ममता भाभी के बड़े बड़े बूब्स

मेरे प्यारे दोस्तो मेरा नाम हरजिंदर है, पर सब मुझे प्यार से हनी कहते है. आप भी मुझे हनी कह स्केट है, दोस्तो मैं करीब इंटरनेट पर दो या टीन साल से सेक्सी स्टोरी और सेक्सी मूवीस देख रा हूँ. मैं आज अपनी लाइफ के पहले सेक्स के बारे मे आपको बताने जा रा हूँ.

दोस्तो कहानी शुरू करने से पहले ही बीटीये की ये कहानी कोई कहानी न्ही है. ये कह साची घटना है. जो मैं आप सब के लिए कहानी के रूप मे आप सब के आयेज र्ख रा हूँ. एक बात और मैं आपको पहले ही बीटीये डून, की ये कहानी थोड़ी लंबी हो स्काती है. क्योकि मैं इस कहानी मे आपको एक एक बात एक एक पल के बारे मे बताना चाहूँगा.

क्योकि वो दिन मेरे लाइफ का सबसे खूबसूरत पल था. जिसे मैं आज तक चाह कर भी भूल न्ही पाया. और मैं चाहता हूँ, की आप भी मेरी कहानी पढ़ कर उस पल को एंजाय कर फील कर सके. तो चलिए अब मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.

मेरा नाम हनी है, और मैं गुजरात मे रहता हूँ. मेरे घर मे मैं मेरी दो बहें और मम्मी पापा रहते है. हुमारा छ्होटा परिवार बहोट खुशी एक घर मे रहता है.

मेरी उमर उस टाइम 24 साल थी, और मैं उस टाइम ब.कॉम कर रा था. मेरे घर का मोहल काफ़ी ज़यादा स्कट्ट है. घर मे किसी लड़की या लड़के की बात भी न्ही करी जाती थी. क्योकि मेरे मम्मी पापा दोनो बहोट स्ट्रिक्ट बिहेवियर वेल थे.

इसलिए घर मे कभी गर्ल फ्रेंड या बॉय फ्रेंड की कभी भूल का भी बात न्ही होती थी. पर मुझे ये ज़रूर पता था, की मेरी दोनो बहेनॉ के बॉय फ्रेंड है. पर मैने उनसे कभी इस बारे मे कभी बात न्ही करी.

क्योकि हम तीनो एक तरह से हम उमर ही थे, इसलिए हम तीनो आपस मे कभी ऐसी वेसी बात न्ही करते थे. हम एक दम शरीफ बचो की तरह रहते थे. इस शरीफ पाने के चाकर मैने 24 साल की उमर मे भी छूट के दर्शन न्ही करे थे.

मेरा लंड अभी तक क्व्रए ही था. मैने तक स्कूल, कॉलेज मे भी कोई गर्ल फ्रेंड न्ही बनाई थी. हन मुझे जब भी कोई लड़की या आंटी पसंद आ जाती थी. मैं उसके नाम की मूठ ज़रूर मार लेता था. पर जेसे हर लड़के की पसंद अलग ही होती है.

वेसए ही मेरे साथ कुछ अलग था, मुझे आचे से पता है. की सब लड़के अपनी पहली चुदाई एक लड़की से करना चाहते है. जिसकी छूट एक दम कवरी हो, और उसकी छूट मे अपना लंड दल कर उसकी छूट का खून देखेना चाहते है. पर मेरा मैं ऐसा ज़रा भी न्ही चाहता था.

मेरी सोच एक दम अलग ही थी, मेरा सपना कुछ ऐसे था. की मैं अपनी लाइफ की पहली छूट एक भाभी टाइप आंटी की मारू. जिसका एक बेबी हो, और वो बेबी दूध पीटा हो. क्योकि मैने चाहता हूँ, की जब मैं उसकी छूट को छोड़ रा हूँ. तो मैने अपने मूह उसके दूध से बारे हुए बूब्स चूस चूस कर खाली कर डून.

कसम से दोस्तो आप एक बार सोचा आप अपना लंड चूत मे दल कर उसकी चूत को ज़ोर ज़ोर से चोद र्हे हो. और साथ ही उसके उपेर ल्ट कर उसके दोनो बूब्स अपने मूह मे दल कर ज़ोर ज़ोर से चूस भी र्हे हो. कसम से जन्नत का ही मज़ा आ जाएगा.

वो कहते है ना, की जब आप उपेर वेल से सच मान से कुछ माँगो. तो वो ज़रूर आपको वो चीज़ देता है. बेशक उसमे तोड़ा टाइम लग जाए, पर देता ज़रूर है. मेरे साथ भी कुछ ऐसे ही हुआ, उपेर वेल के घर मे देर है पर अंधेर न्ही है.

दोस्तो ऐसा न्ही था, की मुझे कभी चुदाई का मोका न्ही मिला. मेरे कॉलेज के सारे दोस्त एक नंबर के हरामी है. मा के लोड साले सब, जब उन्हे चुदाई करने का मान होता था. तो वो रंडी खाने मे जा कर चुदाई कर आते थे, और साले मुझे भी साथ ले जाने की ज़िद करते थे.

पर मैं कभी उनके साथ न्ही गया, क्योकि एक तो मेरी दर के मारे गंद फटती थी. और दूसरी बात ये थी, की मैं अपना क्व्रए पं भूल कर भी किसी रंडी के साथ सेक्स करके ख़तम न्ही करना चाहता था.

मेरी मम्मी ने मुझे कुछ महीने पहले ब्टाया था की पड़ोस मे रहने वाली ममता भाभी का एक लड़का हुआ है. पर मैने उनकी बात को इग्नोर कर दिया था. वेसए मैं आपको ममता भाभी के बारे मे बीटीये डून.

ममता भाभी मेरे घर के पास रहती है, वो दिखने मे बहोट सेक्सी और हॉट है. पर बात विन आ जाती है, की वो मेरे घर के पास रहती है. और मेरी मम्मी से उनकी अची बनती है. इसलिए मेरी गंद फटत कर हाथ मे आ जाती है.

मैं कभी भी ममता भाभी के बारे मे उल्टा सीधा न्ही सोचा था. इसलिए मैं कभी उनके घर फालतू न्ही जाता था. उनके पति यानी मेरे भाईया एक फॅक्टरी मे एक मशीन ऑपरेटर थे. इसलिए वो शुबह 7 बजे घर से निकल जाते थे, और रात 8 बजे घर आते थे.

वो 12 घंटे की शिफ्ट करते थे, एक दिन क्या हुआ. मुझे मेरी मम्मी ने ऐसे ही भाभी के घर किसी काम से भेज दिया. मैने सोचा की चलो इसी बहाने उनके बचे को भी देख अवँगा. वेसए भी काफ़ी दिन हो गये है, उनसे मुझे मिले हुए.

मैं उनके घर गया तो देखा की गाते खुला था. इसलिए मैं सीधा अंदर चला गया, मैं जेसे ही ड्रॉयिंग रूम मे गया. तो मैने देखा की भाभी सोफे पर बैठ कर अपने बचे को दूध पीला र्ही थी. उनके दोनो बूब्स बाहर निकले हुए थे.

उनके एक दम गोरे बूब्स देख कर तो मैं एक बार चाकर खा गया था. फिर उनके एक बूब्स को तो उनका बचा चूस कर उसमे से दूध पी रा था. और दूसरे बूब्स से दूह निकल निकल कर नीचे तपाक रा था. इतना मस्त नज़ारा देखते ही मेरा लंड फटत से खड़ा हो गया. मैं अपने मान मे बोला.

मैं – भाभी क्या मैं आपका एक वेल बूब्स चूस लून, क्योकि इसमे से दूध नीचे गिर कर वेस्ट हो रा है.

पर मैं ये बात सीधे उनके मूह पर कह डून. मेरी छ्होटी सी गंद आख़िर इतना दम ख़ान था. भाभी ने मुझे देखा और मैने उन्हे देखा, उन्होने ना जाने मुझे आँखो ही आँखो मे क्या कहा. मैं व्हन से उलटे पैर वापिस हो गया.

मेरा जिस्म एक दम पूरा गरम हो चुका था. मेरे शेरर का सारा खून मेरे लंड मे आ गया था. मेरा लंड ऐसे कभी भी खड़ा न्ही हुआ था, मेरा लंड तो मेरा अंडरवेर और पंत फाड़ने वाला हो गया था. मेरे सिर पर हवस की काम वावसना चाड चुकी थी.

मैं झट से अपने घर आया और सीधा अपने रूम मे आ गया. मैने अपने रूम को अंदर से बंद किया और अपने सारे कपड़े निकल कर बेड पर ल्ट गया. मैने झट से अपने फोन मे फ़ेसबुक खोली और उसमे भाभी की प्रोफाइल खोल कर.

उनकी फोटो देख कर ज़ोर ज़ोर से उनके नाम की और उनके नंगे बूब्स के बारे मे सोच कर मूठ मरने लग गया. आज से पहले मैं इतना गरम कभी भी न्ही हुआ था. फिर 5 मिनिट बाद मेरे लंड से एक गोली की तरह पानी की पिचकारी निकली और सीधी दीवार पर जा कर गिरी. मैने अपने लंड की ताक़त देख कर हैरान था.

जब मेरे लंड 4 पिचकारी मारी तब जा कर मुझे शांति मिली, मैं तब जा कर ठंडा हुआ. मैं बेड पर ऐसे ही ल्ट गया और भाभी के बूब्स के बारे मे सोचने लग गया. मेरी आँखो के आयेज से उनके बूब्स हटने का नाम तक न्ही ले र्हे थे.

दोस्तो आपको मेरी ये साची कहानी, यहाँ तक केसी लगी. प्लीज़ मुझे अपने आमूले कॉमेंट और लीके करके मुझे ज़रूर ब्ताना. और इससे आयेज क्या हुआ, केसे मैने अपनी भाभी को मनाया. क्या मेरी गंद दर के मारे फिर से फाट गयइ या मैने हिम्मत करके अपनी भाभी को अपनी रानी बना लिया.

ये सब आपको मेरी इस कहानी के अगले भाग मे पता चलेगा. तो जुड़े रहईीए और बस तोड़ा सा इंतेज़ार कीजिए, मैं बहोट जल्दी ही इससे आयेज का भाग आप सब के लिए ले कर अवँगा.

आपका अपना प्यारा दोस्त हनी. [email protected]