ही फ्रेंड्स, मेरा नाम रमण है, और मैं पुंजब के फ़ज़िलका का रहने वाला हू. मेरी उमर 23 साल है, और मैं मास्टर्स कर रहा हू. हाइट मेरी 5’8″ है, और लंड मेरा 6.5 इंच लंबा, और 3 इंच मोटा है. ये कहानी मेरे और मेरे दोस्त की मम्मी के बीच हुई चुदाई की है. तो चलिए मैं आपको बताता हू सब कैसे हुआ.
12त क्लास में मेरी क्लास में साहिल नाम का एक नया लड़का आया. वो पहले दिन आके मेरे ही साथ बैठा था. क्यूंकी वो लाते आया था, इसलिए उसका काफ़ी सिलबस पीछे रहता था. मैं क्लास के टॉपर्स में से था, तो टीचर ने मुझे उसकी हेल्प करने को कहा.
अब स्कूल में कहा इतना टाइम होता है, की मैं उसका सिलबस कंप्लीट करवाता. इसलिए उसने मुझसे रिक्वेस्ट की, की मैं उसके घर आ जया करू शाम को. मैं शाम को फ्री ही होता था, तो मैने सोचा की उसके घर में जाने में हर्ज़ भी क्या था.
फिर मैं उसके घर जाने लगा. जिस दिन पहली बार मैं उसके घर गया, तो उसकी मम्मी को देख कर मेरी बोलती बंद हो गयी. मैने उसके घर जाके बेल बजाई, तो उसकी मम्मी ने दरवाज़ा खोला. दोस्तों उसकी मम्मी को देख कर लग ही नही रहा था की उसका बेटा 12त में हो सकता था.
आंटी का नाम कोमल था. उनका रंग गोरा था, और उनके होंठो के एग्ज़ॅक्ट नीचे एक काले रंग का तिल था. उनका फिगर कोई 34-32-36 होगा. उनके बाल काले और ब्राउन मिक्स थे. उन्होने लेगैंग्स और शर्ट पहना हुआ था, और दुपट्टा नही लिया था. उनको देख कर मेरे मूह में पानी आ गया था. फिर आंटी ने पूछा-
आंटी: हंजी बेटा, किससे मिलना है.
मैं: आंटी मैं साहिल का क्लासमेट हू. उसका सिलबस कंप्लीट नही था, तो…
मेरी बात पूरी होती, उससे पहले आंटी बोली: अछा रमण. आओ-आओ बेटा, साहिल ने बताया है मुझे तुम्हारे बारे में. थॅंक योउ सो मच बेटा की तुम यहा आए.
मैं: कोई बात नही आंटी.
फिर आंटी मेरे आयेज-आयेज चलने लगी, और मैं उनके पीछे-पीछे चलने लगा. आंटी की मटकती गांद देख कर मैं उत्तेजित हो रहा था. जब आंटी चल रही थी, तो रास्ते के बीच में चप्पल पड़ी थी. तभी आंटी झुकी, और चप्पल उठा कर साइड में कर दी. वो बोली-
आंटी: ये साहिल भी ना, कोई भी चीज़ सही जगह पर नही रखता.
जब आंटी नीचे झुकी, तो उनकी गांद का नज़ारा देखने वाला था. उनकी गांद इतनी सेक्सी लग रही थी, की किसी भी लड़के का उन पर दिल आ जाए. फिर हम साहिल के रूम में पहुँचे. साहिल कंप्यूटर पर ग़मे खेल रहा था. फिर हम दोनो ने स्टडी शुरू की. आंटी बार-बार कुछ खाने के लिए दे जाती थी. कभी कॉफी ले आती थी. मेरा तो उनकी बॉडी को देख-देख कर बुरा हाल हो रहा था.
फिर कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा, और साहिल का सिलबस पूरा हो गया. अब मुझे कभी-कभी ही उसकी मम्मी को देखने का मौका मिलता था, जब कभी हमने खेलने जाना होता था, और मैं उसको उसके घर से लेने जाता था. फिर ऐसे ही हमारी 12त ख़तम हो गयी, और साहिल फर्दर स्टडी के लिए दूसरे शहर चला गया. साहिल की मम्मी बस एक याद बन कर रह गयी.
डेढ़ साल बाद जब मैं कॉलेज के सेकेंड एअर में था, तब मैं दोबारा उसकी मम्मी से मिला. हुआ यू, की मैं रोड पर जेया रहा था बिके पे. मेरे आयेज कोई लेडी स्कूटी पर जेया रही थी. उसने हेल्मेट पहना हुआ था, तो मुझे उसकी शकल दिखाई नही दे रही थी.
तभी चोवोक में एक बिके वाला साइड से आया, और उस लेडी की स्कूटी में अपनी बिके थोक दी. वो लेडी गिर गयी. मैने जल्दी से बिके रोकी, और उसकी हेल्प करने गया. जब हेल्मेट उतरा, तो वो और कोई नही साहिल की मम्मी थी. मेरी सारी यादें ताज़ा हो गयी.
डॉक्टर ने कहा की उनकी टाँग में फ्रॅक्चर हो गया था. उन्होने टाँग में प्लास्टर लगा दिया. फिर हॉस्पिटल से छुट्टी मिली तो मैं उनको घर लेके गया. घर जाके पता चला की 6 महीने पहले साहिल के पापा ऑफ हो गये थे. साहिल भी कॅनडा जेया चुका था. तभी साहिल की कॉल आई तो आंटी बोली-
आंटी: बात करोगे?
मैं: ज़रूर आंटी.
फिर मैने फोन लिया और हेलो बोला. आयेज से साहिल बोला-
साहिल: कों?
मैं: सेयेल सिलबस कंप्लीट करके भूल गया.
साहिल: रमण! कैसा है यार.
मैं: मैं ठीक हू, तू बता. सेयेल फॉरिन जाके दोस्तों को भूल गया.
साहिल: अर्रे यार यहा किसी चीज़ का टाइम ही नही मिलता. सिर्फ़ स्टडीस और काम.
फिर जब उसको आंटी के आक्सिडेंट का पता चला तो वो परेशन होने लगा. मैने उसको बोला-
मैं: तू टेन्षन ना ले, मैं हू यहा पर.
अगले दिन से मैं रोज़ आंटी से मिलने जाने लगा. आंटी उतनी ही सेक्सी थी, और मेरे मॅन में फिरसे वासना भरने लगी. फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिससे मुझे आंटी की सेक्स तड़प का पता चला.
हुआ यू, की मैं आंटी का हाल-चाल पूछने उनके घर गया था. तभी आंटी ने मुझे ड्रॉयर से कुछ निकालने को कहा. जब मैं निकालने लगा, तो ड्रॉयर में कुछ फ़ससा हुआ था. फिर मैने ज़ोर लगा कर ड्रॉयर खींचा तो अंदर से एक और ड्रॉयर खुल गया.
मैने देखा की उसमे पॉर्न की सीडी थी. लेकिन मैने ऐसा शो नही किया की मैने वो सीडी देख ली थी. मुझे लगा ये साहिल की भी हो सकती थी. हो सकता था की उसने च्छूपा कर रखी हो. फिर कुछ देर बाद आंटी वॉशरूम गयी, तो मैने फिरसे ड्रॉयर खोला. मैने देखा की पॉर्न सीडी के साथ-साथ उसमे डिल्डो और पुसी वाइब्रटर भी था.
मैं ये सब देख कर समझ गया की आंटी भी चुदाई के लिए तड़प रही थी. मैं इन चीज़ो को हाथ में लेके देख ही रहा था की तभी पीछे से आंटी की आवाज़ आई-
आंटी: ये क्या कर रहे हो रमण?
मैं दर्र गया, और डिल्डो मेरे हाथ से नीचे गिर पड़ा.
इसके आयेज क्या हुआ, ये आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ भी ज़रूर शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.