ससुर बहू का सेक्सी स्टोरी

ही दोस्तो, उमिद इस सेक्स कहानी का पूरा मज़ा लेने के लिए “हवस के रिश्ते-9” ज़रूर पढ़िए. अब आयेज..

सुनीता भी किस्सिंग मे अपने भाई अजय का पूरा साथ दे र्ही थी. किस्सिंग करते करते अजय का हाथ सुनीता की कमर पर गया. और उसने तभी सुनीता की ब्रा के हुक खोल दिया. ऐसा करने पर भी सुनीता ने कुछ न्ही खा, फिर अजय सुनीता के बूब्स को अपने होंठो मे ले कर मसालने लग गया.

अजय ने फिर सुनीता के बूब्स अपने मूह मे भरे और वो ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गया. बूब्स चूस्ते चूस्ते अजय के हाथ सुनीता के गोरे चिकने पेट पर घूमने लग गये. फिर धीरे धीरे उसने अपना हाथ तोड़ा नीचे किया, और फिर उसने सुनीता की सलवार का नडा पकड़ लिया.

अजय ने एक ही झटके से सुनीता की सलवार का नडा खींच कर खोल दिया. और फिर उसने उसकी सलवार को उतार कर साइड मे फेंक दिया. जवानी की आग मे जलती हुई, सुनीता च्छुउ तक भी न्ही कर पा र्ही थी.

फिर अजय के सामने सुनीता की गोरी चिकनी जंघे आ गयइ थी. जिस पर उसके दोनो हाथ अपने आप फिसलने लग गये. अजय ने आज से पहले कभी भी किसी लड़की की छूट इतने करीब से न्ही देखी थी. फिर अजय ने सुनीता की छूट पर अपने हाथ फेरने शुरू कर दिए और वो बोला.

अजय – बहें आज मैं तेरी छूट को बड़े प्यार से देखना चाहता हूँ.

सुनीता – पर भाईया मैं आपके लंड को देखना चाहती हूँ.

अजय – मेरी प्यारी बहेना मैं तुझे अपना लंड भी दिखा दूँगा. तू फिकर ना कर, मैं आज तेरी हर वो इच्छा पूरी करूँगा तू जो भी तेरी होगी.

सुनीता – अगर ऐसी बात है, तो अभी के अभी अपना लंड मेरे हाथ मे. मैं देखना चाहती हूँ, की आपका लंड मेरी छूट मे आराम से जाएगा. या मेरी छूट को फाड़ कर वो अपनी जगह खुद बनेगा.

सुनीता के मूह से लंड नाम सुनते ही अजय गरम हो उठा और उसने झट से अपने सारे कपड़े निकल लिए. इतने मे सुनीता ने भी अपने जिस्म पर बची एक कुरती को भी उतार कर फेंक दिया. अब वो दोनो एक दम पूरे नंगे थे.

अजय अपनी बहें सुनीता के पास ल्ट गया. और फिर वो दोनो एक दूसरे के जिस्म से खेलने लग गया. अजय ने तभी सुनीता की छूट मे अपनी एक उंगली उतार दी, और अपनी उंगली अंदर बाहर करते हुए वो बोला.

अजय – देख बहेना इसे हम इंग्लीश मे फिंगरिंग कहते है. और ज़ोर ज़ोर से उंगली अंदर बाहर करके छूट के पानी निकालने को मस्तेरबातिओं भी करते है. जब कोई लड़की और औरत सेक्स करने के लिए पागल होती है. और उसके पास लंड छुड़वाने के लिए न्ही होता. तब वो लड़की ये सब करके अपनी छूट की आग को शांत करती है. देख अब मैने तुझे इतना सब कुछ बीटीये दिया है, अब मुझे इसकी फीस चाहईीए.

ये कहते ही अजय ने सुनीता की गंद के नीचे एक पिल्लो र्खा और बोला – अब मैं तेरी छूट मे अपनी दो उंगलिया दल कर ज़ोर ज़ोर से फिंगरिंग करूँगा.

ये कहते ही अजय ने अपनी दो उंगलिया सुनीता की छूट मे घुसा दी, और वो ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगलियो से सुनीता की छूट को छोड़ने लग गया. उसके ऐसा करने से सुनीता के मूह से सिसकारिया निकालने लग गयइ.

अजय – बहेना केसा लग रा है ?

सुनीता – आह आ भाईया मुझे बहोट अछा लग रा है. अंदर ही अंदर एक अजीब सा मज़ा आ रा है. पर वेसए भाईया आपने मेरे चुटटरो के नीचे ये पिल्लो क्यो र्ख दिया है ?

अजय – पिल्लो चुटटरो के नीचे र्खने से, लड़की या औरत की छूट पूरी खुल जाती है. जिससे छूट मे जितना मर्ज़ी मोटा या लंबा लंड दल दो. वो छूट मे बड़ी आसानी से चला जाता है.

सुनीता – अछा आहह वेसए भाईया मैने आपसे एक बात पूछनी थी, पर मुझे दर है की किन आप बुरा ना मान जाओ.

अजय – अरे न्ही जो भी तेरे मान मे है, खुल कर पूछ.

सुनीता – भाईया मुझे लग रा है, की आप अपना लंड मेरी छूट मे डालने की त्यारी कर र्हे है.

अजय – देख बहें वेसए तो मैं आपने आप पूरा कंट्रोल कर रा हूँ. पर अगर मेरा कंट्रोल न्ही रा, तो मैं अपना लंड तेरी छूट मे दल भी स्कता हूँ.

सुनीता – ठीक है, पर भाईया पहले आप मुझे अपना तो दिखा दो. मैं उसकी मोटाई, लंबाई देख लून. की मैं आप लंड अपनी छूट मे ले भी सकती हूँ या न्ही ?

अजय – अगर तू इतना कह र्ही है, तो चल आज मैं तुझे अपना लंड दिखा ही देता हूँ. पर दिखाने से पहले ही मैं आपको बीटीये डून. अगर मेरा मूड खराब हो गया, तो तुझे अपनी छूट मुझे देनी पड़ेगी. क्योकि अब इतना गरम होने के बाद मैं तुझे छोड़ कर जाने दूँगा.

अजय ने कहते ही अपना लंड सुनीता के हाथ मे दे दिया. अपने सगे भाई का लंड अपने हाथ मे ले कर सुनीता बोली.

सुनीता – क्या भाईया मैं इसे सहेला स्काती हूँ ?

अजय – हन क्यो न्ही.

सुनीता ने फिर लंड को धीरे धीरे प्यार से उस पर अपना हाथ फेरना शुरू कर दिया. फिर बीच बीच मे उसने लंड को किस करना भी शुरू कर दिया. सुनीता को लंड को अब अपने होंठो से सहलाने लग गयइ थी.

अजय भी गरम हो कर अब सुनीता के बूब्स को मसालने लग गया था. अजय अभी तक पंत की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकले हुए था. इसलिए सुनीता उसे बोली.

सुनीता – भाईया आप भी मेरी तरह पूरे नंगे हो जाओ ना प्लीज़. मैं आपके पूरे लंड को प्यार करना चाहती हूँ.

सुनीता के मूह से ये सब सुन कर अजय गरम होने लग गया, और उसने अपने सारे कपड़े निकल कर एक दम पूरा नंगा हो गया.

सुनीता – भाईया क्यो ना आज हम दोनो एक दूसरे के जिस्म को काफ़ी आचे से देखें ? क्योकि मेरा बहोट मान कर रा है, आप ये गोरा मोटा लंड आचे से देखने का. और सच कहूँ तो आपका लंड देख कर मैं अब गरम होने लग गयइ हूँ.

अजय – मैने भी तो अभी तेरी छूट को आचे से देखना है. चल अब पहले तू अपनी दोनो टाँगे खोल और मुझे अपनी छूट दिखा आचे से.

अनिता ने वेसए ही किया, उसने अपनी दोनो टाँगे पूरी खोली और अजय अपनी बहें की गोरी चिकनी छूट देख कर पागल हो गया, और वो बोला.

अजय – मेरी बहें आज तू अपनी एक गोरी चिकनी मस्ती से भारी हुई छूट आज के लिए मेरे नाम कर दे. कसम से कह रा हूँ, मैं जिंदगी भर तेरा गुलाम बन कर रहूँगा.

सुनीता – सच मे भाईया, तो वादा करो की मैं जो कहूँगी. आप वो सब करोगे ?

अजय – हन मैं वादा करता हूँ तुझे मेरी बहेना.

सुनीता – क्या तुम मुझे अपने आचे आचे दोस्तो से चुड़वावगे ? देखो अब ना मत करना तुमने मुझसे अभी वादा किया है.

अजय – सुनीता, तू इतनी चुडकड़ कब से बन गयइ है ?

सुनीता – भाईया ये सब मैं आपको बाद मे बीटीये दूँगी. पर पहले आप अपना मोटा लंड मेरी गरम छूट मे दो.

अजय अब कंट्रोल से बाहर हो गया था. उसने अपनी बहें की दोनो टाँगे अपने कंधो पर र्खी. और अपना लंड उसकी छूट के मूह पर र्ख कर एक जोरदार ढाका मारा और ज़ोर ज़ोर से उसकी छूट को छोड़ने लग गया. अजय ने महसूस किया, की उसकी बहें की छूट एक गरम भट्टी की तरह अंदर से जल र्ही है.

जिसमे उसका लंड भी अंदर से जल रा था. पर उसे इसमे बहोट ज़्यादा मज़ा आ रा था. इसलिए वो ज़ोर ज़ोर से अपनी बहें को छोड़ने मे लगा हुआ था. नीचे सुनीता को भी अपने सगे भाई का लंड छूट मे लेने मे बहोट मज़ा आ रा था. वो नीचे से अपने चुटटर उठा उठा कर अपने भाई के हर एक ढके का जवाब दे र्ही थी. सुनीता पूरी गरम हो चुकी थी, और वो चुदाई के नशे मे बोल पड़ी.

सुनीता – आ आहह भाईया छोड़ आज अपनी सग़ी छ्होटी बहें को. आज अपनी बहें की छूट को अपने लंड से फाड़ कर र्ख दो. और ज़ोर से छोड़ा, आज अपना सारा ज़ोर अपने लंड पर लगा कर मुझे छोड़ो भाईया और ज़ोर से आहह.

अजय सुनीता के मूह से सब सुन कर पागल हो गया, वो अपना सारा ज़ोर सुनीता को छोड़ने मे लगा रा था. उसकी लाइफ का बस एक ही मिशन था, की आज वो केसे भी करके अपनी बहें की छूट को फाड़ कर र्ख दे.

करीब एक घंटे तक वो दोनो ज़ोर ज़ोर से चुदाई करते र्हे, सुनीता की छूट का पानी टीन बार निकल चुका था. फिर उसके सगे भाई अजय का भी पानी उसकी छूट मे निकल गया. वो दोनो एक दूसरे से ऐसे ही नंगे लाते लाते सो गये, रात 3 बजे सुनीता की आँख खुली, और उसने उठते ही अपने भाई अजय का लंड चूसने लग गयइ.

थोड़ी देर मे अजय उठ गया और उसने देखा, की उसकी बहें उसका लंड चूस चूस कर खड़ा करने की कोशिश कर र्ही थी.

अजय – बहें अब रहएने दे, रात काफ़ी हो चुकी है. चल अब सोते है, जा अब तू अपने रूम मे जा.

सुनीता एक किस करके अपने रूम मे जा कर सो गयइ. सुबह वो उठे और डिन्निंग टेबल पर वो बैठ कर ब्रेकफास्ट कर र्हे थे. तभी अजय सुनीता से बोला.

अजय – बहें मुझे एक बात साँझ न्ही आई रात को.

सुनीता – हन अब क्या साँझ न्ही आया ?

अजय – तूने मेरा 8 इंच लंबा लंड एक ही बार मे पूरा ले लिया. और तेरी छूट की सील टूटी ही न्ही ?

सुनीता मुस्कुराते हुए बोली – सील बंद होगी, तभी टूटेगी ना भाईया.

अजय – क्या मतलब तूने अपनी सील किससे तुद्वा ली बहें ?

सुनीता – मैं जब यहाँ से दीदी के घर गयइ थी, तब तक मैं एक कवरी लड़की जिसको अभ तक किसी ने टच तक न्ही किया था. पर व्हन मैने अपनी सील को भी तुद्वा लिया और सेक्स के असली मज़ा लिया.

अजय – क्या ये सब केसे हुआ ?

सुनीता – मेरी सील दीदी के ससुर राम लाल ने तोड़ी है. वो एक दम दर लंड के मलिक है, उसने चुड कर मुझे जन्नत का मज़ा आ गया था.

अजय – पर ये केसे हो सकता है सुनीता ?

सुनीता – भाईया प्लीज़ शांत हो जाओ, मैं आपको सब बतती हूँ. सुनो देखो बात ऐसी है, की हुमारे जीजू एक ना मर्द है. उनका लंड खड़ा न्ही होता है, इसलिए दीदी अब अपने ससुर से चुड्ती है. और थोड़े टाइम मे वो उनके बचे की मा बनने वाली है.

व्हन दीदी ने पहले मुझे एक सेक्सी सीडी दिखा कर गरम किया और बाद मे मुझे अपने सुसुर से छुड़वा दिया.

अजय – उसकी बहें की छूट.

सुनीता – आप इतना गुस्सा क्यो हो र्हे हो ? अगर सोचो अगर मुझे उन्होने ना छोड़ा होता, तो आज आप मुझे छोड़ ना पाते.

अजय – हन बहें तुम ठीक कह र्ही हो ?

सुनीता – हन ज़रा ढयन से सोचो.

अजय – अछा अब चलो, हम दोनो दीदी के घर जाने की त्यारी करते है.

सुनीता – क्यो ?

अजय – क्योकि अब मैं अपनी बड़ी बहें को छोड़ना चाहता हूँ ?

सुनीता – क्यो भाई अब दीदी क्यो ?

अजय – अब मुझे इतना अछा मोका मिल रा है, मैं उसे छ्चोड़ने वाला न्ही हूँ बहें. बस तू व्हन जाने की त्यारी कर. रात क्या वादा किया था याद है ना, तुझे तू मुझसे अपनी शेलिया चुडवाएगी, और मैं अपने दोस्तो से तुझे चड़वौनगा.

सुनीता – हन भाईया मुझे सब याद है, चलो ठीक है.

दोस्तो अब आयेज क्या होता है, ये आपको इस कहानी के अगले पार्ट मे पता चलेगा. तो जुड़े रहईए मेरी इस मस्ती और सेक्स से भारी कहानी के साथ. [email protected]