पड़ोसी आंटी के साथ की मस्ती

हेलो मेरे लंड के प्यासी भाभियों, और छूट के प्यासे भाइयों.

कैसे है आप सब. आशा करता हू, की आप सब ठीक-ताक होंगे. ये स्टोरी मेरी और मेरी पड़ोसी आंटी के साथ की गयी मस्ती पर है. और हा, ये मेरी पहली स्टोरी है, तो प्लीज़ कोई ग़लती हो जाए तो माफ़ कर देना.

अब मैं अपने बारे में बताता हू. मैं अपनी फॅमिली के साथ रहता हू. हमारे नेबयरहुड में एक सेक्सी आंटी अपनी फॅमिली के साथ रहती है. सॉरी दोस्तों मैं आपको मेरा नाम बताना भूल गया.

मेरा नामे है संजय (नामे चेंज्ड), और मेरी फॅमिली में मेरे अलावा मेरे पापा, मम्मी और एक बड़ी बेहन है.

और इस स्टोरी की हेरोयिन का नाम सोनम (नामे चेंज्ड) है. वो आंटी का साइज़ 36-28-34 है, और वो उनकी फॅमिली में उनके हज़्बेंड जो की जॉब करते है, एक बड़ी बेटी जो अपनी मा की तरह बहुत सेक्सी है, और एक छ्होटी बेटी है, उनके साथ रहती है.

आंटी ऐसी है, की उनको देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. वैसे भी ऐसी सेक्सी औंतीयों को देख कर मेरे जैसे लड़के उत्तेजित हो जाते है.

हमारी फॅमिली और आंटी की फॅमिली बहुत क्लोज़ थी. मैं आंटी के घर आता-जाता रहता हू, और आंटी को देखता रहता हू. एक बार जब मेरी फॅमिली घर पर नही थी, तो मैने सोचा की आज चान्स लेके आंटी से एक बार बात कर लू. वैसे मुझे दर्र लग रहा था, लेकिन छूट का सवाल था.

फिर जब मैं आंटी से बात करने गया, तो देखा आंटी कपड़े सूखा रही थी. तो मैने आंटी को ‘हेलो’ बोला, और साथ में अपना लंड मसालने लगा. वो चीज़ आंटी ने देख ली, और फिर मैं और एक-दो बार लंड को मसालने लगा.

वो भी आंटी ने नोटीस किया, पर कुछ नही बोला. मैने सोचा, की अगर आंटी मुझे कुछ नही बोल रही, तो किसी को तो ज़रूर बताएँगी. लेकिन ऐसा भी नही हुआ.

फिर जब आंटी ने ये बात किसी को नही बताई, तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी, और मैने सोचा अब नेक्स्ट स्टेप का टाइम आ गया था. तो फिर एक बार मुझे चान्स मिल गया, जब आंटी की फॅमिली बाहर गयी थी, और आंटी घर पर अकेली थी.

आंटी घर पर अकेली नही रह सकती थी, तो उनके हज़्बेंड मेरी मम्मी को बोल गये थे. तब मुझे रात को आंटी के साथ सोने जाना था. मैं ये बात सुन के खुश हो गया की आज आंटी की छूट मारने को मिलेंगी.

फिर जब मैं रात को आंटी के घर गया, तो आंटी ने एक सेक्सी निघट्य पहनी थी. वो निघट्य आंटी के घुटनो तक थी. मैं आंटी को देख के खुश हो गया. अब मुझे बस इंतेज़ार था, की कब आंटी और मैं बिस्तर में सोएंगे, और मैं उनकी निघट्य उतार दूँगा.

फिर जब हम सोने लगे, तो आंटी मेरे बाजू मैं आ कर सोने लगी. तब मैं समझ गया की आंटी भी प्यासी थी, पर स्टार्ट मुझे करना पड़ना था. फिर मैने स्लोली आंटी की गांद को टच करना स्टार्ट किया. क्या मस्त सॉफ्ट गांद थी आंटी की.

पहली बार तो आंटी ने मूव्मेंट की, जिससे मैं दर्र गया. फिर मैने हिम्मत करके एक बार और ट्राइ किया. इस बार आंटी ने फिर मूव्मेंट की और मैं दर्र गया. मुझे लगा, की कही कोई पंगा ना पद जाए.

इसलिए मैने सोचा की और कुछ नही करता. लेकिन मेरी किस्मत बहुत अची होने वाली थी. थोड़ी देर बाद आंटी ने मेरा हाथ पकड़ के अपनी गांद पे रख दिया. बस फिर क्या था, मेरा हॉंसला बढ़ गया, और अब मुझे मज़ा आने लगा. अब मैं समझ गया था, की आंटी का जिस्म मेरा हो चुका था.

फिर मैं आंटी को किस करने के लिए उनके पास गया, और स्लोली-स्लोली किस करना स्टार्ट किया. क्या मज़ा आ रहा था उनको किस करने में. पहले-पहले आंटी ने तोड़ा रेस्पॉन्स किया. फिर थोड़ी देर तक किस करने के बाद, मैं नीचे उनकी छूट की तरफ गया.

उसके बाद एक-एक करके मैं उनके कपड़े निकालने लगा. अब आंटी मेरे सामने पूरी नंगी थी. उनका सेक्सी बदन किसी अप्सरा से कम नही लग रहा था. और फिर मैने देखा की आंटी की छूट एक-दूं क्लीन शेव थी और ये देख के मैं खुश हो गया. फिर मैने ज़रा देर नही की, और उनकी छूट चाटने लगा. तभी आंटी ने मुझसे कहा-

आंटी: अया… अया… और करो. अया… आ…

ज़ोर से करो ना.

मैं भी आंटी की बात सुन के और तेज़ी से छूट चाटने लगा. क्या स्वाद आ रहा था आंटी की छूट चाटने में. फिर 5 मिनिट के बाद आंटी झाड़ गयी, और उनका सारा पानी मेरे मूह पे आ गया. उनका पानी खट्टा-मीठा था. और मेरे लिए तो वो अमृत समान था. फिर मैने मेरा मूह सॉफ किया, और आंटी बैठ के मेरा लंड चूसने लगी.

मैं जोश में आ गया, और आंटी के बाल पकड़ के लंड को और ज़ोर से झटके लगाने लगा. अब आंटी के मूह से थूक गिर रहा था, और उहह… अया… उहह… आ… जैसी आवाज़े आ रही थी. इतनी सेक्सी आंटी को लंड चुस्वा कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर थोड़े टाइम बाद मैं आंटी के मूह में झाड़ गया. आंटी ने मेरा सारा पानी अंदर निगल लिया.

मेरा लंड झड़ने के बाद बैठ चुका था. सोनम ने मेरा लंड फिरसे खड़ा किया, और मैने सोनम से कहा-

मैं: चलो अब डॉगी स्टाइल में आ जाओ.

वो भी एक समझदार बीवी की तरह डॉगी स्टाइल में आ गयी. उसकी गांद कुटिया बनके बहुत बड़ी लग रही थी. कोई भी मर्द ऐसी गांद को इग्नोर नही कर पाएगा. फिर मैने अपना लंड उसकी छूट पर सेट किया, और एक ज़ोरदार झटके के साथ उसकी छूट में डाल दिया.

झटके के साथ ही आंटी ने कहा: अया… अया… तोड़ा आराम से मेरी जान आ.

और मैने भी आंटी की बात समझ कर तोड़ा वेट किया, और फिर एक झटके के साथ आराम से लंड अंदर-बाहर करने लगा. पहले आंटी को प्राब्लम हो रही थी, फिर बाद में आंटी को भी मज़ा आने लगा. मज़ा तो मुझे भी बहुत आ रहा था.

फिर आंटी ने कहा: आ… उउहह… आअहह… उउउः… मेरी जान तुमने बरसो की प्यास बुझा दी आ उउहह आहह उहह.

और थोड़ी देर के बाद आंटी बोली: मैं गयी आहह गयी उहह आहह.

और ये करते हुए सोनम झाड़ गयी. मुझे सोनम की छूट का गरम पानी अपने लंड पर महसूस हो रहा था. फिर थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने वाला था, तो मैने सोनम से कहा-

मैं: उहह मेरी डार्लिंग, मैं आने वाला हू. आहह किधर डालु आहह.

तो सोनम ने कहा: मेरी जान अंदर ही डालो. मैं तुम्हारे बच्चे की मा बनना चाहती हू आहह उहह.

और फिर कुछ धक्को के बाद मैने अपना सारा माल सोनम की छूट के अंदर ही निकाल दिया. हमने उस रात 3 रौंद और किए, और मैं अगले दिन घर पर आ गया.

नेक्स्ट पार्ट में देखिए कैसे मैं सोनम की बेटी के साथ मस्ती करता हू.