मा की बेटे से चुदाई के प्लान का एक्सेक्यूशन

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम मानव है. मैं आपके सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट्स को आपने बहुत प्यार किया, उसके लिए मैं आपका दिल से शूकर-गुज़र हू. जिन रीडर्स ने पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, वो पहले जाके वो पार्ट्स ज़रूर पढ़े.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की मामी मुझसे मेरी मा को छुड़वाने का प्लान बना रही थी. फिर खाना खाने के बाद वो मा को वॉक पर ले गयी, और वाहा बातों ही बातों में मा के दिमाग़ में प्लेबाय से चूड़ने वाली बात डाल दी. मा अब उसकी बात के बारे में सोच रही थी. अब आयेज बढ़ते है.

मा को सोचते हुए देख फिर मामी बोली: दीदी ज़्यादा सोचो मत. थोड़े साल और बीट गये, तो बाकी की सारी ज़िंदगी ये सोच कर काटनी पड़ेगी की अगर उस टाइम मज़ा कर लिया होता तो अछा होता.

मामी मा को कन्विन्स करने के लिए पूरा ज़ोर लगा रही थी. फाइनली फिर मा ने कहा-

मा: चल ठीक है, लेकिन ध्यान रखना जगह और बंदा दोनो सेफ होने चाहिए.

मामी: उसकी चिंता आप मत करो दीदी. आप तो बस चरमसुख भोगने के लिए तैयार रहिए.

मा मुस्कुराइ, और फिर दोनो वापस आने लगे. मैं मा की वेट कर रहा था. फिर जब वो आई, तो मैं आँखें बंद करके सोने का नाटक करने लगा. मा ने आके देखा की मैं सोया हुआ था, और वो मेरे साथ सो गयी. मैं मा के साथ रात को कुछ करना चाहता था, लेकिन नाटक करते हुए कब मेरी आँख लग गयी मुझे पता ही नही चला.

अगले दिन फिरसे वही रुटीन चली. पहले नाश्ता हुआ, और फिर सब अपने-अपने काम पर लग गये. मामी बेज़ार से कुछ समान लाने के बहाने से मुझे अपने साथ लेके जाने की पर्मिशन लेली. फिर मैं और मामी बिके पर बेज़ार चल पड़े. रास्ते में मामी ने मुझे पूरा प्लान समझाया.

मामी: कल मैने तेरी मा को माना लिया है प्लेबाय से चुदाई करने को.

मैं: लेकिन प्लेबाय से क्यूँ? आप तो उनको मुझसे चुदाई के लिए मानने गयी थी ना?

मामी: अर्रे बात तो सुन ले मेरी. तू बीच में ही अपने घोड़े दौड़ने लग गया है.

मैं: सॉरी मामी, आप बोलो.

मामी: देख तेरी मा सीधे-सीधे तो तुझसे चूड़ने के लिए मानने नही वाली. उसके मॅन में ये बात बितानी पड़ेगी, की उनके घर में ही एक ऐसा लंड है, जिससे वो अपनी छूट की प्यास बुझा सकती है.

मामी: और प्लेबाय से चूड़ने के लिए रेडी हुई है, इसका मतलब ये बिल्कुल नही है की मैं उसको किसी बाहर वाले से चड़वौनगी. मेरा प्लेबाय तो तू ही है. तू ही प्लेबाय बन कर आएगा, और हम दोनो को छोड़ेगा.

मैं: लेकिन वो मुझे देख नही लेगी.

मामी: नही देखेगी. मैं अपनी प्राइवसी के लिए उसको बोलूँगी की हम अंधेरे में चुदाई करवाएँगे. और तू अपनी चुदाई के लिए आइ-मस्त पहन लेना. किसी को कुछ नही पता चलेगा. बाकी मेरे पे छ्चोढ़ दे, की मैं तेरी मा में तेरे लिए कैसे गंदी फीलिंग्स जगौंगी.

मैं मामी का प्लान सुन कर इंप्रेस हो गया. मैने उनको बोला-

मैं: मामी तुमने तो कमाल का प्लान बनाया है. तुम्हे तो जेम्ज़ बॉन्ड की मोविए में होना चाहिए था.

मामी: देख बेटा, हमने कक़ची गोलियाँ नही खेली है.

फिर हम मार्केट पहुँच गये, और वाहा से समान लेके घर वापस आ गये. घर आके मामी मा को अकेले कमरे में ले गयी, और उन्हे सारी बात बता दी. वो मम्मी से बोली-

मामी: दीदी मैने सब सेट कर दिया है.

मा: क्या सेट कर दिया है.

मामी: अर्रे वही प्लेबाय वाला सिस्टम.

मा: हाए राम! इतनी जल्दी.

मामी: अर्रे आचे काम में देरी क्या करनी.

मा: कब जाना है?

मामी: कल सुबा 10 बजे.

मा: मुझे दर्र लग रहा है.

मामी: डरने की कोई बात नही है. सब सेफ है.

मा: चल ठीक है मैं तैयार रहूंगी.

फिर जैसे ही मामी अपने रूम में आई, तो मैं पहले से ही उनके रूम में था. मैने मामी को आते ही अपनी बाहों में भर लिया. मामी ने सारी पहनी हुई थी. मैने उनका पल्लू हटाया, और उनकी गर्दन पर किस करने लगा. मामी आ आ करने लग गयी, और बोली-

मामी: मैने तेरी मा को सब बता दिया है. कल 10 बजे का टाइम दिया है. तू पहले ही निकल जाना आ.

मैं बस मामी की क्लीवेज छाते जेया रहा था. फिर मैने मामी के बूब्स दबाने शुरू कर दिए, और उनके होंठ चूसने लगा. मामी गरम हो रही थी, और उनकी साँसे तेज़ हो रही थी. किस करने के बाद मैने मामी का ब्लाउस खोल दिया, और उनके बूब्स ब्रा से बाहर निकाल लिए.

अब मैं उनके सेक्सी बूब्स पर टूट पड़ा, और उनके निपल्स चूसने लगा. मामी भी मुझे अपनी आगोश में लेके मेरे मूह को अपने बूब्स में दबा रही थी. बड़ा स्वाद आ रहा था उनके बूब्स से उनकी गर्मी चूसने में.

फिर मैने मामी की सारी खोल दी, और उनके बेड पर लिटा लिया. उसके बाद मैं उनके उपर आ गया, और उनकी कमर चूसने लगा. मामी पूरी तरह से चूड़ने के लिए तैयार थी. लेकिन वो बोली-

मामी: मानव जल्दी से कर ले. कही कोई आ ना जाए.

उनकी ये बात सुन कर मैने जल्दी से अपनी पंत और अंडरवेर उतार दिए, और लंड बाहर निकाल लिया. फिर मैने मामी का पेटिकोट उठाया, और उनकी पनटी निकाल दी. उनकी छूट गीली हुई पड़ी थी. मैने अपना लंड उनकी छूट पर सेट किया, और एक झटके में अंदर डाल दिया.

मामी पहले से ये जानती थी, की मैं पूरा लंड एक ही बार में डालूँगा, तो उन्होने अपना मूह बंद कर लिया था. फिर मैने उनकी छूट में धक्के देने शुरू किए. क्या गरम छूट थी मामी की जितनी ज़्यादा चुदाई करो उतनी कम थी.

होंठो में होंठ मिला कर मैने मामी को 10 मिनिट छोड़ा, और फिर मैने अपना सारा माल उनकी छूट में ही निकाल दिया. फिर मैने कपड़े पहने और बाहर आ गया. कुछ देर में मामी भी सारी ठीक करके बाहर आ गयी.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर कहानी का मज़ा आ रहा हो, तो इसको अपने दोस्तों के साथ भी शेर करे. ताकि वो लोग भी इसका मज़ा ले सके.