रिज़ल्ट पार्टी में नौकरानी के गंगबांग की कहानी

ही दोस्तों, मेरा नाम अरुण है. मैं 19 साल का हू. मैं देल्ही में अपने मम्मी-पापा के साथ एक फ्लॅट में रहता हू. मेरे दाद का बिज़्नेस है, और मों एक गवर्नमेंट एंप्लायी है.

ये बात अभी कुछ दिन पहले की है, जब 12त क्लास का रिज़ल्ट आया था. मेरे दाद बिज़्नेस के सिलसिले में फॉरिन गये हुए थे, और मों को भी दूसरे शहर किसी काम से जाना था.

मेरा और मेरे 2 दोस्तों का रिज़ल्ट अछा आया था, तो हमने पार्टी प्लान कर रखी थी. पार्टी हमारे घर पर ही थी, और उसी दिन मों को दूसरे शहर जाना पड़ा.

मैने मों से रुकने को कहा, लेकिन उनका जाना ज़रूरी था. फिर मों ने मुझे कुछ पैसे दिए, और पार्टी के अरेंज्मेंट कर दिए. सर्व करने के लिए उन्होने हमारी नौकरानी उषा को रात को रुकने को बोल दिया.

अब उषा के बारे में जान लेते है. उषा 21 साल की एक लड़की है, जो 4 साल से हमारे घर पर काम कर रही थी. उसकी हाइट 5’5″ थी, और रंग ठीक-ताक गोरा था. काम कर-कर के उसका फिगर एक-दूं मस्त हो चुका था. उसका साइज़ 36-28-36 होगा. मैने कभी उसके बारे में कुछ ग़लत नही सोचा था. लेकिन उस दिन सब बदल गया.

तो हुआ यू, की मेरे दो दोस्त पारस और जाई आ चुके थे. हम लोगों ने खाना पीना शुरू कर दिया था, और म्यूज़िक बाज रहा था. फिर पारस ने एक दारू की बॉटल निकाल ली. इससे पहले हम तीनो ने कभी दारू नही पी थी. लेकिन पारस ने बोला की अब हमारा मर्द बनने का टाइम आ गया था.

फिर हम तीनो ने एक-एक पेग पी लिया. एक-एक पेग करते हुए हमने पूरी बॉटल गतक ली. हमारा खाना पीना भी हो चुका था, और अब हम डॅन्स कर रहे थे. मैने उषा से कहा की वो टेबल क्लीन कर दे.

फिर जब उषा आई, तो पारस सोफा पर बैठा था. वो उषा को ही देखे जेया रहा था. उषा ने उस वक़्त लेगैंग्स और एक लंबा शर्ट पहना हुआ था. उसने दुपट्टा नही लिया था, जिसकी वजह से उसके बूब्स झुकने पर नज़र आ रहे थे.

पारस की नज़र उसके बूब्स पर पड़ी, और उसने मुझे इशारा किया. फिर मैं भी जाके उसके साथ बैठ गया. मैने जब देखा, तो उषा की पूरी क्लीवेज दिख रही थी. आज तक मैने कभी उसको इस नज़र से नही देखा था. लेकिन आज वो बड़ी मस्त दिख रही थी.

फिर जब वो समान उठा कर किचन की तरफ जाने लगी, तो हमारी नज़र उसकी मटकती हुई गांद पर पड़ी. तभी पारस बोला-

पारस: हाए, क्या माल है यार. इसकी दिलवादे यार.

मैं: अर्रे नौकरानी है वो.

पारस: तभी तो बोल रहा हू. तूने को उसको छोड़ा ही होगा?

मैं: अर्रे पागल है. अपने को दर्र लगता है भाई ऐसे कामो से. घर पे पता चल गया तो जूते पड़ेंगे.

पारस: चल अगर वो मान गयी, तो फिर तो छोड़ेगा ना?

मैं: लेकिन मनाएगा कों?

पारस: वो तू मेरे पर छ्चोढ़ दे.

ये बोल कर वो उसके पीछे गया, और किचन में जाके उससे बात करने लगा. मैं उनको बात करते देख पा रहा था, लेकिन सुन नही पा रहा था. फिर उसने अपनी जेब से कुछ पैसे निकाले, और उषा के हाथ में दे दिए. उसके बाद वो मेरे पास आया, और बोला-

पारस: अर्रे मान गयी यार. चल अब मज़ा करते है.

हम लोग हॉल में बैठे थे, और फिर हमने सोफा को ओपन करके बेड में कॉनवर्ट कर लिया. अब उषा हमारे पास आई, और बोली-

उषा: एक टाइम पर एक से ही चुड़ूँगी मैं.

पारस: हा, चिंता मत कर तू.

तभी पारस उसके पास गया, और उसको बाहों में भर कर स्मूच मारने लगा. साथ में वो उसकी गांद भी दबा रहा था. उसको ऐसा करते देख मेरा और जाई का लंड भी खड़ा हो गया.

फिर पारस एक-एक करके उषा के कपड़े उतारने लगा, और अब वो सिर्फ़ ब्रा और पनटी में थी. क्या कमाल का फिगर था उसका एक-दूं मस्त. फिर हम तीनो लड़कों ने भी अपने-अपने कपड़े उतार दिए.

अब मैं भी उषा के पास गया, और उसको पीछे से पकड़ कर चूमने लगा. अब पारस उसको आयेज से चूम रहा था, मैं पीछे से, और जाई अपना लंड हिला रहा था.

फिर मैने उसकी पनटी उतार दी, और उसकी गांद के चियर में अपना लंड रगड़ने लग गया. बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर मैं नीचे बैठा, और उसके चूतड़ खोल कर मैने उसकी छूट में उंगली करनी शुरू की.

वो आहें भर रही थी. उधर पारस ने उसकी ब्रा उतरी, और उसके बूब्स चूसने लगा. उषा की छूट अब पानी-पानी हो रही थी. फिर जाई आयेज आया, और उसने उषा को हम दोनो से लेकर नीचे बिताया, और अपना लंड उसके मूह में डाल दिया.

पीछे से पारस नीचे बैठा, और जाई को भी उसने बैठने के लिए कहा. अब उषा घोड़ी की पोज़िशन में थी, और जाई का लंड चूस रही थी. पारस ने पीछे से उसकी गांद में अपना मूह डाला, और उसकी छूट और गांद चाटने लगा.

कुछ देर ऐसे ही चलता रहा. फिर पारस ने अपना लंड उसकी छूट पर सेट किया, और एक ही झटके में अंदर डाल दिया. उषा की आ निकली, और पारस उसको छोड़ने लग गया.

मैने भी जाई को हटाया, और अपना लंड उषा के मूह में डाल दिया. कुछ देर हम ऐसे ही करते रहे. फिर जब पारस का निकालने वाला हुआ, तो उसने मुझे पोज़िशन चेंज करने को बोला.

अब मैं पीछे था, और पारस सामने. पारस उसका मूह छोड़ने लगा, और मैं छूट. बड़ा मज़ा आ रहा था. ये थी असली मज़ेदार पार्टी.

पारस ने कुछ ही मिंटो में अपना पानी उसके मूह में निकाल दिया, जो उसने वही थूक दिया. फिर जाई नीचे लेता, और उसने मुझे उषा को उसके उपर भेजने को कहा.

उषा को मैने जाई के उपर बिताया, और वो लंड छूट में लेके उछालने लगी. अभी 2-3 मिनिट ही हुए थे उसको लंड पर उछलते हुए, की जाई ने उसको अपनी बाहों में भर कर उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए.

अब उषा को मस्त गांद मेरे सामने थी, और मेरा अभी तक निकला नही था. मैं पीछे गया, और उसकी गांद में उंगली डालने लगा. तभी वो उछलते हुए रुकी, और उसने मुझे माना किया. लेकिन जाई ने उसको अपनी बाहों में कस्स लिया और कहा-

जाई: डाल दे डाल दे, रंडियों के इतने नखरे नही झेलते.

मैने झट से लंड उसकी गांद के च्छेद पर रखा, और 7-8 ज़ोर के झटके मार कर लंड गांद में घुसा दिया. उसकी गांद बहुत टाइट थी. शायद उसने पहले गांद नही मरवाई थी. मेरा लंड भी दर्द हो रहा था, लेकिन हवस में दर्द का मज़ा आता है.

मैं ताबाद-तोड़ धक्के मारने लगा पीछे से, और जाई आयेज से धक्के मार रहा था. उषा चीख रही थी, और हम दोनो का जोश बढ़ रहा था. हमारे धक्के पुर रिदम में जेया रहे थे.

कुछ देर में उषा नॉर्मल हो गयी, और मज़ा लेने लगी. अब हमारी चुदाई फुल स्पीड पर चल रही थी. लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ, जिसकी कल्पना भी नही की थी हमने.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो कॉमेंट करके ज़रूर बताए.