बदले का खेल प्यार के रास्ते पर

जब रियांश ने रोहित को बोला की सिड ने उसके साथ क्या करने की कोशिश की, तो रोहित ने रियांश को जॉब छ्चोढने की सलाह दी. मगर रियांश हालात के चलते जॉब नही छ्चोढना चाहता था. अब आयेज-

उस वक़्त सिड आ गया उन दोनो के पास और उन दोनो को काम को छ्चोढ़ के बात करने के लिए बहुत दांता. तभी रियांश बोला-

रियांश: हम अपना काम ही कर रहे है.

सिड (रियांश के क्लोज़ आ कर): काम कर रहे हो तो आवाज़ क्यूँ आ रही थी?

रियांश: हम डिसकस कर रहे थे.

सिड: ठीक है, तो कल का फाइल अगर एक घंटे में पूरा नही हुआ, तो, फिरसे गाली सुने के लिए रेडी हो जाओ.

अब रियांश टेन्षन में आ गया की कल का फाइल इतने कम वक़्त में वो कैसे पूरा करेगा. जब एक घंटा हो गया, फिर सिड फिरसे उसके पास आया.

सिड: फाइल हो गया क्या?

रियांश: इतनी जल्दी नही हो पाएगा.

सिड: अगर बात करोगे तो कैसे होगा काम?

रियांश: हम बात नही कर रहे थे.

सिड: ठीक है, जब डिसकस करके भी काम नही कर पाए तो आज की हाफ दे की सॅलरी तुम दोनो की कटेगी.

तब रियांश और रोहित दोनो ही शॉक में आ गये. लेकिन तभी रियांश ने बोला-

रियांश: सॅलरी क्यूँ काटेंगे?

सिड: क्यूंकी काम नही पूरा किए.

रियांश: ठीक है तो मेरी सॅलरी काट लो. क्यूंकी मैं बात कर रहा था.

सिड: ठीक है तो तुम्हारी पूरी सॅलरी कटेगी आज की.

रोहित: नही सिर ऐसा मत कीजिए, हम दोनो की हाफ दे की काट लीजिए.

रियांश: मुझे मेरा मंज़ूर है. अब पुर दिन की सॅलरी काट ही लिए हो तो मैं घर चला जाता हू.

ये बोल कर वो चला गया. लेकिन सिड और भी गुस्सा हो गया की उसके मूह पर रियांश कैसे जवाब दे सकता था. अब रियांश बस स्टॅंड आ गया, लेकिन वो घर जाने की हिम्मत नही कर पा रहा था. क्यूंकी घर जाएगा तो सब उसको लेकर टेन्षन में आ जाएँगे. इसीलिए रियांश पूरा दिन बस स्टॅंड के पास ही बैठा रहा.

जब शाम को सिड अपनी कार से ऑफीस से निकला, तब उसने रियांश को अभी भी बस स्टॅंड के पास ही देखा, और सोचने लगा की ये लड़का अभी भी क्यूँ रुका था. लेकिन वो ध्यान इतना ना देकर निकल गया. उसके अगले दिन सिड ने रियांश को अपने कॅबिन पे बुलाया और बोला-

सिड: तुम कल घर जाने के बजाए बस स्टॅंड पर क्यूँ थे?

रियांश: मैं बाहर क्या करता हू आपको जानने की ज़रूरत नही है.

सिड (गुस्से से): तो फिर सब के सामने मेरी बेइज़्ज़ती करके निकल क्यूँ गये सुबह ही?

रियांश: मेरी पुर दिन की सॅलरी तो काट ली, तो रुक कर क्या करूँगा?

सिड: तुम अभी भी आटिट्यूड ही दिखा रहे हो मेरे सामने.

रियांश: मैं अगर सक्चा हू तो मैं किसी के भी सामने नही झुकता.

ये कह कर रियांश चला गया. मगर सिड और भी ज़्यादा गुस्सा हो गया और रियांश को जवाब देने का तरीका सोचने लगा.

उसके अगले हफ्ते ऑफीस में एक ज़रूरी मीटिंग थी, और उसके लिए रियांश ने पूरी मेहनत करके प्रेज़ेंटेशन बनाई थी. मगर सिड ने चालाकी से रियांश के लॅपटॉप से प्रेज़ेंटेशन डेलीट कर दी. तो उसकी वजह से रियांश अपनी प्रेज़ेंटेशन मीटिंग में दिखा नही पाया.

इसलिए उसे कंपनी से निकाल देने का फैंसला लिया सिड ने. मगर रोहित ने मीटिंग में रियांश का साथ दिया, और वो बोला-

रोहित: उसकी प्रेज़ेंटेशन मेरे लॅपटॉप में भी है.

तो मीटिंग में प्रेज़ेंटेशन दिखाई गयी. मगर रियांश की बेवकूफी के लिए उसे एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया गया. जब मीटिंग ख़तम हुई, तब सिड ने रियांश को अपने कॅबिन में बुलाया और बोला-

सिड: देखा, मेरे से ज़ुबान लड़ने का नतीजा?

रियांश (शॉक में): तो ये सब कुछ आपने किया था?

सिड: अब दोबारा मेरे से ज़ुबान लड़ाई तो सच में ऑफीस से निकाल दूँगा.

रियांश (दर्र के): नही सिर, प्लीज़ ऐसा मत कीजिए. मेरे लिए ये जॉब बहुत ज़रूरी है.

सिड: चलो मेरे पैर पकड़ कर माफी माँगो.

तब रियांश रोते हुए झुक गया, और सिड के पैर को पकड़ कर उससे माफी माँगने लगा. फिर वो कॅबिन से निकल कर चला आया

रोहित: क्यूँ गये थे सिड के कॅबिन में?

रियांश ( नॉर्मल हो कर): बस ऐसे ही प्रेज़ेंटेशन के रिलेटेड बात थी. तो फिर एक हफ़्ता बाद मिलता हू.

ये बोल कर वो ऑफीस से निकल गया. मगर बस स्टॅंड के पास आ कर रोने लगा, और सोचने लगा की अब वो घर में क्या बोलेगा, और कैसे काटेगा ये एक हफ़्ता. ये सोचते-सोचते वो घर चला गया. मगर घर में उसके बीमार बाप को देख कर उसकी हिम्मत नही हुई कुछ बोल पाने की.

इसीलिए उसने कुछ नही बोला, और रात भर वो सो नही पाया. तभी उसने आधी रात को अपने एक फ्रेंड को कॉल की, और बात की. उसके बाद वो आराम से सो गया.

उसके अगले दिन वो घर में बोल दिया की एक हफ्ते के लिए उसको नाइट शिफ्ट थी, क्यूंकी फॉरिन क्लाइंट्स आने वाले थे. घर में भी सब उसकी बात मान गये.

असल में बात ये थी की उसकी जो आधी रात को बात हुई, वो दोस्त एक क्लब में काम करता था. इसलिए रियांश ने भी अब एक हफ़्ता बार में रात को काम करके पैसा कमाने का, और घर में सच नही बोलने का सोचा था.

जब शाम हुई तो रियांश घर से निकल गया और क्लब में अपने दोस्त के पास पहुँच गया. फिर वो काम करने लगा. उस दिन सिड भी क्लब गया था, और उसे एक हॉट लड़की मिल गयी रात रंगीन करने के लिए. सिड ने उस लड़की को लीप किस किया और उससे अपना लंड चुस्वाया वॉशरूम में.

मगर जब वो उस लड़की लेकर अपने फ्लॅट को जाने वाला था, तभी उसकी नज़र रियांश पे पड़ी, जो की बारटेंडर का काम कर रहा था. सिड उसके पास गया और बोला-

सिड: रियांश तुम यहा?

रियांश (चौंक कर): आप यहा क्या कर रहे है?

सिड: मैं तो हमेशा आता हू, लेकिन तुम यहा कैसे?

रियांश: मैं क्यूँ बतौ आपको?

सिड: फिरसे जवाब!

रियांश (घबरा कर): सॉरी-सॉरी सिर, प्लीज़ आप गुस्सा मत करो. मैं बताता हू.

रियांश ( साइड में लेकर): मैं यहा एक हफ्ते के लिए काम करूँगा सिर.

सिड: क्यूँ?

रियांश: क्यूंकी मुझे पैसों की ज़रूरत है, और मैं घर में सस्पेन्षन की बात नही बोल सकता हू.

फिर सिड कुछ भी नही बोला.

रियांश (रो कर): प्लीज़ सिर, आप मुझे मेरा काम करने दीजिए.

अब सिड बिना कुछ बोले ही उस लड़की को लेकर चला गया, और रियांश अपनी जगह चला गया. सिड ने उस लड़की को अपने फ्लॅट में लेकर किस किया. फिर दोनो ही नंगे हो गये, और सिड ने उस लड़की की छूट चाटनी शुरू कर दी.

उसके बाद उस लड़की ने भी 8 इंच का लंड खूब चूसा. फिर सिड ने छूट में लंड डाल कर जाम कर छोड़ा. मगर आज वो बहुत बेचैन था. उसे कुछ अजीब महसूस हो रहा था.

वो छोड़ने के वक़्त भी खुश नही था. जब चुदाई ख़तम हुई, तब वो लड़की चली गयी. सिड पूरी रात बस ये सोच रहा था, की क्या रियांश उसी के वजह से क्लब में काम कर रहा था. अगले दिन ऑफीस में भी सिड का दिल नही लग रहा था.

अब आयेज के स्टोरी अगले पार्ट में. अगर कहानी अची लगी तो अपने कॉमेंट मेरी ईद महरकरण64@गमाल.कॉम पर भेजे. धन्यवाद.