सेक्सी चूतड़ वाली विधवा नौकरानी की चुदाई की कहानी

ही दोस्तों, मेरा नाम अरुण है. मेरी उमर 46 साल है. मैं शादी-शुदा हू, और मेरा एक बेटा है. मेरी बीवी गाओं में है, और मैं शहर में जॉब करता हू. बेटा मेरा फॉरिन में पढ़ रहा है.

मैने एक रूम रेंट पर लिया हुआ है, और सॉफ-सफाई के लिए नौकरानी रखी हुई है. मेरी नौकरानी का नाम काँटा है, और वो 40 साल की है. एक दिन काँटा मेरे पास रोटी हुई आई, और बोली-

काँटा: साब मुझे आपकी एक हेल्प चाहिए.

मैं: क्या हेल्प चाहिए? और तुम रो क्यूँ रही हो?

काँटा: साब मेरी एक बेटी है 19 साल की. मैने पिछले साल उसकी शादी की थी. फिर 6 महीने बाद उसका पति आक्सिडेंट में मॅर गया, और वो विधवा हो गयी. अब उसके घर वालो ने उसको घर से निकाल दिया है.

मैं: ये तो बहुत बुरा हुआ. लेकिन मैं इसमे क्या कर सकता हू?

काँटा: साब अगर आप उसको काम देदे, तो आपकी बड़ी मेहरबानी होगी.

मैं: लेकिन यहा तो तुम पहले से काम कर रही हो. और कोई दूसरा काम तो है नही.

काँटा: साब आप खाना बाहर से खाते है. अगर आप उसको यहा खाना पकने के लिए रख ले, तो आपको भी बाहर का खाना नही खाना पड़ेगा, और उसको काम भी मिल जाएगा.

मैने 5 मिनिट सोचने के बाद उसको हा बोल दी. फिर अगले दिन वो अपनी बेटी को लेके आई. उसको बेटी का नाम कोमल था. मैने जैसे ही उसको देखा, मेरी तो नज़र की उस पर टिक गयी.

कोमल 5 फुट हाइट वाली लड़की थी. उसका बदन गड्राया हुआ था. उसका साइज़ 34-30-36 होगा, और रंग गोरा था. छ्होटी हाइट की वजह से उसकी गांद बड़ी मस्त लग रही थी. मुझे लग ही नही रहा था की वो कोई कांवली थी.

मैने सोचा, की ये दिखने में इतनी सेक्सी है, तो खाना जैसा भी बनाए मैं खा लूँगा. फिर काँटा ने उसको किचन दिखाई, और सारा काम समझा दिया. उस दिन सनडे था, तो मैं घर पर ही था.

कोमल ने सलवार सूट पहना था. उसके टाइट सूट में से मुझे उसकी गांद की शेप नज़र आ रही थी. मैं लॉबी में बैठा उसी को ताडे जेया रहा था. दिल तो कर रहा था, की उसको गोद में उठा कर बेड पर ले जौ, और छोड़ डालु साली को.

फिर ऐसे ही कुछ दिन निकल गये. अब मेरी कोमल से थोड़ी बात-चीत भी होने लगी. मैं बातों-बातों में उसको इशारा करता की मैं उसको पसंद करता था. लेकिन उसकी तरफ से मुझे कोई रेस्पॉन्स नही आया.

एक दिन वो ज़मीन पर पोछा लगा रही थी, और उसके शर्ट में से उसकी क्लीवेज दिख रही थी. जब वो दूसरी तरफ घूमी, तो उसकी गांद नीचे बैठे होने की वजह से और भी बड़ी दिख रही थी. अब मैं कंट्रोल से बाहर हो रहा था. लेकिन मैं आयेज नही बढ़ पाया.

फिर एक दिन मैने घर पे कुछ गेस्ट्स को बुलाया. उनका खाना-पीना करते हुए काफ़ी लाते हो गया था. उनके जाने के बाद मैने कोमल से कहा-

मैं: कोमल रात बहुत हो गयी है, आज रात यही सो जाना.

कोमल: ठीक है सिर.

फिर जब वो किचन का काम ख़तम करके फ्री हो गयी, तो मैने उसको अपने पास सोफा पर बिता लिया. फिर मैने उसको ड्रिंक ऑफर की, लेकिन उसने माना कर दिया. तब मैने उसको बोला-

मैं: अर्रे शरमाओ मत. आज पार्टी है, तो तुम भी तोड़ा एंजाय कर लो.

फिर कोमल ने दारू का ग्लास पकड़ लिया. मैने साथ में उसकी टंग्डोरी चिकन दिया. 5 मिनिट वो आराम से खाती और पीटी रही. फिर अचानक से वो रोने लग गयी. मेरी कुछ समझ में नही आ रहा था, की वो क्यूँ रो रही थी. फिर मैने उससे पूछा-

मैं: क्या हुआ कोमल, तुम क्यूँ रो रही हो?

कोमल: कुछ नही साब, मुझे बस अपने पति की याद आ गयी. वो भी मुझे ऐसे ही अपने साथ बिता कर पिलाते थे. मुझे माफ़ करना साब, मैने आपका मज़ा खराब कर दिया.

मैं: अर्रे ऐसा कुछ नही है.

और ये बोल कर मैने उसकी जाँघ पर अपना हाथ रख दिया.

मैं: तुम समझो तुम अपने पति के साथ ही बैठी हो.

और ये बोल कर मैने उसकी जाँघ मसल दी. जब उसने कुछ नही कहा, तो मैं अपना हाथ आयेज लेके जाने लगा. जब मैं उसकी छूट के पास पहुँचा, तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. फिर वो गुस्से में बोली-

कोमल: ये क्या कर रहे है आप साब?

मैं उसको गुस्से में देख कर दर्र गया, और बोला: कुछ नही कोमल. माफ़ करना, ग़लती से हाथ लग गया.

कोमल (हस्स कर बोली): अछा? जो इतने दीनो से मुझे ताड़ रहे हो, वो भी ग़लती से है? साब आपने मुझे इज़्ज़त दी, काम दिया. तो क्या मैं आपको अपना जिस्म नही दे सकती. आपको जो करना है मेरे साथ कर सकते है.

बस उसके इतना कहने की देर थी, की मैं आयेज बढ़ा, और अपने होंठ उसके होंठो से चिपका दिए. क्या रसीले होंठ से उसके, एक-दूं मस्त. फिर मैं उसकी गर्दन पर आया, और उसकी गर्दन और क्लीवेज को चूमने लग गया.

वो मदहोश होने लगी, और उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया. उसने लेगैंग्स और शर्ट पहना था. मैने हाथ उसकी गांद पर रखा, और किस करते हुए उसकी गांद दबाने लगा.

फिर मैने उसका शर्ट उतार दिया, और ब्रा भी उतार दी. अब उसके नरम-नरम जवान बूब्स मेरे सामने थे. उसने अपने हाथो से अपने बूब्स को च्छूपा लिया.

फिर मैने उसके हाथ बूब्स से हटाए, और उसके निपल्स चूसने लगा. वो आहें भरने लगी, और मेरा सर अपने बूब्स मैं दबाने लग गयी. बड़ी मनमोहक खुश्बू आ रही थी उसके बूब्स में से.

अब बारी थी उसके मोटे छूतदो को नंगा करने की. मैने उसको अपनी बाहों में उठाया, और उसको बेडरूम में ले गया. फिर मैने उसकी लेगैंग्स उतार दी. उसकी जांघें बड़ी मस्त और मोटी थी. ये आज के बेस्ट चूतड़ थे, जो मैने देखे थे.

फिर मैने उसकी कक़ची उतरी, और उसकी छूट चाटने लग गया. वो आ आ करते हुए बोली-

कोमल: आहह मज़ा आ रहा है साब. बड़ी देर हो गयी, इस छूट को किसी ने नही च्छुआ. किस्मत ने मुझे विधवा बना दिया. आज छोड़ डालो इस विधवा को, और फिर से हरी कर दो इसकी सूखी छूट को.

मैं और ज़ोर से चाटने लगा. फिर मैने उसकी टाँगो को उपर उठाया, और उसकी गांद का च्छेद भी छाता.

उसकी छूट पानी-पानी हो रही थी, और चूड़ने के लिए तड़प रही थी. फिर मैने अपने कपड़े उतारे, और अपना 7 इंच लंड लेके उसको छोड़ने के लिए तैयार हो गया. उसने अपनी जांघें खोल कर मुझे उसको छोड़ने का न्योता दिया.

मैने अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ना शुरू किया, और रगड़ते-रगड़ते अंदर डाल दिया. बड़ी टाइट छूट थी उसकी एक-दूं कुवारि जैसी. और मुझे कितना मज़ा आ रहा था, उसका कोई हिसाब नही था.

मैने पूरा लंड उसकी छूट मैं घुसाया, और उसके उपर लेट कर उसको किस करने लगा. वो मेरी जीभ पकड़-पकड़ कर चूसने लगी. फिर मैं उसकी छूट में धक्के मारने लगा, और वो मेरी पीठ में नाख़ून घुसने लगी.

जवान लड़की को छोड़ने का मज़ा ही कुछ और होता है. कुछ देर उसकी पोज़िशन में छोड़ने के बाद मैने उसको घोड़ी बना लिया. अब उसके जिस्म का सबसे खूबसूरत हिस्सा, यानी की उसके मोटे चूतड़ मेरे सामने थे.

उसके चूतड़ देखते ही मैने उसकी गांद मारने का फैंसला किया. मैने जीभ से चाट कर उसकी गांद के च्छेद को गीला किया, और उस पर लंड सेट किया. फिर मैने उसको कस्स के पकड़ा, और एक ज़ोर का धक्का मारा.

उसके मूह से आअहह निकला, और लंड का टोपा गांद चीरते हुए अंदर घुसा गया. मैं जानवरो को तरह बिना रुके धक्के मारता गया, और पूरा लंड घुसा कर ही रुका. उसकी दर्द से जान निकल रही थी.

फिर मैं एक हाथ आयेज करके उसका एक बूब दबाने लगा, और दूसरे हाथ से उसकी छूट का दाना रगड़ने लग गया. जब वो और गरम हो गयी, तो मैने उसकी गांद छोड़नी शुरू की.

कुछ देर दर्द भारी आहों के बाद उसकी मज़े की आहें निकालने लगी. मैं उसकी छूट लगातार रगडे जेया रहा था. अब तक वो 2 बार झाड़ चुकी थी. फिर मैने अपनी स्पीड बधाई, और गांद पर थप्पड़ मारने लगा. उसकी छूट भी मैं साथ-साथ रगडे जेया रहा था.

20 मिनिट बाद उसकी छूट और मेरे लंड का पानी एक साथ निकल गया. फिर मैं उसके उपर ही लेट गया. बहुत मज़ा आया था मुझे, और बहुत संतुष्टि भी मिली. उस रात मैने उसको काई बार छोड़ा, और उसके बाद उसको छोड़ना मेरा रोज़ का काम बन गया.

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