मा की चूत मे मेरा लंड

नोट- ये स्टोरी रियल है सिर्फ़ जगह और नाम बदले गये है.

ही मेरा नाम आकाश है, मैं देल्ही से हू. हमारे घर मे 3 लोग है, मैं, मा और दाद.

दाद अक्सर काम के सिलसिले मे बाहर रहते है. ये कहानी तब की है. जब मैं 12 मे पढ़ रहा था. और एग्ज़ॅम पूरे हो गये थे. गर्मियो की छुट्टी चल रही थी. तो मैं अपने घर मे ही रहता था ज़्यादातर. फिर मैं अपने कमरे मे एक दिन पॉर्न देख रहा था. तभी मा की आवाज़ आई.

मा- आकाश क्या कर रहे हो बेटा आ कर खाना खा लो.

मैं-हा मा आता हू.

फिर मैं खाना खाने गया. टेबल मे बैठा. मैं और दाद खाना खा रहे थे. मा पारोष रही थी. फिर मेरी डाल ख़तम हो गयी. तो मैने मों को डाल देने को कहा.

मैं- मा डाल ख़तम हो गयी है मेरी. थोड़ी डाल दो ना.

मा- अक्चा बाबा लाती हू.

जब वो मुझे डाल देने के लिए झुकी तो मेरी नज़र उनकी बड़े से दोनो बूब्स मे गयी. उन्होने सिल्क सॅडी पहनी हुई थी. उस समय मैं 18 का था. तभी मेरा लंड एक दम से टन गया. उन्होने मुझे देखा और पूछा.

मा- क्या हुआ बेटा और चाहिए.

तो मुझे याद आया की मैं उसमे खो गया था.

मैं- नही मा.

ये पहली बार था जब मेरे अंदर की हवस मेरी मा के लिए जागी थी. फिर मैने उन्हे फिर कहा.

मैं- मा मेरी चावल ख़तम हो गयी है.

मा- रुक देती हू.

उन्होंने आकर चावल दिया तो मैं फिर उनके बूब्स को देखने लगा. ऐसा मैने 2-3 बार किया, तभी दाद ने कहा.

दाद- आज तुमने खाना नही खाया था क्या. जो इतने बार माँग रहे हो.

मैं – नही दाद खाया था.

तभी उन्हे कॉल आता है. दाद बात करते है. उधर का आदमी बोलता है की. दाद को एक हफ्ते के लिए. बाहर जाना होगा. क्योकि वो कांट्रॅक्ट लेते थे इसलिए.

फिर दाद कहते है. एक हफ्ते के लिए मुझे फिर बाहर जाना होगा. फिर वो मा को मुस्कुरा के कहते है. तो आज लज़ीज़ मिलेगा खाने मे कुछ. तो वो सर्माते हुवे कहती है, क्यो नही. मैं उतना ज़्यादा नही समझ सका. फ

ई खाना ख़ाके अपने कमरे मे चला गया. और अपने मोबाइल मे पॉर्न देखने लगा. तभी मुझे प्यास लगी और मैं पानी पीने के लिए. सिडयो से नीचे आया.

उस समय रात के 12 बजे हुवे थे. और मेरा जब से एग्ज़ॅम ख़तम हुआ है. तब से देर रात मे सोता था. तो मैं किचन मे गया. गिलष मे पानी डाली. और पीने के लिए मूह मे लेने लगा तभी. मुझे आह आह की आवाज़े सुनाई दी, मुझे लगा ये मेरा वहाँ है और मुझे फिर वही आवाज़े सुनाई दी.

तभी मैने उस आवाज़ की पीछा की. और जैसे जैसे मैं आयेज जा रहा था. आवाज़ बाद रही थी. आह आ आ आह की आवाज़ आने लगी थी. फिर मुझे पता चला की ये आवाज़ मा दाद की कमरे से आ रही है.

मैने चेक करने के लिए उनकी खिड़की से झाँका. और देख कर मैं डांग रह गया. दाद मा को छोड़ रहे थे. मों नीचे बेड मे लेती हुई थी. और दाद उन्हे खड़े हो कर छोड़ रहे थे. मा की मूह से आ आहा आह आहा आह की आवाज़ आने के साथ सिसकारिया बदती जेया रही थी.

मों- ये आप मुझे कितनी ज़ोर से छोड़ रहे है. मेरी आवाज़ बाद रही है. आकाश सुन लेगा ज़रा धीरे छोड़े.

दाद- मैं इतना इसलिए छोड़ रहा हू. क्योकि मैं बाहर जा रहा हू. फिर उतने दिन वाहा रहूँगा. तो उतने दिन के हिसाब छोड़ूँगा ना तुम्हे.

तभी वो उन्हे छोड़ते रहे और मैं उन्हे देख कर अपना लंड हिलता रहा. तभी रात के 3 बजे उनकी चुदाई ख़तम हुई. और मैं भी झाड़ गया. मों की छूट और उनकी बूब और की सरीर को देख कर मैं उन्हे छोड़ने के बारे मे सोचने लगा. तभी उन्होने कपड़े पहने और दाद ने मा को एक प्लास्टिक लंड दिया और कहा-

दाद- मैं इतनी दीनो तक बाहर रहूँगा. तो तुम्हे भी चूड़ने का मान करेगा. तो इस प्लास्टिक लंड को अपने छूट मे डालना. बाजार मे लिया था. और दोनो सो जाते है.

मैं झाड़ गया था तो अपने कमरे मे जाकर सो गया. तभी सुबह मैं सो रहा था तो मा ने मुझे जगाया. मुझे याद आया की मैने अपने सपने मे देखा की मेरे सामने मा की छूट है. और मैं मा की चूत मे अपना लंड डालने वाला हू. तभी मा ने अभी मुझे जगा दिया.

मों- आकाश बेटा उठ जा कितने समय तक सोता रहेगा. मैं अपने कमरे मे लॉक नही लगता हू ज़्यादातर. मैने अपनी आख खोली मा मुझे उठा रही थी तभी. मेरी नज़र फिर उनकी बूब्स पर गये. जो और बड़े हो गये थे. मैने उनसे कहा.

मैं- मा मैं आता हू मूह धोकर, आप चलो.

उन्होने मेरे पंत की तरफ देखा तो उन्होने नोटीस किया की कंबल के अंदर मेरा लंड खड़ा है. और वो कमरे से बाहर चली गयी. मैने अपना मूह धोया और सस्यू करने गया तो देखा की. मेरी चड्डी गीली है. फिर मैं नीचे गया. मैं छाई पिता हू तो, मा ने मुझे छाई दी थी. जिसके कारण मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.

वो तो टेबल था इसलिए किसी को दिखाई नही दे रहा था. तभी दाद अपने सामान को पकड़ कर कमरे से बाहर निकले और मा ने कहा.

मा- आकाश जाओ अपने दाद को स्टेशन तक छोड़ कर आ जाओ. तो मैं उन्हे स्टेशन तक छोड़ ने चला गया और उन्हे ट्रेन मे बैठाया.

दाद- अपनी मा का ख्याल रखना बेटा. ये बात सुनकर मेरा लंड मचलने लगा. और मैने कहा.

दाद- जी दाद.

मैं घर आया तो मैने मों को इधर उधर देखा तो वो दिख नही रही थी. फिर मुझे पानी की आवाज़े आने लगी. तो मुझे पता चला की वो नाह रही है.

मैने सोचा की क्यो ना उन्हे देखूं. तो मैने वाहा जाने की सोची. और मों को नंगी देख लू और ऐसा किया तो उन्हे लगेगा की मैने ग़लती से दरवाजा खोली है.

जैसे ही मैने दरवाजा खोलने के लिए धक्का दिया तो पता चला की दरवाजा अंदर से लॉक है. मेरी किस्मत भी कितनी खराब है यार. आवाज़ से मा घबरा गयी और कहा.

मा- का… का.. कौन..?

मैं- मैं आकाश हू मा.

ओह आकाश तुम. हो अच्छा अलमारी मे कोई सॅडी देखो. और पेटीकोटे और ब्रा और पनटी निकाल कर दो मुझे.

मैं- तो मा क्या आपने अंदर कुछ नही पहना है.

मा- हा बेटे चलो मुझे ब्रा और पनटी दो.

तो मैने ब्रा और पनटी उन्हे दे दी.

और मा उन्हे पहन कर बोली. और सॅडी और पेटीकोआट दो. तो मैं उन्हे सॅडी दे ही रहा था. तो मुझे आइडिया आया की नंगी नही देख सका तो क्या हुआ. पनटी और ब्रा मे देख लेता हू. तो मैं वाहा पर रखे फिश जार से जान बुझ कर टकरा गया. और मा को कहा

मैं- मा ग़लती से मैं फिश जार से टकरा गया और आपकी सॅडी गीली हो गयी.

मा- ओह नही बेटे ये क्या. मैने सभी बचे हुवे सॅडी को भी वॉशिंग मशीन मे डाला है. चलो कोई बात नही.

वो फिर बाथरूम से बाहर निकली.

मैने उनके शरीर को देखा. सर से लेकर पावं तक. पानी की कुछ बूंदे उनके बड़े बड़े बूब्स के बीच मे जेया रही थी. और उनकी पनटी के कुछ बाल दिख रहे थे. क्योंकि मा ने ट्रॅन्स्परेंट जैसे ब्लर वेल ब्रा पनटी पहने थे. उनकी हुसना से भरा सरीर देख कर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. और मा की नज़र मेरे लंड पर गयी पर उन्होने कुछ नही कहा.

फिर वो किचन मे गयी. और जाते समय कही लगता है. अब तो मुझे ऐसे ही ब्रा और पनटी मे रहना पड़ेगा. आकाश जाओ तुम भी नाह लो. तो मैं नाह के आया और खाना खाने के लिए बैठे.

मा- आकाश तुम्हे तो कलाज के लिए फॉर्म भरना है ना.

मैं – हा मा मैं भूल गया था. आज ही लास्ट डटे है.

तो मैं खाना खाकर देहली के एक इंजिनियरिंग कलाज मे भारती हो गया. तो वाहा से घर आया साम को.

मैने दरवाजा खोला. और मा की कमरे की तरफ जाने की सोची ताकि उन्हे बता साकु की मेरी अड्मिशन हो गयी है. . तो मुझे लगा मा सयद सो चुकी होंगी. तो मैं नही गया और मैं अपने कमरे मे गया.

मैने अपनी स्टडी के लिए तैयारी सुरू करदी दी थी ऑनलाइन. तभी मुझे फिर पानी की प्यास लगी. और मैं नीचे पानी के लिए गया नीचे किचन मे.

तो मुझे फिर वही आवाज़ आह आ आ आहा आहा आह की आने लगी तो मैने मा की कमरे मे झाँका. तो देखा की मा ने अपनी सारी पनटी ब्रा पेटीकोआट निकल दी है और नंगी हो कर अपनी छूट मे डिल्डो प्लास्टिक लंड को अंदर बाहर कर रही है. और मैं ये देख कर जोश मे आ गया और मा को छोड़ने के बारे मे फिर सोचने लगा.

मैं मा को देखता जा रहा था. और सिसीकरिया लेने के साथ आह आहा आहा अहाआह करती जेया रही थी. ये सब देख कर मैं भी हिलाने लगा. और मा झड़ी तभी मैं भी झाड़ गया और इसके कारण मेरे हाथ से गिलास च्छूत गया. और मैं दर के मारे वो गिलास लेकर अपने कमरे मे गया.

मा खिड़की के पास आकर देखने लगी. मैने वो गिलास उठा ली थी ताकि मा को पता ना चले. और वो वाहा से चली गयी.

उसके अगले दिन मैने मा को देखा तो डांग रह गया वो सिर्फ़ ब्रा और पनटी मे ही थी.

मैं- मा आप ऐसी क्यो हो. अब आपके सॅडी भी सुख गयी होगी.

मा- सुख तो गये है. पर अभी गर्मी बहुत है बेटा है. सॅडी मे मुझे घुटन होती है. इन गर्मियो मे

मैं – ओह ये बात है.

मा- मैं माजाक कर रही हू बेटे अभी मैं नाही नही हू इसलिए ऐसी हू. नाह कर सॅडी पहें लूँगी. और वो कुछ देर बाद सॅडी पहन कर आती है.

मा- मैं अंग्रेज थोड़ी हू बेटा जो कही भी ब्रा और पनटी मे राहु.

मा मेरी लंड को थोड़ी थोड़ी नोटीस कर रही थी. उंहे पता चल गया था की. उसका प्यारा बेटा जवान हो गया है. पर मा के लिए बेटा ही रहता है.

फिर रात को मैं उठा और मा की कमरे की ओर गया तो देखा की मा अपनी चूत मे प्लास्टिक लंड डाल कर अंदर बाहर कर रही है.

ऐसा ही कुछ दिन चलता रहा. फिर मा का सक बादने लगा. क्योकि जब वो मेरे कमरे मे आती तो मेरा लंड खड़ा रहता था. तो एक दिन रात मे जब मैं मा की कमरे की ओर गया तो आवाज़े इस बार और ज़्यादा आ रही थी. और मैने खिड़की से झाँका तो देखा की कमरे मे एकदम आंड्रा है.

कुछ दिखाई नही दे रहा था. और मा की मूह से आह आह आहा आह आहा आह की आवाज़ आ रही थी और छाप छाप छूट मे अंदर जाती हुई प्लास्टिक लंड की आवाज़.

उनको ये पता था की मुझे भी छोड़ने का मान करने लगा है. पर उनको ये नही पता था की मैं उन्हे ही छोड़ना चाहता हू. फिर मैं उदास हो गया क्या यार इतना अच्छा नज़ारा देखने को मिलता था. वो भी नही मिल रहा है. अब. तो मैने क्या एक फ़्लेशलीघत नाम की सेक्स टॉय ऑनलाइन ऑर्डर करदी जो असली छूट की तरह होती है.

अगली सुबह जब खाना खाते वक्त मैने मा से बात की तो वो नॉर्मल ही बात कर रही थी. और उन्होने बताया की दाद को कुछ दिन और रोक लिया गया है.

मैं रोज रात को मा की आवाज़ सुनकर हिलाने लगा. एक रात मा की कमरे से आवाज़ नही आई. तो मैं अपने कमरे की ओर जाने लगा तो देखा की मा की कमरे का दरवाजा खुला हुआ है.

मई अंदर गया तो अंदर लाइट बंद थी तो कुछ दिखाई नही दे रहा था. मैं आयेज बादने लगा तो, अपने ही पैर मे फस कर गिर गया और मेरा हाथ उस प्लास्टिक लंड मे चला गया. मुझे पता चल गया की ये डिल्डो है. तो मैं उसे पकड़ने के लिए हाथ आयेज बदाया तो मुझे चिप छिपा सा लगने लगा.

मुझे लगा सयद ये ऐसा ही होता होगा चिप छिपा. फिर मैने अपना हाथ और आयेज बदाया तो मेरा हाथ मा की छूट को टच हो रही थी. अक्चा तो मैं सीधा मा की चूत के सामने गिरा हू. और मा सयद सीधा लेती है अपने टांगे को फैलाए हुवे.

तो मैं उनकी मखमले छूट को टच कर रहा था. उनकी चूत की दरडरे महसूस हो रहे थे. मैने अपनी एक उंगली को उनकी छूट मे डालने की सोची और.

जैसे ही मैने चूत के अंदर उंगली डालने के लिए उंगली नीचे किया तो. उंगली डिल्डो से टकरा गयी. मैने डिल्डो को आखरी चोर तक छुआ तो पता चला की. आधी प्लास्टिक लंड छूट के अंदर है.

मैं उस डिल्डो को निकालने के लिए खिचने लगा पीछे. जैसी ही मैने पीछे खिछा तो मा थोड़ी सिसकी तो मैं रुक गया. शायद मा ने छूट मे जब डिल्डो को डाला तो कुछ देर बाद उन्हे नींद आ गयी. मैने फिर डिल्डो निकालने की कोसिस की तो उनके मूह से आ की आवाज़ आई.

तो मैने तो मैने उसे अंदर धकेल दिया और वो सिसकिया लेने लगी. मैने क्या किया उसे फिर निकालने लगा और धीरे धीरे मैं डिल्डो को बाहर निकालने लगा.

लेकिन छूट मा की इतनी टाइट थी की ऐसा लग रहा था. जैसे बड़े बड़े मशीन के बीच फसा हो. डिल्डो निकल नही रहा था. तो मैने उसे छूट मे फिर अंदर करने लगा. जिस से छूट से पानी निकालने लगे थोड़े थोड़े. फिर मैं डिल्डो को अंदर बाहर धीरे धीरे करने लगा. और जब छूट गीला गॉन लगा तो.

आख़िर मे डिल्डो निकल गयी बाहर. जब डिल्डो बाहर निकली तो मा की मूह से अया की आवाज़ आई. मैने डिल्डो को साइट किया. और अपने लंड को पंत से निकाल कर उसे छूट की ओर बड़ाने लगा.

लंड मा की जांग से टकरा गयी एक दो बार क्योकि अंधेरे मे कुछ दिखाई नही दे रहा था. तभी मैने अपने हाथ से छूट को ढूनदा. छूट क्या गरम थी.

फिर मैं अपना लंड छूट मे सताने लगा. छूट से मेरा लंड टच हो रही थी. पर मैने अंदर नही डाला था. मैं अपनी एक उंगली मा की छूट मे डालने लगा. धीरे धीरे चूत मे उंगली अंदर जेया रही थी. छूट और रसीली हो रही थी. तभी मा सिसकी. मुझे छूट का छेड़ मिल चुका था.

तो मैने उंगली निकली और. लंड उनकी छूट मे अंदर डालने ही लगा था. की मा की मोबाइल की स्क्रीन ओं हुई. उसमे लिखा था 5 बजने मे 10 मिंट बाकी है. 5 बजने पर अलार्म बजेगा.

फिर मैने जल्दी से वो डिल्डो उनकी छूट मे फसाया जैसा था. और मेरा लंड इतना कड़ा हो गया था. की मुझे हिलना पड़ा. मैं बाहर गया कमरे से और सारा माल झाड़ गया. और अपने कमरे मे आके सो गया. अगले दिन मा आई मेरे कमरे मे मैं नींद मे था. मुझ उन्होने उठाया. लेकिन मैं नही उठा. तो डोर बेल बाजी और मा ने दरवाजा खोला तो बाहर करियर वाला था.

बॉय- ने पूछा क्या ये आकाश जी का घर है.

मा- हन.

बॉय- उन्होने जो मँगवाया था. वो आ गया है.

मा- जी वो सो रहा बताइए कहा साइन करना है. मैं उसे बता दूँगी. मैं उसकी मा हू. वैसे इसमे है क्या.

बॉय- जी सेमए क्या है. ये तो मैं नही बता सकता किसी और को क्योकि ये हमारी पॉलिसी के खिलाफ है. फिर मा बॉय को पैसे देकर उस डब्बे को अंदर ले जाकर खोलने लगती है. तभी कैंची से उन्होने बॉक्स के रस्सी को काटने लगी.

अब आयेज आपको पता चलेगा की आकाश ने अपनी मा को कैसे छोड़ा पार्ट 2 मे.बताए की आप लोगो को कैसी लगी ये मेरी एमाइल ईद है –