वो कहनी लगी: मेरी फॅंटेसी है की मैं लंड पे राइड करू.
फिर मैने कहा: अभी नही कर पावगी. तुम वर्जिन हो, पहले नॉर्मली मिशनरी में कर लेते है. आप वो बाद में कर लेना.
लेकिन वो मेरी बात नही मानी. फिर मैं लेट गया. वो लंड अपनी छूट में डालना चाही, बुत गया नही. उन्हे पाईं भी बहुत हुआ.
फिर मैने बोला: मैने कहा था ना आपको. अब आओ नीचे, और पहले मेरे लंड को रेडी कर दो आप.
फिर उन्होने नीचे आके मेरे लंड को मूह लेके चूसा. उन्होने पूरा लंड गीला कर दिया. फिर वो मेरे सामने लेट गयी, और अपनी टांगे फैला दी. मैं लंड को उनकी छूट के उपर घिस रहा था. वो रिक्वेस्ट करने लगी की प्लीज़ डाल भी दो अब.
फिर उन्होने मेरे लंड को अपनी छूट के च्छेद पे सेट किया. मैने लंड पकड़ अंदर पुश किया, लेकिन वो फिसल के उपर चला गया. फिर मैने उन्हे छूट को फैलने को कहा. उन्होने छूट फैलाई. मेरा जैसे ही टोपा अंदर गया, उन्हे बहुत पाईं हुई. फिर मैने झटका देके अंदर डाला. वो दर्द से चिल्लाने लगी-
दीदी: अफ, मॅर गयी, छ्चोढो. मुझे नही छुड़वाना. बहुत दर्द हो रहा है.
वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी. बुत मैने लंड अंदर ही रखा, और उन्हे किस करने लगा. इस बीच मैने एक और झटका मारा, और मेरा पूरा लंड उनकी छूट में घुस गया. अब उनकी आँखों में आँसू थे.
मैं उन्हे लगातार किस कर रहा था. वो चिल्लाना चाहती थी, बुत चिल्ला नही पा रही थी. उनकी सील टूट चुकी थी, और ब्लड आ रहा था बाहर. बुत अभी तक वो ब्लड देखी नही थी शायद, उन्हे पता नही चला था. फिर मैं वैसे ही शांत रहा उनके उपर, और उन्हे किस करने लगा.
मैं उनके बूब्स मसल रहा था, और उन्हे चूस रहा था, नेक पे किस और बीते कर रहा था. फिर वो गरम हुई, और अपनी कमर उठाने लगी. मैं भी धीरे-धीरे छोड़ने लगा. अब भी दर्द से हालत खराब थी उनकी, बुत अभी मज़ा भी आ रहा था उन्हे.
फिर उनका दर्द कम हुआ, और वो अपनी कमर उठाने लगी. उन्हे मज़ा आने लगा. मैने भी अपनी स्पीड बधाई. अब वो मज़े लेके चूड़ने लगी और मोन करने लगी. मैं भी अब मज़े में छोड़े जेया रहा था. वो मोन कर रही थी-
दीदी: आहह छोड़ो मुझे, कब से ये छूट तुम्हारे लंड के लिए तरस रही थी. अब इसे बाहर नही निकालना, बस छोड़ते जाओ.
मैं भी बोला: ले मेरी चुड़क्कड़ रानी, और ले.
वो कहनी लगी: बहुत मज़ा आ रहा है, और तेज़ छोड़ो. फाड़ दो मेरी छूट.
करीब 10 मिनिट बाद वो झाड़ गयी. उनकी छूट से निकला गरम पानी मुझे और एग्ज़ाइट कर रहा था. मैं छोड़े जेया रहा था. पूरा रूम उनकी और चुदाई की आवाज़ से गूँज रहा था. तकरीबन 20 मिनिट बाद मैं आने वाला था.
मैने कहा: मेरा आने वाला है.
वो कहने लगी: मेरे मूह में देना प्लीज़, मुझे इसका टेस्ट बहुत अछा लगा.
फिर मैं लंड निकाल कर उपर गया, और लंड उनके मूह में दिया. फिर पूरा पानी उनके मूह के अंदर दे दिया. वो सारा पानी पी कर मेरा लंड चूसने लगी, और फिर तक कर मेरे बगल में लेट गयी.
फिर मैने उसे दोबारा किस करना स्टार्ट कर दिया. मैं उसको उपर से नीचे किस करने लगा.
वो मुझसे कहने लगी: अब और मत करो, मुझे दर्द हो रहा है.
मैने कहा: अर्रे आजा मेरी रानी, तुझे लंड पे बिता के सैर करवाता हू.
ये सुनते ही वो रेडी हो गयी.
वो कहती: ये मेरी कब से फॅंटेसी है.
मैने कहा: आजा, तो मेरे लंड को तैयार कर दे आचे से.
फिर मैं लेट गया. वो मेरा लंड दोबारा मूह में लेके चूस रही थी. इस बार तो और आचे से चूस रही थी. बिल्कुल किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह चूस रही थी मज़े से. फिर 5 मिनिट बाद वो बोली-
दीदी: अब डाल दो.
फिर वो आई, और मेरे उपर बैठ कर अपनी छूट में लंड सेट कर रही थी. पर छूट इतनी टाइट थी की लंड अंदर जेया ही नही रहा था. बहुत कोशिश की, फिर भी नही गया. इससे वो उदास हो गयी.
मैं बोला: रूको, तुम पहले सीधी लेट जाओ.
जब वो लेट गयी, तब मैने छूट में लंड डाल दिया. इस बार भी उसे दर्द हुआ, बुत कम हुआ था.
फिर मैने उससे कहा: अब सीधे हो जाते है.
इससे वो कॉवगिरल पोज़िशन में आ गयी. वो जैसे ही कॉवगिरल पोज़िशन में आके देखी की लंड उसकी छूट में था, वो बहुत खुश हुई. फिर वो लंड के पर उछालने लगी, बुत स्लो थी. मैं भी अब नीचे से झटके देने लगा. शुरू में उन्हे दर्द हुआ, लेकिन फिर मज़ा आने लगा.
अब वो तेज़-तेज़ उछाल के मज़े ले रही थी. मैं भी नीचे से झटके लगा रहा था. इस बीच लंड बाहर आ गया, और वो दुखी हुई की फिर नही जाएगा.
मैने फिर उन्हे कहा: एक बार ट्राइ कर लो, शायद इस बार चला जाए.
और वही हुआ, इस बार छूट में लंड आराम से चला गया. अब उन्हे और मज़ा आने लगा. वो अब और तेज़ी से मोन कर रही थी.
दीदी: आहह ह छोड़ो, फक मे बेबी, और तेज़ करो ना, और तेज़, और तेज़. ओह मी गोद, फक आह बेबी फक मे हार्डर, अफ आअहह.
ये सब करते वो 15 मिनिट में तक गयी. बुत मेरा खड़ा हुआ था. फिर मैने उससे बेड में डॉगी स्टाइल में किया, और उनकी छूट में लंड डाला. करीब आधे घंटे छोड़ने के बाद वो बेड पे गिर गयी. मैं वैसे ही छोड़ता रहा. अगले 10 मिनिट में मेरा आने वाला था. उन्हे मैने बताया तो कहने लगी-
दीदी: इस बार मुझे मेरे पुर फेस पे देना, अंदर मूह में नही देना.
फिर मैने उनका फेस पूरा मेरे पानी से भर दिया. टाइम देखा तो सुबह के 4:30 हो रहे थे. हम नंगे ही सो गये. सुबह वो मुझे उठाई और मुझे देख के शर्मा रही थी. मैं नंगा ही था, और वो कपड़े पहने हुई थी. मैने फिरसे उनके कपड़े उतार दिए और कहा-
मैं: जब हम अकेले होंगे, घर पे कोई कपड़ा नही पहनेगा.
जब तक घर वाले नही आए, तब तक हम दोनो रात दिन चुदाई किए घर के हर एक कोने में. हमने हर एक पोज़िशन में चुदाई की. अब हमे जब मौका मिलता हम दोनो सेक्स कर लेते.
तो दोस्तों आप सभी को कैसी लगी ये स्टोरी मुझे मैल करके ज़रूर बताए. और किसी भी लड़की, भाभी या आंटी को सेक्स करना है, तो आप सब भी मुझे मैल कर सकते है. मैं सब की प्राइवसी पे बहुत ख़याल रखता हू.