स्टोरी ठरकी औरत की चूत चुदाई की

नमस्ते रीडर्स, मेरा नाम दुशंत है, और मैं पुंजब का रहने वाला हू. मेरी उमर 30 साल है, और मैं एक शादी-शुदा बंदा हू. हाइट मेरी 5’8″ है, और लंड मेरा 6 इंच का है. मेरे लंड में इतनी ताक़त है, की किसी भी लड़की या औरत को संतुष्ट कर सकता है. ये बात 3 महीने पहले की है. तो चलिए मैं अपनी कहानी शुरू करता हू.

3 महीने पहले मेरी बीवी कुछ दिन के लिए अपनी माइके गयी थी. अब मैं घर पर अकेला था. सुबा नहाने के बाद जब मैं बातरूम से बाहर आया, तो मेरा हाथ वॉशबेसिन के मिरर पर लग गया, और वो नीचे गिर कर टूट गया. मैने फिर उसको इकट्ठा किया, और डस्टबिन में फेंक दिया.

अब मुझे एक नया मिरर चाहिए था. मैं रेडी हुआ, और बाज़ार चला गया. क्यूंकी सुबा का टाइम था, तो ज़्यादा शॉप्स खुली नही थी. मुझे कोई मिरर शॉप नही मिली. फिर मैने एक दुकानदार से पूछा की मिरर कहा मिलेगा. तो उसने सामने वाली दुकान की तरफ इशारा कर दिया.

उसके सामने वाली दुकान एक स्टेशनेरी की दुकान थी. मैं वाहा गया तो वाहा एक लेडी खड़ी थी. वो लेडी कोई बहुत ज़्यादा खूनसुरत नही थी, लेकिन एक अजीब सी कशिश थी उसमे जिसने मेरे लंड को हल्का करेंट सा दे दिए.

वो कोई 30-35 साल की औरत थी, और शादी-शुदा थी. रंग उसका ज़्यादा गोरा नही था, लेकिन नैन-नक्श आचे थे. फिगर उसका 34-30-36 का होगा. उसने माँग में सिंदूर भरा हुआ था, और उसके होंठो पर लाल रंग की लिपसितकक थी. उसने सलवार-सूट पहना हुआ था. उसके शर्ट का गला डीप था, जिसमे उसकी क्लीवेज हल्की दिख रही थी. उसका मंगलसूत्रा उसकी क्लीवेज में गायब था. फिर मैने उससे पूछा-

मैं: मेडम मिरर मिल जाएगा?

वो: जी हा मिल जाएगा.

मैं: दिखाएँगी.

वो: हंजी.

फिर वो अंदर से छ्होटा सा हॅंड मिरर लेके आ गयी. तभी मैने उसको बोला-

मैं: जी तोड़ा बड़ा चाहिए.

वो: कितना बड़ा.

मैं: जितना बड़ा हो सके.

मेरी इस बात पर वो मुस्कुरा दी. मैं समझ गया की मेरी इस बात का वो डबल मीनिंग ले गयी थी. फिर जब वो बड़ा मिरर लेके आई, तो मैने जान-बूझ कर उससे कहा-

मैं: ये हुई ना बात. मुझे बड़ी चीज़े बहुत पसंद है (मैने उसके बूब्स की तरफ देखते हुए कहा).

वो फिरसे मुस्कुराइ, और बोली: बड़ी चीज़े तो मुझे भी पसंद है.

मैं समझ गया था की वो लाइन दे रही थी. फिर मैने मुस्कुराते हुए उससे पूछा-

मैं: इसके कितने पैसे हुए?

वो: आप जीतने चाहो डेडॉ.

मैं फिरसे मुस्कुराया और बोला: वैसे तो ये बेश-कीमती लग रहा है.

वो बोली: पहले उसे तो करके देखिए, फिर डिसाइड कीजिएगा. आप ऐसा कीजिए इसको उसे करके देखिए. अगर अछा लगे तो मुझे पैसे गूगले पे कर देना.

ये बोल कर उसने मुझे अपना नंबर दे दिया. मैं समझ गया था की ये नंबर उसने किसी और चीज़ के लिए ही दिया था. फिर मैं मिरर लेके वापस आ गया. घर आते ही मैने उसको मेसेज कर दिया.

मैं: ही.

वो: ही, कों?

मैं: वही जिसको आपने मिरर दिया था अभी.

वो: हंजी बोलिए.

मैं: मैं कह रहा था की मेरी बीवी अभी घर पर नही है, और वो गूगले पे उसके नंबर पर है. तो क्या आप घर आके पेमेंट लेके जेया सकती हो?

वो: हा ज़रूर, आप बताइए कब आना है?

मैं: आचे काम में देरी कैसी. अभी आ जाओ.

वो: ठीक है, आप लोकेशन सेंड कर दीजिए.

फिर मैने उसको लोकेशन सेंड की, और 5 मिनिट में मुझे घर के बाहर अक्तिवा रुकने की आवाज़ आई. मेरा लंड उसके बारे में सोच कर पहले से खड़ा था. फिर उसने बेल बजाई, और मैने दरवाज़ा खोला. मैने उसको अंदर बुलाया, और सीधे बेडरूम में ले गया.

मैं सोच रहा था की मैं ऐसे सीधे कैसे उसके साथ सेक्स करना शुरू करूँगा. लेकिन उसने मेरी ये प्राब्लम सॉल्व कर दी. उसने रूम में जाते ही अपना शर्ट और सलवार उतार दी, और ब्रा पनटी में आ गयी. मैं उसकी बोल्डनेस देख कर हैरान था.

उसने वाइट ब्रा और ब्लू पनटी पहनी हुई थी, और काफ़ी सेक्सी लग रही थी. मैने सीधे उसको अपनी बाहों में भरा, और उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए. वो भी मेरा पूरा साथ देने लग गयी. होंठ चूस्टे हुए मैने उसकी ब्रा का हुक खोल कर उसकी ब्रा निकाल दी, और उसके बूब्स दबाने लगा.

उसके बूब्स थोड़े ढीले थे, लेकिन मस्त थे. फिर मैने उसको बेड पर लिटाया, और अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया. उसके बाद मैं उसके उपर आया, और उसकी पनटी उतार दी. उसकी छूट बालों से भारी थी, और उसमे से थोड़ी स्मेल आ रही थी, इसलिए मैने उसकी छूट नही छाती.

मैने अपना लंड हाथ में लिया, और उसकी छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो आ आ कर रही थी, और मेरी तरफ कामुकता भारी नज़रो से देख रही थी. फिर मैने लंड उसकी छूट के मूह पर टीकाया, और उसको छूट में पुश करने लगा.

वो आ आ करने लगी, और उसके चेहरे पर दर्द भरे एक्सप्रेशन्स आ गये. पुश करते-करते मैने अपना पूरा लंड उसकी छूट में डाल दिया. फिर मैने अपने होंठ उसके होंठो के साथ जोड़े, और लंड अंदर-बाहर करके उसकी चुदाई शुरू कर दी. उसकी छूट काफ़ी टाइट थी. ऐसा लग रहा था की वो ज़्यादा चूड़ी नही थी. लेकिन मुझे इससे क्या करना था. मुझे तो बस उस पल का मज़ा लेना था.

फिर मैने उसकी टांगे उपर करके जोड़ दी, और उसकी छूट छोड़ने लगा. इससे उसको ज़्यादा दर्द हो रहा था. वो मुझे ऐसा ना करने के लिए बोलने लगी, लेकिन मैने नही सुना, और ज़ोर-ज़ोर से उसको छोड़ता रहा. वो आ आ कर रही थी, और मैं धक्के पे धक्का मार रहा था.

15 मिनिट तक मैने उसको इसी पोज़िशन में छोड़ा. अब तक वो झाड़ चुकी थी, और उसकी छूट के पानी से छाप-छाप की आवाज़ आ रही थी. फिर मेरा भी माल निकालने वाला था. मैने जल्दी से लंड उसकी छूट से निकाला, और उसके मूह के सामने करके उसको मूह में लेने को बोला. उसने मूह में लेने से माना किया, तो मैने माल की पिचकारी उसके मूह पर ही निकाल दी.

फिर मैं उसके साथ लेट गया. कुछ देर बाद हमने एक रौंद और खेला, और फिर वो चली गयी. फिर जब तक मेरी बीवी वापस नही आई, वो रोज़ आके मुझसे चुड्ती रही. लेकिन उसके बाद मेरी बीवी अब तक गयी ही नही. तो अब मैं इंतेज़ार कर रहा हू उसके जाने का.

दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो तो शेर ज़रूर करना फ्रेंड्स के साथ.