पड़ोस के लड़के और विधवा आंटी का प्यार

ही दोस्तो, तीस इस राजीव. मैं जालंधर पुंजब का रहने वाला हू. मेरी उमर 24 साल की है, और मेरा अपना बिज़्नेस है. मैं एक अची सोसाइटी में रहता हू. मेरे पड़ोस में एक अंकल-आंटी रहते थे, जिनका हमारी फॅमिली से बहुत प्यार था.

अंकल का नाम रमण कुमार था, और आंटी का नाम शिवनगी था. अंकल की आगे 45 के आस-पास थी, और आंटी की 40 थी. उनका कोई बच्चा नही था, और वो दोनो ही एक-दूसरे का सहारा थे. वो दोनो एक-दूसरे को बहुत प्यार करते थे.

पैसे की कोई कमी नही थी, तो वो दोनो खूब घूमते-फिरते थे. उनकी इंस्टाग्राम ईद पर रोज़-रोज़ ही नयी-नयी जगह पर उनकी पिक्स होती थी. जब भी वो घर में होते थे, तो मुझे ज़रूर बुलाते थे. वो मुझे अपने बेटे जैसा मानते थे. मैं भी उन दोनो की बहुत रेस्पेक्ट करता था.

लेकिन अछा वक़्त हमेशा नही रहता. एक दिन सुबा-सुबा मुझे आंटी की कॉल आई. जब मैने फोन रिसीव किया, तो आंटी बहुत टेन्षन में लग रही थी. वो मुझे बोली-

आंटी: राजीव जल्दी से यहा आ जाओ. तुम्हारे अंकल को हार्ट-अटॅक आया है.

मैं ये सुन कर घबरा गया, और जल्दी से भाग कर उनके घर गया. वाहा गया, तो अंकल बेहोश हुए पड़े थे. मैने उनकी चेस्ट पुश की, लेकिन कुछ फराक नही पड़ा. फिर मैं उन्हे उठा कर कार में ले गया. आंटी भी मेरे साथ आ गयी.

हम अंकल को हॉस्पिटल ले गये, लेकिन वाहा उनकी डेत हो गयी. अब आंटी रो-रो कर पागल हो रही थी. वो मेरे कंधे पर सिर रख कर रो रही थी. तभी उनके बूब्स मेरे शोल्डर से टच हुए, और मुझे एहसास हुआ की उनके बूब्स कितने बड़े थे.

फिर सारी रस्मे की गयी, और कुछ दिन ऐसे ही बीट गये. अब आंटी घर पर अकेली थी. उन्होने मुझे कुछ दिन उनके साथ रहने के लिए बोला, और मैने भी हा कर दी. पहली रात जब मैं सो रहा था, तब मुझे आंटी के रोने की आवाज़े आने लगी.

मैं उठा, और आंटी के रूम में गया. मैने देखा, की आंटी अंकल की फोटो को सामने रख कर रो रही थी. जब मैं पास गया, तो मैं हैरान हो गया. आंटी ने सिर्फ़ त-शर्ट पहनी हुई थी, और नीचे कुछ नही पहना था. वो अंकल की फोटो से बाते कर रही थी, जो कुछ इस तरह से थी-

आंटी: देखो रमण मेरी छूट. तुम्हे बहुत पसंद थी ना? अब इसको प्यार कों करेगा. तुम कहा चले गये रमण मुझे अकेला छोढ़ कर. अब मुझे कों तुम्हारे जितना प्यार करेगा.

ये बोलते हुए आंटी ने अपनी त-शर्ट भी उतार दी. मैं उनके पीछे थोड़ी दूरी पर खड़ा था, तो मुझे सिर्फ़ उनकी ब्लॅक ब्रा का स्ट्रॅप दिख रहा था. फिर आंटी अपने बूब्स को दोनो हाथो से दबाते हुए बोली-

आंटी: ये देख मेरे बूब्स, जिनको तुम चूस्टे हुए कभी थकते नही थे. अब मैं इनका ख़याल किसके लिए रखू. तुमने मुझे धोखा दिया है, मेरा साथ छोढ़ कर.

और ये बोल कर आंटी ज़ोर-ज़ोर से रोने लग गयी. मैं आंटी की बहुत इज़्ज़र करता था, लेकिन उनका सेक्सी फिगर देख कर मेरा लंड खड़ा हो रहा था. आंटी की गांद कम से कम 38″ की होगी, और कमर 30″ की होगी. बूब्स उनके मुझे दिख नही रहे थे.

मुझे अब समझ नही आ रहा था, की मैं उस सिचुयेशन में क्या करता. फिर मैने चान्स लेने की सोची. मैने फिर आंटी को पीछे से आवाज़ दी-

मैं: आंटी.

आंटी मेरी आवाज़ सुन कर दर्र गयी, और उन्होने पीछे मूड कर देखा. जब पीछे उन्होने मुझे खड़ा देखा, तो वो अपने आप को चादर से ढकने लगी. अब उनके ब्रा में काससे हुए बूब्स मेरे सामने थे.

क्या कमाल के गोरे और सेक्सी बूब्स थे. उनके बूब्स का साइज़ 36″ था. अब हुस्न की देवी मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा में थी, और अपने जिस्म को चादर से ढकने की कोशिश कर रही थी. फिर आंटी घबराई हुई आवाज़ में बोली-

आंटी: राजीव तुम! तुम यहा क्या कर रहे हो.

मैं: मैने आपकी रोने की आवाज़ सुनी, तो मैं यहा आ गया.

आंटी: थॅंक योउ, लेकिन अब तुम जाओ यहा से. ई आम सॉरी, की मैने तुम्हारी नींद खराब कर दी.

मैं: कोई बात नही आंटी. आप मुझे माफ़ कर दीजिए, जो मैने आपको डिस्टर्ब किया.

मेरा लंड मेरे पाजामे में पूरा तन्ना हुआ था, और आंटी ये देख पा रही थी. वो नज़रे चुरा कर बार-बार मेरे लंड को देख रही थी. मुझे लगा, की शायद मेरा काम बन जाए, तो मैने हॉंसला करके उनसे पूच ही लिया.

मैं: आंटी मैं अंकल की कमी तो पूरी नही कर सकता. लेकिन आपकी दूसरी ज़रूरते पूरी कर सकता हू. अगर आप चाहे तो.

आंटी मेरी बात सुन कर हैरान हो गयी. फिर वो बोली-

आंटी: मैने हमेशा तुम्हे अपने बेटे जैसा समझा है. तुम मुझसे ऐसी बात कैसे कर सकते हो?

मैं: आंटी टाइम के साथ-साथ रिश्ते बदल जाते है.

आंटी: नही, बस जाओ यहा से.

फिर मैं उनके रूम से बाहर आ गया, और अपने रूम में जाके सो गया. एक घंटे बाद मेरे रूम का दरवाज़ा नॉक हुआ. मैने दरवाज़ा खोला, तो आंटी बाहर खड़ी थी. उन्होने ब्लू निघट्य पहनी हुई थी. फिर मैने उनसे पूछा-

मैं: क्या हुआ आंटी?

आंटी कुछ नही बोली, और उन्होने अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए. मैं इससे हैरान रह गया, और आंटी का साथ देने लगा. मैं समझ गया था, की आंटी मान गयी थी. फिर उनको किस करते हुए, मैने उनकी गांद दबानी शुरू कर दी.

आंटी वाइल्ड्ली किस कर रही थी. इससे पता चलता था, की वो और अंकल खूब सेक्स करते होंगे. फिर मैने आंटी को किस करते-करते अपनी बाहो में उठाया, और बेड पर पटक दिया. मैं आंटी के उपर आके उनके होंठ चूसने लगा, और अपना एक हाथ मैने उनकी निघट्य में डाल लिया.

क्या बड़े-बड़े बूब्स थे उनके. मैं ब्रा के उपर से उनके बूब्स दबाने लगा, और उनकी क्लीवेज को चाटने लगा. आंटी सिसकिया ले रही थी. फिर मैने उनकी निगती खोल दी, और उन्होने बस ब्रा और पनटी पहनी थी

मैं उनके पुर बदन को चूमने लगा, और उन्होने निघट्य उतार दी. मैने भी अपने कपड़े उतार दिए, और अब मैं सिर्फ़ अंडरवेर में थे. फिर मैने आंटी की ब्रा उतार दी, और उनके ब्राउन निपल्स चूसने लग गया. आंटी मेरे सिर को अपने बूब्स में दबा रही थी.

क्या जिस्म था आंटी का, एक-दूं मलाई के जैसा. फिर मैं आंटी की कमर को चूमते हुए उनकी पनटी पर आ गया. कुछ देर पनटी के उपर किस करने के बाद, मैने उनकी पनटी उतार दी. अब उनकी हल्के बालो वाली छूट में सामने थी.

मैने अपनी जीभ जैसे ही उनकी छूट में डाली, तो आंटी की आहह निकल गयी. उन्होने मेरे सिर को अपनी सेक्सी जाँघो में लपेट लिया, और मैं उनकी छूट का अमृत-रस्स पीने लग गया. मैं साथ-साथ उनके बूब्स भी दबा रहा था. फिर आंटी तड़प कर बोली-

आंटी: ई वाना सी युवर डिक बेबी.

मैं खड़ा हुआ, और अपना अंडरवेर उतार दिया. अब मेरा 7 इंच का लंड आंटी के सामने था. आंटी घुटनो पर बैठ गयी, और उन्होने मेरे लंड को अपने मूह में ले लिया. वो किसी रंडी की तरह मेरा लंड चूसने लगी.

दोस्तो ये हाइ सोसाइटी की औरते बहुत किकी होती है. जब मेरा लंड उनकी थूक से पूरा भीग गया, तब उन्होने मेरे सामने अपनी टांगे खोल दी. मैं भी जल्दी से उनकी टाँगो के बीच आया, और अपना लंड उनकी छूट पर सेट किया.

फिर मैने एक ज़ोर का झटका दिया, और मेरा लंड उनकी छूट में चला गया. आंटी ने ज़ोर की चीख मारी, और बोली-

आंटी: आह.. ई लोवे योउ रमण. फक में रमण.

रमण अंकल का नाम सुनते ही मैं समझ गया, की आंटी मुझसे अपने हज़्बेंड की फीलिंग ले रही थी. आंटी की छूट बड़ी गरम थी, और मैने उनकी छूट छोड़नी शुरू कर दी. मैं साथ में उनके बूब्स और होंठ भी चूस्टा रहा.

आंटी ने अपनी टांगे मेरी कमर पर लपेट ली, और मुझे और उत्तेजित करती रही.15 मिनिट मैं उसी पोज़िशन में आंटी को छोड़ता रहा. इस बीच आंटी झाड़ चुकी थी. फिर मेरा निकालने वाला था, तो आंटी ने कहने पर मैने अपना माल उनकी छूट में ही निकाल दिया.

माल निकालने के बाद मैं आंटी के उपर ही लेट गया, और हम दोनो वैसे ही सो गये. थोड़ी देर में मेरी आँख फिर से खुल गयी. आंटी मेरे पास ही नंगी सोई हुई थी. उनको देख कर मेरा लंड फिरसे खड़ा गया, और मैने फिरसे उनको छोड़ना शुरू कर दिया. आंटी ने भी मुझे माना नही किया. रात को मैने 3 बार आंटी को चोदा, और फिर सो गया.

सुबा जब मैं उठा, तो आंटी नहा कर आ रही थी. वो सिर्फ़ टवल में थी, और बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर उन्होने मुझे कहा-

आंटी: तुम मेरे लिए मेरे हज़्बेंड रमण ही हो, तो मैं तुम्हे रमण ही बूलौंगी. मुझ पर तुम्हारा वही रिघ्त होगा, जो रमण का था. और ये सब कुछ तुम्हारा ही है.

मैने हा बोला, और अपने घर आ गया. अब आंटी का जिस्म और उनका सारा पैसा मेरा था.

कहानी अची लगे, तो इसको लीके ज़रूर करना.