तलाकशुदा भाभी के साथ रोमांस शुरू की कहानी

हैलो दोस्तों, मेरा नाम मोहित है। मैं यूपी के मुजफ्फरनगर शहर का रहने वाला हूं। मैं सन 2011 से ही जबसे इस साइट का रेगुलर पाठक हूं, ये मेरा फेवरेट सेक्स स्टोरी रीडिंग साइट है।

सभी लड़कियां आंटी भाभी और बड़ी उम्र की औरतें नंगी होकर बैठ जाये अपनी चूत के साथ, और लड़के अपना लंड हाथ में लेकर ये स्टोरी पढ़े। आशा करता हूं आपको स्टोरी पसन्द आएगी। ये मेरी पहली स्टोरी है, तो कोई गल्ती हो जाये तो माफ करना।

अब मैं सीधा स्टोरी पे आता हूं। ये घटना जो मैं बता रहा हूं, वो 2011 की है। तब मुझे फेसबुक पर आये 1 साल ही हुआ था। नए-नए दोस्त बनाना और बात करना मुझे बड़ा पसन्द था। पर तब तक मुझे ये नहीं पता था कि फेसबुक से चूत का भी जुगाड़ हो सकता है। तो हुआ यूं कि एक दिन मुझे सजेशन में एक आईडी दिखी।

उस लड़की का नाम दीप्ति ( बदला हुआ नाम) था। उसने अपनी फोटो लगा रखी थी। वो एक-दम भरे बदन की मैरिड लड़की थी। उसकी डिटेल चैक की तो पता लगा वो 25 साल की थी। उसकी फोटो देखी तो मेरे लंड में पानी आ गया। 40″ के चूचे और 44″ की गांड में उसकी फुल फोटो देख कर मेरा मूड बन गया। ये साइज मुझे उसने पूछने पर बताया था। उसकी फ़ोटो मैंने डाऊनलोड करके लेपटॉप में रख ली, और उसे देख-देख कर खूब मुठ मारी।

मैं भी तब 22 साल का था। मैं दिखने में सही हूं। मेरे लंड का साइज 5 इंच है। पर साइज से ज्यादा स्टेमिना और चुदाई का तरीका मायने रखता है, जो देर तक चूत का पानी निकाल सके। तो मेरा नॉर्मल साइज का लंड और मेरा चुदाई का तरीका किसी को भी मस्त कर सकता है।

तब नई नई जवानी थी। सेक्स का पुजारी तो मैं पहले से ही था। ब्लू फिल्म देखता था। पोर्न देखना, मुठ मारना, सेक्स स्टोरी पढ़ना,‌ अड़ोस-पड़ोस की आंटियों को मौका देख कर उनके घर में जाकर नहाते देखना, और खूब लंड हिलाना‌। इस सबसे ही काम चल रहा था।

अब तक मुझे कोई चूत नहीं मिली थी। अब अंधा क्या मांगे दो आंख, और भूखा रोटी। यही हाल मेरा हुआ था। अब मैंने पहले दिन से ही मूड बना लिया कि इस दीप्ति को रंडी बना कर चोदना था।

तो मैंने अगले दिन उसे हिम्मत करके फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी। कोई 30 मिनट में उसने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली। बस अब मेरा काम बनता लगा मुझे। मैंने उसे “Hi” भेजा। उसने भी “Hi” कहा। वो ऑनलाइन थी। फिर जो बात हुई,‌वो ऐसे थी-

मैं: आप लोकल हो क्या?

दीप्ति: लोकल मतलब?

मैं: लोकल मतलब मैं भी मुजफ्फरनगर से हूं। आप कहां से हो?

दीप्ति: सच, आप यहीं से हो।

मैं: हां।

दीप्ति: वाओ! आप कहां रहते हो?

मैंने अपना एड्रेस बताया और उसने अपना बताया‌।

फिर वो बोली: मैं फेसबुक पे नई हूं। ज्यादा लोग नहीं जुड़े हुए मुझसे। आज आपसे इतनी बात हुई, वरना मैं किसी से हाय हेलो के आगे बात नहीं करती।

तब मैंने बोला: अगर ऐसी बात है तो अब अपनी बात रोज होगी।

वो बोली: अच्छा?

मैंने कहा: हां, चाहे तो देख लेना।

दीप्ति बोली: देखते है।

इस तरह अपनी बात शुरू हुई‌। रोज बात होने लगी थोड़ी-थोड़ी। उसने बताया उसकी लव मैरिज हुई थी, पर अब तलाक होने वाला था। पति का कहीं और चक्कर था, तो वो उसके साथ रहता था, और ये अकेली अपने एक 5 साल के बच्चे के साथ रहती थी। पैसा वगैरह है तो कोई समस्या नहीं थी। दीप्ति एक पंजाबी लड़की थी‌।

अब बातें होने लगी। अकेली लड़की थी। मैरिड थी। लंड की जरूरत उसे भी थी, और चूत की मुझे।

तो मैंने दाना फेंका: तू मुझे पसन्द है, और मैं तुझसे मिलना चाहता हूं।

पहले उसने बड़ा नाटक किया, कहां मिलेंगे, ये वो, बाहर मिलते है होटल में पर कोई देख ना ले।

मैंने कहा: तेरे घर आता हूं।

वो मान नहीं रही थी, पर कोई 10 दिन तक मनाया तब जाकर उसने हां कही। बस अब मेरा मैदान साफ था। अब मुझे मेरे पसन्द का माल मिलने वाला था। मैं शनिवार के दिन उससे मिलने शाम के टाइम पहुंच गया। उसके घर उसने मेरा वेलकम किया, पानी वगैरह लेकर आई, और मेरे पास बैठ गई। उसे सामने से देख कर लंड का हाल बुरा हो गया।

मैंने उससे थोड़ी इधर-उधर की बात की। तब ये अपने बेटे को सुला कर आई थी। फिर मैं बात करते-करते चिढ़ सा गया, क्योंकि मैं चुदाई के लिए गया था बात चोदने नहीं।

मैं बोला: दीप्ति तुझे मैं पसन्द हूं, मुझे तू। हम इतने दिन से बात कर रहे है ( तब तक हमें बात करते 2 महीने होने को थे )। क्या अब भी बस बातें ही करनी है? अगर हां तो मैं जा रहा हूं। मैं बात करने को मिलने नहीं आया था तेरे से।

मेरा पूरा मूड खराब सा हो रखा था उसे देख कर बिना चोदे।

तब दीप्ति बोली: मुझे पता है तू यहां जबर्दस्ती मिलने की जिद्द करके घर पे क्यों आया है। मैं चूतिया तो नहीं हूं। शादी-शुदा रही हूं, लव मैरिज की है मैंने, चल तुझे कुछ दिखाना है।

ये बोल कर वो मुझे अपने साथ अपने कमरे के पास बने एक स्टोर में ले गई, जहां पे एक सोफा था। उसने सूट पहन रखा था पीले कलर का। एक-दम से उसने सूट उतारा और फेंका, और अब ये ऊपर से एक-दम नंगी थी। 40″ के बड़े-बड़े मम्मे, मेरे सामने थे। मेरी आंखें बड़ी हो गई, और लंड बावला हो गया देख कर।

फिर उसने पजामी भी उतार दी, और एक-दम नंगी थी नीचे से भी। मतलब नीचे पेंटी नहीं ऊपर ब्रा नहीं। मैडम सब तैयारी करके बैठी थी एक-दम चिकनी चूत लिए। इसने शायद आज ही बाल साफ करे थे। बस अब क्या था, मैं तो इसके चूचों पर टूट पड़ा। मुझे औरत के बड़े चूचे और बड़ी गांड बहुत पसंद है। मैं कुत्ते जैसे चबाने और दबाने लगा। इतने बड़े-बड़े 40 के चूचे खूब दबाए, खूब चूसे, थप्पड़ भी मारे।

तो एक-दम दीप्ति बोली: भोंसड़ी के, तेरे हाथ में दम नहीं है क्या लवड़े? और जोर से मार। चूचों पे ही नहीं मेरे मुंह पे भी।

फिर वो सोफे पर बैठ गई और बोली: रुक कुछ बताती हूं।

मैंने कहा: क्या?

दीप्ति बोली: तू नंगा हो। तब तक मैं तुझे एक बात बताती हूं।

मैं नंगा होने लगा।

मोहतरमा मुझसे बोली: मैं पहले दिन से ही समझ गई थी तू मुझे चोदना चाहता है, और मैं भी प्यासी थी। पर मुझे ये डर था कि चुदाई होगी तो कहां। पर जब मुझे तुझपे अंधा यकीन हो गया, तो मैंने रिस्क लेकर आज तुझे यहां बुलाया है। आज मैं भी देखती हूं तू मेरे ऊपर कितना मरता है।

ये बोल कर उसने मुझे अपने पास खींचा, और मेरे होंठ चूसने लगी। मेरी हाइट 5’6″ है। उसकी 5’2″ थी। उसने मुझे सोफे पर खींच कर लिटा दिया। बड़ा लम्बा किस चला हमारा। कम से कम 15 मिनट तक जुबान से जुबान लड़ती रही।

मेरे लिए नया अनुभव था। मैं तो जोश में पागल था। वो भी पूरी गर्म हो गई। उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया, और झटके मारने लगी। वो इस कदर मेरा साथ दे रही थी, कि हमारा थूक मुंह से बाहर टपक रहा था। पूरा मुंह अंदर और बाहर से थूक से भरा पड़ा था‌। हम दोनों के जिस्म में आग लगी पड़ी थी। होंठ चूस-चूस कर दोनों थक गए, पर फिर भी रुके नहीं।

इसके आगे की कहानी आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगा। अगर कहानी का मैं आया हो, तो इसको अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।

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