ट्रेन के बातरूम में प्यासी आंटी के साथ सेक्स

मैं ये सब सोच ही रहा था की मुझे अपने शोल्डर पे किसी का हाथ फील हुआ. मैने पीछे देखा तो मैं देख के शॉक्ड हो गया. वो हाथ आंटी का था, और वो मुझे देख के एक नॉटी स्माइल पास कर रही थी. अब आयेज

मैं: आंटी आप?

आंटी: तुम यहा क्या कर रहे हो. तुम्हे नींद नही आ रही है क्या?

मैं: आंटी हा, बस मुझे ट्रेन में नींद नही आती है. इसलिए थोड़ी स्मोकिंग की तलब हुई तो आ गया यहा पर सिगरेट पीने. वैसे आंटी आप यहा क्या कर रही है? आप को भी क्या मेरी तरह नींद नही आती है ट्रेन में?

और ये बोल कर मैं हासणे लगा. अछा दोस्तों एक बात आप लोगों को बता डू, की जिस ट्रेन से मैं सफ़र कर रहा था, वो बिज़्नेस क्लास थी. और जिसने बिज़्नेस क्लास में ट्रॅवेल किया हुआ है, वो जानता होगा की ट्रेन के डब्बो में अलग-अलग 6 मेंबर्ज़ के कॉमपार्ट्मेंट्स होते है. उनके साथ अटॅच्ड बातरूम होते है.

लेकिन ट्रेन के डब्बे के लास्ट में गाते के पास दो वॉशरूम्स एक्सट्रा होते है. और ये ट्रेन नॉर्मल ट्रेन की तरह फुल नही होती है. जैसे नॉर्मल ट्रेन्स में होता है की रात के टाइम जिसको जहा जगह मिलती है वो वाहा सो जाता है. और कुछ तो सारी रात वॉशरूम के पास बैठे रहते है.

लेकिन ये ट्रेन ऐसी नही थी, क्यूंकी इसका पूरा कॉरिडर खाली था. सब लोग अपने कॉमपार्ट्मेंट्स में सो रहे थे, क्यूंकी रात के 2 बाज रहे थे. खैर अब मैं अपनी स्टोरी पर वापस आता हू.

आंटी: नही ऐसी बात नही है. बस मुझे थोड़ी सी घबराहट हो रही थी, तो वॉक करने निकली थी. और फिर मैने ट्रेन के डोर पर तुमको देखा तो आ गयी तुम्हारे पास.

मैं: अछा ठीक है.

आंटी: अछा एक बात बताओ. तुम वही हो ना जो चेकिंग के टाइम मेरे पीछे खड़े थे?

ये सुन के मैं तोड़ा नर्वस हो गया. फिर मैं बोला-

मैं: जी आंटी, वो बस पीछे से मुझे धक्के लग रहे थे, तो आप से टकरा गया था. सॉरी अगर आपको किसी तरह की तकलीफ़ हुई हो तो.

आंटी: अर्रे कोई बात नही, हो जाता है. अछा एक और बात पूछो तुमसे?

मैं: जी पूछिए.

आंटी: तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?

मैं: नही आंटी जी.

मेरी ना सुन कर आंटी थोड़ी हैरान हो गयी, और फिर मुझसे बोली-

आंटी: क्या सच में तुम्हारी गर्लफ्रेंड नही है?

मैं: जी आंटी, नही है.

आंटी: वैसे तुमको कैसी गर्लफ्रेंड चाहिए?

मैं: आंटी सच तो कह डू, पर आप बुरा नही मानना प्लीज़.

आंटी: हा बोलो, बुरा नही मानती मैं.

मैं: मुझे आपकी तरह की गर्लफ्रेंड चाहिए.

आंटी (शॉक्ड हो कर मेरी तरफ देखते हुए बोली): मेरी तरह? मैं तो अब ओल्ड हो चुकी हू.

मैं: नही आंटी, आप कहा ओल्ड है. आज भी आपको कोई देखे तो वो ये ही बोलेगा की आप कही से भी 3 जवान बच्चो की मा लगती ही नही है. वैसे अंकल बड़े खुश-नसीब है की आप उनकी वाइफ है. अंकल भी आपको काफ़ी खुश रखते होंगे.

मेरी ये बात सुनने के बाद आंटी थोड़ी साद हो गयी. ये देख कर मैने उनसे पूछा-

मैं: क्या हुआ आंटी, कुछ ग़लत कहा क्या मैने?

आंटी: नही बेटा, अब कहा की खुशी? सच काहु तो बेटा तुम्हारे अंकल मेरी हर विश पूरी करते है. लेकिन औरत की और भी तो ख्वाहिशे होती है, जो सिर्फ़ एक मर्द ही पूरी कर सकता है.

मैं आंटी की बात समझ गया था की वो किस ख्वाहिश की बात कर रही थी. मैने दिल में सोचा मौका अछा है, और आंटी भी बहुत प्यासी है, हात्ोड़ा मार ही देता हू. आयेज जो होगा देखा जाएगा.

फिर मैने हिम्मत करके आंटी को अपने सीने से लगा लिया, और वो मेरी चेस्ट पर अपना सर रख कर रोने लगी. फिर मैं मौके का फ़ायदा उठा कर उनकी बॅक पर हाथ फेरने लगा. इससे आंटी को सुकून मिला और वो अपना सर उठा के मुझे उमीद भारी नज़रों से देखने लगी.

ऐसा लग रहा था, जैसे आंटी कह रही हो की प्लीज़ मुझे छोड़ दो, और मेरी प्यास बुझा दो. मैने उनकी आँखों में देखा, और उनके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए, और उनको किस करने लगा. आंटी भी मेरी किस का पुर जोश से जवाब देने लगी.

किस करते टाइम मैं आंटी के मोटे-मोटे बूब्स कमीज़ के उपर से दबाने लगा, और वो आहें भरने लगी. इससे मुझमे और हिम्मत बढ़ी, और मैं ऐसे ही आंटी की सेक्सी गांद सलवार के उपर से दबाने लगा. अब मैं उनकी गांद में उंगली करने लगा.

इस सब से आंटी फुल हॉर्नी हो गयी थी, और उनके फेस से सॉफ पता चल रहा था की उनको अब लंड चाहिए था. जब हमारी किस ख़तम हुई, तो आंटी मेरी तरफ बड़ी सेक्सी स्माइल करते हुए देख रही थी.

फिर आंटी ने मेरा हाथ पकड़ा, और मुझे टाय्लेट के अंदर ले गयी. अंदर जाते ही आंटी ने टाय्लेट का दरवाज़ा लॉक कर दिया, और मुझे एक नॉटी स्माइल पास करने लगी. फिर वो मुझसे कहने लगी की-

आंटी: मॅडी मैं बहुत सालों से प्यासी हू. प्लीज़ मेरी आज सारी प्यास बुझा दो.

मैं: हा मेरी जान आज तो तुमको इतना छोड़ूँगा की तेरी सारी प्यास ख़तम हो जाएगी.

और ये बोल कर हम फिरसे किस करने लग गये. इस बार किस हमारी 10 मिनिट तक चली. फिर हम दोनो अलग हुए, और फिर मैं आंटी के बूब्स दबाने लगा. बूब्स दबने से वो आहें भरने लगी. फिर मैने उनको कहा-

मैं: आंटी अपनी कमीज़ उतार दो.

तो उन्होने झट से अपनी कमीज़ उतार दी. उन्होने ब्लॅक कलर की ब्रा पहनी हुई थी, और ब्रा में आंटी का साइज़ 36″ था. आंटी को इस तरह देख कर मैं खुद पर काबू नही कर सका, और ब्रा के उपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा, और चाटने लगा. फिर आंटी ने अपनी ब्रा भी उतार दी, और फाइनली मुझे उनके बूब्स के दीदार हुए.

क्या बूब्स थे उनके हाए! गोरे-चीतते, और उन पर लाइट ब्राउन निपल हाए! फिर मैने बिना देर किए उनके एक बूब को मूह में ले लिया, और चूसने लगा. दूसरे बूब को मैं दबाने लगा. आंटी मस्त सिसकियाँ लेने लगी.

अब आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में. आज के लिए इतना ही.