संस्कारी मा बनी रंडी

हेलो दोस्तो मई सूरज, आज आपके सामने अपने दोस्त युवराज की सॅकी कहानी लेकर आया हू. आयेज की कहानी युवराज की ज़ुबानी-

मेरा नाम युवराज (19)है, मई इंडोरे का रहने वाला हू. मेरे घ्र मे बस 3 लोग है. पापा गोविंद(53) और मेरी मा राशि(44). मेरे पापा गूव्ट एंप्लायी है, लास्ट एअर ही उनका ट्रान्स्फर भोपाल हो गया.

इंडोरे मे हमारा खुद का घर है और मेरे कॉलेज भी है. इसलिए पापा भोपाल मे अकेले रहते है और वो मंत एंड्स मे हमसे मिलने आते रहते है.

मेरी मा राशि बहुत संस्कारी है, लेकिन उनका गोरा रंग, 34 के बूब्स, 32 की कमर और 36 के चुतताड किसी को भी अपनी र आकर्षित करने के लिए काफ़ी है.

वैसे तो मा के मान मे किसी भी पराए मर्द के लिए कुछ नही है. वो बस पापा को ही अपना सब कुछ मनती है. लेकिन मा के फ्रॅंक नेचर के कारण वो किसी से भी बाते काट लेती है.

इसलिए जब भी मा बाजार जाती तो, गली के सारे मर्द उसने बाते करते लेकिन. किसी को भी आज तक मा से बात के अलावा कुछ और नि मिला. बात कुछ 8 महीने पहले की है जब हमारे मौसा जी राकेश (46) का ट्रान्स्फर इंडोरे हुआ. तब जब तक उनको इंडोरे मे घर नि मिला वो हमारे साथ ही रह रहे थाइ.

तब मौसी स्नेहा(39) और उनकी 9साल की बेटी प्रिया भी हमारे ही साथ रहते थाइ. जल्द ही मौसा जी को घ्र मिल गया और वो सब वान्हा शिफ्ट हो गये. कुछ समय बाद मौसा जी ने शिमला घूमने का प्लान बनाया और हुमको भी इन्वाइट किया. क्योंकि पापा नही थाइ तो हुमलोगो ने माना कर दिया.

लेकिन जब पापा को पता चला तो उन्होने हमे जाने की पर्मिशन दे दी. हमारे साथ नानी और मेरे ममाजी के 2 बाकछे रिसू और आँकी भी थाइ दोनो की आगे 14/15थी.

नेक्स्ट दे हुमलोग स्टेशन पहुचे,हमारा रिज़र्वेशन एसी 2न्ड मे था. लेकिन स्टेशन मे भीड़ की वजह से मई,रिसू ,मा और मौसा अलग हो गये.जब ट्रेन आई तो मौसी, आँकी और नानी जी तो एसी कोच मे चॅड गये.

लेकिन हुमलोगो को गें डिब्बे मे चाड़ना पड़ा. क्योंकि 3-4स्टेशन बाद भीड़ कम होने वाली थी. तब हम गें डिब्बे से अपनी सीट चले जाते. जब हम ट्रेन मे चॅड रहे थाइ. तब सबसे पहले रिससू फिर मा, मौसा जी देन मई था. धक्के की वज से सब चिपके हुए थाइ.

मैने धेआका मौसा जी का लंडा खड़ा था, जो धक्के की वज से बार बार मा की गंद मे टच हो रा था. मा को इश्स बात का पता भी नही था. जब हम ट्रेन मे चॅड गये तो मौसा जी से रहा नि गया. और उन्होने अपना लंड बाहर निकल कर मा की गंद मे टीका दिया और कुछ देर बाद मा की गंद मे सारी के उपेर ही अपना वीर्या गिरा दिया.

भीड़ की वज से मा और किसी को इससका पता नही चला. कुछ समय बाद वीर्या सुख गया, लेकिन हल्का गीला और दाग रह गया. थोड़ी टाइम के बाद हम अपने कोच मे आ गये.

शिमला मे यूयेसेस समय ठंड बहुत ज्यदा थी, इसलिए मौसी को बुखार आ गया. इश्स वज से नानी को उनके साथ रूम मे ही रुकना पड़ा और हुमलोग शिमला घूमने निकल गये.

वान्हा सबने खूब मज़ा किया, मौसा जी मा के कुछ ज्यदा ही क्लोज़ रह रहे थाइ. सिड वो भी मा से आकर्षित हो चुके थाइ. मा के साथ उन्होने खूब सारी पिक्स ली. जिसमे बहुत बार वो अपना हाथ मा के कंधे मे रख देते, मा को तो सब नॉर्मल ही लग रा था. लेकिन मौसा जी के मान मे कुछ और ही था.

खेर मौसी और नानी की वज से मौसा जी मा को हल्का फूलका टच के अलावा कुछ नही कर पाए थाइ. हुमलोग वापस आ गये. मौसा जी का हमारे घ्र आना जाना बढ़ गया. उससी समय पापा भी आ गये.

कुछ दिन बीट गये पापा भी वापस चले गये. मौसा जी बहुत दीनो से हमारे घ्र नही आए थाइ. वैसे तो स्नेहा मौसी भी खूबसूरत थी. लेकिन उनके बूब्स का साइज़ 32, कमर 32 और चुतताड 34 के आस पास होगा.

एक दिन मेरे कॉलेज की छुट्टी जल्दी हो गयइ तो मई घ्र गया. वान्हा मौसा जी की गाड़ी बाहर थी. मूउसा जी आकर इश्स समय ऑफीस मे होते है और शाम को ही हमारे घ्र आया करते थाइ.

इसलिए मैने डोर से अंदर जाना की जगह खिड़की से अंदर देखा. मौसा जी मा से कुछ बाते कर रहे थाइ. तभी मा किचन मे छाई के लिए गयइ. मौसा जी भी उनके पीछे चले गये.

मा उनके देख के पहले तो चुंक गयइ फिर दोनो किचन मे ही बाते कर रहे थाइ. कुछ समय के बाद मौसा जी ने मा को एक पॅकेट दिया. उसके बाद वो मा उससे अपने कमरे मे रखने गयइ.

तभी मौसा जी ने मा को पीछे से पकड़ लिया और अपने हाथ मा की सारी के उपेर से ही उनके बूब्स को दबाने लगे.

सब इतना जल्दी हुआ की मा शॉक्ड रह गयइ. मा मौसा जी को रोकने की भरपूर कोसिस कर रही थी लेकिन असफल रही. मौसा जी ने मा को दीवार से चिपका दिया और पीछे मा को पलट दिया.

अब मा का चेहरा मौसा के सामने था. मा रोते हुए भी बहुत खूबसूरत लग रही थी. मा मौसा जी को उन्हे चॉर्ने की विनती करने लगी. लेकिन मौसा जी नही माने और मा को धक्का देकर बिस्तेर मे गिरा दिया. मा भागने कू कोसिस कर रही थी लेकिन मौसा की पकड़ मजबूत थी.

मौसा जी ने बोला – राशि सिर्फ़ एक बार करने दो बहुत तडपया है तुमने. मई तुमसे बहुत पायर क्रटा हू.

मा – मई वैसी औरत नही हू प्लीज़ मुझे चोर दो.

मौसा – प्लीज़ राशि एक बार बस मैने तुम्हे पैसे दिए तो है.

मा – ले लो अपने पैसे और जाओ यान्हा से, मई स्नेहा को सब बता दूँगी.

मौसा – स्नेहा ही तो मुझे सॅटिस्फाइ नही कर र्ही, मई तो उससे डाइवोर्स दे दूँगा.

मा – प्लीज़ ऐसा मत करो, बाघवन के लिए मान जाओ.

मौसा जी ने मा का पल्लू हटा दिया और एक झटके मे ही ब्लाउस फाड़ दिया और मा की ब्लॅक ब्रा दिखने लगी. मा के बूब्स ब्रा मे क़ैद थाइ. मौसा ने बिना देर किए ब्रा को भी उतार दिया.

अब मा के बूब्स आज़ाद थाइ.मा अपने हंतो से अपने बूब्स को छुपा रही थी. और बस प्लीज़ चोर दो बोल र्ही थी. मौसा ने अब मा की सारी को कीच के उतार दिया और पेटिकोट को फाड़ दिया. अब मा सिर्फ़ ब्राउन चड्डी मे रह गयइ थी.

मा मौसा को लात मार र्ही थी लेकिन मूसा जी आज पूरे मूड मे थाइ. उन्होने चड्डी को भी फाड़ दिए. अब मा मौसा जी के सामने पूरी नंगी थी. मा एक हाथ से अपने बूब्स छुपा रही थी और दूसरे से चूत.

मौसा ने मा को पकड़ा और उनको किस करने लगे. लेकिन मा मूह को यान्हा वान्हा कर रही थी. मौसा ने मा के हाथ हटा दिए और उनके बूब्स पे टूट पड़े.

मा के दूध बड़े और सॉफ्ट थाइ. मौसा के बूब्स दबाने पर मा का रोना हल्की सिसकारी मे बदल रा था. मा के दूध भी थोड़े खड़े हो गये.

अब छूट की बरी थी. मा अपनी छूट को हंतो से छुपा के रखी थी. लेकिन मौसा ने हल्का ज़ोर लगया और एक हंत से मा के दोनो हंतो को पकड़ लिए. और अपने दोनो पैर मा के पैरो को फैला के उनके उपेर रख दिए.

मा की छूट मे हल्के बाल थाइ लेकिन उनकी छूट हल्की गुलाबी दिख र्ही थी. मौसा ने छूट देखते ही उसको चाटने लगे. मा मौसा को लात मार र्ही थी पर उसका उनपे असर नही हू.

15 मीं के बाद मौसा ने मा की छूट मे अपनी 2 उंगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगे. मा लगातार मौसा को माना कर र्ही थी. थोड़ी ही देर मे मा की छूट से रस्स आने लगा. जिसे मौसा ने अपनी उंगली मे लेकर मा को दिखाया और बोला – राशि तुम्हारी छूट तो कुछ औड ही बोल र्ही है.

मा इश्स बात को सुनकर शॉक्ड था मूह बनाया. उसके बाद मौसा मा की चूत फिर चाटने लगे. थोड़ी देर बाद मा तक कर अब उनका विरोद भी कमजोर हो गया था.

इतने मे मौसा ने अपना लंड निकाला और मा की छूट मे उतार दिया. मा को इसका अंदाज़ा नही था, इश्स हमले के बाद चीख उठी. मौसा का लंड अभी भी बाहर ही था, बस टोपा अंदर गया था. मा को बहुत दर्द हो रा था. जैसे यॅ उनका पहल्ज़ बार हो.

मौसा ने 4-5 झटके मारे तब पूरा लंड अंदर घुसा. और मा लगातार चीख र्ही थी, उनके आँसू भी बह र्हे थाइ. मौसा जी के हर झटको के साथ मा के दूध उछाल रहे थाइ.

थोड़ी देर बाद मा हल्की सिसकारी लेने लगी. शायद वो अब हार मान र्ही थी.

20 मीं छूट छोड़ने के बाद मौसा ने मा को घोड़ी बनने को बोला. मा ने हल्का विरोद किया लेकिन जल्द मान गयइ.

उसके बाद मौसा मा को उससी पोज़िशन मे छोड़े जेया रहे थाइ. फिर उन्होने मा को पलताया और छूट मे लंड घुसेड दिया. मा सिसकारिया लिए जेया र्ही थी.

अया उहह उम्म्म्मम आआआहह प्ल्ीएसस्स्सीए चूऊओररर दूऊव. आब्ब्ब्बबब आअहह प्लीईसस्सीए राजएसस्स्सश माआआईयइ कााअन्न्नंही म्मूऊऊउऊः न्‍न्नंही डीईीखाआ पौँगी. आआआअहह उम्म्म्ममम ओह…

मौसा – राशि तेरी छूट तो बहुत मस्त है, मज़ा आ गया.

मा बस सिसकारी लिए जेया रही थी.

मौसा – मेरा निकालने वाला है..

यॅ सुनते ही मा बोल पड़ी, अंदर नि प्लीज़ मॅज हाथ जोड़ती हू. फिर मौसा ने अपना वीर्या मा के दूध मे गिरा दिया और मा के बगल मे लेट गये.

मा उठ गयइ लेकिन मौसा ने उनका हाथ पकड़ लिया और वन्हि लेटने को बोला. मा को इश्स बार क्या हुआ पता नही उन्होने उनकी बात मान ली. फिर मौसा मा के दूध दबाने लगे और मा का हाथ अपने लंड पर रख दिया.

तो बे कंटिन्यूड…