लंड और चूत को मिली संतुष्टि की कहानी

निशा भी जोश में आके हाथो को मेरी गांद पर रख कर पीछे से मूह में और दबाने लगी. निशा के इस जोश दिलाने वाले तरीके से मैं और ज़ोर से धक्के देने लगा.

अब आयेज-

मैं अब लंड मूह में देता, और अंदर गले में ही रोक देता. फिर बाहर निकालता, और फिर अंदर एक ही झटके में दबा देता. इससे उसके आँसू निकल रहे थे. लेकिन ये आँसू निशा की संतुष्टि को बता रहे थे.

अब मेरा वीर्या निकालने वाला था. निशा को भी पता था इसलिए वो भी चूज़ जेया रही थी. मैने कहा-

मैं: आह उम्म्म. मेरी जान, बस निकालने वाला है. पी जेया साली.

आखरी 2 से 4 धक्के दिए, और दोस्त की मा के मूह में ही लंड की पिचकारी निकल गयी. मेरा गाढ़ा और नमकीन वीर्या निशा के मूह में निकल गया. निशा लंड पूरा मूह में भर कर अंदर से रस्स को पीने लगी.

वो मूह में ज़ुबान घुमा कर लंड को चाट-ते हुए सारा वीर्या गले में उतार ले गयी. मेरे मूह से बस उहह उम्म्म ह्म निकल रहा था. निशा आँख बंद करके लंड चूस रही थी.

मैने उसका मूह लंड में दबाया हुआ था. 2 मिनिट बाद मैने उसे फ्री किया. निशा उहह ऑश करते हुए हाँफ रही थी. उसके चेहरे पर पसीना और संतुष्टि दिख रही थी. मुझे स्माइल देते हुए बोली-

निशा: आप ना जान ही निकाल देते हो. इस प्यार के लिए मैं कब से तड़प रही थी. आज आपका वही पुराना ज़ालिम वाला रूप देख कर मज़ा आ गया.

जिस तरह से आपने मूह को छोड़ा है, मैं समझ गयी आप वही रोहित हो. लोवे योउ सो मच. लेकिन प्लीज़ धक्के तोड़ा धीरे मारा करो. मेरे मूह पर लगता है.

मैं: मेरी प्यारी निशा. तूने आज लंड बहुत मज़े से और आचे से चूसा है. आज तो तूने मुझे पूरा संतुष्ट किया है.

निशा: ये सब मैं आपके प्यार के लिए करती हू. आपके लिए सब कुछ कर सकती हू. बस मुझे आपका प्यार चाहिए. एक बीवी को वही करना चाहिए जो पति को अछा लगता है. मैने भी वही किया.

मैं: चल अब तू इधर लेट. मुझे तेरी छूट का स्वाद लेना है.

निशा: लेकिन एक प्राब्लम है. आप गुस्सा तो नही होगे ना?

मैं: क्या हुआ है?

निशा: मैने अभी तक छूट के बाल सॉफ नही किए है. तबीयत भी खराब हो गयी थी, तो टाइम ही नही मिल पाया.

मैं: कोई बात नही. जब तुझसे प्यार किया है तो तेरी हर चीज़ मुझे पसंद है. चल साली अब बेड पर आ.

निशा मुस्कुराते हुए बेड पर लेट गयी. मैं बेड के नीचे आया, और घुटनो पर बैठ गया. निशा बेड की किनारे पर अपने पैर फैला कर लेट गयी. मैने जल्दी से निशा की मॅक्सी उपर कर दी. निशा ने अंदर पनटी नही पहनी हुई थी. मैने कहा-

मैं: क्या बात है रंडी. तू तो साली पहले से तैयार बैठी है.

निशा: अर्रे बाबा ऐसी बात नही है. मुझे बार-बार टाय्लेट लगता था. इसलिए उतार दी. और वैसे भी मुझे आपके बिना कों टच करेगा? मैं किसी को छूने नही देती हू.

मैं: तेरी छूट के बाल तो अब और बढ़ गये है. आज ही तू इन्हे सॉफ कर लेना, समझी?

निशा: ओक बाबा. आज कर लूँगी पक्का.

मैने अब उसकी दोनो टांगे पकड़ी, और आयेज खींचा. इससे उसकी गरम गीली बालों वाली छूट मेरे सामने थी. मैने अपनी नाक छूट पर रखी, और उससे स्मेल लेने लगा. दोस्तों आंटी की छूट से नमकीन और गरम खुश्बू आ रही थी. मैने जैसे ही छूट के दाने पर अपनी ज़ुबान घुमाई, तो निशा सिसक कर सिसकी लेने लगी.

निशा: ष्ह आह मेरे राजा. आपके इस टच के लिए तड़प रही थी. प्लीज़ अपनी इस जान को खुश करो ना. अब मत रूको और खा जाओ छूट मेरी.

मैं अब छूट पर हाथ फेरने लगा, और छूट के दाने को मूह में लेके चूसने लगा. जिससे वो बेड पर चादर पकड़ कर मचल रही थी. छूट से गीला-पन्न मेरी ज़ुबान से टच हो रहा था. निशा की छूट का स्वाद बहुत लाजवाब था. मैं छूट के च्छेद पर ज़ुबान घूमने लगा. इससे वो आँख बंद करके सिसकियाँ ले रही थी. उससे छूट चटवाने में मज़ा आ रहा था.

निशा: श श आह उहह एस एस बेबी ऑश.

5 मिनिट तक छूट के बाहर ज़ुबान से चाटने के बाद मैने अपनी उंगली से छूट को खोला. छूट का गुलाबी च्छेद खुल गया, और ज़ुबान अंदर ले जाने लगा. ज़ुबान से अंदर छूट को छोड़ने लगा.

मेरे इस तरह चूसने से निशा अपनी कमर उछाल कर मचल रही थी.

निशा: हा हाहः आहह आहह हा.

मैं: उउंम्म, बहुत चिकनी है तू तो.

अब मैं छूट में उंगली करते हुए छूट के दाने को चूसने लगा. इससे उसकी जवानी और मचलने लगी. 10 मिनिट तक मैं निशा के दाने को मूह में लेके दाँत से काट देता, और फिर चूस लेता. इससे उसकी हालत पतली होने लगी.

मैने उसे खींच कर अपना मूह छूट में घुसा दिया. फिर ज़ुबान अंदर-बाहर घूमने लगा. दोस्तों जब रंडी अपनी प्रॉपर्टी हो, तो सेक्स और चुदाई अपने तरीके से करने का मज़ा ही अलग है. वही मैं दोस्त की मा के साथ कर रहा था. जब मैं छूट की पलकों को मूह से खींच कर काट देता. तो वो चिल्ला उठती.

निशा: हा हा आअहह अहह हे भगवान. आप ना पुर शैतान हो. मी गोद, मेरी छूट. उम्म्म्म आह एस एस. खा जाओ, सब आपका ही है बेबी.

मैं दोस्त की मम्मी को गरम छूट चाट-ता तो मेरे मूह से आवाज़ निकल रही थी.

मैं: कुच्छ कुच्छ स्पार स्पार उम्म्म्म पुच्छू पूछ पुच्छ स्पार स्पार.

निशा बेडशीट को पकड़ कर अपनी कमर हिलाते हुए लगातार गरम-गरम जोश भारी सिसकियाँ लेती जेया रही थी. वो छूट से झड़ने वाली थी. इसलिए उसने मेरा मूह छूट में दबा दिया, और अपनी टांगे सिकोड ली.

निशा: अहह.

इस ज़ोरदार चीख के साथ निशा मेरे मूह में झाड़ गयी. उसने छूट का गरम रस्स निकाल दिया. मेरा पूरा मूह छूट रस्स से भर चुका था. 25 मिनिट तक छूट चाटने के बाद उसका ये गरम नमकीन वीर्या मैं पूरा चत्ट कर गया.

निशा बेड पर हाथ फैला कर लेती हुई थी. उसे थकान महसूस हुई थी. मुझे देख कर संतुष्टि भारी नज़रो से बोली-

निशा: थॅंक्स जी, आपने इतने दीनो बाद मुझे इतना प्यार दिया. इसके लिए कसम से मैं बहुत तड़प रही थी. अब जेया कर मेरे बदन को शांति मिली है.

निशा: आपने तो मुझे बिना छोड़े ही तका दिया. आप जैसा मर्द हर औरत को चाहिए. लेकिन आप सिर्फ़ मेरे हो.

फिर वो हाथ उठा कर मुझे अपने पास बुलाने लगी और बोली-

निशा: आओ ना मेरे पास. आज मुझे आपके साथ हग करके सोना है. प्लीज़ बेबी आओ भी.

मैं भी मेरे खूबसूरत बीवी के पास चला गया. हम दोनो एक-दूसरे से चिपक को लेते हुए थे. मैं उसे लोवे योउ बोल कर किस करके उसके गले में मूह रख कर सोने लगा.

निशा भी मुझसे कस्स कर अपने हाथो से दबा के सोने लगी. आज उसे मेरे साथ सोने में खुशी मिल रही थी. इसलिए मैं भी सोने लगा. मुझे भी उससे प्यार हो गया था. ऐसा मौका बार-बार नही मिलता है.

अभी हमे डिस्टर्ब करने वाला कोई नही था. तो निशा और मैं दोनो चिपक कर एक-दूसरे को चूमते हुए सो गये. निशा की मॅक्सी अभी भी आधी उपर थी. उसे कोई फिकर नही थी. उसे पता था मुझे वो अब रोकेगी नही कुछ करने से. तो छूट ढकने का क्या फ़ायदा. मैं भी आधा नंगा था. हम ऐसे ही दो प्रेमी जोड़ो की तरह सो गये.

जब मेरे आँख खुली तो निशा वाहा नही थी. मैने फोन देखा तो 3 बाज गये थे. मैं फ्रेश होके बाहर आया. तो वो किचन में थी. मैं उसके पास गया. उसने अभी मॅक्सी पूरी पहनी हुई थी.

निशा को मैने पीछे से पकड़ लिया. उसकी कमर पकड़ कर उससे चिपक गया. वो तोड़ा सहम गयी थी. फिर उसने पीछे पलट कर देखा और बोली-

निशा: ऑश आप भी ना. दर्रा देते हो. उठ गये जनाब आप? अब आपकी बीवी आपके लिए छाई बना रही है. साथ में पीते है.

मैं: तू अपने हाथो से पिलाएगी तभी छाई पीने में मज़ा आएगा.

निशा: हहा, आप ना बहुत शैतान होते जेया रहे हो. सारे काम मुझसे ही करवाते हो.

मैने तोड़ा मूह बनाते हुए कहा: ठीक है भाई. हम खुद ही पी लेंगे छाई.

निशा: आप ना ज़्यादा नाटक मत करो. आपकी बीवी आपको अपने हाथो से छाई देगी और पीला भी दूँगी. आप मेरे लवर बॉय हो. आपके लिए सब कुछ करूँगी.

मैं उसकी कमर नोच कर बोलने लगा: तो साली पहले नाटक क्यूँ कर रही थी?

निशा: उ मा, सॉरी बाबा. मैं तो मज़ाक कर रही थी. आप भी ना गुस्सा हो जाते हो.

फिर मैं वही स्लॅप पर बैठ गया, और दोनो छाई पीने लगे. निशा मुझे अपने हाथ से कप से छाई पिलाने लगी. निशा हेस्ट हुए छाई पिलाने लगी. मैं भी उसे छाई पिलाने लगा. बहुत ही रोमॅंटिक माहौल बन रहा था.

निशा मेरे दोनो पैरों के बीच में खड़ी थी. मैने उसकी आँखों में देख कर बोला-

मैं: मेरी जान, हनिमून पर ऐसे ही रोमॅन्स एंजाय करेंगे.

निशा: मुझे भी आपके साथ पूरा एंजाय करना है. आप वैसे भी वाहा थकने वाले हो नही. मुझे ही तका दोगे. फिर भी आपके लिए मॅनेज कर लूँगी.

मैं: तो अब सुन मेरा प्लान. तेरे बेटे को मैं बोलूँगा. उसकी मॅमी घर में रह के बोर हो रही है. और अगेर उसे तोड़ा फ्रीडम नही मिला, तो उसकी मा डिप्रेशन में चली जाएगी. मैं उसे आचे से बॉटल में उतार लूँगा. तुझे बस मेरा साथ देना है. तू भी उससे यही बात कहना. उससे कहना की मेरा अब यहा दिल नही करता है. तू उसे बेवकूफ़ बना देना आचे से.

निशा: मैं सब हॅंडल कर लूँगी. आपके साथ रह कर मास्टरमाइंड बन गयी हू. और आपके साथ रहने के लिए मैं कुछ भी करूँगी. आपके अंकल अभी 4 दिन बाद आएँगे. तब तक आपके साथ थोड़ी लाइफ जी लूँगी. लेकिन अगर डीपू ने साथ चलने को कहा तो?

मैं: अर्रे यार तू उससे बोलना की वो अपने एग्ज़ॅम की तैयारी करे. रोहित को साथ में ले जौंगी. उसे मैं सब समझा दूँगा अपने तरीके से.

निशा: प्लीज़ तोड़ा आचे से हॅंडल करना. कही हम प्राब्लम में ना आ जाए. मुझे तोड़ा-तोड़ा दर्र भी लग रहा है.

मैं: मेरी रानी, तू बस देखती जेया, मैं सब सेट कर दूँगा.

तभी उसी के सामने मैने उसके बेटे को फोन लगाया.

मैं (कॉल पर): हेलो डीपू.

डीपू (कॉल पर): हा बोल भाई. मम्मी कैसे है अब?

मैं: ये तू पूच मत भाई. वो तो सुबह से बात नही कर रही थी. बड़ी मुस्किल से मैने उनसे थोड़ी बात की.

डीपू: यार पता नही मा को क्या हो गया है. इतनी बीमार पहले कभी नही रही है.

मैं: तेरी मम्मी को डिप्रेशन की बीमारी है. उसे घर के कामो में लगा कर तुम लोगों ने उन्हे वही बाँध दिया है. उन्हे अब थोड़ी बाहर की हवा चाहिए. तेरे पापा तेरी मम्मी को कही लेके जाते नही है.

तो दोस्तों कहानी अभी यही तक है. नेक्स्ट पार्ट का वेट करिए, मज़ा बढ़ने वाला है. मुझे गम0288580@गमाल.कॉम पर मैल ज़रूर करे.

थॅंक्स.