गाओं की सेक्सी लड़की के साथ प्यार का खेल

ही दोस्तों, मेरा नाम प्रेम है. और आज मैं आपको बड़े ही प्रेम से अपनी एक कहानी सुनने जेया रहा हू. आशा करता हू, की आप मेरी इस कहानी को प्रेम देंगे, और अपना पानी ज़रूर निकालेंगे.

सबसे पहले मेरे बारे में जान लीजिए. मैं 26 साल का हू, और रोड कॉंट्रॅक्टर के पास जॉब करता हू. हम जगह-जगह जाके रोड डेवेलपमेंट का काम करते है.

मैं दिखने में एक आवरेज इंडियन लड़के की तरह हू. ना मेरे डोले-शोले है, और ना ही मैं हृतिक रोशन की तरह स्मार्ट और हॅंडसम हू. रंग भी मेरा ठीक-ताक है.

तो बात पिछले साल की है. मुझे काम के सिलसिले में टीन महीने के लिए एक गाओं में जाके रहना था. गाओं में बिल्कुल देहाती टाइप के लोग रहते थे. लेकिन वो लोग बड़े ही तमीज़दार और मिलनसार थे.

मुझे वाहा रहने के लिए एक ठीक-ताक कमरा दिया था. क्यूंकी मैं इन्स्ट्रक्टर था, तो मैं अकेला ही रहता था, और लेबर सारी दूसरी जगह पर थी. हमारा काम शुरू हो चुका था, और रोड बनने लगी थी.

फिर एक दिन शाम को मैं बोर हो रहा था, तो मैने सोचा तफ़री मारी जाए. वैसे भी मुझे कोई लड़कियाँ नही दिख रही थी वाहा. सेयेल लेबर वालो के साथ ही दिन निकल जाता था.

मैं गाओं की गलियों में घूमने लगा. सब लोग मुझे बड़ी इज़्ज़त दे रहे थे, और विश कर रहे थे. फिर मैं तालाब के पास पहुँचा. वाहा बहुत शांति थी. मैं वाहा बैठ कर ताड़ी हवा ले रहा था, की तभी मुझे कुछ लड़कियों के हासणे की आवाज़ आई.

मैने मूड कर देखा, तो 3-4 लड़कियाँ तालाब की तरफ आ रही थी. उनमे से एक लड़की जिस पर मेरी नज़र टिक गयी, वो थी गूंजा. गूंजा ने हारे रंग की चोली, और ग्रे रंग का घाग्रा पहना हुआ था. उसके साथ की लड़कियाँ छ्होटी उमर की थी, लेकिन गूंजा वो काली थी, जो फूल बनने को बिल्कुल तैयार थी. वो लोग वाहा खेलने आई थी.

फिर मैं उनके पास गया, और गूंजा को ध्यान से देखने लगा. ब्लाउस में काससे हुए उसके मस्त मोटे चूचे थे. पतली कमर थी, और रंग सावला था. उसकी बाल-खाती कमर देख कर तो उस पर काटने का दिल कर रहा था. उसको देखते ही मेरा 6 इंच का लंड बाहर आने की कोशिश करने लगा.

फिर मैने उनसे बातें शुरू की. मैने सब के बारे में पूछा. लेकिन आपको गूंजा के बारे में बताता हू. वो 20 साल की लड़की थी, और उसका बापू खेती करता था. उसके घर में वो, उसके मा-बाप, और एक बेहन रहते थे.

फिर मैं उनसे मज़ाक करने लगा, ताकि हस्सी का माहौल बन जाए. ये सब करते हुए मैं बार-बार गूंजा की आँखों में आँखें मिला रहा था. वो भी ये नोटीस कर रही थी.

गाओं की लड़कियाँ बड़ी भोली होती है. बड़ी जल्दी प्यार में पद जाती है. ऐसा ही कुछ गूंजा के साथ भी हुआ. एक हफ्ते मैं उससे रोज़ मिलता उसी जगह पर. फिर एक दिन जब वो खेल कर जाने वाली थी, तब मैने उसको इशारे से रुकने को बोला.

वो भी अपनी सहेलियों को कोई काम है बोल कर वाहा रुक गयी. अब वो अकेली थी मेरे सामने. फिर मैं उसके पास गया. वो घबरा रही थी. और घबराई हुई लड़की बहुत सेक्सी लगती है. फिर मैने उसको बोला-

मैं: गूंजा.

गूंजा: जी.

मैं: मुझे तुमसे प्यार हो गया है.

उसने कुछ बोला नही, लेकिन एक स्माइल डेडी. ये उसकी हा थी. उस दिन से हम रोज़ इशारों में बातें करने लगे. 15 दिन बीट चुके थे, और मुझे उस काली को फूल बनाना था. फिर एक दिन मैने उसको मेरे कमरे में बुलाने के लिए ग़मे खेली.

मैं जान-बूझ कर 2 दिन तालाब पर नही गया. इससे वो परेशन हो गयी. फिर दूसरे दिन शाम को मेरे कमरे का दरवाज़ा नॉक हुआ. मैने दरवाज़ा खोला, तो गूंजा थी. वो अकेली ही आई थी. मैने उसको कुर्सी पर बिताया, और मैं बेड पर बैठ गया. रूम में एक बेड और 4 कुर्सियाँ थी. मुझे देखते ही वो बोली-

गूंजा: आप आए नही.

मैं: मुझे कुछ ज़रूरी काम था, और मेरी तबीयत भी ठीक नही थी.

गूंजा: हाए राम! क्या हुआ आपको?

ये बोल कर वो कुर्सी से खड़ी हुई, और मेरे माथे पर हाथ रख कर चेक करने लगी. जब वो मेरे माथे को चेक करने के लिए झुकी, तो उसके चूचों का नज़ारा कमाल का था. उसने आज भी घग्रा-चोली पहना था. और वाहा दुपट्टे लेने का कोई रिवाज़ नही था.

उसके रसीले चूचे देख कर मेरे मूह में पानी आ गया. फिर मैं बोला-

मैं: तुमने मुझे प्यार नही दिया ना इसलिए तबीयत खराब हो गयी.

वो सीधी खड़ी हुई और बोली: क्या मतलब?

तभी मैने उसकी कमर में हाथ डाल कर उसको अपनी तरफ खींचा, और उसकी नाभि पर किस करके बोला-

मैं: ये वाला प्यार.

गूंजा: हाए राम!

और ये बोल कर वो पीछे हो गयी. फिर मैं खड़ा हुआ, और बोला-

मैं: तुम प्यार नही करती मुझसे?

गूंजा: करती हू.

मैं: तो फिर डोर क्यूँ जेया रही हो?

और मैने उसका हाथ पकड़ कर उसको बाहों में भर लिया. उसकी साँस थोड़ी तेज़ हो गयी, और वो बोली-

गूंजा: जी ये सब तो शादी के बाद होता है.

मैं: लेकिन मैं तो तुम्हे पहले दिन से पत्नी मान चुका हू.

ये सुन कर जैसे ही उसने अपनी प्यार भारी आँखों से मुझे देखा, मैने अपने होंठ उसके होंठो से चिपका दिए. उसकी आँखें पूरी खुल गयी, और वो हैरान हो गयी.

पहले-पहले वो सिर्फ़ मूह बंद करके खड़ी रही. फिर उसने मेरे किस करने के स्टाइल को देख कर खुद भी वही करना शुरू कर दिया. अब हम मज़े से एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे.

जिस तरह से वो तेज़ी से मेरे होंठ चूस रही थी. इससे पता चल रहा था, की उसको मज़ा आ रहा था. हम दोनो ने 10 मिनिट तक लगातार उसी तरह किस किया. फिर हम अलग हुए. वो शर्मा कर जाने लगी, लेकिन मैने उसका हाथ पकड़ लिया.

फिर मैने उसको अपनी तरफ खीचा, और पीछे से उसको बाहों में भर लिया. अब उसकी पीठ मेरी छाती से सट्टी हुई थी. मेरे हाथ उसकी कमर पर थे. उसकी गांद मेरे खड़े लंड पर सट्टी थी. फिर मैने उसके कान में बोला-

मैं: आज तो प्यार करे बिना नही जाने दूँगा.

गूंजा: जाने दीजिए ना.

मैं: ना, बिल्कुल नही.

और ये बोल कर मैने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया.

इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में आएगी. तो वेट कीजिए अगले पार्ट की.