विधवा नौकरानी की मस्त चुदाई की कहानी

ही दोस्तों मेरा नाम रोहित है. मैं देल्ही में रहता हू, और एक मंक में जॉब करता हू. मेरी उमर 45 साल है, और मेरी बीवी 2 साल पहले मॅर चुकी है. हाइट मेरी 5’11” है, और जिम जाने की वजह से मैं काफ़ी फिट हू. लंड मेरा 6 इंच का है.

बच्चे मेरे फॉरिन में स्टडी कर रहे है, और मैं घर में अकेला रहता हू. ये कहानी मेरी और मेरी नौकरानी की है. तो चलिए कहानी शुरू करते है.

मेरे घर में 2014 से एक लड़की काम करती थी. उसका नाम रूपाली था. जब उसको हमने रखा था, तब वो 15 साल की थी, और उनकी फॅमिली को हेल्प चाहिए थी. इसलिए हमने उसके खाने-पीने और रहने की ज़िम्मेदारी लेली थी.

वो घर के छ्होटे-मोटे काम करती थी. हमने उसको पढ़ने की कोशिश भी की, लेकिन वो पढ़ी नही. ऐसे ही वक़्त बीट-ता गया, और वो बड़ी हो गयी. फिर 2020 में उसके घर वालो ने उसके लिए लड़का देखा, जिससे उसकी शादी हो गयी.

उसकी शादी के एक साल बाद मेरी बीवी भी चल बसी. क्यूंकी मैं अकेला था घर पर, तो नौकर की ज़रूरत महसूस नही होती थी. लेकिन 3 महीने पहले एक दिन रूपाली मेरे पास आई.

जब मैने उसको देखा, तो वो काफ़ी बदल गयी हुई थी. शादी से पहले वो पतली सी थी, लेकिन अब उसका बदन भरा हुआ था. एक-दूं टाइट बॉडी थी उसकी. उसका फिगर तकरीबन 35-30-36 होगा.

उसने मुझे बताया, की उसके हज़्बेंड की डेत हो गयी थी, और ससुराल वालो ने उसकी ज़िम्मेदारी उठाने से माना कर दिया था. इसलिए वो काम फिरसे जाय्न करना चाहती थी.

वैसे तो मुझे नौकर की ज़रूरत नही थी. लेकिन क्यूंकी इतने सालों का हमारा रिश्ता था, तो मैने उसको काम पर रख लिया. फिर वो अगले दिन से काम पर आने लग गयी.

जैसा की मैने बताया, की वो पहले से सेक्सी हो गयी थी, तो उसके काम के दौरान मेरी नज़र बार-बार उस पर जाने लगी थी. वो ज़्यादातर लेगैंग्स और शर्ट ही पहनती थी. लेगैंग्स में उसकी मोटी गांद और क़ास्सी हुई जांघें देख कर मुझे कुछ होने लगता था.

जब वो सफाई करने के लिए झुकती थी, तो मुझे उसकी क्लीवेज नज़र आती थी. उसका सेक्सी जिस्म उसके लिए मेरे अंदर वासना की आग को जला रहा था. वो अक्सर सारा काम ख़तम करके नहाने जाती थी. एक दिन मुझसे कंट्रोल नही हुआ, और जब वो नहा रही थी, तब मैं बातरूम के बाहर जाके खड़ा हो गया.

मैने कीहोल से देखा, तो मुझे उसका नंगा जिस्म दिखाई दिया. उसका जिस्म कमाल का सेक्सी था. चूचे उसके खड़े-खड़े थे, और लटके नही थे. ये सीन देख कर मैं अपने रूम में गया, और अपना लंड बाहर निकाल कर मूठ मारने लग गया.

मैं मज़े से लंड हिला रहा था, की तभी मुझे पीछे से आवाज़ आई-

आवाज़: सिर.

ये आवाज़ रूपाली की थी. उसकी आवाज़ सुन कर मैं घबरा गया, और जल्दी से अपना लंड अंदर कर लिया. फिर मैं जब घूमा तो जो देखा, वो मैने कभी सपने में भी नही सोचा भी नही था.

रूपाली सिर्फ़ टवल बाँध कर मेरे सामने खड़ी थी. उसका टवल उसके चूचों पर था, और उसकी गहरी क्लीवेज दिखा रहा था. इसके कंधो पर पानी की थोड़ी बूंदे थी, और बाल धोए हुए थे.

नीचे से टवल उसके घुटनो से तोड़ा उपर था. उसका रंग ज़्यादा गोरा नही था, तो उसके सावले घुटने, और हल्की गोरी जांघें दिख रही थी. उसको ऐसा देख कर मेरा तो लंड पंत फाड़ कर बाहर आने वाला हो गया था.

फिर वो बोली: सिर मैं जानती हू, की आप क्या कर रहे हो. मैं ये भी जानती हू, की आप अभी बातरूम के बाहर खड़े होके मुझे देख रहे थे.

ये सुन कर मैं घबरा गया और बोला-

मैं: रूपाली मुझे तुम ग़लत समझ रही हो. मैं…

तभी वो मेरी बात काट-ते हुए बोली: सिर आपने मेरे लिए बहुत कुछ किया है. मैं भी आपके लिए कुछ करना चाहती हू. मेरे पति के बाद मुझे भी एक आदमी की कमी महसूस होती है. और माँ के जाने के बाद आपको भी उनकी कमी महसूस होती होगी. तो क्यूँ ना हम एक-दूसरे की कमी पूरी कर दे?

मैं उसकी बातों को सुने जेया रहा था. फिर बात पूरी करके वो मेरे पास आई, और घुटनो पर बैठ गयी. मैं बस उसको देखे जेया रहा था. उसने मेरी पंत की ज़िप खोली, और मेरा लंड बाहर निकाल लिया. फिर वो बोली-

रूपाली: सिर इसको प्यार की ज़रूरत है.

और ये बोल कर उसने मेरा लंड अपने मूह में डाल लिया. अया! उसके मूह में लंड जाते ही मुझे कितना संतोष मिला, मैं बता नही सकता. फिर रूपाली मेरा लंड चूसने लग गयी. मैं तो जैसे सातवे आसमान पर था. बीवी के बाद आज पहली बार कोई औरत मेरा लंड चूस रही थी.

धीरे-धीरे उसकी स्पीड तेज़ हुई, और मैं भी उसके मूह में धक्के लगाने लगा. फिर मैं तोड़ा वाइल्ड हो गया, और उसका मूह पकड़ कर उसका मूह छोड़ने लगा. मैं इतने भरा हुआ था, की 5 मिनिट में ही मैने उसका मूह भर दिया.

रूपाली फिर खड़ी हुई, और बातरूम में जाके माल थूक कर आई. जब तक वो वापस आई, मैने अपने कपड़े उतार दिए थे. उसके आते ही मैने उसका टवल उतार दिया, और उसके चूचे चूसने लग गया. वो आहें भरने लगी, और मेरा लंड सहलाने लगी.

मैने उसके बूब्स चूस्टे हुए उसको बेड पर लिटाया, और उसकी कमर चूमते हुए उसकी छूट पर आ गया. बिल्कुल सॉफ-सूत्री छूट थी उसकी, जिसको मैने देखते ही चाटना शुरू कर दिया. उसकी आहें तेज़ हो गयी, और वो मचलने लग गयी. इधर मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया था.

5 मिनिट में उसकी छूट ने भी पानी छोढ़ दिया, और मैं उसका पानी पी गया. फिर मैं उसके उपर आके उसके होंठ चूसने लगा, और नीचे से मैने उसकी छूट में अपना लंड डाल लिया. वो आ आ करने लगी, लेकिन किस की वजह से उसकी आवाज़ बाहर नही आई. फिर मैं लंड छूट में अंदर-बाहर करके उसको छोड़ने लग गया.

बहुत मज़ा आ रहा था. काफ़ी टाइट छूट थी उसकी, और एक-दूं गरम थी. हम दोनो पागलों की तरह चुदाई करने लगे. वो भी नीचे से गांद हिला-हिला कर मेरा साथ दे रही थी. 15 मिनिट मैने उसी पोज़िशन में छोड़ा. फिर जब मेरा निकालने वाला था, तो मैने लंड बाहर निकाल लिया.

मैं उसको और छोड़ना चाहता था, तो मैने खुद को झड़ने से रोका. फिर मैने उसको घोड़ी बनाया, और पीछे से उसको छोड़ना शुरू किया. क्या मस्त लग रही थी वो घोड़ी बन कर. मैने उसके चूतड़ मसालते हुए उसको 20 मिनिट छोड़ा, और फिर उसकी छूट में ही अपना पानी निकाल दिया. उसके बाद हम दोनो ठंडे होके लेट गये.

तो ये थी मेरी कहानी. अगर आपको मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.