हेलो फ्रेंड्स, कैसे है आप लोग? मैं आपका दोस्त मॅडी फिरसे हाज़िर हू एक न्यू स्टोरी के साथ. तो चलिए मैं अपनी स्टोरी स्टार्ट करते हू.
सबसे पहले जो लोग मुझे नही जानते है, उनको बता डू की मेरा नामे मॅडी है, और मैं कराची से बिलॉंग करता हू. मेरी आगे 26 एअर है, और मेरे लंड का साइज़ 7 इंच लंबा है, और 2.5 इंच मोटा है.
मैं दिखने में एक हॅंडसम लड़का हू, और डेली जिम में वर्काउट करता हू. इससे मेरी बॉडी फुल अट्रॅक्टिव है. जो भी गर्ल और आंटी मुझे देख ले, वो मुझसे इंप्रेस हो जाती है. तो चलिए अब ज़्यादा बोर ना करते हुए स्टोरी पे आता हू.
ये बात आज से 2 साल पहले की है, जब मैं कराची से रॅवॉल्पींडी जेया रहा था अपने किसी काम से. तो मैने अपनी टिकेट एसी क्लास में करी हुई थी. मैं स्टेशन पहुँचा तो देखा की वाहा काफ़ी रश था, और चेकिंग चल रही थी सब की.
ट्रेन चलने में अभी तोड़ा टाइम था, तो मैं चेकिंग की लाइन में जाके खड़ा हो गया. मैने देखा की मेरे आयेज एक आंटी खड़ी थी, और उन्होने सलवार कमीज़ पहना था, और वो आंटी काफ़ी सेक्सी थी. वो मॅरीड वुमन थी, और उनका फिगर बहुत कमाल का था.
उनका फिगर 36-30-36 था. उनके बूब्स तो काफ़ी सेक्सी थे, और एक बात जो उनको काफ़ी सेक्सी बना रही थी, वो थी उनकी मोटी गांद. क्या कमाल की गांद थी उनकी. दिल कर रहा था की अभी उनकी सलवार उतार के उनकी गांद मार डू.
ये सब सोच के मेरा लंड खड़ा हो गया. मुझे उस टाइम अजीब लगने लगा. लेकिन सडन्ली मुझे पीछे से किसी ने धक्का मारा और मैं उस आंटी से चिपक गया. मेरा खड़ा लंड उनकी गांद में घुस गया, जिससे वो आंटी एक-दूं से शॉक्ड हुई.
मुझे काफ़ी अजीब लगा उस टाइम. फिर मैं जैसे ही पीछे होने लगा, तो मुझे फिरसे एक ज़ोरदार धक्का लगा. इससे मेरा लंड और ज़ोर से आंटी की गांद में घुस गया. लेकिन इस बार आंटी ने कोई रिक्षन नही दिया. फिर मैं काफ़ी टाइम तक ऐसे ही रहा.
उसके कुछ टाइम बाद मुझे अपने लंड पे किसी का हाथ फील हुआ. मैने जब नीचे देखा तो वो हाथ आंटी का था. वो फुल गरम हो गयी थी, और वो पंत के उपर से ही मेरा लंड सहला रही ही थी. मुझे बहुत मज़ा आने लगा, लेकिन ये मज़ा बस थोड़े टाइम का था. क्यूंकी ट्रेन आ गयी थी और सब जाने लगे थे.
फिर जब मेरी नज़र आंटी पे पड़ी, तो वो मुझे देख के एक नॉटी सी स्माइल पास कर रही थी. खैर मैं ट्रेन पे चढ़ गया, और अपनी सीट सर्च करने लगा. फिर मुझे मेरी सीट मिल गयी. लेकिन जब मैं अपने कॅबिन में एंटर हुआ तो देख के शॉक हो गया की वो आंटी अपनी फॅमिली के साथ उसी कॅबिन में थी.
मतलब की मेरी सीट उनकी फॅमिली के साथ थी, और ये सब देख के मैं और आंटी दोनो खुश हो गये. फिर मैं कॅबिन में एंटर हुआ, और अपना समान रखने लगा. उसके बाद मैं अपनी सीट पे बैठ गया, और मेरे बिल्कुल सामने वो आंटी बैठी हुई थी. खैर मैं पहले उनकी फॅमिली के बारे में बता डू, फिर स्टोरी कंटिन्यू करता हू.
आंटी की फॅमिली मैं 5 लोग थे, जिनमे वो सेक्सी आंटी, उनके हज़्बेंड मिस्टर. बिलाल, और उनके 3 बच्चे थे 2 लड़कियाँ और एक लड़का. आंटी का नाम साइमा था, और उनकी आगे थी 45 साल थी. बड़ी लड़की का नामे आमना था, और उसकी आगे थी 23 यियर्ज़. उसका साइज़ था 34-28-32.
उनकी दूसरी लड़की का नामे हुमा था, और उसकी आगे थी 21 यियर्ज़, और उसका साइज़ था 36-30-36. वो थोड़ी चब्बी टाइप थी, और आंटी की दोनो लड़कियाँ फुल सेक्सी थी बिल्कुल आंटी की तरह. एक बेटा था उनको अनस, और उसकी आगे थी 18 यियर्ज़. अब ये था आंटी की फॅमिली का इंट्रोडक्षन. अब स्टोरी को कंटिन्यू करते है.
तो दोस्तो मुझे अपनी सीट पे बैठे हुए कुछ टाइम ही हुआ था और अंकल मुझसे बातें करने लगे.
वो पूछने लगे: बेटा कहा जेया रहे हो? और आप क्या करते हो?
तो मैने कहा: अंकल मैं तो रॅवॉल्पींडी जेया रहा हू काम से. और मैं एक मंक कंपनी में जॉब करता हू.
फिर मैने उनसे पूछा: आप लोग कहा जेया रहे है?
तो अंकल से पहले आंटी ने मुझे आन्सर दिया-
आंटी: हम भी रॅवॉल्पींडी ही जेया रहे है.
मैं: तो आप लोग भी क्या किसी काम से जेया रहे है क्या?
आंटी: नही हम तो वही रहते है, और हम तो बस कराची एक शादी में आए थे. और अब घर वापस जेया रहे है.
मैं: अछा ठीक है.
खैर ऐसे ही हम लोगों की बातें होती रही. मैं जब भी आंटी की तरफ देखता, तो वो मुझे एक नॉटी सी स्माइल पास कर देती. अब मुझे उनकी आँखों में एक हवस नज़र आने लगी, और जब मैं उनकी आँखों में देखता, तो मुझे ऐसा लगता की जैसे वो कह रही हो, की मेरी छूट को रग़ाद-रग़ाद के छोड़ दो, और मेरी गांद का भरता बना दो.
खैर दोस्तों ऐसे ही टाइम गुज़र गया, और रात हो गयी. मैं सबसे उपर वाली सीट पे लेता हुआ था, और अपना सेल उसे कर रहा था. क्यूंकी मुझे नींद नही आ रही थी, तो मैं बोर होने लगा.
फिर मैं ऐसे ही अपनी सीट से उठा, और स्मोकिंग करने के लिए वॉशरूम की तरफ जाने लगा. तभी मेरी नज़र आंटी पे पड़ी. आंटी सो रही थी, और मुझे उनकी क्लीवेज सॉफ दिख रही थी. और ये सब देख के एक टाइम मेरा मॅन किया की अभी आंटी के बूब्स दबा डू, और उनकी ब्रा निकाल के उनके मोटे-मोटे बूब्स चूसने लग जौ. लेकिन गाइस मैने अपने आप पे कंट्रोल किया, और सीधा उठ के वॉशरूम की तरफ निकल गया.
फिर मैं ट्रेन के गाते के पास खड़ा हो कर स्मोकिंग करने लगा और सोचने लगा की कैसे मैं आंटी को सेट करू, उनको रग़ाद-रग़ाद के छोड़ू. मैं ये सब सोच ही रहा था की मुझे अपने शोल्डर पे किसी का हाथ फील हुआ.
मैने पीछे देखा तो मैं देख के शॉक्ड हो गया. वो हाथ आंटी का था, और वो मुझे देख के एक नॉटी स्माइल पास कर रही थी.
अब देखे आयेज क्या होता है. अब तक इतना ही, आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में.