सेक्सी आंटी के साथ चुसाई के मज़े की

मैं: मेरी जान, तू टेन्षन मत ले. मैं तुझे अपनी जान से ज़्यादा प्यार करूँगा. तुझे अपनी रंडी बना कर छोड़ूँगा.

निशा: ठीक है सैया जी, बना लो अपनी रंडी. तुम नही मानोगे अब. बहुत ज़िद्दी हो.

कहानी अब आयेज:-

अब मैं निशा के लिप्स को चूसने लगा. वो भी मुझे लीप किस में अब साथ दे रही थी. आंटी के अंदर की वासना जाग गयी थी. मैं एक हाथ से उसके बूब्स को मसालने लगा, और अब धीरे से बूब्स को चूसने भी लगा.

निशा के निपल कड़क हो गये थे. उसके एक ब्राउन निपल को मैं चूज़ जेया रहा था, और दूसरे को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था. इससे आंटी की सिसकियाँ निकालने लगी.

निशा: ह श रोहित. प्लीज़ धीरे दब्ाओ ना. उहह उम्म्म उफ़फ्फ़.

मैं: मेरी रानी, आज तुझे आचे से प्यार करूँगा. तू मुझे मत रोक. तू बस मेरे प्यार का मज़ा ले.

20 मिनिट तक मैने आंटी के बूब्स को मसल-मसल कर खूब चूसा. इससे निपल्स और बूब्स लाल हो गये थे. निशा आंटी बेड पर मचल रही थी. अब मैने जल्दी से उसकी सारी निकाल दी. पेटिकोट निकाल कर आंटी मेरे सामने पनटी में थी, जो गीली हो चुकी थी.

मैने देखा की आंटी ने अपनी आँखें बंद कर ली थी. मैं उसकी नाभि को चाटने लगा. 10 मिनिट नाभि को चूमने के बाद मैने पनटी निकाल दी. अब निशा आंटी मेरे सामने पूरी नंगी थी.

मेरे दोस्त दीपक की सेक्सी संस्कारी मा निशा मेरे सामने कामुक बनके लेती हुई थी. मेरा लंड उसे देख कर उछाल रहा था. आंटी की छूट पर घने बाल थे. मैने उससे कहा-

मैं: निशा बेबी, तूने अपनी छूट सॉफ नही की है?

निशा: किसके लिए करू? तुम्हारे अंकल को टाइम रहता नही है. मैं बस घर में बिज़ी रहती थी. इसलिए इस तरफ ध्यान दिया नही. तुम्हे बाल पसंद नही क्या?

मैं: मुझे हल्के बाल वाली छूट पसंद है. आज के बाद मुझे तेरी छूट पर बाल नही मिलने चाहिए.

निशा: ओक जी.

मैं: ये बताओ अंकल ने लास्ट कब छोड़ा तुझे?

निशा: ठीक से याद नही है. लेकिन 1 साल सा हो गया होगा.

मुझे अछा लगा. मैं अब उसकी छूट पर अपनी ज़ुबान रखने लगा. इससे आंटी सिसक गयी. उसके मूह से सिसकी निकल गयी.

निशा: ष्ह उहह रोहित.

मैं आंटी की छूट की मलाई चाट रहा था, और बालों वाली छूट पे ज़ुबान घुमा रहा था. आंटी मेरा मूह अपनी छूट में दबा रही थी. आँख बंद करके बेड पर अपनी कमर उछाल कर छूट मेरे मूह में घुसने लगी और बोली-

निशा: आह उम्म्म श. रोहित बहुत मज़ा आ रहा है. मेरी छूट आज तक तुम्हारे अंकल ने भी नही छाती. तुम बहुत ग़ज़ब के लड़के हो.

प्लीज़ छातो ना, और ज़ोर से आह बेबी उहह. मैं अब गयी उहह.

फिर 15 मिनिट बाद आंटी मेरे मूह पर झाड़ गयी. मैं उसकी सारी मलाई चाट गया. निशा आंटी का बदन अब ढीला पद गया. अब आंटी मुझसे बोली-

निशा: तुम बहुत बुरे हो. खुद कपड़े पहने हो, और मुझे नंगा कर रखा है.

मैं: चल मेरे रंडी. तू ही उतार दे.

निशा अब मुस्कुराते हुए उठी, और मेरी जीन्स निकालने लगी. वो बेड पर बैठी हुई थी. मैं नीचे खड़ा था, और उसके गालों को हाथो से सहला रहा था. बहुत ही गोरे और मुलायम जिस्म की मालकिन थी.

अब उसने मेरी पंत और मेरा कक्चा निकाल दिया. मैं अब उसके सामने 7 इंच के कड़क लंड के साथ खड़ा था. वो मेरे लोड को देख कर शॉक में बोली-

निशा: बाप रे, इतना बड़ा है तुम्हारा? मैने कभी नही देखा ऐसा भी होता है. तुम तो पुर मर्द हो. अपने अंकल से भी आयेज निकल गये हो.

मैं: मेरी जान, आज ये मर्द तुझे अपनी औरत बनाएगा.

निशा: मैं इसे झेल नही पौँगी. बहुत बड़ा है लंड रोहित. मेरी जान निकल जाएगी.

मैं: अब तू ज़्यादा नाटक मत कर. चल अब जल्दी से मूह खोल.

निशा मुझे गुस्से से घूरते हुए अपना मूह खोलने लगी. उसने मेरा लंड पकड़ लिया, जो उसके गोरे हाथो में आते ही उछालने लगा. फिर मैने लंड उसके मूह में घुसा दिया.

आंटी पूरा लंड मूह में नही ले पाई. बस 5 इंच लंड ही अंदर जेया रहा था. निशा उसे धीरे-धीरे चूसने लगी. मेरे मूह से सिसकियाँ निकालने लगी. क्यूंकी वो अंदर से अपनी मुलायम ज़ुबान लंड पर घुमा रही थी.

मैं: आह उफ़फ्फ़ मेरी रानी. क्या चूस्टी है तू. कसम से तूने मज़ा दे दिया.

वो आँखें बंद करके लंड चूस रही थी. आंटी ने लंड आचे से चूसा. 10 मिनिट बाद मैने उसके बाल पकड़े, और ज़ोर से लंड उसके मूह में तूस दिया. इससे पूरा 7 इंच लोड्‍ा उसके गले तक जेया रहा था. निशा के मूह से सिसकी निकल गयी. वो मुझे पीछे हटता रही थी, लेकिन मैने उसे पकड़े रखा.

निशा: उम्म्म उहह.

मैने 5 मिनिट तक लगातार उसके मूह की चुदाई की, जिससे उसके बूब्स ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगे. साथ ही उसके मंगलसूत्रा के हिलने की आवाज़ आ रही थी. फिर मैने लंड बाहर निकाला तो वो बोली-

निशा: ऑश उफ़फ्फ़, यार क्या करते हो तुम. मेरी जान निकल गयी थी. प्लीज़ ध्यान से और आराम से करो ना. मैं कही भाग नही रही हू.

मैं: मेरी रानी, तुझे चूस्टे हुए देख कर कंट्रोल नही हुआ. चल अब आचे से मेरी बॉल्स चूस.

निशा ने मेरे लंड को पकड़ा, और एक बॉल को मूह में भर लिया. दोस्तों उसके गुलाबी मुलायम होंठो में जब बॉल्स गयी, तो मेरे मूह से श श आ निकल गयी.

निशा बड़े आराम से बारी-बारी से दोनो बॉल्स को चूस रही थी. मेरे बॉल्स काले जामुन की तरह थे. मैं लंड आंटी के मूह पर मार रहा था. आंटी उम्म्म उम्म्म करने लगती. फिर आंटी ने 10 मिनिट और लंड चूसा. उसके बाद मैने आंटी को बेड पर आने को बोला.

मैं: चल मेरी जान. आज तुझे जन्नत की सैर करता हू.

निशा: हा बेबी, करा दो. छोड़ो मुझे अब. लेकिन प्लीज़ तुम आराम से करना. बहुत बड़ा है तुम्हारा. मुझे अपनी जान बीवी समझ के सेक्स करना.

मैं: तू साली मेरे रंडी बीवी है. तुझे मैं अपनी मर्ज़ी से दबा के छोड़ूँगा. आज तेरी छूट को फाड़ के उससे अपना बना लूँगा.

निशा: प्लीज़ रोहित धीरे करना यार. तोड़ा तो रहम करो.

अब मैं उसे छोड़ने वाला था. निशा आंटी की डुमदार चुदाई अगले पार्ट में है. प्लीज़ मुझे मैल ज़रूर करे, और बताए कैसी लगी स्टोरी.

किसी को मुझसे रियल और सेक्यूर सेक्स चाहिए, और कोई मुझे अपना पति और ब्फ बनाना चाहती है. तो मुझे [email protected] पर मैल करे.

थॅंक्स.