साली की चूत की तड़प को शांत करने की कथा

ही दोस्तों, मैं देल्ही के पहर्गंज से हू. मेरा नाम अजय है. मेरी उमर 45 साल है, और मैं एक शादी-शुदा और बच्चो वाला आदमी हू. मेरी बीवी का नाम प्रिया है, और वो मुझसे 8 साल छ्होटी है. मेरा अपना बिज़्नेस है, और कमाई अची है.

लंड मेरा 7 इंच का है, जिसको हमेशा छूट की प्यास रहती है. मेरा लंड किसी भी लड़की या औरत की प्यास आचे से बुझा सकता है. ये कहानी मेरी और मेरी साली की चुदाई की है. तो चलिए मैं कहानी शुरू करता हू.

मेरी साली का नाम पारूल है. वो 32 साल की है, और उसका डाइवोर्स हो चुका है. उसकी शादी 28 साल की उमर में हुई थी, और उस शादी से उसका एक बच्चा भी था. लेकिन 3 साल बाद उसकी अपने पति से बहुत लड़ाई रहने लगी, और फाइनली हार कर दोनो ने डाइवोर्स लेने का फैंसला किया.

मेरी साली की हाइट 5’6″ इंच है और उसका साइज़ 34-29-36 है. रंग उसका गोरा है, और वो बहुत सेक्सी लगती है. मैने उससे काई बार फ्लर्ट करने की कोशिश की, और उसने भी मुझे पूरी लाइन दी. लेकिन बीवी के दर्र से मैं कभी आयेज नही बढ़ पाया. लेकिन फिर एक दिन उसने खुद ही मुझे मौका दे दिया.

हम लोग एक फंक्षन पर जेया रहे थे. वाहा हमारी फॅमिली और मेरी बीवी की फॅमिली सब जेया रहे थे. रात का फंक्षन था और सब ने वाहा खूब मस्ती की. हम लोग 2 गाड़ियों में थे, और फंक्षन वाली जगह घर से 2 घंटे डोर थी.

एक गाड़ी मैं चला रहा था, और मेरे साथ मेरी बीवी, बच्चा, और मम्मी-दादी थे. दूसरी गाड़ी मेरे ससुर चला रहे थे, जिसमे सास-ससुर और पारूल थे. फंक्षन अटेंड करने के बाद हम लोग वापस आने लगे. मेरे ससुर की गाड़ी आयेज-आयेज थी, और मेरी गाड़ी उनके पीछे थी.

अभी हम आधे रास्ते ही आए थे, की तभी ससुर जी ने गाड़ी रोकी. उनकी गाड़ी रुकी, तो मैने भी अपनी गाड़ी रोक ली. फिर वो बाहर आए और पीछे मेरी गाड़ी के पास आए. मैने मिरर ओपन करके पूछा की क्या हुआ तो वो बोले-

ससुर जी: पारूल अपना डाइमंड नेकलेस वही बातरूम में भूल आई है. तो मुझे वापस जाना होगा.

तभी मेरे साथ बैठे मेरे पापा बोले: भाई साहब आप कहा इतना ड्राइव करोगे, तबीयत खराब हो जाएगी आपकी थकान से. ऐसा कीजिए हम आपके वाली गाड़ी में बैठ जाते है. अजय पारूल के साथ जाके वो नेकलेस ले आएगा. ये सुन कर मुझे अंदर ही अंदर खुशी होने लगी. फिर पॅसेंजर्स ने गाड़ी चेंज की, और अब मेरी गाड़ी में सिर्फ़ मैं और पारूल ही थे.

पारूल ने उस दिन एक ब्राउन कलर की वन-पीस ड्रेस पहनी थी. उस पर गोलडेन कलर की चैन लटकी हुई थी. वो इस ड्रेस में एक-दूं माल लग रही थी. उसकी ड्रेस उसके घुटनो से कम से कम 5 इंच उपर थी, जिसमे से उसकी गोरी-गोरी जांघें दिख रही थी.

उपर से उसकी ड्रेस स्लीव्ले थी, और सिर्फ़ स्ट्रॅप्स के सहारे टिकी हुई थी. उसकी क्लीवेज इतनी कामुक नज़र आ रही थी, की दिल कर रहा था खा जौ. अब मैं गाड़ी ड्राइव कर रहा था, और मेरी नज़र बार-बार उस पर जेया रही थी. तभी पारूल बोली-

पारूल: जीजू दीदी बहुत लकी है.

मैं: वो कैसे.

पारूल: क्यूंकी आप उनके हज़्बेंड हो.

मैं: ऐसा कुछ नही है. वो भी तो बहुत अची है.

पारूल: तो क्या मैं अची नही हू?

मैं: ऐसा क्यूँ बोल रही हो? तुम भी बहुत अची हो. इतनी खूबसूरत हो.

पारूल: तो मेरे पति ने मुझे क्यूँ छ्चोढ़ दिया?

मैं: काई बार कुछ लोग ग़लती करते है, और उसका एहसास उनको बाद में होता है. अगर मैं होता तो ये ग़लती कभी ना करता.

पारूल: तो क्या करते फिर.

मैं : जितनी सेक्सी तुम हो, तो मैं तो तुम्हे सुबा-शाम प्यार करता.

पारूल: अछा, मैं इतनी खूबसूरत हू?

मैं: हा, बहुत खूबसूरत हो.

पारूल: मैने तो कभी आपको मुझे उस नज़र से देखते नही देखा.

मैं: वो इसलिए की हमारा रिश्ता ही ऐसा है, की मैं तुम्हारी तरफ उस तरह से नही देख सकता.

पारूल: रिश्ता ना होता तो देखते?

मैं: हा ज़रूर देखता.

पारूल: और क्या करते?

मैं: ये तो डिपेंड करता है. अगर मैं कुछ करता तो बदनामी होती, तो कुछ नही करता.

पारूल: और अगर मैं किसी को कुछ ना बताती, और बस सब करती रहती तो?

उसकी इस बात ने मुझे हैरान कर दिया. मुझे समझ में आ रहा था की वो मुझे मौका दे रही थी उसके साथ कुछ करने का.

मैं: फिर मैं तुम्हारे साथ वो सब करता, जो एक पति अपनी पत्नी के साथ करता है.

पारूल: तो करिए ना जीजू, मैं किसी से कुछ नही कहूँगी.

और ये बोल कर उसने अपना हाथ पंत के उपर से मेरे लंड पर रख लिया. फिर मैने उसका हाथ हटाया और उसको बोला-

मैं: देखो पारूल, अभी तो तुम मूड में हो, तो तुम ये बोल रही हो. बाद में अगर तुम मुझे कहोगी की मैं तुम्हारे साथ कोई पब्लिक रीलेशन बनौ तो वो नही होने वाला. मुझे अपनी मॅरीड लाइफ में कोई प्राब्लम नही चाहिए.

पारूल: जीजू मैं आपकी रंडी बन के रहूंगी. इसके अलावा मुझे और कुछ नही चाहिए. आप बस मेरी प्यास बुझा दीजिए. मैं कभी भी किसी को कुछ नही बतौँगी.

मेरे जवाब का इंतेज़ार किए बिना की पारूल ने मेरी पंत की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया, और उसको हिलने लगी. फिर वो आयेज की तरफ झुकी, और उसने अपने मूह में मेरा लंड डाल लिया. उसके मूह में लंड डालते ही मेरी आ निकल गयी.

रात का टाइम था, और सड़क पर कोई नही था. मैने गाड़ी साइड पर लगा दी, और पारूल की गांद पर हाथ रख कर उसको दबाने लगे. मैने उसकी ड्रेस पीछे से हटता दी, और पनटी की साइड से अपना हाथ उसकी गांद के चियर तक ले गया. वो जगह थोड़ी वेट थी.

मैने एक हाथ उसके सर पर रखा, और उसको अपने लंड पर दबाने लग गया. इससे वो चोक हो रही थी, और मुझे और मज़ा आ रहा था. मैं कमर हिला-हिला कर उसको लंड चुस्वा रहा था.

फिर मैने उसको सीधा किया, और अपनी गोद में खींच कर बिता लिया. उसने अपनी टांगे मेरे इर्द-गिर्द की, और पनटी पर से अपनी गांद मेरे लंड पर रगड़ने लग गयी. हम दोनो अब पागलों की तरह किस करने लग गये.

फिर उसने अपनी ड्रेस अपने शोल्डर्स से नीचे की, और ब्रा भी निकाल दी. अब मेरी साली के रसीले बूब्स मेरे सामने नंगे थे. मैने उसके दोनो बूब्स को पकड़ा, और निपल्स को चूसने लग गया. वो मेरे फेस को अपने बूब्स में दबा रही थी, और कामुक आहें भर रही थी.

फिर मैने उसकी ड्रेस और नीचे की, और मैं उसके पेट पर किस करने लग गया. वो लगातार अपनी गांद मेरे लंड पर रगडे जेया रही थी. फिर वो थोड़ी उपर हुई, और मुझे सीट पीछे करने को बोला. मैने अपनी सीट पीछे की, और उसने अपनी पनटी निकाल दी.

अब उसकी ड्रेस उसके पेट पाट इकट्ठी हुई पड़ी थी, और वो उपर से और नीचे से बिल्कुल नंगी थी. अब उसकी नंगी छूट मेरे नंगे लंड पर रग़ाद खा रही थी, और मेरी जांघें और उसके चूतड़ आपस में रग़ाद खा रहे थे.

फिर उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर अपनी छूट के मूह पर सेट किया. जैसे ही मेरा लंड उसकी छूट के मूह पर लगा, मैने एक ज़ोर का धक्का देके पूरा का पूरा लंड उसकी छूट में घुसा दिया. उसकी ज़ोर की चीख निकली, और वो मुझसे डोर जाने लगी.

लेकिन मैने उसको अपनी बाहों में भर लिया, और लंड और अंदर पेलता गया. फिर मैने अपने हाथ उसकी गांद पर रख लिए, और उसको आयेज-पीछे करते हुए लंड अंदर-बाहर करने लगा. कुछ मिनिट्स में वो कंफर्टबल हो गयी, और अपनी गांद खुद आयेज पीछे करने लगी.

उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया, जिससे मेरा मूह उसके बूब्स में डाबब गया. फिर वो आ आ करते हुए तेज़ी से अपनी गांद आयेज-पीछे करके चूड़ने लगी. वो आ आ कर रही थी, और लंड का पूरा मज़ा ले रही थी.

फिर मैने उसको अपने नीचे किया, और मिशनरी पोज़िशन में उसको तेज़ी से छोड़ने लगा. मैं उसकी गर्दन, लिप्स, बूब्स को चूस-चाट और काट रहा था. मेरे धक्के तेज़ होते जेया रहे थे, और वो अपने चरम पर पहुँच रही थी. फिर मैने अपने लंड पर उसकी छूट का गरम-गरम पानी महसूस किया.

उसके कुछ देर बाद मैने अपने लंड का पानी उसकी छूट में ही निकाल दिया. अब हम दोनो ठंडे हो गये थे. फिर 10 मिनिट बाद हम दोनो उठे, और नेकलेस लेने चल पड़े.

दोस्तों आज के लिए इतना ही, बाकी की कहानी आप सब को अगले पार्ट में पढ़ने के लिए मिलेगी. कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.