मामा की बेटियो के साथ चुदाई

जैसा के आप लोग जानते के मई लॉक्कडोवन् के दावरन जब मामा के घर रह गया था. तब मेझे मामा की दोनो बेटियो को कमसिन और सेक्सी जिस्म मिला. जिसे मई क्वि छत पर ले जा कर चूड्ता था तो क्वि बेडरूम मे दोनो बहनो को एक साथ छोड़ कर अपने लंड की भूक मिटाता था.

पर अब लॉक्कडोवन् ख़त्म हो चुका है और अब महॉल भी चेंज हो गया है. सब लोग अपने अपने काम काज और दोसरि ज़रूरी चीज़ो मे बिज़ी हो गये है. मई भी अब अपना काम सुरू कर चुका हू.

अब आते है स्टोरी पर.

अक्टोबर का महीना था और ठंड भी सुरू हो चुकी थी. जब से मई घर आया हू तरन्नुम और शबाना से बस फोन पर ही बाते हो रही है. पर दोनो बहनो को अब मुझ से अपनी छूट की आग को शांत करवाना था.

लेकिन कोई आइसा मौका नही मिल रहा था जिस मे हम लोग म्न भर कर सेक्स कर सके. पर एक दिन वो मौका मिल ही गया जिसमे मुझे मामा के घर पर रह कर दोनो बहनो की जिस्म के साथ अकचे से खेल साकु और दोनो को अपने लंड से संत कर साकु.

अक्टोबर का महीना था जब मामा और मामी को चेन्नई इलाज़ के लिए जाना था. क्यूँ के मामा हार्ट के परेसेंट है और उनका इलाज़ वहीं से ही चलता था. बीच मे लॉक्कडोवन् होने के कारण वो वहाँ जा नही पाए तो अब ओक्टोबेरे मे व्क़्त सही मिला.

मामा के साथ उनका बड़ा बेटा और मामी साथ चेन्नई गयी और छोटा बेटा यहीं रह गया. पर उसे रोज क्वि नाइट सिफ्ट मे ड्यूटी जाना तो क्वि दे मे ड्यूटी जाना होता था. इसी कारण से मामा ने मुझे उनके घर मे रहने को कहा.

इससे घर पर रह कर मई उनकी बेटियो को देख भाल कर साकु. जिससे उन लोगो को भी बोरिंग नही होगी और ना ही अकेला फील होगा.

पर यहाँ तो ये सब जान कर हम तीनो के मान मे लड्डू फूट रहे थे. क्यू के हम लोगो फिर से छूट और लंड का खेल शुरू होने वाला था.

20 अक्टोबर को मामा लोग सब चेन्नई के लिए निकल पड़े और अब वो 19 डिसेंबर को घर वापस आने वेल थे. हमारे हाथ मे एक महीना एक दोसरे के साथ बिल्कुल फ्री माइंड बिना किसी व्क़्त की पाबंदी और बिना किसी दर के एक साथ व्क़्त गुज़रने का मौका हाथ आ गया था.

मामा लोग को स्टेशन छोड़ कर आने के बाद मई मामा के घर ही चला गया. और वहीं खाना खा कर अपने रूम पर जा कर लेट गया. जहाँ मामा का छोटा बेटा, सबना और तरन्नुम सब आकेर एक साथ बैठ कर इधेर उधेर की बाते करने लगे.

देखते देखते रात काफ़ी हो गयी और मामा का बेटा सोने चला गया. अब ये दोनो और मई बिल्कुल टेन्षन फ्री हो कर एक दूसरे से चिप्पक कर लेट गये. मेरे एक ट्राफ् लेफ्ट मे सबना थी और दूसरे ट्राफ् रिघ्त मे तरन्नुम.

पहले तो दोनो ने मुझे मस्त किस की और बोलने लगी काफ़ी दीनो के बाद हम लोग फिर से साथ हो गये है कितना खोबसूरत पल है. अब हम लोग बिंदास अपनी ख्वाहिस पूरी कर सकते है.

मेरा मान उस व्क़्त दोनो के साथ सेक्स करने को कर रहा था. तब ही मैने दोनो को किस करते करते दोनो की छूट को कपड़े के उपेर से सहला था. पर तब ही सबना मुझे बोली-

सबना: डार्लिंग आज आराम कर लो आज ज़्यादा रोमॅंटिक मत बनो क्यू के क्ल से रोज तुम्हे अपनी दो बीवियो की भूक मिटानी होगी.

तरन्नुम: हाँ जान सबना ठीक बोल रही है. हम दोनो अब तुम्हारी हो चुकी हू बस परेसानी इस बात की है दिन भर आज हम दोनो ने काफ़ी काम की हुई हू जिससे बदन काफ़ी तक चुका है. तो आज हम लोग एक दूसरे के साथ मॅन भर कर बाते करेंगे और रात साथ गुज़रेंगे. और सुबा होने से पहले अपने अपने रूम चले जाएँगे.

क्यूँ के मामा का बेटा को दूसरे दिन ड्यूटी जनन था जो अब सीधे एक दिन बाद ही घर आने वाला था. मतलब घर पर सिर्फ़ हम तीनो के इलावा और कोई नही रहेगा.

ये ज़्ब सुन कर मई भी मान गया और बस दोनो के बीच मे रह कर दोनो की पयर पयर बाते सुनने लगा.

फिर हमे नींद क्ब आगयइ और हम लोग वहीं एक दूसरे मे चिपक कर सो गये. जब सुबा 5 ब्जे आँख खुली तो मई सबना को किस कर के उठा दिया. सबना पर चाड कर उसे अकचे से किस करने लगा. बिस्तर मे हरकत होने की वजा से तरन्नुम की भी आँख खुल गयी.

वो भी पास आकेर मेरे गाल और कंधे पर किस करने लगी. मत पूछिए दोस्तो जब सुबा आप उठो और आप के साथ दो दो अप्सरा बिल्कुल पास और आप दोनो के साथ एक साथ रोमॅन्स कर रहे हो तो फिर वो पल जन्नत से कूम नही लगता.

किस और बीते से रूम का महॉल बिल्कुल ग्रॅब था. मई क्वि तरन्नुम की लिप्स को चूस्ता तो क्वि सबना के गले को पर किस करता. ऐसे ही करते करते 20 मिंट निकल गये. अब ये दोनो को मेरे रूम से निकलने का व्क़्त व करीब आ गयी क्यू के मामा के छोटे बेटे के जागने का व्क़्त हो गया था.

इसी लिए वो लोग ज्ल्द ही मुझे छोड़ कर अपने रूम चली गयी. ताकि छोटे भाई को शक ना हो के वो लोग मेरे रूम मे रात भर थी.

ये लोग के जाने की वजा से मई अधूरे मे ही रुक गया. मेरे लंड को बोहट मुस्किल से मुझे शांत करवाना पड़ा. पर मेरे मॅन मे एक ख्याल आया के क्यू ना कुछ अलग किया जाए आज इन दोनो बहनो को चुदाई क्यू ना कोई सिल्दिनफ़िल मॉलिक्यूल्स वाली कोई डॉवा खा कर की जाए.

तब मैने एक डॉवा (मेडिसिन) जिसका नाम विगलिश 10 म्ग डॉवा जो मेडिसिन शॉप आराम से मिल जाता है. तो मैने ये मेडिसिन 11 भजे दिन मे शॉप से ले आया.

घर मे सजाने के बाद अब हम टीन लोगो के इलावा कोई नही था. मामा का छोटा बेटा अब ड्यूटी जा चुका था जो अब क्ल ही आने वाला है.

दिन मे जब तरन्नुम किचन मे काम कर रही थी. तब मई पीछे से जा कर तरन्नम को हग कर लिया और तरन्नुम के कंधे और पीठ पर किस करने लगा.

मेरे आइसा करने से वो किचन के सेल्फ़ को पकड़ कर खड़ी रही और मेरे किस को एंजाय करने लगी. मई तरन्नुम के बूब्स को भी रह रह कर अपने हाथ मे भर कर दबा भी रहा था.

तब ही पीछे से सबना आकेर बोलती है के अकेले अकेले रोमॅन्स चल रहा है मुझे छोड़ कर. तो मई पीछे मूड कर सबना को जाय्न करने बोलता हू.

ये सुन कर सबना बोली किचन मे ही ज़्ब करने का इरादा है क्या, मुझे तो आराम से करना है. वो इतना बोल ही रही थी के मई सबना को पकड़ कर दीवार पर सता दिया और उसके होन्ट को चूसने लगा. कुछ ही पल मे वो भी मुझे वैसे ही ज़ोर ज़ोर से मेरे लीप को चूसने लगी.

ये सब देख कर तरन्नुम भी आकेर मेरे फेस को अपनी तरफ मोड़ कर ज़बर्दुस्त किस करने लगी. ऐसे ही मई काफ़ी देर तक दोनो बहनो को किचन मे ही किस करता रहा.

कुछ देर बाद लंच भी रेडी हो गया और हम लोगो के दिमाग़ मे अब बस एक ही चीज़ था. के अब बस ज्लडी से काम से फ्री हो कर जाम कर छूट और लंड का खेल शुरू हो.

इसी बीच मामा का कॉल आ गया था सुबना के मोबाइल पर. तो सबना रिसीव करने चली गयी और मई तरन्नम को बोला क चलो ज्लडी से अब तुम दोनो बेड रूम मे आ जाओ पापा मम्मी से बात कर के.

फिर वो भी कॉल पर बात करने चली गयी. उसी बीच मैने विगलिश 10म्ग की एक गोली खा लिया जो हक़ीक़त मे सेक्स के लिए बोहट ज़बरदस्त डॉवा है.

मई डॉवा खाने के बाद दोनो के पास पहुँचा तो दोनो ही मामा मामी से कॉल पर बात कर रही थी. अब जैसे मिनिट गुज़र रहा था वैसे वैसे ही मेरे लंड की आग बढ़ती जा रही थी मई वाइल्ड होने लगा.

अवी कॉल पर ही बात हो रही थी के मई सबना के कपड़े के उपेर से उसकी बूब्स को दबाने लगा. उसी बीच कॉल पर बात ख़त्म हो गयी और मई सबना के कपड़े को खोलने लगा.

पीछे से तरन्नुम भी मेरे त-शर्ट को उतार कर मेरे पीठ पर किस कर रही थी. जब मई सबना की सा सारे कपड़े उतार दिया उसके बाद तरन्नुम के कपड़े को भी जल्दी से खोल दिया और दोनो को नंगा कर के मई अपना पंत उतार कर सोफे पर बैठ गया.

मेरा लंड तो पहले से ही स्टील रोड ब्ना हुआ था जिसे मैने उंदोनो को चूसने के लिए कहा.

फिर क्या था, सबना पहले तो मेरे लंड को अपने हाथ मे ली और उस मे किस करने लगी. और तरन्नुम भी झुक कर उसे अपने ज़बान से सहलाने लगी. फिर सबना तरन्नुम का सर पकड़ी और एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर मेरा लंड तरन्नुम की मूह मे डाल कर उसे मेरा लंड चूसने लगी.

कुछ देर मेरा लंड चूसने के बाद तरन्नुम अपने मूह से मेरा लंड निकल ली. जिसे सबना अपने मूह मे भर कर स्पीड मे चूसने लगी. फिर मई सबना के सर को पकड़ कर अपने लंड की तरफ आयेज पीछे करने लगा.

और तरन्नुम मेरे मूह के पास आकेर मुझ अपना दूध छुड़वाने लगी. मुझे बोहट ही मज़ा आता था वो एक एक कर के मेरे मूह मे अपना दूध डाल रही थी जिसे मई पूरी ताक़त से चूस रहा था.

ये सब खेल अवी सोफे पर ही चल रहा था. ऐसे ही 10 मिंट तक चलता रहा जिसके बाद मैने सबना के मूह से अपना लंड निकाला और दोनो को सोफे पर बैठने को बोला.

दोनो जब बैठ गयी तो दोनो की टाँगे फैला कर. मई पहले तो सबना की छूट पर किस किया और फिर तरन्नुम की छूट क किस करने लगा.

मई अब भूके शेर की तरहा तरन्नुम की छूट को चूसने और काटने लगा लगा. और सबना की छूट के अंदर अपनी उंगली डाल कर उस की गीली छूट मे अंदर तक उंगली डाल रहा था. दोनो ही बाहें के मूह से सेक्सी आवाज़े निकल रही थी जो महॉल को और भी सेक्सी बना रही थी.

तरन्नुम की छूट का पानी निकल रहा था जिसे मई अमृत की तरहा पी रहा था, बोहट ही टेस्टी था. मई तो चूत के अंदर ही ज़बान डाल कर चूत के चारो तरफ ज़ुबान घुमा कर छूट की माल छत रहा था.

अब जब तरन्नुम की चूत से मूह को हटाया तो सबना की छूट मे भी वैसे ही करने लगा तब ही तरन्नुम मेरे सर को पकड़ कर सबना की चूत पर चनपने लगी जिससे मेरा ज़बान और भी अंदर जा रहा था.

कुछ देर बॅया सबना झाड़ गयी और मैं उसकी छूट से निकला हुआ माल पी गया. फिर मई सोफे पर बैठ गया और तरन्नुम को अपनी छूट के अंदर मेरा लंड लेने के लिए बोला.

वो फॉरन उठी और मेरे लेंड़ को अपनी छूट पर सेट कर के उस पर बैठ गयी. मेरा लंड परेससेर के साथ तरन्नुम की छूट की घारयायो मे चला गया. जिससे उसकी मूह से आवाज़ निकल गयी (आआआअहह). पर वो वैसे ही मेरे लंड पर कूदने लगी और मेरे मूह मे अपना होत लगा कर किस करने लगी.

मई तरन्नुम की दोनो दूध को अपने दोनो हाथ मे भर कर दबाने लगा. उसी बीच सबना उठी और मेरे लंड और अपनी बाहें तरन्नुम की छूट के बीच अपनी ज़बान डालने लगी. जिससे मेरे लंड को और भी मज़ा मिलने लगा.

कुछ देर तरन्नुम ऐसे ही चूड़ते चूड़ते बगल मे बैठ गयी क्यू के वो झाड़ गयी थी और हाँफ रही थी.

अब बरी थी सबना की, वो भी तरन्नुम की त्राह मेरे लंड को अपनी छूट मे सेट की और आहिस्ते आहिस्ते उसे पहले पूरा अंदर तक ली और फिर धीरे धीरे कूदने ल्गी.

सबना का यही अंदाज़ मुझे बोहट अक्चा लगता. क्यू के जब भी वो मेरे लंड पर बैठती है तो वो बिल्कुल किसी पॉर्न वीडियो की आक्ट्रेस की त्रहा करती है. वो लंड पर जंप केयेम करती है और अपनी कमर को मूव्मेंट ज़्यादा देती है.

इससे मेरा लंड सबना की छूट के जुड़ तक भी चला जाता है और वो देर तक मेरे लंड पर राइड कर पति है.

मई भी रह रह कर सबना की छूट मे नीचे से झटका दे रहा था. जिससे उसे तोड़ा मीठा डरड भी हो रहा था. जिस कारण वो मेरे झटको पर मज़े लेते हुए उूउउम्म्म्मम आआआअहह कर रही थी.

सबना उसी बीच झाड़ चुकी थी और वो लंड पर ही संत हो कर बोत गयी. पर मेरा लंड आब भी वैसा का वाइसा कहदा हुआ था.

मई तरन्नुम को ज़मीन पर लेटने बोला और सबना को भी ज़मीन पर लेता दिया. और मई तरन्नुम की दोनो पावं को फैला कर अपना लंड उसकी छूट मे एक झटके मे अंदर तक डाल दिया.

जिस कारण तरन्नुम मेरे पीठ पर अपना नाख़ून चुभाने लगी. फिर किया था मई अब ढाका धक शॉर्ट मारने लगा. तरन्नुम चिल्लाने लगी हॉल रूम तरन्नुम की आवाज़ मे गूंजने लगा.

मेरे शॉर्ट और ज़ोरदार धक्को से तरन्नुम बोहट खुश थी और 10 मिंट लगातार झटको वाली चुदाई के बाद मुझे बस करने को बोली. तब ही मई अपना लंड बहेर निकाला और सबना की चूत मे डाल दिया. और उसे भी वैसे ही झटके दे दे कर छोड़ने लगा.

वो तो मानो ना रो रही थी ना हास रही थी बस मेरे हर धक्के पर एक आअहह की आवाज़ निकल रही थी. और फेस पर हल्की और सेक्सी स्माइल रख कर आँख बंद कर के थी.

अब घंटा भर निकल गया था और मेरे गिरने वाला था. तब ही मैने सबना को बोला मई गिरने वाला हू. तो वो बोली अंदर ही गिरना डार्लिंग बोहट दिन से इसके लिए प्यासी थी.

उतने मे तरन्नुम बोली मई भी प्यासी हू मुझे भी चाहिए. पर मेरा लंड एक वक़्त मे एक ही बार ना अपना माल गिरा सकता है. इसलिए मई कुछ नही बोला बस दाना दान चुदाई करने लगा. और 1 मिंट लगातार धक्के के बाद मेरा लंड माल गिरने लगा.

जैसे ही माल बहेर आने लगा मई 40% माल सबना की चूत मे गिरा दिया. और जल्दी से उठ कर वैसे ही तरन्नुम की मूह मे डाल दिया जिसे वो मूह मे ले कर तनने लगी.

मई अब शांत हो चुका था और बगल मे लेट गया था. क्यू के एक अलग सी शांति का महॉल हो गया था. ये दोनो भी एक दम सुस्त हो कर वही पर लेती हुई थी.

तब ही सबना बोली, इतना देर तक करेगा तो हम लोग बर्दस्त कैसे करेंगे.. और तरन्नुम बोल रही थी के मेरी तो छूट के अंदर जलन होने लगा था इतना जोश मे थे तुम.

मई पूछा के तुम लोग ये बताओ के मज़ा आया या नही? तब दोनो बोली बोहट ज़बार्दुस्त था ऐसे ही अब चाहिए हम लोग को. बोहट सुकून फील हो रहा है आज.

अब आयेज की कहानी अगले स्टोरी मे तब तक के लिए बाइ.

जिन को भी ये स्टोरी आक्ची लगी हो वो प्लेआसए मुझे मैल कर के अपनी राई दे सकते है. क्यू के मुझे बोहट अक्चा लगता है जब भी कोई मैल करता है.