ई होप आप सब ने पहला पार्ट पढ़ा होगा. अब आयेज की कहानी पढ़िए.
मा: आप इतनी रात को यहा क्या कर रहे है?
आनवार: जी वो मैं, कुछ नही, बस ऐसे ही.
मा: आप सोए नही?
आनवार: नही भाभी जी, नींद ही नही आ रही.
मा: क्यूँ?
आनवार: क्या करू भाभी जी, इस लॉक्कडोवन् की वजह से पिछले 3 महीनो से अपनी बीवी को नही मिल पाया. इसलिए आपको देख के तोड़ा बहक गया था.
मा: मैं समझ सकती हू. लेकिन ऐसी हरकतें करना ठीक नही.
आनवार: मुझे माफ़ कर दीजिए.
मा: ठीक है, लेकिन वापस ऐसा कुछ मत कीजिए.
आनवार: भाभी जी, सच बतौ तो मुझे खुद पर काबू रखने में थोड़ी तकलीफ़ हो रही है. अगर आप बुरा ना मानो तो एक बात पूचु?
मा: जी पूछिए.
आनवार: आप बहुत खूबसूरत दिखती है. क्या मैं थोड़ी देर के लिए यही रुक कर आपको देखते हुए हिला सकता हू?
[ये बात सुन कर मा तोड़ा शॉक हो गयी]
मा: अर्रे लेकिन…
आनवार: प्लीज़ भाभी जी, एक मर्द की परेशानी तो आप समझ ही सकती होंगी. प्लीज़ मैं सिर्फ़ आपको देख के हिलौँगा, और कुछ नही.
मा: फिर भी, चलिए ठीक है.
आनवार: जी शुक्रिया.
फिर अंकल ने वापस अपनी लूँगी उतार कर अपना बड़ा सा लंड बाहर निकाला. मा तो ये सीन देख कर शॉक हो गयी.
मा: ये क्या! इतना बड़ा?
[आनवार अंकल हल्की-हल्की आवाज़ में हासणे लगे]
मा: मुझे तो देख कर ही दर्र लग रहा है.
आनवार: इसमे डरना क्या, ऐसा तो सब का होता है.
फिर अंकल ने मा की तरफ देखा और धीरे-धीरे अपना लंड हिलने लगे. मा बेड पर बैठी हुई थी, और अंकल ठीक उनके सामने खड़े हो कर उनको देखते हुए अपना लंड हिला रहे थे. दोनो की नज़रें एक-दूसरे के उपर टिकी हुई थी. अंकल 10 मिनिट से लंड हिला रहे थे, लेकिन उनका पानी निकल ही नही रहा था. मा को भी तोड़ा अजीब लग रहा था.
मा: और कितनी देर? 15 मिनिट हो गये है, फिर भी नही निकल रहा.
आनवार: जी वो काफ़ी दीनो से कुछ नही किया है ना, इसलिए. क्या आप थोड़ी देर के लिए आपकी चुचियाँ खोल सकती है? शायद आपकी चुचियाँ देख कर पानी जल्दी निकल आए.
अंकल की बात मान कर मा अपना गाउन उपर से खींच कर तोड़ा नीचे लाई, और अपनी चुचियाँ बाहर निकली. ओह भाई, ये देख लिया मैने. इतनी सेक्सी चुचियाँ तो मैने पॉर्न में भी नही देखी थी. एक-दूं बड़ी और पर्फेक्ट शेप में, एक-दूं टाइट चुचियाँ थी मा की. अंकल भी देखते ही रह गये.
आनवार: वाह! क्या बात है. देख कर ही मज़ा आ गया.
मा: जी पहले आप जल्दी से अपना हिला लीजिए.
अंकल ने और 10 मिनिट तक अपना लंड हिलाया, लेकिन फिर भी पानी नही निकला. मा की भी बेचैनी बढ़ रही थी.
मा: क्या हो रहा है? अभी भी नही निकल रहा.
आनवार: भाभी जी, सच काहु तो मैं भी नही चाहता की मेरा पानी निकले. लेकिन अब क्या करे?
मा: जल्दी करिए वरना मेरा बेटा देख लेगा.
आनवार: कब से कोशिश कर रहा हू. अगर आप बुरा ना मानो तो क्या आप ही मेरा लंड हिला देंगी? शायद आपका हाथ लगने से जल्दी निकल आए.
मा ने तोड़ा सोचा, फिर दरवाज़े की तरफ देखा और कहा-
मा: ठीक है लाइए.
फिर अंकल बेड पर जेया कर मा के एक-दूं बगल में बैठ गये. मा ने रूम लाइट बंद करके दीं लाइट लगा दी. अंकल मा को एक-दूं चिपक कर बैठे हुए थे. फिर मा ने अंकल का लंड अपने हाथो में लिया, और उसे हिलना शुरू कर दिया. अब अंकल का असली मूड बनना शुरू हुआ.
आनवार: अयाया भाभी जी, उफफफफफ्फ़, सस्स्स्सस्स.
मा ने धीरे-धीरे हिलने की रफ़्तार बधाई जिसकी वजह से अंकल और पागल होने लगे. अंकल लगातार मा का चेहरा और उनकी सेक्सी चुचियों को घूरे जेया रहे थे. करीब 15 मिनिट तक मा ने अंकल का लंड लगातार हिलाया, जिसके बाद अंकल का पानी निकल गया.
पानी एक-दूं ज़ोर से किसी फव्वारे की तरह उड़ा, और मा की चुचियों और चेहरे पर जेया कर गिरा. अंकल को लगभग चरम सुख का अनुभव हुआ होगा. फिर अंकल ने अपनी आँखें बंद की और बेड पर गिर गये. मा ने खुद को सॉफ करके अंकल को वापस मेरे रूम में जेया कर सोने को कहा, जिसके बाद अंकल मेरे रूम में आ गये.
मैं: क्या बात है अंकल, पहले ही दिन खाता खुल गया आपका तो!
आनवार: हहा! अर्रे ये तो सिर्फ़ शुरुआत है.
मैं: हहा! अब कल क्या करने का इरादा है?
आनवार: देखते है.
सुबह मा ने सब के लिए छाई बनाई. और वो क्या दिख रही थी. ब्लॅक कलर का ड्रेस और वाइट कलर की लेगैंग्स, दोनो भी एक-दूं टाइट. अंकल तो देखते ही रह गये.
अंकल पूरा दिन मा को किसी तर्की उल्लू की तरह घूर रहे थे. पर मा उन्हे इग्नोर कर रही थी. शायद मेरी वजह से. फिर रात को खाना खाने के बाद मा किचन में सॉफ सफाई करने चली गयी, तो अंकल भी थोड़ी देर बाद किचन में जेया कर उनसे कुछ बातें करने लगे.
मैं बाहर से ही च्छूप-च्छूप कर देखने लगा. अंकल मा के साथ धीमी आवाज़ में बात करते हुए धीरे-धीरे अपने लंड के उपर से हाथ घुमा रहे थे. पता नही उन दोनो के बीच क्या बातें हुई. फिर रात के करीब 1 बजे अंकल मुझे बिना बताए ही मा के बेडरूम में चले गये.
मा भी सोई नही थी, शायद अंकल का ही इंतेज़ार कर रही थी. मैं भी रूम के बाहर से च्छूप-च्छूप कर देख रहा था. सिर्फ़ अंदर की दीं लाइट चालू थी, इसलिए सब पता चल रहा था.
अंकल: शुक्रिया भाभी जी, मेरी मजबूरी समझने के लिए.
मा: ठीक है, लेकिन ज़रा जल्दी करिए. मेरे बेटे ने देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी.
अंकल: अर्रे कुछ नही होगा. आप दारिय मत.
इतने बोल कर अंकल ने अपना बड़ा सा काला लंड बाहर निकाला, और मा पिछली रात की तरह उनका लंड देखती ही रह गयी. फिर अंकल बेड पे जेया कर मा को एक-दूं चिपक कर बैठ गये. मा ने उनका लंड पकड़ा और उसे हिलना शुरू किया.
अंकल: भाभी जी, मुझे आपकी चुचियाँ देखनी है. क्या आप कल की तरह आपका गाउन तोड़ा नीचे करेंगी?
अंकल की बात मान कर मा ने अपना गाउन उपर से तोड़ा नीचे खींचा, और अपनी चुचियाँ बाहर निकली. मा को अंकल का लंड हिला कर अब 15 मिनिट हो चुके थे. लेकिन फिर भी उनका पानी अभी तक नही निकला था.
मा: ये क्या है, आपका पानी निकालने में इतनी देर क्यूँ लगती है?
अंकल: हहा! आज कुछ नया करने का मॅन हो रहा है.
मा: अब और क्या?! [तोड़ा परेशन हो कर]
अंकल: अर्रे आप दारिय मत. दरअसल मुझे हर बार कुछ अलग करने की आदत है, इसलिए कह रहा हू. कुछ और करेंगे तो शायद जल्दी निकल आए.
मा: जो भी करना है जल्दी करिए.
अंकल: ठीक है. पहले हम दोनो अपने पुर कपड़े उतारते है, फिर बतौँगा.
[ये बात सुनते ही मा तोड़ा दर्र गयी. ]
मा: अर्रे लेकिन…
अंकल: आप दारिय मत, कुछ हुआ तो मैं देख लूँगा.
फिर अंकल की बात मान कर मा ने अपने सारे कपड़े उतार दिए. अब दोनो पूरी तरह नंगे हो चुके थे. और मा की बॉडी क्या सेक्सी लग रही थी. अंकल तो देखते ही रह गये. एक तरफ मा का सावला सेक्सी शरीर, तो दूसरी तरफ अंकल का बालों से भरा हुआ काला जंगल, ओह क्या कॉंबिनेशन लग रहा था.
अंकल: क्या खूब दिखती है आप. सच में आपके जितनी खूबसूरत औरत मैने आज तक नही देखी.
मा: जी शुक्रिया. पर प्लीज़ तोड़ा जल्दी, वरना मेरा बेटा देख लेगा.
फिर अंकल ने मा को बेड पर बिताया, और खुद उनको एक-दूं चिपक कर बैठ गये. उसके बाद अंकल ने मा के दोनो पैरों को पकड़ कर उन्हे ज़ोर से फैलाया, जिससे मा की छूट उनके सामने आ गयी. ओह क्या छूट थी यार, एक-दूं सेक्सी, फूली हुई, और गुलाबी. अंकल के तो मूह में जैसे पानी ही आ गया हो.
अंकल: सच कहता हू, काश आप मेरी बीवी होती तो ज़िंदगी का मज़ा ही अलग होता.
इतना बोल कर अंकल ने सीधा मा की छूट में अपनी 2 उंगलियाँ डालना शुरू किया. मा को इस बात की भनक तक नही थी. वो ज़ोर से चिल्लाई.
मा: आअहह! [एक हाथ से अपना मूह धक लिया]
अंकल: कैसा लग रहा? [धीमी आवाज़ में]
मा: जी पहले आप तोड़ा धीरे करिए.
फिर अंकल ने मा के हाथ में अपना लंड थमाया और उसे हिलने को कहा. ओह, क्या सीन था यार वो. एक तरफ अंकल मा की छूट में उंगलिया डाल रहे थे, तो दूसरी तरफ मा अंकल का बड़ा सा लंड हिला रही थी.
फिर अंकल हवस की निगाहों से मा की आखों में देखने लगे. मा थोड़ी दररी-सहमी सी लग रही थी. उसके बाद अंकल ने अपना मूह तोड़ा सा खोला, और उसे मा के होंठो के पास ले जाने लगे. ये देख कर मा भी समझ गयी की अंकल को क्या चाहिए था.
फिर मा ने भी अपना मूह तोड़ा सा खोला, जिसके बाद तुरंत ही दोनो की ज़बरदस्त किस्सिंग शुरू हुई. अब दोनो किस्सिंग करते हुए एक-दूसरे को चरम सुख तक पहुचने में लगे हुए थे. कुछ देर बाद मा ने झाड़ दिया. फिर अंकल ने मा की छूट से अपना हाथ हटा कर उनकी चुचियों पर रख दिया, और उन्हे ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगे.
मा: उउंम्म, सस्स्सस्स.
दोनो की किस्सिंग अभी शुरू थी. फिर मा ने अपनी रफ़्तार थोड़ी बधाई और तेज़ी से अंकल का लंड हिलना शुरू किया. अंकल भी अपनी आँखें बंद करके पूरा लुत्फ़ उठाने लगे.
अंकल: आआहह, भाभी जी, ऊहह.
फिर करीब 10 मिनिट बाद अंकल का भी पानी निकल गया, जो सीधा मा के पेट और चुचियों पर जेया गिरा. अंकल तो जैसे सातवे आसमान पर थे. फिर अंकल बेड पर ही गिर गये, और थोड़ी देर वही लेते रहे.
अगले पार्ट से असली चुदाई, और क्या सच में अंकल ने मा को प्रेग्नेंट किया, इसके बारे में बात करेंगे. आपका फीडबॅक मुझे कॉमेंट्स सेक्षन में ज़रूर बताए.