गाओं की लड़की की पलंग तोड़ चुदाई की कहानी

ही दोस्तों, मैं हू प्रेम. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. उमीद है की आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आ रहा होगा. अगर मज़ा आया हो, तो कहानी को लीके और कॉमेंट ज़रूर करे. तो चलिए अब कहानी शुरू करते है.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की कैसे मेरी नज़र गाओं की एक सेक्सी लड़की गूंजा पर पड़ी. फिर वो मेरे प्यार में पद गयी, और अब वो मेरे कमरे में मेरी बाहों में थी. अब आयेज बढ़ते है.

मैने उसको पीछे से अपनी बाहों में पकड़ रखा था. वो मुझे उसको छ्चोढ़ देने के लिए बोल रही थी. लेकिन मुझे आज उसको छोड़ना ही था.

फिर मैने उसकी गरण पर किस करना शुरू किया, जिससे वो सिहार उठी. उसकी साँसे तेज़ होने लगी, और तेज़ सांसो से वो बोली-

गूंजा: नही प्रेम, ऐसा मत कीजिए.

मैं: आज मैं तुम्हे हमेशा के लिए अपना बना लूँगा.

और ये बोल कर मैने चोली के उपर से उसके दोनो मस्त चूचे पकड़ लिए. क्या मस्त चूचे थे, एक-दूं काससे हुए. उसने चोली के नीचे कुछ नही पहना था, लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे पुश-उप ब्रा पहनी हो.

दोस्तों गाओं की लड़कियों की बात ही कुछ और होती है. बड़ा गड्राया हुआ, और कॅसा हुआ शरीर होता है उनका.

तो मैं उसके चूचों को दबाने लग गया. वो आहें भरने लग गयी, और उसने मुझे रोकना भी बंद कर दिया. मैं समझ गया था, की अब मैं उसके साथ कुछ भी कर सकता था.

मैं उसकी गर्दन पर लगातार किस कर रहा था, और उसके दोनो चूचों को मसल रहा था. फिर मैं अपना एक हाथ नीचे लेके गया, और उसका घाग्रा उपर करने लगा.

मैने अपना हाथ उसके घाग्रे में डाल लिया, और उसकी छूट वाली जगह पर रखा. उसने नीचे कुछ पहना हुआ था. ये पनटी नही थी, हाथ से बने हुए ककचे की तरह कुछ था.

मैने उस ककचे के उपर से ही उसकी छूट सहलानी शुरू कर दी. अब वो मोन कर रही थी. उसने मेरे हाथ पर हाथ रख कर मेरा हाथ हटाना चाहा, लेकिन मैने अपना हाथ नही हटाया. तभी मेरे हाथ में एक नाला आ गया. मुझे लगा वो ककचे का नाला था, तो मैने उसको खींच दिया.

मैने बिल्कुल सही समझा था. उसका कक्चा उतार गया, और अब मैं उसकी बालों से भारी छूट को चू रहा था. उसकी छूट गीली हो चुकी थी. अब उसने भी मुझे रोकना बंद कर दिया था.

फिर मैने पीछे से उसकी चोली खोल दी. उसने आयेज से अपनी चोली पर हाथ रख लिया, ताकि वो गिर ना जाए. मैने जल्दी से अपनी शर्ट उतरी, और उसको अपनी तरफ घुमा लिया. दोस्तों गाओं की लड़कियाँ शेरनी की तरह होती है. अगर वो गरम हो गयी, तो आपको खा जाएँगी, और हर तरह का मज़ा देंगी.

फिर मैने उसकी चोली पर हाथ डाला, और उसको खींच कर डोर फेंक दिया. अब उसके चूचे मेरे सामने थे. मैने उसको अपनी बाहों में भर लिया, और हमारे आधे नंगे जिस्म टच होने लगे.

नंगी लड़की के जिस्म का जो टच है, वो लाजवाब होता है. मैने फिरसे उसके होंठ चूसने शुरू किए, और वो भी मेरा साथ देने लग गयी. मैं साथ-साथ उसके चूचे भी दबा रहा था.

फिर मैं तोड़ा नीचे हुआ, और उसके रसीले चूचे चूसने लग गया. वो मुझे अपने चूचो में दबा रही थी, और कामुकता भारी आहें भर रही थी. फिर मैं अपने हाथ उसकी कमर पर ले गया, और उसके लहँगे को कमर से पकड़ कर नीचे गिरा दिया.

अब वो काससे हुए जिस्म की मालकिन मेरे सामने नंगी थी. मैने उसको बेड पर लिटाया, और अपने भी कपड़े उतार दिए. फिर मैं उसके पैरों से चूमना शुरू हुआ, और उपर की तरफ जाने लगा.

पैरों से घुटने, घुटनो से जांघें, और जांघों से छूट तक पहुँच गया. जैसा की मैने बताया, उसकी रसीली छूट बालों से भारी थी. मैने अपने हाथ से बालों के बीच रास्ता बनाया, और फिर जीभ से उसकी छूट चाटने लगा.

अब वो पागल हो रही थी, और चूड़ने के लिए तड़प रही थी. फिर मैं और उपर आया, और उसके चूचे और होंठ चूसने लगा. वो अपनी टांगे खोल कर मुझे बीच में ले आई. अब मेरा लंड उसकी छूट से रग़ाद खा रहा था.

फिर मैने लंड छूट पर सेट किया, और ज़ोर का धक्का मारा. इधर उसकी चीख निकली, और उधर मेरे लंड का टोपा उसकी छूट के अंदर. वो बड़े प्यार से मुझे देख रही थी, और मेरे चेहरे को प्यार से सहला रही थी.

अफ मैं कितना हरंखोर हू, जो सिर्फ़ उसको छोड़ना चाहता था. फिर मैने और 2-3 धक्के लगाए, और पूरा लंड उसकी छूट में घुसा दिया. उसकी आँखों से आँसू बाहर आ गये, लेकिन उसकी आँखों में जो प्यार था, वो कम नही हुआ.

फिर मैने उसकी गर्दन को चूमण्ते हुए लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. वो आहह आ करने लगी, और मैं तो भाई जन्नत की सैर कर रहा था. इतनी गरम और क़ास्सी हुई छूट शहर में मिलना बहुत मुश्किल है. और वो भी इतने कम टाइम में मिल जाए.

हम दोनो चुदाई और किस्सिंग में पूरी तरह खो गये थे. मैं उसके होंठ, गर्दन, चूचों पर, हर जगह चूम चाट रहा था, और नीचे से धक्का पेल उसको छोड़ रहा था. उसकी छूट पानी-पानी हो रही थी, और छाप-छाप की आवाज़े आने लगी थी.

15 मिनिट धक्के मारने के बाद मैं रुक गया. मैं देखना चाहता था, की वो क्या करेगी. और जो मैने सोचा था, वही हुआ. वो नीचे से गांद हिला-हिला कर मेरा लंड लेने लगी.

फिर उसने मुझे धक्का देके बेड पर लिटा दिया, और खुद मेरे उपर आ गयी. वो मेरे लंड के उपर बैठ गयी, और लगी उछालने उस पर. मैं उसकी छूट से निकले खून को अब अपने लंड पर देख पा रहा था.

उसके हवा में उछलते हुए चूचों को मैने पकड़ा, और दबाने लग गया. वो लगातार मेरे लंड पर उछालती रही. फिर मैने उसके चूतड़ पकड़े, और नीचे से भी धक्के लगाने लगा.

जब मेरा होने वाला था, तो मैने ये उसको बताया. उसने कहा-

गूंजा: हमारी शादी तो होने ही वाली है. तो आप अंदर ही निकाल दीजिए.

मैं जानता था, की मैं उससे शादी नही करने वाला, तो मैने उसको नीचे उतरा, और लंड उसके मूह में दे दिया. वो नीचे लेती थी, और मैं उसकी ब्रेस्ट पर बैठ कर उसका मूह छोड़ रहा था.

अगले 3 मिनिट में मेरा सारा माल उसके मूह में था.

आयेज की कहानी जानने के लिए अगले पार्ट की वेट करे.