पास होने के लिए स्टूडेंट बनी टीचर की गर्लफ्रेंड

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम हीना है. मैं राजस्थान के अलवर ज़िले से बिलॉंग करती हू. मैं 20 साल की हू, और कॉलेज में पढ़ती हू. मेरी हाइट 5’5″ है, और फिगर 32-28-34 है. रंग मेरा गोरा है, और लड़के मुझ पर मरते है. अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आती हू.

ये कहानी पिछले साल शुरू हुई. कॉलेज में मेरा पहला साल था. मैने पूरा साल खूब मौज मस्ती की, और पढ़ाई को बिल्कुल इग्नोर किया. वैसे मैं पढ़ाई में ख़ास अची भी नही थी. अब स्कूल में तो पढ़ाई ना करना चल जाता है, क्यूंकी वाहा हेल्प हो जाती है. लेकिन कॉलेज में ऐसा नही चलता.

इस वजह से मैं सेकेंड सेमेस्टर के मेद्स एग्ज़ॅम में फैल हो गयी. मुझे घर से बहुत गालियाँ पड़ी. मैने अपने मेद्स के टीचर रजत सिर से बहुत रिक्वेस्ट की, की वो मुझे ग्रेस देके पास कर दे. लेकिन उन्होने मेरी एक ना सुनी.

रजत सिर बहुत अकड़ू किसाम के थे. वो 32 साल के थे, और अभी तक सिंगल थे. गुस्सा हमेशा उनकी नाक पर चढ़ा रहता था. शायद उनकी शादी नही हो रही थी, इसलिए वो चिढ़े हुए रहते थे. वैसे दिखने में वो आचे ख़ासे थे. उनकी हाइट 5’11” थी, और बॉडी फिट थी. रंग ज़्यादा गोरा नही था, पर स्मार्ट थे. लंड उनका 7 इंच का था, जो मुझे बाद में पता चला.

उन्ही दीनो मैं एक मोविए देख रही थी, जिसमे टीचर-स्टूडेंट का प्यार चल रहा होता है. वो मोविए देख कर मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया. मैने सोचा की अगर मैं भी रजत सिर से फ्रेंडशिप कर लू, तो मुझे मेद्स में पास होने की टेन्षन नही रहेगी. मुझे मेद्स कभी समझ नही आता था. और मेद्स पढ़ने से तो उनसे फ्रेंडशिप करना मुझे ईज़ी लगा.

रजत सिर हमेशा क्लास में कहते होते थे, की पढ़ने का कोई टाइम नही होता, और जब भी किसी की कोई क्वीरी हो वो उनसे पूछा सकता था बिना टाइम की परवाह किए. मैने भी ऐसा ही किया. शाम को मैने उनको रेग्युलर व्हातसपप पर मेसेज करके सवाल पूछने शुरू कर दिए. वो भी तुरंत जवाब देने लगे.

फिर धीरे-धीरे मैने पढ़ाई से अलग बातें शुरू कर दी. सिर भी मेरी बातों का जवाब देने लगे. फिर एक दिन मैने उनसे पूछा-

मैं: सिर आपकी कोई गफ़ है?

सिर: नही, क्यूँ?

मैं: क्या मैं आपकी गफ़ बन जौ? मुझे आप बहुत पसंद हो.

सिर: तुम मेरी स्टूडेंट हो हीना, ये सही नही है.

मैं: प्यार तो प्यार होता है ना सिर. हा अगर मैं आपको अची नही लगती, तो आप बता दो मुझे.

सिर: नही ऐसी कोई बात नही है. तुम तो बहुत खूबसूरत हो.

मैं: तो बना लीजिए ना मुझे अपनी गफ़.

सिर: चलो ठीक है, लेकिन किसी को बताना नही.

मैं: मैं क्यूँ किसी को बताने लगी.

फिर हमारी दूसरी चाटिंग शुरू हो गयी प्यार वाली. अगले एग्ज़ॅम में मुझे फिरसे कुछ नही आता था. सिर ने मुझसे कहा-

सिर: तुम ऐसा करो, मेरे पास टुटीओन के बहाने आ जया करो. मैं तुम्हे पेपर वाहा पर करवा दूँगा.

मैं: ओक सिर.

फिर अगले दिन से मैने टुटीओन जाना शुरू कर दिया. उनके घर में उनके अलावा उनकी मम्मी थी बस, जो नीचे वेल फ्लोर पर रहती थी. सिर उपर सोते थे, और टुटीओन्स भी वही पढ़ते थे. सिर ने टुटीओन पर ही मुझे एग्ज़ॅम पेपर लिखने दिया, और पूरा सॉल्व करवा दिया. इस बार रिज़ल्ट में मेरे बहुत आचे मार्क्स आए.

मैने सोचा बंदे ने इतनी हेल्प की थी, तो उसको कुछ इनाम देना बनता था. कही वो ये ना सोचे की मैं उसका फ़ायदा उठा रही थी. ये सोच कर मैने उनको किस देने का प्लान किया. जब मैने सिर को किस के लिए बोला तो उन्होने माना किया और बोले-

सिर: इसकी कोई ज़रूरत नही है.

मैने सोचा कितना शरीफ बंदा है. लड़की सामने से किस ऑफर कर रही है, फिर भी माना कर रहा था. मैने अब घर पर बोल दिया था, की मुझे सिर से मेद्स की समझ आने लगी थी, तो मैं टुटीओन कंटिन्यू करना चाहती हू. घर वाले भी मान गये क्यूंकी मेरे मार्क्स आचे थे. अब मैने टुटीओन बाकी स्टूडेंट्स से पहले जाना शुरू कर दिया, और उनके जाने के बाद भी बैठी रहती थी.

छत पर बात करते हुए मैने उनसे कहा था की वो मुझे किस करे. लेकिन वाहा पर उनकी भी हिम्मत नही होती थी मुझे किस करने की. फिर एक दिन मैने छत पर उनको चॅलेंज किया की वो नही कर सकते किस मुझे. उन्होने चॅलेंज आक्सेप्ट किया, और उसी दिन बाकी स्टूडेंट्स के जाने के बाद वो मेरे पास आए, और मेरे गाल पे किस कर दिया.

उनके किस करते ही मैं हासणे लग गयी और बोली: मैं छ्होटी बच्ची नही हू जो गाल पे किस कर रहे हो. किस होंठो पर किया जाता है गफ़ के.

और ये बोल कर मैने अपनी आँखें बंद की, और अपने होंठ आयेज कर दिए. मैं थोड़ी आँखें खोल कर देख रही थी की वो क्या कर रहे थे. पहले तो उन्होने कुछ सोचा. फिर वो हिम्मत करके आयेज बढ़े, और उन्होने अपने होंठ मेरे होंठो से मिला दिए. अब हमारी किस शुरू हो चुकी थी. वो बड़े सॉफ्ट तरीके से मेरे होंठ चूस रहे थे. इसमे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.

किस करते हुए उन्होने मुझे सिर्फ़ बाहों में भरा था, और कही भी हाथ नही लगा रहे थे. मैने सोचा इसके लिए तो किस ही बहुत है. सिर्फ़ किस के बदले में मेद्स की पढ़ाई नही करनी पड़ेगी, और आचे मार्क्स भी आ जाएँगे.

फिर हर 2-3 दिन बाद हम दोनो ने किस करना शुरू कर दिया. ऐसा काफ़ी वक़्त तक चलता रहा. वो बंदा इससे आयेज नही बढ़ रहा था, और मैं यही चाहती थी. फिर फाइनल एग्ज़ॅम्स आ गये. मैं चाहती थी की वो सारे एग्ज़ॅम्स में मेरी हेल्प करे. तो मैने उसको कुछ और अड्वॅंटेज देने का सोचा.

इस बार जब हम किस कर रहे थे, तो मैने उनके हाथ अपनी कमर से हटाए, और अपनी गांद पर रख दिए. फिर मैने उनके हाथ पर अपना हाथ रख कर उनसे अपने चूतड़ डबवाए.

वो भी मज़े से मेरे चूतड़ दबाने लगे. सारे एग्ज़ॅम्स में मैने उनको अपने होंठो का रस्स पिलाने के साथ-साथ उनसे अपने चूतड़ भी डबवाए. और जो मैने सोचा वही हुआ, मैं बहुत आचे मार्क्स से पास हो गयी.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको आयेज भी शेर करे.