ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अभिषेक है, और ये मेरी रियल कहानी है. मेरी उमर 33 साल है, और मैं शादी-शुदा हू. मैं पुंजब के फ़ज़िलका का रहने वाला हू. मेरी हाइट 5’9″ है, और लंड 6.5 इंच का है. चलिए अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हू.
6 साल पहले मैं एक स्कूल में टीचर था. मैं जिस स्कूल में काम करता था वो दूसरे शहर में था, और मेरे घर से 40 काइलामीटर डोर था. तो मुझे रेग्युलर उप-डाउन करना पड़ता था. लेकिन स्कूल वन की फेसिलिटी थी, तो कोई दिक्कत नही थी.
आप तो जानते ही है की स्कूल में फीमेल टीचर्स माले टीचर्स से हमेशा ज़्यादा होती है. हमारे स्कूल में भी कुछ ऐसा ही था. एक से एक सेक्सी फीमेल टीचर्स थी हमारे स्कूल में. फिर एक दिन एक नयी लड़की ने जाय्न किया जिसका नाम था रूप कॉयार.
वो लड़की उसी शहर से थी, जिस शहर में स्कूल था. देखने में वो गोरी-चित्ति थी, और खूबसूरत भी थी. उसका चेहरा बहुत भोला था, और फिगर 34-28-36 होता. हाइट उसकी 5’3″ थी. उसके बारे में कोई गंदे ख़याल नही आते थे. वो तो देखते ही प्यार हो जाए ऐसी लड़की थी.
क्यूंकी वो अलग डिपार्टमेंट से थी, तो हमारी बात नही हुई कभी. लेकिन आते-जाते गुड मॉर्निंग विश ज़रूर होती थी. फिर एक दिन मैने फ़ेसबुक से उसकी ईद ढूँढ कर उसको मेसेज किया. उसने रिप्लाइ तो किया, लेकिन वो ज़्यादा बात करने में इंट्रेस्टेड नही लगी. तो मैने भी बिना वजह मेसेज नही किया.
ऐसे ही एक साल बीट गया, और उसकी गूव्ट. जॉब लग गयी. मुझे ये उसके जाने के 3 दिन बाद पता चला, और उसी दिन मैने उसको शाम को मेसेज किया.
मैं: कंग्रॅजुलेशन्स!
रूप: थॅंक योउ.
मैं: आप तो बिना बताए ही चले गये.
रूप: सब जल्दी-जल्दी हो गया, और आज ट्रैनिंग के लिए निकल रही हू. पता नही कैसे होगा सब.
मैं: सब हो जाएगा.
रूप: आपको कैसे पता?
मैं: अर्रे आप एक स्मार्ट लड़की हो. आपसे नही होगा तो किससे होगा.
रूप: हहा, थॅंक योउ.
मैं: युवर वेलकम.
फिर ऐसे ही जब भी उसको हॉंसला चाहिए होता तो वो मुझे मेसेज कर देती. मैं भी घंटा-घंटा उसके साथ छत करता रहता. मुझे उससे प्यार होने लगा था. फिर एक दिन ऐसे ही मेरी और उसकी मॅरेज पर डिस्कशन चल रही थी, और मैने मौका देख कर उसको प्रपोज़ कर दिया.
उसने उसी वक़्त कोई जवाब नही दिया, लेकिन अगले दिन माना कर दिया. जब मैने माना करने का रीज़न पूछा, तो उसने कहा की उसकी फॅमिली को सरदार लड़का चाहिए. उसने कहा की हम फ्रेंड्स रह सकते थे. मैने भी हा बोल दिया.
फिर ऐसे ही हमारी बातें होने लगी. 3 महीने हो गये थे. एक दिन मुझे उस शहर में कोई एग्ज़ॅम देने जाना था जहा उसकी पोस्टिंग थी. वो वाहा सरकारी रूम में रहती थी. जब मैने उसको मेरे आने के बारे में बताया तो उसने मुझे उसके रूम में रुकने को कहा. पहले मैने माना किया, लेकिन उसके ज़िद करने पर मैं मान गया.
फिर मैं वाहा पहुँच गया, और वो मुझे स्कूटी पे पिक करने आई. उसका रूम एक सिंगल रूम वित किचन आंड बातरूम था. वाहा 2 सिंगल बेड थे, तो कोई दिक्कत नही हुई. हमने कुछ बातें की, और फिर खाना खा कर सो गये.
आधी रात मुझे कुछ आवाज़ आई जिससे मेरी नींद खुल गयी. जब मैने देखा तो रूप अपने बेड पर नही थी. फिर मैने देखा तो बातरूम की लाइट ओं थी और दरवाज़ा खुला था. पता नही क्यूँ मेरा मॅन किया देखने का की वो क्या कर रही थी. तो मैं धीरे से उठा और बातरूम के बाहर जाके खड़ा हो गया.
मैने देखा अंदर रूप पनटी और ब्रा में खड़ी थी. उसका मूह दूसरी तरफ था. पीछे से वो इतनी सेक्सी लग रही थी की मेरा लंड उसी वक़्त खड़ा हो गया. वो शायद कपड़े चेंज करने गयी थी. तभी उसने कपड़े पहने और बाहर आने लगी. मैं जल्दी से जाके बेड पर वापस लेट गया, और अपनी आँखें बंद कर ली.
मैं सोने का नाटक करने लगा, क्यूंकी मैं नही चाहता था की रूप को पता चले की मैने उसको इस हालत में देखा था. फिर वो अपने बेड पर आई, और सो गयी. लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी. मेरी आँखों के सामने उसके जिस्म का वो सेक्सी सीन ही घूमे जेया रहा था.
मैने आज तक रूप को सिर्फ़ प्यार भारी नज़र से देखा था, लेकिन आज वो सीन देख कर मेरे अंदर उसके लिए वासना जाग गयी थी. वो दूसरी तरफ मूह करके सो रही थी, तो उसकी गांद मेरी तरफ थी. मेरी नज़र उसकी गांद पर पड़ी. लेगैंग्स में उसकी गांद बहुत सेक्सी लग रही त. मेरा लंड पूरा खड़ा था, और दिल तो कर रहा था लेगैंग्स पीछे से फाड़ कर लंड उसकी छूट में डाल डू.
फिर मैने मूठ मार कर लंड को शांत किया, और सो गया. मेरा एग्ज़ॅम 2 दिन बाद था, तो अगले दिन हमने घूमने का प्लान किया. सुबा हम रेडी हुए, और फिर स्कूटी लेके निकल गये. उसने और मैने दोनो ने जीन्स और त-शर्ट पहनी थी. वो स्कूटी ड्राइव कर रही थी, और मैं उसके पीछे बैठा था.
पीछे से उसकी गांद की शेप इतनी सेक्सी दिख रही थी, की मैं क्या बतौ. आस-पास देखने की बजाए मैं तो उसकी कमर और गांद की सेक्सी शेप ही देखे जेया रहा था. मैं सोच रहा था की उसकी जीन्स में अगर मैं च्छेद करके लंड डाल सकता तो कितना मज़ा आता. जब स्पीड-ब्रेकर आता तो मैं तोड़ा सा उसके साथ टच हो जाता. इससे मुझे बहुत मज़ा आता.
फिर हम एक गार्डेन में पहुँचे. वाहा जब वो मुझे उस गार्डेन की हिस्टरी बता रही थी, तो मेरा ध्यान उसके काससे हुए बूब्स पर था. एक-दूं कड़क बूब्स थे उसके. मुझे यकीन था की रूप अभी तक वर्जिन ही थी, क्यूंकी वो एक शरीफ लड़की थी, और ऐसी लड़कियाँ कभी भी अपनी सीमा नही लाँघति, और हमेशा घर वालो के बनाए रूल्स पर चलती है.
ऐसे ही घूमते-घूमते शाम हो गयी. शाम को अचानक बारिश का मौसम बन गया और हम घर से काफ़ी डोर थे. फिर हम जल्दी से घर के लिए निकल गये. लेकिन रास्ते में बारिश शुरू हो गयी, और घर पहुँचते-पहुँचते हम पुर भीग गये.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. दोस्तों अगर कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको शेर ज़रूर करे.