ही दोस्तों, कैसे हो आप सब? मैं पहली बार कहानी लिख रहा हू, तो कोई ग़लती हो माफ़ कर देना. अब सीधे कहानी पे आता हू. मेरा नाम अनीश है. मैं प्रतापगर्ह जिले से हू. मेरी हाइट 5 फुट 1 इंच है. रंग मेरा सावला है. मेरी आगे 19 साल की है.
ये कहानी 4 महीने पहले की है. मेरी बेहन की शादी थी. आब रिश्तेदार आए थे. मामी-मामा, मामी की बहन भी आई. उनके बारे में बता डू, उनकी शादी हो गयी है, और उनका 11 साल बेटा है. उनका नाम रिज़वाना है.
बेहन की शादी आचे से हो गयी. सब रिश्तेदार चले गये. मामी की बेहन यानी रिज़वाना ने मेरा नंबर माँगा, तो मैने दे दिया. मैने कुछ ग़लत नही सोचता था उनके बारे में. फिर कुछ दिन उनका मेसेज आया.
रिज़वाना: कैसे हो?
मे: ठीक हू.
फिर धीरे-धीरे हमारी बात होती रही. उन्होने अपने बारे में बताया. उनके पति ज़्यादातर काम पर रहते थे.
उन्होने कहा: मैं बहुत अकेली हो गयी हू.
फिर रिज़वाना से धीरे-धीरे बात होती रही. एक दिन उन्होने मुझे ई लोवे योउ बोल दिया. मेरे दिल की धड़कने तेज़ हो गयी, क्यूंकी पहले किसी लड़की ने ई लोवे योउ नही बोला था. मेरी कोई गफ़ भी नही थी. फिर मैने भी लोवे योउ 2 बोल दिया.
उसके बाद उन्होने बोला: घर आ जाओ घूमने के लिए.
वो माइके में थी. मैने माना कर दिया.
फिर वो बोली: मैं आ जाती हू अपनी बेहन के घर. आप भी वही आ जाना.
मैने ओक बोल दिया. फिर 2 दिन बाद आ गयी वो अपनी बहन के घर.
वो फोन लगा के बोली: मैं आ गयी हू. आप भी आ जाओ.
मैं बोला: ठीक है, आता हू.
मैं घर से तैयार हुआ, बिके उठाई, और घर से निकल गया मामी के घर. मेरे पास रेसिंग बिके है कत्म. मैं 2 घंटे में उनके घर पहुँच गया. उनको देख मेरा दिल धड़क रहा था. मैं उनके पास में ही बैठ गया. उन्होने मुझे स्माइल दी. मैने भी स्माइल दी.
रात को कमरे में मैं बुक पढ़ रहा था फोन पे. वो कमरे में आई और बोली-
रिज़वाना: क्या कर रहे हो?
मैं बोला: बुक पढ़ रहा हू.
तभी लाइट चली गयी. फिर उन्होने मुझे ज़ोर से गाल पे किस किया. मैं घबरा गया, और बाहर चला गया.
फिर वो बाहर आके बोली: आप मुझसे प्यार नही करते क्या?
मैं बोला: करता हू.
वो बोली: फिर किस क्यूँ नही किया आपने?
मैं बोला: घबरा गया था.
फिर मामी ने बुला लिया: आओ सब खाना खा लो.
सब ने खाना खाया, और सब अपना-अपना बिस्तर लेके चल दिए सोने. मैने बाहर बिस्तर लगा दिया अपना. वो भी बाहर ही लगा दी. फिर मैं फोन चलाने लगा. चलते-चलते 12 बाज गये. सब सो गये थे.
मैं फोन चला रहा था. फिर फोन रख के उठा, और अंदर गली में जाने लगा. वो रिज़वाना भी उठ गयी, और वो भी गली में आ गयी. हम दोनो एक-दूसरे के गले लग गये, और किस करने लगे.
उन्होने आपनी ज़ुबान मेरे मूह में डाल दी, और मैं चूसने लगा. काफ़ी देर तक लीप किस्सिंग करने के बाद मैं घुटनो के बाल बैठ गया, और उनकी सलवार नीचे खींच दी. वो पनटी नही पहनी थी. मैं उसकी छूट चाटने लगा. क्या मस्त स्वाद आ रहा था उसकी छूट से. वो मूह से आह आहा आह की आवाज़े निकाल रही थी.
मैं बोला: आवाज़ मत निकालो, कोई उठ गया तो दिक्कत हो जाएगी.
10 मिनिट मैं उसकी छूट चाट-ता रहा. फिर उसकी छूट ने पानी छ्चोढ़ दिया. पूरा पानी मैं पी गया, और छूट को चाट-चाट के सॉफ कर दिया. फिर वो मेरा लंड मूह में लेके चूसने लगी. पूरा 7 इंच का लंड उसके मूह में दे दिया मैने. साली रंडी की तरह लंड चूस रही थी मेरा.
वो बोली: इसका आधा मेरे पति का है.
7 से 8 मिनिट में मैं झड़ने वाला था. मैं तेज़-तेज़ उसके मूह को छोड़ने लगा. उसके मूह में ही सारा माल निकाल दिया मैने, और वो पी गयी. फिर साली ने मेरा लंड चाट के सॉफ किया. उसके बाद हम सोने चले गये. चुदाई नही किए, क्यूंकी उस जगह पे दर्र लग रहा था तोड़ा.
फिर सुबह उठे, ब्रश किया, नाहया, और नाश्ता किया. मैने मामी से बोला-
मैं: तुम्हरी बेहन को घूमने ले जेया रहा हू अपने घर पे.
उन्होने बोल दिया: ठीक है, जाओ.
फिर मैने बिके उठाई, और उनको बिके पे बिताया. उनका बेटा वही छ्चोढ़ दिया.
मामी को बोला: ये नही जाएगा.
और हम लोग निकल गये. वाहा से जैसे ही हम लोग शहर में पहुँचे, मैं उसे लेके एक होटेल पे गया. वाहा रूम लिया 2 घंटे का. फिर हम लोग रूम की चाबी लिए और रूम में चले गये. मैने वेटर को कॉल किया नाश्ते के लिए. कुछ देर बाद बेल बाजी. वेटर आया था नाश्ता ले कर. फिर हम दोनो ने नाश्ता किया, और आराम करने लगे.
कुछ देर बाद मैं उसे किस करने लगा. किस करते-करते हम दोनो एक-दूसरे के कपड़े उतारने लगे. हम दोनो पूरी तरह से नंगे हो गये. फिर मैं उसके दोनो बूब्स दबाने लगा, और दूध पीने लगा. क्या ग़ज़ब का स्वाद था दूध का.
वो सिसकारियाँ भरने लगी. फिर मैं उसकी छूट चाटने लगा, और वो मेरा लंड चूसने लगी. कुछ देर ऐसा होता रहा. फिर वो पीठ के बाल लेट गयी. उसकी कमर के नीचे तकिया लगाया मैने, और उसकी दोनो टांगे अपने दोनो कंधो पे रखी. फिर उसकी छूट पे अपना 7 इंच का लंड रगड़ने लगा.
वो पागल सी हो गयी और बोलने लगी: जल्दी से अपना लंड डाल दो मेरी छूट में. अब बर्दाश्त नही हो रहा है राजा जी. जल्दी से डाल दो ना लंड. बहुत आग लगी है मेरी छूट में.
मैं उसे तडपा रहा था. उसकी छूट से पानी निकल रहा था. फिर मैने ढेर सारा थूक लंड पे लगाया, और उसकी छूट में लंड एक झटके में अंदर डाल दिया. आधा ही लंड गया अंदर, और उसकी आँखों से आँसू आ गये.
फिर लंड अंदर डालने लगा, और उसको किस भी कर रहा था. धीरे-धीरे उसका दर्द कम हुआ, और वो मज़े लेके चूड़ने लगी किसी रंडी की तरह. अभी चुदाई को 15 मिनिट हुए थे, और वो एक बार झाड़ चुकी थी. मैं छोड़ रहा था. चूड़ते हुए वो बोल रही थी-
रिज़वाना: तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है. मेरी तो आज छूट ही फाड़ दी इसने.
करीब 30 मिनिट चुदाई होने के बाद वो फिर झाड़ गयी.
वो बोलने लगी: दर्द हो रहा है.
मैं बोला: इतनी जल्दी?
मैं भी झड़ने वाला था.
उससे पूछा: कहा निकालु?
वो बोली: मेरी छूट में ही अपना माल निकाल दो.
5 से 7 शॉट लगाने के बाद मैं उसकी छूट में ही झाड़ गया. अपना सारा माल मैने उसकी छूट में ही गिरा दिया. फिर मैं उसके उपर ही लेट गया, और छूट से लंड नही निकाला. 10 मिनिट बाद मेरा लंड फिरसे तैयार हो गया. वो माना करने लगी रहने दो, लेकिन मैं नही माना.
मैं बोला: बस एक बार और.
मेरे बहुत कहने के बाद वो मान गयी. फिर मैने अपना लंड उसके मूह में दे दिया, और वो मेरा लंड चूसने लगी. मेरा एक हाथ उसकी छूट पे था, और दूसरा उसके बूब्स पे. मैं उसकी छूट में उंगली डाल रहा था. उसकी छूट सूज गयी थी. मेरे मॅन में ख़याल आया क्यूँ ना इसकी गांद की चुदाई कर डू.
फिर बिना बताए मैने उसे घोड़ी बनने को बोला. उसके बाद अपने लंड पे थूक लगा के चिकना किया, और उसकी गांद में डालने लगा. अभी 2 इंच ही घुसा था, की वो चिहुक गयी.
वो बोली: ये क्या कर रहे हो?
मैं बोला: गांद की चुदाई कर रहा हू.
वो बोली: पहले बता देते, अचानक से डाल दिया.
फिर मैं धीरे से डाल रहा था, लेकिन जेया ही नही रहा था. फिर मैने उसकी गांद पे थूक लगाया, और अपने लंड पे भी. इससे पूरा लंड उसकी गांद में चला गया और खून निकालने लगा उसकी गांद से. वो चिल्लाने लगी निकाल दो निकाल दो दर्द हो रहा है. मैने उसकी एक भी नही सुनी और छोड़ता रहा.
10 मिनिट बाद मेरे लंड ने पिचकारी छ्चोढ़ दी, और मैने पूरा माल उसकी गांद में ही डाल दिया. कुछ देर बाद मैने अपना रुमाल निकाला, और उसकी छूट और गांद को सॉफ किया. फिर अपने लंड को सॉफ किया. कुछ देर तक लेते रहे हम लोग. उसकी छूट और गांद दोनो में दर्द हो रहा था. फिर मैं कपड़े पहना, और बाहर जाके मेडिकल से पाईं किल्लर लेके दिया उसको.
दवाई खा कर थोड़ी देर आराम करने के बाद वो अपने कपड़े पहनी. कपड़े पहन के बाहर आए हम होटेल से और घर की तरफ चल दिए.
कैसी लगी मेरी पहली कहानी? अची लगे तो मैल करके ज़रूर बताना. धन्यवाद