प्रिया: यश थॅंक योउ मेरी जान ये लंड अंदर डालने के लिए. ऊ, मेरी तो जान ही निकल गयी थी. कब से इंतेज़ार किया अकेले में चूड़ने का मैने. अब छोड़ो, लगाओ झटके मेरी छूट में यश. फाड़ दो मेरी छूट को अब.
और बस उसका इतना ही कहना था, की मैं एक हाथ उसकी गर्दन पे और दूसरा हाथ उसकी कमर पे रख के झटके लगाने लगा. उसकी छूट सुहाना और मिन्नी के मुक़ाबले ढीली थी, क्यूंकी वो एक बच्चा पैदा कर चुकी थी.
उसको मैने पहले भी छोड़ा था, तो उसको बहुत ज़्यादा परेशानी नही हुई, और कुछ सेकेंड में ही वो नॉर्मल हो कर चुदाई का मज़ा भी लेने लगी थी. मैने भी अब अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी.
मेरे हाथ अब उसकी गांद पे थपकीया लगा रहे थे, और मेरे झटकों में भी तेज़ी आती जेया रही थी. प्रिया की सिसकियाँ भी अब गूंजने लगी थी.
प्रिया: आ यश श उम्म श फक मे. ओह यश छोड़ो, और ज़ोर से आ मेरी जान ओह. मेरे पति कुणाल मुझे रोज़ाना ही छोड़ते है. फिर भी कितनी प्यासी है मेरी रांड़ छूट यार. ऊ मा छोड़ो यश ऊ.
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यश: अछा रोज़ाना ही चुदाई होती है क्या? कुणाल का लंड है क्या मेरे जैसा लंबा और मोटा? बोल साली रांड़, बोल ना बेहन की लोदी रांड़ साली.
प्रिया: नही यश ऊ मा, और ज़ोर से हा, और ज़ोर से यश, और छोड़ो. हा उनका भी लंड लंबा और मोटा है. मगर तुम्हारे जैसा नही है यश, ओह छोड़ो और ज़ोर से. ओह मा, मैं उनको ले कर अवँगी तो देख लेना आ, कुणाल का लंड भी पंत में से नज़र आता है यश. ऊ मा छोड़ो, और ज़ोर से फाड़ दो मेरी छूट. आ उम्म ओह कुणाल भी असली मर्द है यश सुहाना के पति जैसा नही है वो.
यश: ओह ये बात है क्या. आ तभी तो तेरी छूट ढीली कर दी है उसने साली रांड़. तो मैं भी तेरी छूट सूजा दूँगा. आज मज़ा ले साली रांड़. देखा ना तूने सुहाना और मिन्नी को?
फिर मैने उसको बात टब के कॉर्नर पकड़ने को बोला, और जल्दी से उसने पकड़ भी लिया, और मैं भी उसकी छूट को चाटने और चूसने लगा.
यश: साली रांड़, कितनी सुंदर छूट है तेरी आ उम्म. भाभी जी ऊ क्या मस्त टेस्ट है तेरी छूट का रांड़ आ.
प्रिया: यश, ओह मेरे छोड़ू राजा, तुम्हारी जीभ भी कमाल कर रही है आ. बेबी अब लंड डाल दो ना जान, प्लीज़ छोड़ो.
लेकिन मैं अभी भी उसकी छूट को चाट रहा था, और मेरी जीभ उसकी छूट में नाग की तरह घूम रही थी. और उसकी सिसकियों के साथ ही उसने अपना छूट रस्स भी बहा दिया. मैने भी उसकी छूट को चाट के सॉफ किया. अब मैने एक ही झटके में लंड को छूट में पेल दिया, और झटके लगाने लगा.
प्रिया: आ यश ओह आ डालो, और अंदर डालो यश, हा छोड़ो, और ज़ोर लगाओ मेरे राजा.
यश: ले साली रांड़, तुझे लंड चाहिए ना, ले साली उम्म आ मेरी रांड़ बनेगी ना तू भी साली आ ले (गांद पे थप्पड़ लगते हुए) और ले रांड़ आज तेरी छूट को फाड़ के भोंसड़ा बनौँगा रंडी भाभी.
प्रिया: हा फाड़ दो यश, बना दो मेरी छूट का भोंसड़ा. आ उम्म हा, बना लो मुझे रंडी. बना लो मुझे कुटिया आ.
अब मैने प्रिया को ज़मीन पर लिटाया, और उसकी टांगे मैने अपने कंधो पे रखी. फिर उसके दोनो हाथ पकड़ लिए, और लंड छूट में घुसा दिया. अब मेरे हर झटके में लंड छूट की गहराइयों में उतार जाता था, और हर झटके से प्रिया की सिसकियाँ गूँज जाती थी. मेरे झटकों से आने वाली आवाज़ो से सुहाना और मिन्नी भी जाग गयी थी, और डोर से ही चुदाई का मज़ा ले रही थी.
इतने में ही प्रिया का बदन फिरसे अकड़ गया और वो झड़ने लगी. अब तक प्रिया ने 7-8 बार छूट रास बहाया था, और अब मैं भी उसकी गांद मारना चाहता था. लेकिन प्रिया मेरे पास आई, और मूह में लंड भर कर चूसने लगी.
यश: मुझे गांद भी मारनी है रांड़ साली. आ उम्म चलो ना घोड़ी बनो.
प्रिया: रूको मेरी जान, 2 मिनिट इसको तोड़ा चूस के छूट रस्स का टेस्ट तो लेने दो.
और उसने पूरा लंड चाट-चाट के और चूस-चूस के सॉफ कर दिया. फिर जल्दी से मेरे लंड के उपर आ कर गांद को लंड पे टीकाया और बैठने लगी. मैने भी उसकी कमर को पकड़ा, और नीचे से ही लंड को अंदर घुसने लगा. क्यूंकी उसकी गांद मैने और उसके पति ने पहले भी छोड़ी थी, तो उसकी गांद भी ढीली थी, और लंड आराम से सरकता हुआ गांद में घुस गया.
ये देख के सुहाना और मिन्नी की आँखें खुली रह गयी की इतने आराम से कैसे उसकी गांद में इतना लूंबा मोटा लंड समा गया.
सुहाना: क्या बात है भाभी जी, आप तो बहुत बड़ी रांड़ हो.
सभी की हस्सी निकल गयी. लेकिन प्रिया तो मस्त हुई लंड पे उछालने लगी थी. लंड भी आराम से गांद में अंदर-बाहर हो रहा था. मैने भी अब नीचे से झटके लगाना शुरू कर दिया, और उसके चुचो को मसालते हुए उसकी गांद और चुचो पर थपकीया लगा रहा था. प्रिया की सिसकियों से माहौल वासना से भर चुका था.
अब सुहाना और मिन्नी भी वासना में भरे अपनी-अपनी छूट में उंगलियाँ डाल रहे थे, और एक-दूसरे के चुचो को मसल रहे थे.
प्रिया: आ यश, उम्म आ, मेरी जान, कमाल का लंड है. आ बेबी, फक में हार्डर. और ज़ोर से, ओह सेयेल छोड़ मेरी गांद बहनचोड़. छोड़ अपनी रांड़ को भोंसड़ी के आ यश बहनचोड़ सेयेल फाड़ दे मेरी गांद.
अब मैने उसको घुटनो पे घोड़ी बनाया और उसकी गांद में लंड घुसा दिया.
प्रिया: आ मा मेरी गांद फटत गयी. छोड़ो मुझे यश अब ज़ोर-ज़ोर से.
और मैं भी पूरी स्पीड से गांद में झटके लगता ही जेया रहा था. मेरे टटटे प्रिया की छूट की पिटाई कर रहे थे, जिसकी वजह से लगातार आवाज़े आ रही थी. अब मैने भी प्रिया के बाल पकड़े, और उसको अपनी तरफ खींचते हुए उसकी गांद में और ज़्यादा तेज़ झटके देने लगा.
उसकी गांद की गर्मी लंड को जैसे जलाने लगी थी, और उसकी गांद भी मेरे थप्पड़ मारने की वजह से बिल्कुल लाल हो चुकी थी. मेरे झटके उसकी गांद में लगातार तेज़ होते जेया रहे थे, और उसकी सिसकियाँ भी तेज़ होने लगी थी. अब मैं भी अपने चरम पे पहुँच गया था. लंड फटत कर अपना फौलाद उसकी गांद में भरने वाला ही था, की अचानक से ही प्रिया की गांद एक-दूं से ठंडी हो गयी, जैसे उसकी गांद ने भी अपना माल झाड़ दिया हो.