सेक्सी भाभी की चूत और गांद की चुदाई की कहानी

तो इन्सिडेंट पे आते है. मेरे पड़ोस की बिल्डिंग में एक अंकिता नाम की भाभी रहती है, जिनका हज़्बेंड का गोल्ड का बिज़्नेस है. वो महीने में 20 दिन बाहर रहते है. वैसे तो हमारी कोई ज़्यादा पहचान या बात-चीत नही थी, पर एक दिन फेस्टिवल सीज़न चल रहा था, और ये बॅंड फेस्टिवल था नवरात्रि का.

हम नीचे छ्होटे स्पेअकर लगा कर खेलते थे, तो अंकिता भाभी भी आती थी. उनके बारे में बता डू. उनका नाम अंकिता जैन था (नामे चेंज्ड). वो दिखने में आवरेज थी, लेकिन उनका फिगर काफ़ी भरा हुआ था, और उनका फिगर साइज़ 36-34-36 था, जो मुझे बाद में पता चला

तो हुआ यू, की जब खेलने आती तो मैं बैठ के उनको देखता रहता. कोई ज़्यादा क्राउड तो था नही, सिर्फ़ आस-पास की बिल्डिंग के लोग खेलते थे. थर्ड दे उन्होने नोटीस किया की मैं उनको 2-3 दिन से घूर रहा था. फिर नेक्स्ट दे उन्होने मुझे देखते हुए पकड़ लिया, बुत हल्की स्माइल के साथ.

फिर सातवे दिन वो पानी पीने बाजू में रखी बॉटल के पास आई, और बैठ कर पानी पीने लगी. पानी पीते-पीते उन्होने मुझसे पूछा-

अंकिता: ही, आप मुझे 2-3 दिन से क्यूँ घूर रहे हो?

मैने कॅषुयल रिप्लाइ दिया: कुछ नही, आप खेलते अछा हो, तो बस देख रहा था.

अंकिता: अछा खेलती अछा हू वो नोटीस कर रहे हो, या लाइन मारने की कोशिश?

मैने भी हेस्ट हुए कहा: नही यार, कहा लाइन.

अंकिता: मारना भी नही लाइन, मेरी शादी हो चुकी है, और मैं 37 यियर्ज़ की लेडी हू.

और एक हल्की स्माइल पास करके चली गयी. फिर लास्ट दे था. तब हमारी फिर बात हुई और मैने उनसे उनका नंबर माँगा. पहले तो उन्होने पूछा क्यूँ चाहिए, और सब नखरे करने लगी. पर थोड़ी देर बाद दे दिया.

फिर उस दिन से हम रोज़ व्हातसपप छत करने लगे. कुछ दीनो बाद हम फ्लर्ट वाली छत करने लगे. वो भी फ्लर्ट कर लेती तोड़ा. ऐसे ही हम क्लोज़ होते गये. साथ मार्केट जाना-आना नीचे बातें करना. फिर एक दिन उनका आफ्टरनून में मेसेज आया-

अंकिता: क्या कर रहे हो?

मैने कहा: कुछ नही, तोड़ा काम है ऑफीस का, वो कर रहा हू.

वो बोली: फ्री हो तो आ जाओ मेरे घर.

मैने कहा: ठीक है.

और फिर मैं चला गया. मैने बेल बजाई और डोर ओपन हुआ, तो मैं उन्हे 10 सेकेंड्स देखता रहा. स्लीव्ले ब्लाउस और पिंक सारी में थी वो.

मैने कहा: क्या बात है!

और ये बोल कर मैने हल्की स्माइल पास कर दी.

तो अंकिता ने कहा: कोई बात नही है. अकेली बोर हो रही थी तो बस यू ही गप्पे लड़ने बुलाया. ज़्यादा दिमाग़ मत चलाओ.

फिर हम बातें करने लगे. बातों-बातों में थोड़ी एमोशनल हो गयी की उसके हज़्बेंड कब आते थे, कब जाते थे. आते थे तो दोस्तों के साथ दारू पीने चले जाते थे. तोड़ा भी उसे हॅपी नही रखते थे, ना कही घूमने ले जाते थे. बस पैसा कमाने में लगे थे.

तो मैने कहा: तुम उड़ाने में लागो.

लेकिन कोई स्माइल पास नही हुई, और पुंछ डाइलॉग बेकार रहा. वो तोड़ा सीरीयस हो गयी और बोली-

अंकिता: यार क्या करू, कही जेया भी नही सकती?

तो मैने कहा: चलो मोविए चलते है.

उन्होने हा कर दी. फिर हम पास के माक्षिस माल में मोविए देखने चले गये. अर्ली मॉर्निंग शो था, और ज़्यादा कोई था नही थियेटर में. मैने कॉर्नर की सीट ले रखी थी. सोचा कुछ ट्राइ करू ताकि उसको हाथ लग जाए. फिर थोड़े टाइम बाद मैने उनके शोल्डर पे हाथ रखा. उन्होने कुछ नही कहा, और हल्का मेरे शोल्डर पे लीन हो गयी.

मैं फिर उनके शोल्डर को सहलाते गया, और नेक थोड़ी यहा-वाहा घूमता रहा. वो थोड़ी सेडक्टिव हो गयी. फिर मैने उनके बूब्स पे हाथ रखा तो उन्होने हटा दिया, और मेरे तरफ देखने लगी. मैने ध्यान पर्दे पर टीका के रखा ताकि उसको महसूस ना हो.

फिर इंटर्वल के बाद बोली: ज़्यादा हाथ घूम रहे है तुम्हारे?

मैने कहा: कहा हाथ घूमे?

तो उन्होने कहा: ज़्यादा बनो मत.

मैने मॅन में कहा: लगता है ज़्यादा कुछ होने वाला नही है.

फिर वही बात-चीत फोन पे चलती रही. एक दिन डिसेंबर में उन्होने कहा-

अंकिता: रात को डिन्नर के लिए आ जाना.

मैने कहा: ठीक है.

और मैं रात को चला गया. फिर डिन्नर किया, और वही रुकने को कहा. मैने सोचा रुकने बोल दिया, मतलब आज कुछ बात बन सकती थी. फिर सारा काम निपटा के उन्होने कहा-

अंकिता: आज यही सो जाना, मॉर्निंग में घर चले जाना.

मैने कहा: ठीक है.

फिर हम टीवी पे कपिल शो देखते देखते एक-दूसरे पे लीन हुए. मैने हल्का फेस पकड़ा, और मौका देख के उसे स्मूच करने लगा. वो भी साथ देने लगी. यही कोई 10-15 मिनिट हमने किस की. फिर मैं उसके बालों में हाथ फेरते हुए उसको नेक पे, तो कभी गाल पे, कभी पुर फेस पे किस करने लगा. वो भारी-भारी साँसे लेने लगी, और गरम होने लगी.

धीरे-धीरे मैने उनकी सिल्की निघट्य खोल दी. ब्लॅक ब्रा पनटी पहन रखी थी अंकिता भाभी ने. मैने ब्रा के उपर से उनके बूब्स दबाने स्टार्ट किए. एक हाथ से मसलता, और एक साइड के बूब्स को चूस्टा. वो बस आँखें बंद करके सिसकियाँ ले रही थी, और दोनो हाथो से मेरा सर बूब्स पे दबा रही थी. मैने फिर उसकी ब्रा खोल दी, और निपल पे काटने लगा, जीभ फेरने लगा. फिर वो बोली-

अंकिता: ह्म, अछा लग रहा है उफफफफफ्फ़. करो, और करो.

फिर धीरे-धीरे नाभि छाती. उसके बाद उनकी पनटी के उपर से अपनी फिंगर हल्के-हल्के घूमता. इससे वो अकड़ जाती. फिर मैने उसकी पनटी निकली, और थोड़ी फिंगरिंग करने लगा. वो बस मोन करती-

अंकिता: सीईईई आहह उफफफ्फ़ सीईईईई आह करो, और करो.

इस तरह से फिर इसने मुझे हटाया, और मेरे सारे कपड़े एक ही बार में निकाल दिए, और मुझे ब्लोवजोब देने लगी. क्या बोलू, जो भी था यार मज़ा आ गया. फिर मैं उनके बूब्स पे झाड़ गया और ढीला

पद गया. हम एक-दूसरे को किस करते हुए बूब्स मसालने लगे.

मेरा लंड फिर 6 इंच हो गया. फिर मैने अंकिता भाभी को लिटाया और उनके उपर चढ़ गया. पहले लंड सेट किया और धक्का मारा. पर लंड फिसल गया. ऐसा 2-3 बार हुआ. उनकी छूट कुछ ज़्यादा ही टाइट थी, पर वर्जिन नही थी. फिर उन्होने मेरा लंड पकड़ा, और गाइड किया. मैने एक ज़ोर का झटका मारा, और मेरा आधा लंड उनकी छूट में घुस गया.

वो चीखी, पर मुझे हटाया नही. फिर मैने थोड़ी देर ऐसे ही आयेज-पीछे किया, और एक ज़ोर का झटका मारा. मेरा पूरा लंड उनकी छूट में समा गया, और फिर वो एक बार ज़ोर से चीखी.

अंकिता: आह एयेए उफ़फ्फ़.

थोड़ी देर मैं यू ही रुका. फिर जब उनका तोड़ा दर्द कम हुआ, वो नीचे से हिलने लगी. फिर मैने उसे छोड़ना स्टार्ट किया, और वो बस मोन करती रही.

अंकिता: आहह आह सीईईई सीयी, और करता रह, और अंदर तक, और आ आह.

फिर हमने पोज़िशन चेंज की. अब वो मेरे उपर आके लंड लेने लगी, और ज़ोर-ज़ोर से कूदती रही. उसके उछलते बूब्स आहह कमाल थे. फिर मैं दोनो हाथो से उसके बूब्स दबाता, कभी निपल पे चींटी काट लेता, तो कभी गांद में थप्पड़ लगा लेता. ऐसे ही मैने उन्हे 15 से 20 मिनिट तक छोड़ा, और सारा कम उनकी टमी पे छ्चोढ़ दिया.

फिर हम ऐसे ही पड़े रहे. उस रात हमने 2 रौंद खेले. फिर 2 दिन बाद उनकी गांद में भी लंड डाल दिया. अब वो मुझसे महीने में 3-4 बार चुड्ती है. लाइफ मज़े में कट्ट रही है.

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