कामुक चूत और गांद में लंड का मज़ा

ही फ्रेंड्स, मैं अरमान वापस आ गया हू अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके. कहानी के पिछले पार्ट्स को आप सब ने बहुत प्यार दिया. उसके लिए मैं आप सब का धन्यवाद करता हू. जिन लोगों ने पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, वो प्लीज़ जाके उनको पढ़ ले. आपको उनको पढ़ कर ज़रूर मज़ा आएगा.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था, की बबिता को पता चल गया था की उसकी पनटी पर माल लगा हुआ था. उसको ये भी पता चल गया था, की वो माल टापू और पप्पू का था.

फिर उसने टापू को काम के बहाने घर पर बुलाया. उसको सेक्सी ड्रेस में देख कर टापू का लंड खड़ा हो गया. फिर बबिता ने उसको डराया की वो उसकी हरकत के बारे में उसके घर पर बता देगी.

जब टापू ने उससे माफी माँगी तो बबिता ने सज़ा के रूप में उससे अपनी छूट चटवाई, और अपना मूट उसको पिलाया. फिर टापू ने कहा की उसकी अकेले की ग़लती नही थी. अब आयेज बढ़ते है.

जब टापू ने कहा की उसकी अकेले की ग़लती नही थी, तो बबिता ने उसको पप्पू को बुलाने के लिए कहा. टापू ने पप्पू को फोन लगाया और उसको बबिता के घर आने को कहा. अगले 15 मिनिट में पप्पू ने बबिता के घर के बाहर आके बेल बजाई.

बबिता ने अपनी पनटी उपर की, और टापू को कहा की वो जाके दरवाज़ा खोले, और पप्पू को अंदर लेके आए. टापू ने जाके दरवाज़ा खोला, और पप्पू को अपने साथ ड्रॉयिंग रूम में ले आया. इस दौरान पप्पू ने टापू से पूछा की उसने उसको वाहा क्यूँ बुलाया था. लेकिन टापू ने उसको कोई जवाब नही दिया.

जब पप्पू ड्रॉयिंग रूम में एंटर हुआ तो बबिता को पनटी और त-शर्ट में देख कर वो हैरान रह गया. उसका लंड एक-दूं से खड़ा हो गया. उसको लगा की शायद टापू ने उसको बबिता को छोड़ने के लिए बुलाया था. लेकिन होने कुछ और ही वाला था. फिर टापू बोला-

टापू: बबिता आंटी को वो सब पता है जो हमने इनकी पॅंटीस के साथ किया. अगर हमने इनकी बात नही मानी तो ये हमारे घर में जाके सब बता देंगी.

ये सुन कर पप्पू घबरा गया. उसको पता था की अगर बबिता ने उसके घर पर ये सब बता दिया, तो उसके घर वाले उसकी बहुत ठुकाई करेंगे. फिर वो बोला-

पप्पू: ई आम सॉरी आंटी. हमसे बहुत बड़ी ग़लती हो गयी. आप प्लीज़ मेरे घर पर मत बताना. आप जो पनिशमेंट देंगी, मुझे वो मंज़ूर है.

ये सुन कर बबिता खड़ी हुई, और उसने पप्पू के सामने आके अपनी पनटी नीचे कर दी. बबिता की मस्त छूट देख कर पप्पू खुश हो गया. फिर बबिता बोली-

बबिता: चल अब मेरी छूट को कुत्ते की तरह चाट. अगर मज़ा नही आया ना तो देख लेना.

फिर पप्पू ने अपना मूह बबिता की छूट पर लगाया, और उसको ज़ोर-ज़ोर से कुत्ते की तरह चाटने लगा. इससे बबिता गरम होने लगी, और उसने टापू को अपने पास आने का इशारा किया. जब टापू उसके पास आया, तो बबिता ने अपनी त-शर्ट और ब्रा एक साइड से उपर करके अपना एक बूब बाहर निकाल लिया.

उसका गोल, सॉफ्ट और गोरा बूब देख कर टापू के मूह में पानी आ गया. फिर बबिता ने टापू को बूब को चूसने का इशारा किया. टापू की तो लॉटरी ही लग गयी. उसने एक सेकेंड भी नही लगाया, और उसके बूब पर झपट पड़ा.

फिर वो पागलों की तरह बबिता के बूब को चूसने लग गया. अब पप्पू बबिता की छूट चूस रहा था, और टापू उसका एक बूब चूस रहा था. बबिता पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी. ये देख कर टापू ने अपना हाथ बबिता के दूसरे बूब पर डाला, और उसको दबाने लग गया.

तभी बबिता की छूट अपने चरम पर आ गयी, और उसकी छूट ने पानी छ्चोढ़ दिया. वो आहह आ करते हुए झाड़ रही थी, और पप्पू उसकी छूट का सारा पानी पी गया. ये देख कर टापू ने बोला-

टापू: ये ग़लत है आंटी. आपने मुझे तो मूट पिलाया था, और पप्पू को अपनी छूट का रस्स पीला रही हो. मतलब मुझे पनिशमेंट मिली, और उसको मज़ा.

बबिता: बात तो तेरी सही है टापू. लेकिन अभी मुझे मूट आया नही है.

टापू: अब ये मेरी प्राब्लम नही है.

तभी बबिता ने कुछ सोचा, और पप्पू को बोली-

बबिता: पप्पू अब तू मेरी गांद चाट.

पप्पू झट से बबिता के पीछे गया, और उसके चूतड़ खोल कर उसकी गांद के च्छेद को चाटने लग गया. तभी बबिता ने ज़ोर लगाया, और पप्पू के मूह में टट्टी कर दी. टट्टी मूह में जाने से पप्पी बौखला गया, और उसने मूह पीछे हटता लिया. फिर बबिता और टापू दोनो हासणे लग गये.

पप्पू बातरूम की तरफ भागा, और वाहा जाके मूह ढोने लगा और कुर्ला करने लगा. फिर बबिता भी उसके पीछे चली गयी, और टापू बबिता के पीछे चला गया. बातरूम में जाके बबिता ने अपने बाकी के कपड़े उतार दिए, और पूरी नंगी हो गयी.

फिर उसने शवर ओं किया, और उसके नीचे खड़ी हो गयी. उसका बदन पानी से भीगना शुरू हो गया. टापू और पप्पू उसको नंगी देख कर खुश हो गये, और उन दोनो के लंड तंन गये.

फिर बबिता बोली: चलो बाय्स अपने कपड़े उतरो. अब पनिशमेंट ख़तम, और प्राइज़ चालू.

उसकी ये बात सुनते ही टापू और पप्पू ने अपने-अपने कपड़े उतार दिए, और वो भी बबिता के साथ शवर के नीचे आ गये. अब बबिता के एक बूब को टापू ने पकड़ा, और दूसरे को पप्पू ने पकड़ा. फिर उन दोनो ने उसके बूब्स चूसने शुरू कर दिए. बबिता मदहोश होने लग गयी, और उन दोनो के सर पकड़ कर अपने बूब्स पर दबाने लगे.

टापू अपना एक हाथ बबिता की छूट पर ले गया, और उसको सहलाने लग गया. पप्पू अपना हाथ बबिता के चूतड़ पर ले गया, और उसको दबाने लग गया. तीनो पुर मज़े में थे.

फिर बबिता घुटनो पर बैठ गयी. अब पप्पू और टापू के तनने हुए लंड उसके सामने झूल रहे थे. बबिता ने दोनो लुंडो को अपने हाथ में लिया, और उनको हिलने लग गयी. फिर उसने टापू के लंड को अपने मूह में डाल लिया, और उसको चूसने लग गयी. दूसरे हाथ से वो पप्पू का लंड हिला रही थी.

टापू ने बबिता के बाल पकड़े, और ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह को छोड़ना शुरू कर दिया. ये देख कर पप्पू ने भी अपना लंड बबिता के मूह में तूस दिया. अब वो अपने मूह में 2 लंड साथ में लिए हुई थी. टापू और पप्पू साथ में उसके बूब्स पर थप्पड़ मार रहे थे.

कुछ देर ऐसा ही चलता रहा. फिर उन्होने बबिता के मूह से लंड निकाल कर उसको उठाया, और टापू उसके होंठ चूसने लगा. पप्पू ने उसको पीछे से बाहों में भर लिया, और उसके बूब्स दबाते हुए पीठ पर किस करने लगा.

फिर उन्होने बबिता के बदन को टवल से पोंचा, और खुद को भी सॉफ किया. उसके बाद वो उसको बेड पर ले आए. बेड पर उसको लिटा कर टापू बबिता की टाँगो के बीच आ गया. उसने अपना खड़ा हुआ लंड अपने हाथ में लिया, और बबिता की छूट के मूह पर उपर-नीचे करके रगड़ने लग गया.

बबिता अब चूड़ने के लिए तड़प रही थी. फिर टापू ने एक ज़ोर का धक्का मारा, और उसका पूरा लंड फॅक करके बबिता की छूट में चला गया. वो ज़ोर के धक्के लगा कर बबिता को छोड़ने लगा. बबिता ने उसको अपनी बाहों में भर लिया, और आ आ करने लग गयी.

पप्पू उन दोनो को देख कर अपना लंड मसल रहा था. 5 मिनिट तक टापू पूरी स्पीड से बबिता को छोड़ता रहा. फिर उसने अपनी पोज़िशन बदली. वो अपना लंड बबिता की छूट में रखते हुए ही घूम गया, और उसको अपने उपर कर लिया.

अब बबिता टापू के उपर थी, और उसके लंड पर उछालने लग गयी. उसके मोटे-मोटे बूब्स हवा में उछाल रहे थे. तभी टापू ने बबिता को अपनी तरफ खींचा, और उसके होंठ चूसने लग गया.

तभी पप्पू ने पीछे से बबिता के चूतड़ खोले, और लंड उसकी गांद के च्छेद पर लगा कर ज़ोर से धक्का मारा. पप्पू का आधा लंड उसकी गांद में चला गया, और वो चीखने लग गयी. फिर पप्पू ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा जिससे उसका पूरा लंड बबिता की गांद में चला गया.

अब बबिता 2 लंड की सवारी कर रही थी. पप्पू पीछे से जो धक्के मार रहा था उससे टापू का लंड अपने आप बबिता की छूट के अंदर बाहर हो रहा था. तीनो चुदाई का पूरा मज़ा ले रहे थे. कभी पप्पू बबिता के बूब्स दबाता, तो कभी टापू.

पूरा बेड हिल रहा था. बबिता के पुर जिस्म को दोनो कुत्ते नोच-नोच कर खा रहे थे. बबिता आ आ आ करती जेया रही थी, और उसकी छूट पानी छ्चोढती जेया रही थी. 1 घंटे वो दोनो लड़के बबिता के जिस्म का पूरा रस्स निचोढ़ते रहे. फिर दोनो ने अपना माल उसके अंदर ही निकाल दिया. उसके बाद सब तक कर लेट गये.

दोस्तों इस कहानी में इतना ही. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, और आप आयेज और पढ़ना चाहते है, तो कॉमेंट करके बताए.