मोहल्ले के अंकल की बेटी को चोदा

हेलो दोस्तो, मेरा नाम राजीव है. मेरी उमर 30 साल है, और मई अमृतसर मे रहता हू. मेरी हाइट 5’9″ है, और मेरी बॉडी भी अची है. कुल मिला कर मई अछा दिखता हू. चलिए अब स्टोरी पर चलते है.

ये बात पिछले महीने की है, लेकिन इसकी शुरुआत बहुत वक़्त पहले हुई थी. जिस मोहल्ले मे मई रहता हू, वाहा हमे 16 साल हो गये है. उससे पहले हम कही और रहते थे. जब हम इस मोहल्ले मे शिफ्ट हुए, तो 4-5 घर छोढ़ कर जसवंत अंकल रहते थे.

उनकी 2 बेतिया थी. वैसे उस टाइम हम बच्चे थे, तो ऐसा-वैसा कोई सीन नही था. जसवंत अंकल कॉलेज मे जॉब करते थे, तो ग्रॅजुयेशन के टाइम पर उन्होने मेरी काफ़ी हेल्प की थी. उस वक़्त उनकी बेतिया भी कॉलेज मे हो गयी थी.

उनकी एक बेटी मेरी उमर की थी, और दूसरी मेरे से एक साल छ्होटी थी. उनकी दोनो बेतिया बहुत सेक्सी थी, और मुझे वो दोनो अची लगती थी. मई च्चत पर खड़ा होके उन पर ट्राइ मारा करता था. मुझे तो उन दोनो मे से कोई भी चल जाती.

फिर थोड़े वक़्त बात हमारी फॅमिली, और उनकी फॅमिली मे कोई झगड़ा हो गया, और हमारी बोल-चाल बंद हो गयी. झगड़े से पहले तो उनकी बेतिया मेरी तरफ तोड़ा बहुत देखती थी. लेकिन झगड़े के बाद उन्होने मेरी तरफ देखना बिल्कुल बंद ही कर दिया.

फिर वक़्त के साथ मेरा भी उनसे ध्यान हॅट गया. लेकिन कहानी अभी ख़तम नही हुई थी. 1 साल पहले उनकी बड़ी बेटी की शादी हो गयी, और वो किसी दूसरे शहर चल गयी. उसी दौरान मैने उनकी छ्होटी बेटी को जीन्स और त-शर्ट मे कही से आते देखा.

क्या कमाल की बॉम्ब लग रही थी वो. उसका फिगर 36″28″38″ था, और उसकी गांद देख कर मेरा दिल दोल रहा था. जब वो मेरे पास से गुज़र रही थी, तो मेरे लंड मे हरकत होनी शुरू हो गयी थी. उसने भी मुझे देखा था, लेकिन उसने अकड़ दिखाते हुए मूह साइड मे कर लिया.

उस रात मैने उसको इमॅजिन करके 2 बार मूठ मारी थी. उन्होने हमे शादी पे नही बुलाया था, क्यूकी हमारी बात-चीत दोबारा कभी शुरू ही नही हुई थी. फिर 6 महीने पहले उनकी छ्होटी बेटी की भी शादी हो गयी. अब तो उसके बारे मे भी क्या सोचना था.उस वक़्त तक मुझे ये नही पता था, की मेरी किस्मत खुलने वाली थी. 2 महीने पहले मई उनके घर के बाहर से बिके पर निकल रहा था. उस वक़्त उनकी छ्होटी बेटी घर के बाहर झाड़ू लगा रही थी. जब मैने उसको देखा, तो देखा ही रह गया.

उसने त-शर्ट और टाइट पाजामा पहना हुआ था. उसने त-शर्ट के अंदर ब्रा नही पहनी थी, तो उसके मोटे-मोटे बूब्स और उनके उपर निपल्स दिख रहे थे. उसके बूब्स काफ़ी आकड़े हुए थे. उसकी गांद का तो मई पहले से ही दीवाना था. उसने हाथो मे चूड़ा पहना हुआ था.

कुल मिला कर वो जान-लेवा लग रही थी. मुझे वैसे भी चूड़ा पहनी हुई लड़किया बहुत सेक्सी लगती है. लेकिन इस बार उसका बिहेवियर कुछ अलग था. इस बार वो भी मुझे बड़े गौर से देख रही थी. वो मुझे लगातार देख रही थी. फिर मई घर आ गया, और सोचने लगा, की इतने सालो बाद वो मुझे ऐसे क्यू देख रही थी.

फिर जब मई च्चत पर गया, तब भी वो मेरी तरफ ही देख रही थी. जो रेस्पॉन्स सालो पहले मुझे मिलता था, आज फिरसे मिलना शुरू हो गया था. मई बड़ा खुश हो गया. फिर जब मई शुवर हो गया, की वो मुझे ही देख रही थी, तो मैने उसको अपना हाथ वेव किया.

उसने स्माइल की, और मुझे वेव किया. मेरी तो खुशी के मारे जान ही निकालने वाली हो गयी. फिर मैने उसको फोन नंबर देने का इशारा किया. उसने अपना नंबर एक स्लिप पर लिख दिया, और नीचे गली मे फेंक दिया. मई भाग कर गली मे गया, और स्लिप ले आया.

फिर मैने उसको कॉल की, और हमारी बात शुरू हुई-

मई: हेलो.

वो: हेलो.

मई: कैसे हो आप.

वो: बाड़िया, आप बताओ कैसे हो?

मई: मई भी बाड़िया. वैसे इतने सालो बाद ये तोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन आपका नाम क्या है?

वो: हाहाहा, आपको मेरे नाम भी नही पता.

मई: ह्म, नही पता.

वो: कोमल.

मई: गुड! नाइस नामे.

कोमल: ह्म. वैसे आप काफ़ी हॅंडसम हो गये हो.

मई: थॅंक योउ. आप तो शुरू से ही ब्यूटिफुल हो.

कोमल: अछा जी? आपने बड़ा ध्यान रखा हुआ शुरू से मेरा.

मई: खूबसूरत लोग तो अपने आप ही ध्यान खींच लेते है.

कोमल: हहा थॅंक्स.

मई: युवर वेलकम. अछा इतने सालो मे आज पहली बार आपने मुझे ऐसा रेस्पॉन्स दिया है, क्यू?

कोमल: क्यू नही देना चाहिए था?

मई: नही-नही, देना तो चाहिए था. लेकिन अब तो लाते नही हो गया?

कोमल: बेटर लाते देन नेवेर डियर.

मई: ट्रू.

फिर ऐसे ही हमारी बाते होनी लगी. हम दोनो काफ़ी फ्रेंड्ली हो गये थे. अब मई उसके साथ अडल्ट टाइप के जोक्स भी कर लेता था. इतने दिन से वो अपने पेरेंट्स के घर पर ही थी, तो मैने उसको पूछा-

मई: कोमल आप इतने दिन से यही हो. ससुराल वापस नही जाना.

कोमल: ऐसी जगह जाने का क्या फ़ायदा, जहा आपको प्यार ना मिले.

मई: क्यू क्या हो गया?

फिर उसने अपनी सारी राम-कहानी सुनाई. सीधी बात ये थी, की वो अपने हज़्बेंड से सेक्षुयली सॅटिस्फाइड नही थी, और अब मेरे पास उसको छोड़ने का पूरा चान्स था. अब वो रोज़-रोज़ मुझे अपना ये दुख सुनाने लगी थी. मई उसकी एक ही बात सुन कर पाक गया था. फिर मैने एक दिन बोल ही दिया-

मई: पहले तुम इतनी अकड़ ना करती, तो आज तुम मेरे साथ होती. मई तुम्हे बहुत प्यार करता.

ये लिख कर मुझे लगा मैने ज़्यादा बोल दिया है, और मई मेसेज डेलीट करने लगा. लेकिन तब तक उसने मेसेज रेड कर लिया. मुझे लगा, की अब तो बात बिगड़ जाएगी, लेकिन उसका जवाब जब आया, तो बात आयेज बढ़ गयी. वो बोली-

कोमल: अभी कों सा देर हुई है. तुम अभी भी प्यार कर सकते हो.

ये सुन कर मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा. मैने उससे पूछा-

मई: फिर कब और कहा?

कोमल: जब तुम चाहो, जहा तुम चाहो.

हमारे घर ट्रिपल स्टोरी था. टॉप फ्लोर पर कुछ भी हो, नीचे तक पता नही चलता था. इसलिए मैने उसको अपने घर ही बुला लिया. हमारा उसी रात का प्लान बन गया. मई सोने के लिए टॉप फ्लोर पर चला गया, वो अपने घर-वालो के सोने के बाद अपनी च्चत पर आ गयी.

वो च्चत कूद कर मेरे घर आ गयी. उसने पिंक लेगैंग्स और ब्लॅक त-शर्ट पहनी हुई थी. क्या बतौ, की कितनी सेक्सी लग रही थी वो. उसको देखते ही मेरे मूह मे पानी आ गया था. मई उसको अपने कमरे मे ले गया, और हम बेड पर बैठ गये.

मई: ही.

कोमल: ही.

फिर मैने एक सेकेंड भी वेट नही की, और अपने होंठ उसके होंठो से चिपका दिए. होंठ मिलते ही हम दोनो पुर जोश मे एक-दूसरे को चूसने लग गये. वो बरसो की प्यासी की तरह मेरे होंठ चूस रही थी.

फिर मई अपने हाथ उसकी मोटी गांद ले गया, और उसकी गांद दबाने लगा. इससे वो और जोश मे आ गयी. फिर मैने उसकी त-शर्ट उतारी, और हम दोबारा किस करने लगे. मई साथ-साथ ब्रा के उपर से उसके बूब्स दबाने लगा. उसने ब्लॅक ब्रा पहनी हुई थी.

फिर मैने उसकी ब्रा निकाली, और उसके मोटे-मोटे रसीले बूब्स मेरे सामने आ गया. मई जानवरो की तरह उसके बूब्स पर टूट पड़ा, और उसके निपल्स को काट-काट कर चूसने लग गया. वो मदहोश हो गयी, और बोली-

कोमल: खा जाओ इनको आज. ये कब से तरस रहे है.

बूब्स चूसने के बाद मई उसकी कमर चाटने लगा. उसने मेरी त-शर्ट पीछे से उपर उठाई, और मैने त-शर्ट उतार दी. फिर मैने उसको लिटाया, और उसकी कमर चूमते हुए, उसकी लेगिंग नीचे कर दी.

उसकी लेगिंग इतनी टाइट थी, की उसको खींच कर निकालना पड़ा. लेगिंग निकलते ही उसकी जन्नत जैसी मोटी जांघे मेरे सामने आ गयी. मई जल्दी से उसके पैरो से शुरू हुआ, और उसकी जाँघो को चूमने चाटने लगा.

फिर जब मैने पनटी के उपर से उसकी छूट को चूमने लगा, तो उसकी सिसकिया निकलनी शुरू हो गयी. क्या खुश्बू थी उसकी छूट की, मज़ा ही आ गया. फिर मैने उसकी पनटी नीचे की, तो जन्नत का द्वार मेरे सामने आ गया.

मैने अपनी जीभ निकाली, और कुत्ते की तरह उसकी छूट को चाटना शुरू कर दिया. वो ज़ोर-ज़ोर की सिसकिय लेने लगी, और मेरे मूह को अपनी छूट मे दबाने लग गयी. मीठा-मीठा पानी था उसकी छूट का.

थोड़ी देर उसकी छूट को प्यार करने के बाद मैने अपनी शॉर्ट्स उतार दी. मेरा लंड मेरे अंडरवेर मे उभरा हुआ था. वो झट से घुटनो के बाल बैठ गयी, और उसके अंडरवेर के उपर से मेरा लंड पकड़ लिया. वो मेरे लंड मसालने लग गयी, और मई उसके होंठ चूसने लग गया.

फिर उसने मेरा अंडरवेर नीचे कर दिया, और मेरा 7 इंच का लंड उछाल कर बाहर आ गया. मेरे लंड को देख कर वो खुश हो गयी, और उसने झट से मेरे लंड को मूह मे डाल लिया. वो पागलो की तरह मेरे लंड को चूसने लग गयी, जैसे कोई चॉक्लेट हो.

मैने भी उसके बाल पकड़ लिए, और उसके मूह मे धक्के देने लग गया. मई अपना पूरा लंड उसके गले तक ले जेया रहा था, और उससे साँस भी नही ली जेया रही थी. अब मुझे उसकी छूट छोड़नी थी. मैने अपना लंड उसके मूह से बाहर निकाला, और उसको सीधा लिटा लिया.

फिर मैने उसकी जांघे खोली, और उनके बीच आ गया. मैने अपना लंड 10 सेकेंड के लिए उसकी छूट पर रगड़ा, और फिर एक ज़ोर का धक्का दिया. उसकी आहह निकल गयी, और मेरा आधा लंड उसकी छूट मे चला गया. फिर मैने उसके होंठो से अपने होंठ चिपका लिए , और ताबाद-तोड़ धक्के देने लगा.

7-8 धक्को मे मेरा पूरा लंड उसकी छूट मे चला गया, और वो ह्म ह्म कर रही थी. वो मेरे होंठो को काट रही थी. फिर 2-3 मिनिट मे उसको मज़ा आना शुरू हो गया, और वो भी गांद उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी.

आज मई अपनी सालो की भादास उसकी गरम छूट छोड़ कर निकाल रहा था. बड़ा ही मज़ा आ रहा था उसको छोड़ने मे. मई साथ-साथ उसके होंठ और बूब्स का मज़ा भी ले रहा था. 30 मिनिट की दूं-दार चुदाई के बाद, मेरा पानी निकालने वाला था. फिर मैने उससे पूछा-

मई: कोमल कहा निकालु?

कोमल: मेरे अंदर ही निकाल दो.

मैने 4-5 धक्के और मारे, और अपना माल उसकी छूट मे निकाल दिया. वो अब तक 2 बार झाड़ चुकी थी. फिर 10 मिनिट की रेस्ट के बाद मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. वो तो पहले से ही बार-बार चूड़ना चाहती थी.

मैने उसको घोड़ी बना लिया, और उसकी मोटी गांद चाटने लगा. वो बहुत हॉर्नी हो गयी, और मेरे सिर को अपनी गांद मे दबाने लग गयी. फिर मैने अपना लंड उसकी गांद के छेड़ पर सेट किया, और तोड़ा दबाव बनाने लगा.
वो इतनी हॉर्नी थी, की उसने मुझे एक बार भी नही रोका.

ये देख कर मैने एक ज़ोर का धक्का मारा, और मेरा आधा लंड उसकी गांद मे चला गया. वो चिल्ला उठी, और मुझे लंड बाहर निकालने को बोलने लगी. लेकिन मई कहा रुकने वाला था. मैने उसकी बॉडी को जाकड़ लिया, और धक्के मारता रहा.

1 मिनिट मे मेरा पूरा लंड उसकी गांद मे चला गया. वो धीरे-धीरे शांत हो रही थी, और मैने धक्के मारने शुरू कर दिए थे. थोड़ी देर मे उसको भी मज़ा आने लगा, और वो गांद हिला-हिला कर चूड़ने लगी.

बड़ा मज़ा आ रहा था उसकी गांद छोड़ने मे. मैने थप्पड़ मार-मार कर उसको गांद लाल कर दी, और 30 मिनिट की चुदाई मे उसकी गांद के छेड़ को खोल के रख दिया. अब मई झड़ने वाला था, और मैने अपने पानी से उसकी गांद भर दी.

फिर हम हानफते हुए बेड पर लेते रहे. उस रात मैने उसको 6 बार छोड़ा, और सुबा होते ही वो वापस चली गयी.

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