शुभा के 9:00 बाज रहे थे. दया किचन में काम कर रही थी. टापू और जेथलाल अपने रूम में सो रहे थे, और बापू जी मंदिर गये थे. दया किचन में थी, और दया को छूट में खुजली होनी स्टार्ट हो गयी थी. वो जेथलाल के पास गयी, और उसको उठाने लगी.
दया: उठिए टापू के पापा, उठिए ना.
जेथलाल: क्या हुआ दया?
दया: टापू के पापा मुझे छूट में खुजली हो रही है.
जेथलाल: तो?
दया: तो क्या, मेरी खुजली को शांत कीजिए, छोड़िए मुझे.
जेथलाल: नही दया, मुझे दुकान जाने में लाते हो जाएगा.
फिर जेथलाल तैयार हो कर दुकान के लिए निकल जाता. दया फिर उदास हो जाती है. इतने में टापू भी उठ कर नहाने के लिए बातरूम में चला जाता है. नहाने के बाद टापू हॉल में आ जाता है.
टापू: मम्मी जल्दी खाना लाओ, मुझे भूख लगी है.
दया: आई बेटा.
फिर दया नाश्ता लेकर हॉल में आती है. जब दया टापू को नाश्ता सर्व कर रही होती है, तभी टापू की नज़र दया की कमर पर पद जाती है. टापू देखता है और मॅन में सोचता है की (क्या मस्त और चिकनी कमर है यार, एक बार छोड़ने को मिल जाए तो मज़ा आ जाएगा). दया टापू की नज़र को देख लेती है
दया: क्या देख रहा है बेटा?
टापू (हड़बड़ते हुए): कुछ नही मम्मी.
इतने में बापू जी भी आ जाते है.
दया: आइए-आइए बापू जी, नाश्ता करने बैठ जाइए.
फिर बापू जी नाश्ता करते हुए दया को बोलते है की.
बापू जी: अर्रे बहू.
दया: हा बापू जी.
बापू जी: बहू आज मुझे अपने यंग ओल्ड ग्रूप के साथ कही बाहर जाना है, तो शाम को घर लौटूँगा.
दया: ठीक है बाबू जी.
फिर बापू जी निकल जाते है. दोपहर का समय हो रहा था. दया अपने कमरे में सो रही थी, और टापू अपने कमरे में अपने मोबाइल में सेक्स स्टोरी पढ़ रहा था. उसको पढ़ते-पढ़ते उसका 8 इंच का लंड एक-दूं खड़ा हो गया था.
टापू को दया की छूट मारने का बहुत मॅन कर रहा था. फिर टापू ने एक प्लान बनाया. वो दया के रूम वाले बातरूम में चला गया. वाहा जेया कर वो दया की पनटी ढूँढने लगा.
टापू: यार ये मम्मी ने पनटी कहा रखी है?
फिर उसे आख़िर में पनटी मिल ही जाती है. फिर वो पनटी को अपने मूह में ले कर और उसे सूंघते हुए अपना लोवर और चड्डी निकाल कर लेट-ता है, और अपना लंड हिलने लगता है. टापू अपनी स्पीड और तेज़ करता है.
टापू: आ आ, बहुत मज़ा आ रहा है. क्या माल है यार मेरी मम्मी.
पुर रूम में उसकी आहों की आवाज़े आने लगी. इससे दया भी जाग गयी. फिर दया ने मॅन में सोचा की ये आवाज़ कहा से आ रही थी.
दया: अर्रे ये आवाज़ कहा से आ रही है?
फिर उसने ध्यान से सुना तो उसे पता चला की-
दया: अर्रे ये आवाज़ तो बातरूम से आ रही है.
फिर उसने बातरूम की खिड़की से जो देखा, वो देखते ही दया एक-दूं शॉक्ड हो गयी. दया ने देखा की टापू दया की पनटी मूह में लेकर अपना लंड हिला रहा था.
दया (धीरे से): हे मा माता जी टापू ये क्या कर रहा है?
फिर दया ने भी एक प्लान बनाया, और अपने फोन से टापू की वीडियो रेकॉर्ड कर ली. इतने में टापू का भी हो गया. टापू का भी सारा पानी निकल गया.
फिर टापू ने जैसे ही दरवाज़ा खोला तो उसने देखा की दया दरवाज़े के सामने एक-दूं गुस्से से खड़ी थी. टापू जैसे दया देखा टापू शॉक्ड हो गया.
टापू: मम्मी तुम यहा?
मम्मी: पहले तू मुझे बता तू मेरे बातरूम में क्या कर रहा था?
टापू: वो मम्मी, वो मैं, कुछ भी नही कर रहा था. मैं तो बस ऐसे ही आया था.
दया: अछा ये बात है.
फिर दया ने टापू को वो वीडियो दिखा दी.
दया: ये क्या है टापू (गुस्से में)?
वीडियो देखते ही टापू की गांद फटत जाती है.
दया: टापू तू तो कह रहा था की कुछ भी नही कर रहा है. फिर ये क्या है बोल?
टापू: मम्मी, सॉरी मम्मी, सॉरी.
दया: लगता है तेरे पापा और दादा जी को ये सब बताना पड़ेगा.
टापू: नही मम्मी, प्लीज़ मम्मी, सॉरी मम्मी, आयेज से ऐसा नही होगा. पापा को मत बताना प्लीज़ मम्मी.
दया: ठीक है, नही बतौँगी. लेकिन एक शर्त पर.
टापू: क्या?
दया: तुम मुझे अपना लंड दिखाओ.
टापू (हैरानी से): क्या!
दया: हा.
फिर दया टापू के लंड को बाहर से ही छूने लगती है. टापू खुश भी होता है और शॉक्ड भी.
फिर दया अपना हाथ लोवर में डाल देती है, और लंड को छूने लगती है.
टापू: आ मम्मी.
दया ने उसके लोवर और चड्डी को नीचे कर दिया.
दया: टापू लंड तेरा तो बहुत बड़ा है.
टापू: हा मम्मी.
दया: तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?
टापू: नही मम्मी.
दया: इसीलिए तू मेरी पनटी से काम चलता है?
टापू: हा मम्मी.
दया: देख टापू, मेरी बात ध्यान से सुन.
टापू: हा मम्मी.
दया: अगर तू मेरी छूट की खुजली शांत कर देगा तो मैं किसी को नही बतौँगी.
टापू एक-दूं से खुश हो जाता
है.
टापू: क्या! ठीक है, मैं तैयार हू.
दया: लेकिन ये बात किसी को पता नही चलनी चाहिए, ठीक है?
टापू: ठीक है मम्मी.
फिर दोनो लीप किस्सिंग करने लगते है. 5 मिनिट तक किस करने के बाद-
दया: दूध पिएगा बेटा?
टापू: हा मा.
दया: ठीक है फिर जल्दी से तेरे और कपड़े उतार दे.
फिर टापू अपने और दया के सारे कपड़े खोल देता है. दया एक-दूं सेक्सी लग रही थी.
दया: चल बेटा अब जल्दी अपनी मा का दूध पी.
फिर टापू देर ना करते हुए अपने मूह से सीधे दया के बूब्स चूसने लगता है.
दया: बहुत मज़ा आ रहा है बेटा. चूस बेटा, अपनी मा के बूब्स चूस. और ज़ोर से चूस, मज़ा आ रहा है. आ बेटा, आ.
फिर टापू बूब्स को छ्चोढ़ देता है, और दया की छूट की तरफ बढ़ने लगता है.
दया: चाट बेटा चाट.
फिर टापू छूट को चाटने लगता है.
दया: आह बहुत मज़ा आ रहा है बेटा आह.
फिर टापू ने अपना मूह बाहर निकल लिया, और अपने लंड में तेल लगाने लगा.
दया: जल्दी कर बेटा, जल्दी डाल मेरी छूट में.
टापू: हा मम्मी हो गया.
फिर टापू अपना लंड दया छूट में डालने लगा.
दया: आह छोड़ बेटा, छोड़, और ज़ोर से छोड़ आह.
दया: डाल दे बेटा पूरा लंड अंदर आ.
फिर टापू अपना लंड एक-दूं से छूट में पूरा डाल देता है.
दया: आअहह, छोड़ बेटा छोड़ मुझे. फाड़ दे मेरी छूट फाड़ दे. बहुत मज़ा आ रहा है.
करीब 20 मिनिट छोड़ने बाद दया और टापू का एक साथ में निकालने वाले होते है.
टापू: मेरा निकालने वाला है मम्मी.
दया: मेरे मूह में झाड़ दे. फिर टापू ने अपना माल दया के मूह में झाड़ दिया, और दया टापू का सारा माल पी जाती है.
टप्पू: मम्मी आज बहुत मज़ा आया. हम ऐसा डेली करेंगे.
दया: हा बेटा.
फिर दोनो सेक्स की वजह से बहुत तक जाते है, और दोनो बिना कपड़े पहने ही बेड पे सो जाते है.
थे एंड.
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