शादी-शुदा बहन संग चुदाई और पकड़े जाने की

मेरा नाम मस्त-मौला है, और मेरी उमर 25 साल है. मैं अपनी बेहन से मिलने उसके घर गया था. वो मुझे देख कर बहुत खुश हुई. मैं ईव्निंग में करीब 7 बजे पहुँचा. वो मेरे लिए छाई लेकर आई, और बातों-बातों में पता चला जीजा जी रात को अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने वाले थे. तो वो रात को नही आएँगे.

उसके बाद हम दोनो इधर-उधर की बातें करने लगे. बातों-बातों में कब 9 बाज गये पता नही चला. फिर मेरी बेहन बोली आज खाना होटेल से ऑर्डर कर देती हू, और उसने खाना ऑर्डर कर दिया. फिर उसने कहा-

बेहन: अगर तुम्हे कुछ ड्रिंक करना है, तो कर सकते हो, तब तक खाना भी आ जाएगा.

मेरी बेहन को पता है मैं कभी-कभी ड्रिंक कर लेता हू. फिर मैने कुछ सोच कर हा बोल दी, और उसने फ्रिड्ज से मुझे बियर निकाल के दे दी. मैं 2 बियर पी चुका था, तब तक खाना बन गया.

उसने बोला: अगर आपका हो गया हो तो खाना लगा डू?

मैने भी हा बोल दिया. फिर हम दोनो खाना खाने लगे. खाना खाने के बाद हम दोनो अपने-अपने बचपन की बातें करने लगे. इतने में करीब 11 बाज गये. फिर उसको नींद आने लगी.

मेरी बेहन ने कहा: आज जीजा जी नही है, तो तुम यही सो जाओ. वैसे भी बेड काफ़ी बड़ा है.

फिर उसने मुझे अलग रज़ाई दे दी. उसके बाद दीदी बातरूम गयी और नॉर्मल निघट्य पहन कर आ गयी. लेकिन उसमे से मुझे सब कुछ क्लियर दिखाई दे रहा था. मीन्स अंदर कुछ नही पहना था इतना समझ आ रहा था, और वो मेरे बगल में आ कर सो गयी.

पर मुझे नींद कहा आने वाली थी. मैं अपनी गफ़ रानी से छत करने लगा. फिर उसने मेरी रिक्वेस्ट पर अपनी मस्त न्यूड पिक भेजी, और गुड नाइट बोल कर सो गयी. पर मुझे कहा नींद आने वाली थी. थोड़ी देर बाद मैने देखा की बेहन की निघट्य उपर हो गयी थी, और उसने पनटी नही पहनी थी, इसलिए उसकी छूट सॉफ दिखाई दे रही थी.

अब ये देख कर मैं आउट ऑफ कंट्रोल होने लगा. थोड़ी देर में मैं अपना लंड बाहर निकाल कर सहलाने लगा, और हिम्मत करके दी की रज़ाई में घुस गया. फिर अपना हाथ उनके बूब्स पर रख दिया, और धीरे-धीरे सहलाने लगा. उनकी तरफ से कोई हरकत ना देख कर मेरी हिम्मत बढ़ गयी, और मैने अपना लंड उनकी गांद में लगा कर दबा दिया.

मेरे लंड का स्पर्श पा कर मेरी बेहन ने अपनी गांद पीछे करके लंड अपनी गांद पर सेट कर दिया. अब मैं समझ गया की मेरी बेहन चूड़ना चाहती थी, और अपनी गर्मी मुझसे निकलवाना चाहती थी. मैने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, और धीरे-धीरे दबाने लगा.

उसके बूब्स के निपल्स इतने कड़क थे, की मैं आपको क्या बतौ. उसके बूब्स को दबाने से ही मेरा खड़ा लंड पहले से भी और बड़ा हो गया.

मैं अब मसल-मसल के उसके बूब्स दबाने लगा. अब भी उसकी तरफ से जब कोई रेस्पॉन्स नही मिला, तो मेरी हिम्मत बढ़ गयी, और मैने 1 उंगली उसकी छूट में घुसा दी.

छूट से रस्स निकालने के कारण एक के बाद एक दो उंगली झट से छूट में चली गयी. अब उसकी सिसकियों से पूरा रूम गूंजने लगा, और उसकी गरम साँसे मुझे और पागल करने लगी. अब मैं कंट्रोल नही कर पा रहा था. मैने धीरे से उसके कान में कहा-

मैं: अब चुड भी जाओ.

ये सुन कर वो उठ गयी, और मेरे से लिपट गयी और बोली-

बेहन: आजा मेरी छूट का कचुंबर बना दो.

पर किस्मत को कहा मंज़ूर था. हम दोनो करीब आने ही वाले थे इतने में डोरबेल बाजी, और हम दोनो दर्र के उठ गये. फिर मेरी बेहन ने डोर होल से देखा की उसकी शादी-शुदा ननद आई हुई थी. उन्होने डोर ओपन किया और अपनी ननद को असचर्या से देखा तो उसकी ननद (उनका नाम सुरभि है, जो की 5 केयेम के अंदर ही रहती है) बोली-

सुरभि: भाभी, भैया का कॉल आया था की आप अकेली हो. तो मैं आज रात आपके यहा नाइट में रुकु. मैं आपको सर्प्राइज़ देना चाहती थी, इसलिए मैं अपनी किटी से फ्री हो कर सीधा आपके यहा आ गयी.

सुरभि फिर मुझे देख कर बोली: तुम कब आए?

फिर वो मेरे से बात करने लगी. मेरी दी उनके लिए पानी लेकर आई. पानी पीते हुए सुरभि बोली-

सुरभि: आज बड़ी मस्त निघट्य पहनी है.

बुत एक बात क्लियर थी. उनके साथ बात करने पर मुझे एहसास हो गया की वो बहुत पी कर आई थी.

पानी पी कर वो बोली: चलो बहुत नींद आ रही है, सो जाते है.

फिर इतना बोल कर वो सीधा दी के रूम में जेया कर घुस गयी, और उसके वॉर्डरोब से त-शर्ट और शॉर्ट्स पहन कर बोली-

सुरभि: चलो तीनो यही सो जाते है.

और इतना बोल कर वो सो गयी. 10 मिनिट हमने इधर-उधर की बात की. फिर देखा की वो गहरी नींद में सो गयी थी. अब मैने दी की तरफ देखा तो वो बोली-

बेहन: बहुत चुदस छ्छूट रही है, पर सुरभि दी का दर्र लग रहा है.

मैने बोला: जाने दो, वो पहले ही बहुत नशे में है.

तोड़ा सोच कर दी ने लाइट बंद कर दी, और हम दोनो बगल में आ कर लेट गये. (अब मैं अपनी दी को रनो के नाम से बूलौँगा जो की उनके घर का नाम है) अब मेरी रनो मेरे से लिपट गयी, और मुझे चूमने लगी. थोड़ी देर में हम दोनो ने अपने कपड़े उतार दिए, और रनो ने अपने बूब का निपल मेरे मूह में रख कर कहा-

रनो: चूसो मेरे राजा.

फिर मेरा मूह अपने बूब्स पर रख दिया, और ज़ोर से दबा दिया. वो एक हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी. अब मेरा लंड तंन के 7 इंच का हो गया था. रनो मेरा लंड मूह में लेकर चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे वो आइस क्रीम खा रही हो. फिर मैने रनो को 69 पोज़िशन में आने का इशारा किया, तो मेरी प्यारी रनो झट से 69 पोज़िशन में आ गयी.

दोनो टांगे चौड़ी करके वो अपनी छूट मेरे मूह रख कर कस्स के दबाने लगी. मैने अपनी पूरी जीभ उसकी छूट में घुसा दी, और मैने जीभ से चाट-चाट कर उसकी गुलाबी छूट एक-दूं लाल की. उसकी छूट से पानी रिस्स आया, और मैं सारा पानी चाट-चाट कर पी गया.

उसने मेरा लंड को चूस-चूस कर मुझे पागल कर दिया. 10 मिनिट की छूट चटवाई के बाद सिसकियाँ लेते हुए वो कहने लगी-

बेहन: भाई अब छोड़ दो मेरी छूट को.

अब मैने बेहन की छूट पर अपना लंड सेट किया, और फिर एक ज़ोर का धक्का मारा. एक ही ज़ोरदार झटके में पूरा का पूरा लंड उसकी छूट के अंदर चला गया, और उसकी आँखें बाहर आ गयी. फिर मैने धीरे-धीरे छोड़ना चालू रखा. अब वो भी नीचे से गांद उठाने लग गयी थी. अब उसको भी मज़ा आ रहा था

फिर मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और ज़ोर-ज़ोर से छोड़ना चालू कर दिया. अब मेरी बेहन ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ लेकर उछाल-उछाल कर छुड़वाने लगी. वो साथ में चिल्लाने भी लगी. हम भूल ही गये की रूम में सुरभि भी सो रही थी. तभी एक-दूं से किसी ने लाइट जला दी. देखा तो सुरभि थी. लाइट जलते ही मैने रनो को डोर फेंक दिया.

तो सुरभि बोली: साला बहनचोड़ छूट फाड़ रहा है. रुक अभी तेरी मा छोड़ती हू. अभी भाई को बताती हू.

इतना सुन कर हम दोनो सुरभि से माफी माँगने लगे. काफ़ी देर के बाद सुरभि बोली-

सुरभि: मेरी एक शर्त है.

हमने कहा जो भी है हमे मंज़ूर है.

फिर सुरभि बोली: मुझे भी शामिल कर लो इस चुदाई में. आख़िर छूट मेरी भी तड़पति है.

इतना सुनते ही मेरी रनो बोली: छूट चाट ना छूतिए.

मुझे इतना बोल कर उसने सुरभि को नंगा करना चालू कर दिया, और मेरा मूह अपनी छूट पर रख दिया. अब मैं उसकी छूट को चाटने लगा, और चाट-चाट कर पूरी लाल कर दी. छूट चाटने की वजह से छूट सूख कर वापस कड़क हो गयी. मैं बहुत तेज़-तेज़ छूट चाटने लगा, और अपनी बेहन के बूब्स को मसालने लगा.

मेरी बेहन सुरभि के बूब्स मसालने लग गयी. फिर मैने उसको बोला-

मैं: मेरी कुटिया, कुटिया बन के चूड़ेगी क्या?

वो झट से कुटिया बन गयी.

आयेज की कहानी दूसरे पार्ट में लिखूंगा. मुझे मैल पर ज़रूर बताए की आपको ये कहानी कैसी लगी.