद में आयिल लगा के गाजर डाल कर अपने आप को शांत करता. बुत मेरा जिस्म इससे कुछ और ज़्यादा माँग रहा था. मेरा मूह लंड ढूँढ रहा था, जिसे मूह में लेके मैं चूसना चाहता था. गांद की सील तुड़वाना चाहता था.
फिर किस्मत खुली एक दिन जब मैं ट्रेन में रकीब को मिला. उसकी 28 आगे और हाइट 5 फीट 9 इंच थी. सावला रंग, बहुत अट्रॅक्टिव, और कोलकाता का रहने वाला था. इंडियन होने की वजह से हमने एक-दूसरे से ही-हेलो की, और नंबर एक्सचेंज कर लिया. फिर धीरे-धीरे बातें हुई, और मुलाक़ातें शुरू हो गयी.
वो भी अकेला रहता था. लेकिन अभी तक उसे मेरी सेक्षुवालिटी के बारे और मुझे उसकी पसंद के बारे में नही पता था. एक दिन उसने ईव्निंग को कहा उसके घर के ओनर ने उसे घर से निकाल दिया था किसी रीज़न से, तो क्या थोड़े दिन मेरे साथ रह सकता था.
मैं तो यही चाहता था, सो मैने उसे उसी टाइम एस कह दी. फिर उसे घर आने को कहा. मैने उसी पल सोच लिया की अब उससे मैं अपनी फीलिंग शेर करूँगा, और मैं अपनी सेक्षुवालिटी हाइड नही कर सकता. उसके आने से पहले मैने पूरी तैयारी कर ली, कपड़ो के नीचे लॅडीस अंडरगार्मेंट पहन लिए. पुर बॉडी के हेर्स रिमूव करके चिकना कर लिया.
ईव्निंग को डोर की बेल बाजी. मैने दरवाज़ा खोला. ब्लॅक शॉर्ट्स और वाइट त-शर्ट में उसकी लुक एक-दूं एंड थी. मेरा खुद पे कंट्रोल ख़तम हो रहा था. हमने अंदर आके खाना खाया और कुछ टाइम बातें की. फिर सोने के लिए बेड पे चले गये. एक बेड होने की वजह से हम एक ही बेड पे सोने के लिए लेट गये.
मैं अपनी फीलिंग्स उसे बताना चाहता था, लेकिन हिम्मत नही हो रही थी. सो सोने का ड्रामा करने लगा. थोड़े टाइम बाद मैने फील किया के मेरी गांद पे हल्की-हल्की सी हाथो की टचिंग हो रही थी. मैं समझ गया की किस्मत खुलने वाली थी. लेकिन फिर भी मैने सोने का ड्रामा किया.
फिर उसने अपना हाथ मेरी चेस्ट पे लाके मसलना शुरू किया. उसने फील कर लिया की नीचे ब्रा थी. बस फिर क्या था.
उसने कहा: मोहित मैं तेरे लिए ही तेरे घर आया हू.
मैं एक-दूं शॉक से उसकी तरफ करवट ले कर मूड गया.
मैने कहा: तुझे कैसे पता चला के मैं गे हू?
उसने कहा: मैने नोट किया जब हम मिलते है, तेरा ध्यान मेरे होंठो और लंड की तरफ रहता था. और तेरी एमाइल ईद पे महक नाम है.
हाए! मैं समझ गया था की ये कोई खिलाड़ी है.
मैने कहा: हा मेरा नाम महक है, और मुझे तू पसंद है, और मैं सिर्फ़ गे ही नही क्रोस्स्द्रेससेर भी हू.
उसने कहा: दिखाओ, मैं तेरा हुस्न देखु.
फिर क्या था, मैने धीरे से शॉर्ट्स उतरा. पिंक कलर की पनटी में उसके सामने बैठ गयी. फिर क्या था, सब आउट ऑफ कंट्रोल हो गया. रकीब टूट पड़ा मेरे उपर. अपने हाथो से मेरी त-शर्ट उतार दी, और पिंक कलर की सेक्सी ब्रा में देख के मुझे कहने लगा-
रकीब: तुम तो सेक्सी लड़कियों को भी पीछे छ्चोढ़ रही हो.
मैने कहा: पहले दिन से ही मैं तेरी बनने को तैयार थी. अब से मैं तेरी हू. आजा ये रात को यादगार बनाते है.
ये सुनते ही उसके लिप्स मेरे लिप्स के उपर आ चिपके, और मैने अपनी ज़िंदगी के पहली किस का मज़ा लेना शुरू किया. वो तो जानवर बन गया, और मेरे होंठो को ऐसे चूसने लगा जैसे फूल से मधुमाखी रस्स लेती है. हाए मेरी पूरी बॉडी में आग सी लग गयी. मेरे अंदर की लड़की पुर जोबन पे आ गयी.
धीरे-धीरे वो मेरी ब्रा उतार के मेरे छ्होटे-छ्होटे बूब्स चूसने लगा. हाए मैं तो स्वर्ग में पहुँच गयी.
उसका दांतो से धीरे-धीरे मुझे काटना मुझे किसी और ही दुनिया में ले गया. अब मैने धीरे से रकीब के शॉर्ट्स को उतरा और अंडरवेर में हाथ डाल कर पहली बार ज़िंदगी में रियल में किसी और के लंड को टच किया.
उसका लंड 6 इंच बड़ा होगा और मोटा था. मेरे लिप्स और हाथ अब कंट्रोल से बाहर थे. मैने रकीब को कहा-
मैं: अब मुझे मेरी ख्वाहिश पूरी करने दे.
वो समझ गया की अब नैन क्या चाहती थी. वो अंडरवेर और त-शर्ट उतार के लेट गया. मेरे अंदर की रंडी औरत अभी कंट्रोल से बाहर थी. उसका खड़ा लंड देख तो मैं दर्र गयी की हाए ये तो मेरी गांद की सील ही नही सारी की सारी गांद फाड़ देगा. पर रंडी की आत्मा जो मेरे अंदर थी, वो टूट पड़ी उसके लंड पर. मून में ले कर मानो मेरी ज़िंदगी का सपना पूरा हो गया.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा.