तड़पति मकान मालकिन को किरायेदार ने चोदा

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम सलीम है. मैं रहने वाला गोरखपुर का हू. अपनी स्टडी के चक्कर में मैं लुक्कणोव आया हुआ था, तो वाहा पर मैने अड्मिशन लिया कॉलेज में. फिर मेरे पापा ने एक रूम मुझे रेंट पर दिलाया, और मैं वाहा रहने लगा.

मेरी मकान मालकिन का नाम श्रधा था. आंटी बहुत आचे से मुझसे बोलती थी. उनके हज़्बेंड रोज़ शराब पी कर घर आते थे, और आंटी के साथ गाली-गलोच मार-पीट करते थे. सनडे का दिन था, और मैं घर पर फ्री था.

थोड़ी देर के बाद मुझे आंटी की आवाज़ आने लगी, तो मैने खिड़की से झाँक कर देखा. अंकल आंटी को मार रहे थे. वो रो रही थी. उसके बाद मैं तोड़ा सा दर्र गया, और अपने रूम में चला गया. आधे घंटे के बाद आंटी ने मुझे आवाज़ दी-

आंटी: सलीम, ज़रा मेरे रूम में आ जाओ.

जब मैं रूम पर गया, तो आंटी के हाथ पा चोट के निशान थे.

तो मैने आंटी से कहा: आप अपने घर क्यूँ नही चली जाती है? अंकल आपको इतना मारते पीट-ते है.

वो बोली: सलीम मेरी शादी को 10 साल हो गये है, और मेरा 8 साल का लड़का भी है. मैं ऐसे नही जेया सकती.

मैं: मैं आपके हाथ में मरहम लगा देता हू.

फिर मैने जहा कट था वाहा पर ट्यूब लगा दी. इस तरह आंटी से मेरी बात-चीत होने लगी. आंटी ने मुझसे बोला-

आंटी: जब तुम्हारे अंकल हो, मुझसे बात मत करना. नही तो मार-पीट करेंगे.

मैने कहा: ठीक है आंटी.

फिर कुछ दिन भी इतने बीट गये. अंकल अपने गाओं चले गये थे, तो आंटी ने मुझसे बोला-

आंटी: मेरे पति गाओं गये हुए है. तुम नीचे ही आ कर सोना.

मैने कहा: ठीक है आंटी.

फिर रात को मैने आंटी के वाहा खाना खाया. आंटी से मैं बात करने लगा.

मैने पूछा: आंटी अंकल क्यूँ आपको मारते पीट-ते है?

वो बोली: इसके अलावा कुछ कर भी तो नही पाता है मेरे साथ.

मैने जान-बूझ कर पूछा: आंटी क्या नही कर पाते?

तो आंटी कहने लगी: तुम नही समझोगे सलीम.

मैने कहा: आप बताएँगे तो मैं समझ जौंगा.

वो बोली: तुम बहुत छ्होटे हो.

मैने आंटी से कहा: मैं 20 साल का हो गया हू.

तो आंटी हासणे लगी और कहने लगी: जो शादी के बाद होता है सलीम, अब वो नही कर पाते है. क्यूंकी वो शराब बहुत पीते है.

तो मैने आंटी से कहा: आंटी अगर आप बुरा ना माने तो मैं एक बात पूचु?

आंटी बोली: हा पूछो.

मैं: आंटी क्या आपको सेक्स करने का मॅन नही होता?

तो आंटी तोड़ा शरमाई.

फिर वो बोली: होता तो बहुत है.

मैं: आंटी किसी को सेट किया होगा आपने?

आंटी बोली: मैने किसी से कोई संबंध नही रखे.

मैने कहा: इतनी खूबसूरत और सेक्सी है आप.

तो आंटी हासणे लगी.

फिर मैने कहा: अगर आप मेरी बीवी होती तो मैं तो रोज़ सेक्स करता आप से.

वो कहने लगी: अभी तुम बहुत छ्होटे हो.

मैं: अछा आंटी?

आंटी: हा, जाओ अपने रूम में सो जाओ.

मैं रात को आ कर बाहर सो गया. सुबह 6:00 बजे वो उठी, और मेरे लिए छाई और नाश्ता लेकर आई. मेरे कमरे का डोर लॉक नही था, और आंटी जब मेरे रूम में आई तो उनकी नज़र मेरे लंड पर पड़ी. आंटी हस्स कर बोली-

आंटी: लो छाई नाश्ता कर लो.

मैने आंटी को उपर से नीचे तक देखा तो उन्होने एक स्माइल दी. उसके बाद उन्होने मेरे लंड की तरफ इशारा लिया. जब मैने नीचे देखा तो मेरा लंड खड़ा था.

आंटी बोली: ये कैसे?

फिर मैं छाई को साइड में करके आंटी के पास गया.

मैं आंटी से बोला: इसे शांत आप ही कर पावगी.

तो आंटी ने स्माइल देकर बोला: पहले छाई पी लो.

छाई पीने के बाद मैने कहा: आंटी छाई मैने पी ली है.

तो आंटी बोली: अब तुम कॉलेज जाओ, फिर शाम को हम बात करेंगे.

मुझे कॉलेज में उन्ही के ख़याल आ रहे थे. फिर जब रात के 9:00 बजे, हमने डिन्नर कर लिया. फिर आंटी अपने बेडरूम में चली गयी और पीछे से मैं भी आंटी के रूम में चला गया.

मैने कहा: आंटी आपने कहा था शाम को.

तो आंटी हासणे लगी. फिर मैं आंटी के पास जेया कर बैठ गया. मैने आंटी के पेट पर अपना हाथ रखा, और उसे रब करने लगा. श्रधा आंटी की उमर 38 साल की थी. चूचियाँ उनकी 36″ साइज़ की, गांद उनकी 38″ की थी.

आंटी ने कहा: जो मॅन करे वो करो.

फिर मैने उनकी चूचियों को अपने हाथो में लेके दबाना शुरू किया. 5 मिनिट दबाता रहा, फिर आंटी के होंठो को किस करने लगा. वो भी रेस्पॉन्स देने लगी. थोड़ी देर के बाद मैने आंटी के सारे कपड़े उतार दिए, और आंटी ने मेरे कपड़े भी उतार दिए. आंटी की छूट पर कोई बाल नही था.

उन्होने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा, और उसको रब करने लगी. उसके बाद मैने आंटी से बोला-

मैं: आंटी इस लॉलिपोप को चूसो.

वो बोली: सलीम तेरा लॉलिपोप बहुत लंबा और मोटा है.

तो मैने आंटी से कहा: अब तो ये आपका है.

थोड़ी देर चूसने के बाद आंटी बोली: सलीम अपना लंड दल दो मेरे अंदर.

फिर मैं आंटी के पैरों के बीच में आया, और अपना लंड उनकी छूट के होल पर लगा कर झटका मारा. मेरा आधा लंड आंटी की छूट में चला गया.

आंटी के मूह से आवाज़ आई: हाए मैं मॅर गयी.

फिर मैने ज़ोर से झटका मारा, और मेरा पूरा लंड आंटी की छूट में चला गया. आंटी की आँखों से आँसू आ गये. वो सर इधर-उधर घूमने लगी, और बोली-

आंटी: सलीम दर्द हो रहा है. निकालो इसको, बहुत दर्द हो रहा है.

मैने आंटी की चूचियों को दबाना शुरू किया, और जब वो शांत हुई, मैने अपना लंड धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया. आंटी अपनी गांद उठा कर मेरा साथ दे रही थी. उसके बाद मैने अपनी स्पीड बधाई और छोड़ने लगा. आंटी चिल्लती रही और मैने अपना माल उनकी छूट में छ्चोढ़ दिया. फिर मैं आंटी के बगल में ही लेट गया.

वो बोली: सलीम बहुत मज़ा आया आज छुड़वाने में मुझे.

फिर मैने आंटी से बोला: अभी तो रात बाकी है.

वो बोली: क्या पूरी रात चुदाई करोगे मेरी?

मैं: हा आंटी.

फिर आधे घंटे के बाद मैने आंटी की चुदाई फिर चालू की. आंटी को खूब छोड़ा आधे घंटे तक. उसके बाद हम सो गये. सुबा 4:30 बजे मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. आंटी बेख़बर सो रही थी. फिर मैने आंटी को सीधा किया, और उनके दोनो पैर अपने कंधे पे रखे.

आंटी बोली: सलीम क्या कर रहे हो?

मैं: एक बार फिर छोड़ रहा हू आपको.

अओंती ने कहा: नही सलीम, बहुत हो गया.

वो माना करने लगी, लेकिन मैं नही माना. मैने छूट के अंदर लंड डाल दिया, और उनको छोड़ने लगा. 40 मिनिट मैने उनकी चुदाई की, और फिर सो गया. मैं कॉलेज भी नही गया. 11:30 बजे मैं उठा तो मैने जेया कर देखा तो आंटी ठीक से चल नही पा रही थी.

उनकी मटकती गांद देख कर मेरा फिरसे खड़ा हो गया, और मैने उनको किचन में ही पकड़ लिया. मैने आंटी को पूरी तरह तृप्त कर दिया था. वो भी समझ चुकी थी, की ये बार-बार होने वाला था. इसलिए अब वो भी चूड़ने में आना-कानी नही करती थी.

जब तक मेरी ग्रॅजुयेशन नही हुई, मैं वही रेंट पर रहा, और मैने आंटी की चुदाई की.

दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो तो इसको फ्रेंड्स के साथ शेर ज़रूर करे.