मा-बेटे की चूत और लंड की शांति की कहानी

आप लोगो ने हमारी कहानी के पिछले भाग को खूब प्यार दिया. इसलिए हम इसका 3र्ड पार्ट ला रहे है.

तो मैं अपना लंड मा की छूट में ले गया. उनकी छूट एक-दूं गरम और रसीली होती जेया रही थी.

मैं: मा आअपकी छूट तो और गरम हो रही है.

मा: हा बेटा, मेरी आग और भड़क रही है. डाल उस प्लास्टिक लंड को फिर मेरी चूत में.

मैं अपना लंड मा की छूट में अंदर डालने लगा.

मा: बेटा ये क्या, ये अजीब क्यूँ लग रहा है?

मैं: कुछ नही मा, प्लास्टिक लंड को छूट में डाल रहा हू. अंदर जेया ही नही रहा.

मैं अपने लंड को अंदर डालने लगा धीरे-धीरे. लेकिन छूट बहुत ही ज़्यादा टाइट थी. ऐसा लग रहा था जैसे भट्टी थी. मैं पेलने लगा, लेकिन अंदर जेया ही नही रहा था.

मैं: मा ये लंड अंदर क्यूँ नही जेया रहा?

मा: लाओ मुझे दो.

मैने तुरंत अपना लंड हटाया, ताकि उन्हे पता ना चले, और प्लास्टिक लंड उन्हे दिया. उन्होने वो प्लास्टिक लंड अपनी छूट में डाला.

मा: चलो मैने प्लास्टिक लंड छूट में डाल दिया है. उसे आयेज-पीछे करो.

मैं वैसा ही करने लगा. छाप छाप छाप छाप की आवाज़ के साथ मा आह आह आह आहा आह कर रही थी. ऐसा करते समय मैने मा से कहा-

मा: इसमे तो आपको मज़ा आ रहा है. मेरा क्या? मैं आपकी छूट में लंड डाल सकता हू क्या.

मा: नही बेटे, दिमाग़ खराब है क्या? मैं तुम्हारी मा हू. तुम्हे मैने जानम दिया है.

मैं: तो क्या कोई ऐसा रास्ता नही जिससे मुझे मज़ा आए? मेरा लंड छूट के लिए तड़प रहा है मा.

मा: तू मुझे चू सकता है जैसे चाहे. पर छूट में अपना लंड नही डाल सकता.

मैं रुक गया और मा को चूना चालू कर दिया. उन्होने ब्रा भी निकाल दी, और वो पूरी नंगी हो चुकी थी. मैं उनके जांघों से लेकर बूब्स को महसूस करने लगा. क्या मुलायम थी.

मा: एक और तरीका है. जिससे तेरी छूट की प्यास बुझ जाए.

मैं: कैसा तरीका मा?

मा: रुक जाओ, मैं तुम्हे कुछ दिखती हू. मुझे ब्रा पनटी पहनने दे. और मैं जब काहु तो लाइट ओं कर देना.

मैं: जी.

मा: अब लाइट ओं कर.

उन्होने जैसे ही कहा मैने लाइट ओं कर दी.

मा: ज़रा लॅपटॉप लाना.

मैं: जी लाता हू.

मैने लॅपटॉप लाया, और मा ने उसमे सेक्स टॉय वाली वेबसाइट खोली. उसमे बहुत सारे सेक्स टाय्स थे. तो उन्होने मुझे वही नकली छूट दिखाई.

मा: देखो बेटा. ये नकली छूट है. जैसे डिल्डो 3क प्लास्टिक लंड है, वैसे ही. जब मैने प्लास्टिक लंड ऑर्डर किया था, तो ये रेकमेंड हुई. मैं इस ऑर्डर को कन्फर्म कर देती हू. कल आएगी, तो तुम्हे बतौँगी की इसे कैसे इस्तेमाल करना है. लाओ अपना लंड.

उन्होने मेरा लंड पकड़ा, और हिलना चालू कर दिया. और मैं झाड़ गया.

मा: चलो अब सो जाओ.

हम सो गये. सुबा करियर आया, और मैने नींद से जाग कर उस करियर को ले लिया. फिर उसे ले जाके मा को दिखाया, जो नाश्ता बना रही थी. हम दोनो खाना खाए. फिर मा मुझे कमरे में ले गयी, और दरवाज़ा बंद कर दिया. मा ने सारी निकाल दी, और ब्रा और पनटी में आ गयी. उन्होने फिर बॉक्स खोला, और नकली छूट की उपरी परत को छूटे हुए अंदर उंगली डाल दी.

मा: देखो बेटा इस उंगली को. बस ऐसे ही तुम्हे अपने लंड को इसमे डालना है. चलो अपना लंड निकालो पंत से. मैं अपनी टांगे फैला कर लेट रही हू, और इस नकली छूट को मेरे छूट के आयेज रख रही हू. लेकिन मैं ब्रा और पनटी नही निकाल रही हू हा. समझ गये?

मा लेट गयी. उनकी छूट पनटी में फूली हुई थी. मा ने अपनी चूत के आगे नकली चूत को रखा. मैं आयेज बढ़ा, और उस नकली छूट में लंड डालने लगा. दोनो हंतो से मैने उनके दोनो पैरों को पकड़ लिया.

मा: हा बेटा, वेरी गुड. हा ऐसे ही.

मेरा लंड उस नकली छूट में घुस गया. क्या फीलिंग थी यार.

मा: समझो की तुम अपनी पत्नी को चोद रहे हो.

मैं: हा मा.

फिर मैं धीरे-धीरे आयेज-पीछे करने लगा लंड को. छाप-छाप की आवाज़ आने लगी उससे, और मेरे मूह से आह आह निकालने लगी.

मैं: मा एक बात पूचु, आप बुरा तो नही मनोगी ना?

मा: नही, पूछो.

मैं: क्या मैं जान सकता हू की आपकी छूट गीली क्यूँ हो रही है?

मा: वो मेरी छूट पर तुम्हारे लंड का ज़ोर पद रहा है इसलिए.

मैं: मा मैं आपको नंगी देखना चाहता हू.

मा: तुम ऐसी ज़िद क्यूँ कर रहे हो बेटा?

मैं: प्लीज़ मा, एक बार देखना चाहता हू प्लीज़.

मा: अछा तुम रूको, तुम मानोगे नही ना. जेया कर ब्लॅक रिब्बन ले आओ.

मैं जेया कर ब्लॅक रिब्बन ले आया. मा ब्लॅक रिब्बन अपनी आँखों में लगाई, और धीरे-धीरे अपनी ब्रा निकाल दी. सामने से क्या लग रही थी, जैसी अप्सरा हो. फिर अपनी पनटी को धीरे से नीचे करने लगी. उनकी छूट की बाल दिखने लगे. लेकिन वो रुक गयी

मा: हे भगवान, मैं ये क्या कर रही हू?

उन्होने फिर पनटी को उपर की, और ब्रा भी पहन ली. उनकी भी छूट गीली हो गयी थी. उन्होने अपना प्लास्टिक लंड खोज कर देखा तो उन्हे पता चला की पिछली बार जब उन्होने इसे उसे किया था, तो वो खराब हो गया था.

मैं: क्या हुआ मा, आप क्या देख रही है?

मा: अर्रे बेटा डिल्डो पिछली रात में ही खराब हो गया.

वो टेन्षन में आ गयी, और किचन में जेया कर सारी वियाग्रा की गोली खा ली. वो कमरे में फिर आई. 10 मिनिट बाद वियाग्रा का असर होने लगा. मा जोश में आने लगी और उन्हे भी छूट में डालने का मॅन होने लगा.

मेरा लंड उस नकली छूट में घुसा था. उसे उन्होने निकाला और आधा कर दिया. और ये चीज़ मुझे पता नही थी.

मा: बेटे तुम मुझे नंगी देखना चाहते हो ना? मैं तुम्हे देखने दूँगी, पर एक शर्त है.

मैं: कैसी शर्त मा?

मा: की तुम लाइट बंद करके इस नकली छूट में अपना लंड अंदर-बाहर करो. इसे मैं नंगी हो कर अपनी छूट के सामने रखूँगी. और जब झाड़ जाओ, तो मुझे देख लेना.

मैने लाइट बंद की.

मा: चलो मैं नंगी हो गयी हू. तुम अपना लंड मेरे हाथ में दो. मैने नकली छूट को भी अपनी छूट से सत्ता लिया है.

मैने अपना लंड मा को दिया. अंधेरे में दिखाई तो कुछ दे नही रहा था. मा ने मेरा लंड नकली छूट की मूह पर रख दिया.

मा: चलो अब अंदर पेलो.

वो पहले से ज़्यादा गरम लग रही थी. मैने अपना लंड नकाला, छूट में डाला, तो अंदर गीला लगने लगा.

मैं: मा ये नकली छूट का आखरी हिस्सा गीला क्यूँ लग रहा है?

मा: अब मैं क्या बोलू? वो मैने अंदर आयिल डाला है बेटा.

मैं: ओह तो आखरी छ्होर गरम क्यूँ लग रही है?

मा कुछ नही बोली

मा: वो सब छ्चोढो, मुझे नंगी देखना है की नही? मेरी छूट भी तुम्हे देखने मिलेगी.

ये बात सुन कर मैं खुश हो गया. मैं धीरे-धीरे नकली छूट में अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. जिसके कारण मेरा लंड अंदर मा की छूट से टकरा रहा था. उन्होने नकली छूट को आधा काट दिया था इसलिए. मा सिसकारियाँ लेने लगी, और मूह से धीरे-धीरे आह आह आह आह करने लगी.

उनकी छूट और गीली हो रही थी पानी-पानी जैसा. मेरा लंड मा की छूट के अंदर तोड़ा ही जाने से बच रहा था. उनकी छूट की मूह में ही जाता और वापस आ जाता. मैने उनकी दोनो टांगे पकड़ी हुई थी.

मैं: मा ये तो और गीली हो रही है, ऐसा कों सा आयिल डाल दिया आपने?

मा: हाइ क्वालिटी का आयिल है बेटे, इसमे और गीला लगता है.

मैने स्पीड बढ़ा दी. मा और सिसकारियाँ लेने लगी, और मूह से आह आह आ आ आह निकालने लगी. छाप छाप की आवाज़ गूंजने लगी कमरे में.

मैं: मा आप ऐसी सिसकारियाँ क्यूँ निकाल रही हो?

मा: वो बेटे मैं आक्टिंग कर रही हू तेरी बीवी होने की. तू अपनी बीवी को छोड़ेगा तो वो ऐसी ही आवाज़ निकालेगी. इसलिए ऐसा कर रही हू. क्यूँ तुम्हे मज़ा नही आ रहा क्या?

मैं: नही, मज़ा आ रहा है मा.

मा: आ आह आ ऐसे ही लगा रह बेटा आह आह आह आ आहा आह.

छाप छाप की स्पीड बढ़ती जेया रही थी, और मा की आवाज़ के साथ उनकी चूत गीली होती जेया रही थी. और उनकी छूट के मूह से मेरा लंड टकराता जेया रहा था. तभी मैने ज़ोर से धक्का दिया, तो…

तो क्या इस बार आकाश लंड अपनी मा की छूट में डाल पाया? पता चलेगा अगले पार्ट में.