वर्जिन लड़की की ओयो में सील तोड़ने की कहानी

हेलो, मेरा नामे रुखसाना है. मैं बिहार की रहने वाली हू और मुज़फ़्फ़रपुर में इज़्क की तैयारी करती हू. आज की इस स्टोरी में बतौँगी की कैसे मेरे ब्फ संजय ने 1 जन्वरी को मेरी वर्जिनिटी तोड़ी.

संजय मेरी कोचैंग में पढ़ता था. हम दोनो में स्टार्टिंग से ही तोड़ा अट्रॅक्षन होने लगा था. मगर मैं डरती थी, क्यूंकी मुझे ज़्यादा एक्सपीरियेन्स नही था.

फिर टाइम के साथ हम दोनो और करीब आते गये. मेरी सब कॉलेज फ्रेंड्स के ब्फ थे, इसलिए धीरे-धीरे मेरे मॅन से भी पकड़े जाने का दर्र निकलता गया.

साथ ही मेरी फ्रेंड खुश्बू अपने ब्फ अमित के साथ किए हर रोमॅन्स के बारे में बताती थी.

इससे मैं और एग्ज़ाइटेड हो जाती थी. फिर फाइनली मैं संजय के लोवे के लिए रेडी थी, और मैं भी सब बातें फ्रेंड्स में बताती थी.

7 मे को हमारी कोचैंग बंद थी. और जब हमारी कोचैंग बंद होती है, तो हम सब साथ में टाइम पास करते है. उस दिन तकरीबन 4 बजे हम सब मिले. सब के सामने ही संजय ने मुझे प्रपोज़ किया. सब कहने लगे हा बोल दो रुखसाना.

फिर मैने उसका रोज़ लेकर, शरमाते हुए बोली दिया “ ई लोवे योउ टू”. उसने मेरे हाथो को अपने हाथो में लेकर थॅंक योउ बोला.

फिर हमारी लोवे लाइफ स्टार्ट हुई, मगर मैं बहुत ही प्रोटेक्टिव थी, इसलिए सिर्फ़ हाथ पकड़ने देती थी. टाइम बीतता गया, और 1 जन्वरी आ गया. हमने पटना जाने का प्लान किया था. फिर हम सब निकल गये. वाहा एक ओयो होटेल बुक था जिसमे सब कपल के लिए अलग-अलग रूम था.

जब मैने फ्रेंड्स से पूछा ओयो होटेल क्यूँ? तो रिप्लाइ आया, “तुम्हे नही करना तो क्या किसी को नही करना?”

उस दिन सब मुझे ज़्यादा केर से देख कर आपस में कुछ बातें कर रहे थे.

हम पहले होटेल में जेया कर तोड़ा फ्रेश हुए. फिर बाहर घूम कर होटेल में गये, और आराम करने लगे. मेरे साथ संजय भी था.

बगल में ही मेरे दोनो साइड के रूम्स फ्रेंड्स के थे. एक रूम खुश्बू का, और दूसरा आकानशा का. थोड़ी देर बाद दोनो के रूम से आवाज़ आने लगी. वो दोनो फोरप्ले कर रहे थे. फिर संजय मेरी तरफ देखने लगा. मैं समझ गयी की वो क्या चाहता था, तो मैने कहा-

मैं: नही संजय.

संजय: क्या नही?

और उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया, बुत अब तक आयेज कुछ नही किया. थोड़ी देर बाद दोनो फ्रेंड्स की मोनिंग की आवाज़े आने लगी, और उनके ब्फ की बातों की भी. ये आवाज़े मुझे रोमॅंटिक और मदहोश कर रही थी.

संजय ने मेरे गाल को हाथ लगाया, और बोला: मुझसे शादी करनी है या नही?

मैं: हा, क्यूँ पूच रहे हो?

संजय: अगर तुम नही बोलती तो कुछ नही करता. बुत जब शादी करनी ही है, तो एक दिन तो सब कुछ करना ही है. क्यूँ ना तोड़ा आज ही हो जाए?

ये कह कर उसने अपने लिप्स मेरे लीपा पर रख दिए. मुझे समझ नही आ रहा था की मैं क्या करू. एक तरफ मॅन में आ रहा था, की अभी कुछ नही करना. दूसरी तरफ वो आवाज़े मुझे मदहोश कर रही थी.

मेरा हाथ हल्का उपर जाता उसको हटाने के लिए. लेकिन फिर नीचे हो जाता. फिर संजय ने मेरे दोनो हाथ दबा दिए, और मेरे लिप्स पर वन साइड किस करने लगा. मुझे किस नही आता था.

फिर धीरे से मैने अपने होंठ खोले, तो वो मुझे और किस करने लगा. थोड़ी देर बाद मैने भी अपने लिप्स से उसके लिप्स पे किस करना चाहा. बुत मुझे नही पता था की कैसे किया जाता है. सिर्फ़ मोविए में देखा था.

मैं सेम वैसा करने लगी, जैसे वो कर रहे थे. तब तक दोनो रूम में सेक्स स्टार्ट था. मुझे भी लगने लगा था, की आज मैं नही बच पौँगी. मेरे अंदर भी कुछ होने लगा था. तभी संजय ने अपना हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया.

उसने सिर्फ़ हाथ रखा था, इसलिए मैं साइड नही किया, और बस किस कर रही थी. थोड़ी देर बाद मेरी ड्रेस के उपर से ही उसने बूब हल्का सा दबाया. मैं कुछ बोलती, इससे पहले वो मेरे सर को एक हाथ से पकड़ कर मुझे किस में उलझाए रहा. दूसरा हाथ से वो रुक-रुक के मेरे बूब्स को दबाता.

एक लंबा टाइम ऐसे ही गुज़रता गया. उधर उन दोनो की आवाज़े आ रही थी. आकाँशा कह रही थी “फक मे”, तो खुश्बू कह रही थी “फक मी पुसी वित युवर कॉक”.

ये सुन जब मैं संजय की तरफ देखी, तो वो बोला: लोवे हो रहा है उस रूम में. तुम समझ रही हो ना?

फिर मैने आँखें बंद कर ली. वो किस्सिंग के साथ लगातार बूब्स दबाने लगा, तो मैं आँखें खोली.

संजय: इतना तो करने दो.

तो मैने आँखें बंद कर ली. वो एक-एक करके मेरे दोनो बूब्स को दबा रहा था. एक टाइम आया जब वो दोनो हाथ से दोनो बूब्स दबाने लगा. मुझे बहुत एंजाय्मेंट मिल रही थी, इसलिए मैं आँखें बंद करके एंजाय कर रही थी. थोड़ी देर बाद मेरी हल्की सिसकारी निकालने लगी.

संजय: मेरी जान को मज़ा आ रहा है?

मैं चुप रही, और वो धीरे-धीरे मेरे कपड़े उपर कर रहा था. इसको मैं फील कर पा रही थी, मगर रोकना ज़रिओरी ना समझा.

संजय: कैसा लगा मुझसे कपड़े करवा के?

मैं बस फेस पर एक स्माइल लाई.

संजय: रुखसाना बहुत मज़े ले रही हो.

मैं: मैं क्या की हू?

संजय: करना तो मुझे है बेबी. तुम्हे तो बस खाना है.

मैं: प्लीज़ कुछ मत करना इससे ज़्यादा.

संजय: फिकर मत करो, कुछ भी बुरा नही करूँगा.

मैं: वो सब कुछ करना बुरी बात है ना?

संजय: आराम से जो कर रहा हू, उतना करने दो. देखो खुश्बू अंदर लेकर कितना एंजाय कर रही है. तुम्हे भी तो एक दिन लेना ही है.

मैं: शादी के बाद.

संजय: आज जो हो रहा है, उसमे एंजाय करो.

मैने आँखें बंद कर ली. तभी उसने मेरी जीन्स के उपर से पुसी पर हाथ रखा. मैने आँखें खोली, तो वो मेरे सर पर हाथ रखा और बोला-

संजय: कूल डाउन, ऑल इस वेल.

खुसबू की कॉल आई, और मैने रिसीव की.

खुश्बू: क्या हाल है? एंजाय ले रही हो?

मैं: कैसा एंजाय?

खुश्बू: तोड़ा तकिये के नीचे का माइक्रोफोन देख लो.

वो एक वाइर्ले माइक्रोफोन था.

मैं: ये क्या है?

खुश्बू: फिकर मत करो, सिर्फ़ माइक्रोफोन है. मैने तो लंड ले लिया. अब तुम भी लेलो.

मैं: ऐसा कुछ नही है.

तभी बाकी फ्रेंड्स का जॉइंट कॉल आया, और मैं कनेक्ट हो गयी.

निभा: क्यूँ रुखसाना, कहा तक किया?

मैं: कुछ नही करना है.

खुश्बू: वो तो थोड़ी देर में पता चलेगा.

संजय: आप लोग होने देंगे तब ना.

फिर सब ने बाइ बोल कर कॉल कट कर दी. संजय ने फिर मुझे बाहों में लिया.

मैं: संजय कुछ मत करना.

संजय मेरे सर पर हाथ रखा, और सहलाते हुए बोला: कुछ नही होगा, आराम से रहो.

फिर उसने किस करना स्टार्ट किए. इस बार मैं स्टार्टिंग से साथ दे रही थी. उसके बाद वो मेरे बूब्स दबाने लगा. मैने आँखें बंद ही रखी. थोड़ी देर बाद उसने फिर मेरी जीन्स के उपर से पुसी पर हाथ रखा, और मैं फिर उछाल गयी.

फिर वो हाथ पर आराम से किस करते हुए एक हाथ से बूब्स दबा रहा था. थोड़ी देर बाद हल्की-हल्की उंगली वो मेरी पुसी पर चलाने लगा. वो जैसे-जैसे उंगली चला रहा था, मैं उछाल रही थी.

फिर अचानक वो रुका, और जीन्स के उपर से मेरी पुसी दबाई. मैं ले हाथ रोकने की कोशिश, की बुत वो किए जेया रहा था. लिप्स पर किस, नीचे पुसी पर हाथ, मुझसे रहा नही जेया रहा था.

फिर मैने हाथ ढीला कर दिया, और फिर वो जीन्स के उपर से बूब्स सहलाने और दबाने लगा. वो उठा, और अपनी पंत छ्चोढ़ बाकी सब कुछ उतार दिया. फिर उसने वो सब स्टार्ट किया, जो कुछ टाइम चला. उसने मेरी जीन्स के बटन खोल दिए, और निकालने लगा.

मैं तोड़ा भी नही रोकी उसको. फिर उसने पनटी और जीन्स थोड़ी नीचे कर दी, और फिर उसने अपना अंडरवेर भी नकाल दिया. मैं जान चुकी थी, की अब चूड़ने वाली थी मैं. और इसलिए नाटक नही करने का डिसाइड किया मैने.

संजय: बेबी अपनी वर्जिनिटी देने के लिए रेडी हो जाओ.

मैं: प्लीज़ रहने दो, दर्द होगा.

संजय: हल्का होगा.

फिर उसने मेरे पैरों को मोड़ कर पोज़िशन बनाई और बोला: बेबी कॉंडम लेना भूल गया, बाद में ई-पिल खा लेना. चलेगा या बगल से लाउ? वैसे भी तुम्हे आचे से तभी तो फील होगा, जब बिना कॉंडम के जाएगा.

मैं कुछ नही बोली. फिर उसने मेरी टांगे फैलाई, और पेनिस मेरी पुसी पर लगाया. उसने मेरे हाथ को अपने हाथ से दबा दिया. मेरे करीब आ कर वो कान में धीरे से बोला-

संजय: बेबी आखरी मिनिट वर्जिन हो. नेक्स्ट मिनिट मैं तुम्हारी वर्जिनिटी ले चुका होऊँगा.

और फिर एक ज़ोर का झटका मारा. मैने चीख निकली, और उसी टाइम मेरे लीपा पर लिप्स रख कर वो किस करने लगा.

धीरे-धीरे मेरी फक्किंग थोड़ी देर में नॉर्मल हुई, और मैं उसका किस में साथ देने लगी. उसने हाथो की पकड़ धीरे की, तो मैं हाथ उसके सर पर रख कर सिसकारियाँ लेने लगी.

वो मेरा बूब्स भी दबाने लगा. ऐसे ही चलता रहा. मेरी पुसी की सील टूट गयी. थोड़ी देर में वो मेरे अंदर निकल गया, और मुझे पकड़ कर सोने लगा. मैं भी उसको पकड़ी रही. थोड़ी बाद हमने सब सॉफ किया.

हमने बेडशीट साइड की, और एक-दूसरे पकड़ कर सोने लगे. जब सब ने घूमने के लिए निकलना था, तो मुझे थोड़ी पाईं हो रही थी. तो हमने घूमने का प्लान कॅन्सल किया, और बुक की हुई गाड़ी से मुज़फ़्फ़रपुर आ गये. इस तरह न्यू एअर में मेरी फक्किंग हुई. आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में.